बिलासपुर
कल फिर हुई 39 मौतें, बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर की कमी,
श्मशान गृह में नये शेड बन रहे, भोजन, दवा के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आईं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 अप्रैल। जिले में लगातार छह दिनों से हजार से ऊपर जा रहे कोरोना संक्रमितों की रफ्तार में थोड़ी कमी आई पर स्थिति चिंताजनक ही बनी हुई है। बीते 24 घंटे में नये 720 पॉजिटिव मिले। इस दौरान 39 की मौत हो गई, जिनमें बिलासपुर जिले के 34 और अन्य जिलों के 5 मरीज हैं।
जिले में अब संक्रमित हो चुके मरीजों की संख्या से 30 हजार 307 पहुंच चुकी है और अप्रैल के 19 दिन में ही 13 हजार 945 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस दौरान 5600 अधिक लोग ठीक भी हो गए। सोमवार को भी 365 लोग स्वस्थ हुए। अब तक ठीक होने वालों की संख्या 27000 से अधिक पहुंच गई है। जिले में इस समय संक्रमित मरीजों की संख्या 8813 पहुंच चुकी है।
जो नए संक्रमित मिल रहे हैं उनमें ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है 369 लोग ग्रामीण क्षेत्रों से तो 351 शहरी क्षेत्र से संक्रमित पाए गए। अप्रैल माह में जिले 370 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 70 की उम्र 45 साल से कम थी।
नए संक्रमित मरीज राजेंद्र नगर, अज्ञेय नगर, एकता नगर, प्रियदर्शिनी नगर, भरनी, इंदिरा विहार, इमली पारा, कुदुदंड, सीपत रोड, अशोक विहार, गणेश नगर, राजकिशोर नगर, पुराना बस स्टैंड, लिंक रोड, शुभम् विहार, गंगा नगर, गोपाल नगर, रामा ग्रीन सिटी, विनोबा नगर, गौरव पथ, ओम नगर, जरहाभाठा, विजयापुरम, क्रांति नगर, अभिषेक विहार, भारतीय नगर, तेलीपारा, 27 खोली, तिफरा, जूनी लाइन, तेलीपारा, जबड़ा पारा, सरकंडा, सरजू बगीचा, सिंधी कॉलोनी, सीएसईबी कॉलोनी, विद्यानगर, रामा लाइफ सिटी, सकरी, सागर होम्स, स्काई हॉस्पिटल, रेलवे, नर्मदा नगर, देवरीखुर्द, चकरभाटा, मल्हार नूतन चौक, सीएमपीडीआईडी कॉलोनी, नेचर सिटी आदि शामिल हैं।
यह कहा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूरों की वजह से संक्रमण फैल रहा है। राज्य सरकार ने बाहर से आए प्रत्येक मजदूर का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। तखतपुर में रविवार को 80 मरीज मिलने के बाद सोमवार को फिर 56 नए मरीज मिले।
अस्पतालों और श्मशान गृहों में एक जैसी स्थिति बनी हुई है। लगातार आ रहे नये मरीजों के लिए निजी और सरकारी दोनों ही अस्पतालों में बिस्तर की लगातार कमी बनी हुई है। घंटों मरीजों को बेड की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भडक़ना पड़ रहा है। इसके अलावा लोग अस्पताल परिसर के बाहर भी ऑक्सीजन लगाकर बिस्तर मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा गंभीर समस्या ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी दिखाई दे रही है। इसके लिए जिलाधीश डॉ सारांश मित्तर ने एक समिति बना दी है। अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके इसके नोडल अधिकारी हैं। सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारी इसमें शामिल किए गए हैं। ये प्राथमिकता के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करायेंगे और शार्टेज होने पर रायपुर के कंट्रोल रूम से सम्पर्क में रहकर उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे।
जो मरीज गंभीर रूप से संक्रमित नहीं है उनको चिकित्सीय सलाह के साथ घर में रहकर आइसोलेट हो ने कहा जा रहा है। नगर निगम ने इसके लिए एक होम आइसोलेशन हेल्प ऑन कॉल सुविधा की शुरुआत की है। सामान्य कोरोना संक्रमित इसमें सलाह ले रहे हैं और दवाइयों की पर्ची उन्हें व्हाट्सएप के जरिए भेजी जा रही है। हर दिन लगभग 200 लोग इस सेवा की सहायता ले रहे हैं। आईएमए के सहयोग से यह सुविधा शुरू की गई है, जिसमें बारी-बारी डॉक्टर बैठ रहे हैं।
जिले के अस्पतालों में बड़ी संख्या में आसपास के जिलों मुंगेली, बेमेतरा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चाम्पा से मरीज लाये जा रहे हैं। इन जिलों के मरीज व परिजन भोजन के लिए भटक रहे हैं। इसे देखते हुए महापौर रामशरण यादव और कांग्रेस कमेटी ने मिलकर 50 रुपये थाली में पैक भोजन देने की व्यवस्था शुरू की है। इसके अलावा अनेक सामाजिक संस्थाओं ने भी फोन के जरिए भोजन भेजने के लिए अपना हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
स्थिति की समीक्षा के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, डॉक्टर और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर ने बैठक ली। बैठक में डॉक्टरों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की कमी बताई। कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए रायपुर कंट्रोल रूम के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए समिति बनाई गई है।
रेलवे ने हाथ खड़े किये
मरीजों के लिये बिस्तर की कमी को देखते हुए रेलवे ने पिछले साल से 52 कोच बनाए हैं और जिनमें पर 400 बेड हैं। ये कोट बिलासपुर व रायपुर में स्टेशन पर खड़े हैं। पिछले कई दिनों से जनप्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग ये कोच देने की मांग कर रहे हैं। रेलवे ने कह दिया है कि वह सिर्फ तैयार कोच दे रहे हैं। ऑक्सीजन, डॉक्टर व स्टाफ उनके पास नहीं है। कोच देने के लिये भी रेलवे ने कहा कि रायपुर डीआरएम इसके लिये नोडल अधिकारी बनाये गये हैं, उनके माध्यम से रेलवे बोर्ड से कोच देने की अनुमति लेनी पड़ेगी।
शवों के दाह संस्कार में लगातार आ रही परेशानी को देखते हुए तोरवा स्थित मुक्तिधाम में 15 नए चबूतरे बनाए जा रहे हैं। मुक्तिधाम से लगे हुए खाली जगह पर रेलवे की जमीन है जिस पर डीआरएम ने महापौर की पहल पर शेड बनाने की सहमति दी है। इसका निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया है। ज्ञात हो कि शवों के दाह संस्कार के लिये बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के कारण सरकंडा व तोरवा स्थित मुक्तिधाम में जगह कम पड़ रही है।
डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
इधर सिम्स के संविदा और अनुबंध पर काम कर रहे चिकित्सकों ने वेतन विसंगति और अवकाश नहीं मिलने के कारण प्रदर्शन किया। इन डॉक्टरों की वेतन वृद्धि 1 अप्रैल से लागू की गई है। उनमें नाराजगी है इस विसंगति के कारण जूनियर छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि सीनियर डॉक्टर से ज्यादा हो गई है। सिम्स में स्टाफ की कमी का भी उन्होंने हवाला दिया है और कहा है कि इसके चलते वे शारीरिक, मानसिक तनाव से घिरे हुए हैं। अन्य राज्यों में को कोविड उपचार में लगे डॉक्टरों को अलग भुगतान किया जाता है लेकिन यहां ऐसा नहीं है। इसके लिए उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए। डॉक्टर्स काम पर हैं लेकिन उन्होंने विरोध जारी रखने का निर्णय लिया है।