बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 अप्रैल। कल जिला प्रशासन ने समझाईश देकर नाबालिग लडक़े की शादी रुकवाई। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा रामनवमीं एवं अक्षय तृतीया के अवसर पर बड़ी संख्या में होने वाले विवाह को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा टीम गठित कर बाल विवाह को रोकने के सख्त निर्देश दिये गए।
21 अप्रैल को कसडोल विकासखण्ड के ग्राम डूमरपाली (बया) में युवती का विवाह पिथौरा (जिला महासमुंद) के ग्राम बरेकेलखुर्द निवासी के साथ होना तय हुआ था। जिसकी सूचना महिला बाल विकास विभाग जिला बलौदा बाजार को प्राप्त हुई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर कच्छप ने बताया कि सूचना मिलते ही तत्काल कसडोल के महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर के नेतृत्व में टीम गांव में पहुंची।
टीम ने कन्या तथा लडक़े का दोनों की अंकसूची तथा अन्य दस्तावेजों का मिलान किया। जिसमें वर की उम्र 21 साल से कम पाए जाने पर वधु पक्ष वालों को समझाईश देकर उपस्थित पंच लोगों के समक्ष पंचनामा किया गया। समझाईश में बताया गया कि बाल विवाह एक कानूनन अपराध है तथा इनके सामाजिक एवं शारीरिक बुराई के बारे में परिवारजनों एवं समाज को समझाया गया। समझाईश पर परिवार विवाह रोकने के लिए सहमत हो गए।
प्रशासन की टीम में बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेश क्षीरसागर संबंधित पुलिस थाना के आरक्षक ग्राम के सरपंच तथा महिला बाल विकास के अधिकारी कर्मचारी बाल विवाह रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिला प्रशासन ने अपील की है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसे सम्बन्धित पक्षों को समझा-बुझा कर रोका जाए।