बस्तर

स्टार्टअप शुरू करने एवं बस्तर को हब बनाने बनी योजना
21-Apr-2021 9:06 PM
 स्टार्टअप शुरू करने एवं बस्तर को हब बनाने बनी योजना

  वेबीनार में कलेक्टर ने विशेषज्ञों से की चर्चा   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 21 अप्रैल। कलेक्टर  रजत बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन लगातार बस्तर के समुचित विकास के लिए प्रयास कर रहा है। बस्तर में अन्य बड़े शहरों की तर्ज पर रोजगार, स्वास्थ्य, पर्यटन व मूलभूत सुविधा उपलब्ध हो, इस प्रयास से कलेक्टर श्री बंसल लगातार विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। मंगलवार को भी कलेक्टर ने स्टॉक विशेषज्ञ व फिनोलॉजी स्टार्टअप के फाउंडर प्रांजल कामरा एवं मीनोकूलर के फाउंडर मोहित साहू के साथ वेबीनार कर कैसे बस्तर में स्टॉक को लेकर, मार्केटिंग को लेकर कार्य किया जा सकता है। विस्तार से समझा एवं वेबीनार के माध्यम से बस्तर के अन्य युवा भी इसे समझ सके। इसी तरह खनिज क्षेत्र में नवाचार कर कैसे बस्तर को आगे बढ़ाया जा सकता है। मोहित ने डिटेल में समझाया।

कलेक्टर श्री बंसल ने बताया कि बस्तर अब रायपुर या अन्य शहरों पर आश्रित नहीं रहा है। जगदलपुर अपने आप में एक सक्षम शहर की ओर बढ़ रहा है पूरे बस्तर जिले में नए रोजगार के अवसर निकल कर सामने आ रहे हैं। पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बस्तर के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले तथा बस्तर के युवाओं की सोच को नया स्टार्टअप मिले इस उद्देश्य से मंगलवार को वेबीनार किया गया जिसमें विभिन्न स्टार्टअप के प्रमुख जिन्होंने बहुत ही जमीनी स्तर से स्टार्टअप की शुरुआत की थी और आज पूरे देश में पहचान बना चुके हैं ने भाग लिया।

इन अनुभवों से सीखते हुए बस्तर में कैसे नवाचार को बढ़ावा दिया जा सकता है,  इसे लेकर कलेक्टर श्री बंसल ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बस्तर में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला।

कलेक्टर बंसल ने कहा कि सरकार अपना स्टार्टअप शुरू करने का सोच रहे युवाओं को एक प्लेटफार्म दे सकती है। बस्तर जिला प्रशासन ऐसा ही एक प्लेटफार्म तैयार करने जा रही है। बस्तर में नए स्टार्टअप्स के लिए कई अनुकूल परिस्थितियां हैं। यहां अब रोड कनेक्टिविटी के साथ ही अच्छी रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी भी है। बस्तर में जगदलपुर एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।

श्री बंसल ने कहा कि अब वो दिन नहीं रहे जब जगदलपुर को राजधानी रायपुर या हैदराबाद जैसे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब जगदलपुर की अपनी पहचान बन चुकी है। बस्तर को लेकर लोगों में ऐसी धारणा है कि यहां नक्सलवाद हावी है। जबकि पहले के मुकाबले ये लोग अब काफी सिमट गए हैं।

अब हम पर्यटन के क्षेत्र में भी बस्तर में काफी काम कर रहे हैं। इस चर्चा को विषय विशेषज्ञ अंकुर सिन्हा ने मॉडरेट किया।

बस्तर आर्ट को मिले नई पहचान

वेबीनार में उपस्थित विशेषज्ञों ने बस्तर आर्ट एवं बस्तर की विभिन्न कलाओं जो पूरे देश में अनोखी है। उससे नई पहचान दिलाने के लिए इस पर ही स्टार्टअप शुरू करने पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे ऑनलाइन बाजार के माध्यम से बस्तर आर्ट की चीजें हम पूरे विश्व में भेज सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन बाजार से जुडऩा जरूरी है। इस माध्यम से जुडऩे के बाद बस्तर के कलाकारों को उचित दाम मिल सकेगा एवं पूरे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

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