दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 अप्रैल। गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी गहेल सिंह के निधन पर नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्यों ने गहरा दु:ख व्यक्त किया व ज्ञानी गहेल सिंह को श्रद्धांजलि दी। ज्ञानी गहेल सिंह ने 42 वर्ष दुर्ग गुरुद्वारा में ग्रंथि रह सेवा की वह काफी लोकप्रिय व समाज के पथ-प्रदर्शक थे।
कुलवंत भाटिया ने कहा कि समाज के सभी वर्ग ज्ञानी जी से प्रेरणा लेते थे व उनके मार्गदर्शन पर अपने कार्य करते थे, ज्ञानी जी हमेशा नव दृष्टि फाउंडेशन द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते व समाज हित के कार्य करने प्रोत्साहित करते थे। हरमन दुलाई ने कहा कि ज्ञानी जी का जाना न केवल दुर्ग बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ सिक्ख समाज के लिए अपूरणीय क्षति है, राज आढ़तिया ने कहा कि सभी शास्त्रों व धर्मों के ज्ञाता ज्ञानी जी से सभी समाज के लोग ज्ञान लेते थे, मेरे नेत्रदान करने से यदि कोई प्रेरित हो नेत्रदान करे तो मुझे ख़ुशी होगी यह कहते हुए कैंसर से पीडि़त होने के बावजूद ज्ञानी जी ने हमारी संस्था के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप से नेत्रदान की घोषणा की थी एवं गुरुबाणी के माध्यम से संगत को नेत्रदान का महत्व बता लोगों को नेत्रदान हेतु प्रेरित किया।
नवदृष्टि फाउंडेशन की ओर से अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,प्रवीण तिवारी,मुकेश आढ़तिया,हरमन दुलई,प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, रितेश जैन,जितेंद्र हासवानी,सत्येंद्र राजपूत,गोपी रंजन दास,पियूष मालवीय, मुकेश राठी, संतोष राजपुरोहित,किरण भंडारी, चेतन जैन,यतीन्द्र चावड़ा, नत्थू अग्रवाल, खुर्शीद अहमद, आकाश मसीह, वीरेंद्र पाली, अभय माहेश्वरी, प्रफुल्ल जोशी, विवेक साहू , मनीष जोशी, प्रसाद राव, दीपक बंसल ने ज्ञानी गहेल सिंह को श्रद्धांजलि दी।