बस्तर
जगदलपुर, 22 अप्रैल। पूरे प्रदेश में कोरोना महमारी फैली हुई है,जिसमें बस्तर जिला भी अछूता नहीं है। इस संक्रमण को रोकने शासन-प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रही है। जिसको लेकर बस्तर कलेक्टर ने 15 से 22 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया है। मंगलवार को बढ़ते संक्रमण देखते हुए लॉकडाउन की समय को बढ़ाते हुए 26 अप्रैल सुबह 6 बजे तक कर दिया गया। जिसमें अतिआवश्यक कार्य को छोड़ बाकी सभी कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित है। ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो इस लॉकडाउन में मनरेगा के काम को छूट मिली है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संकट की स्थिति निर्मित ना हो। बावजूद इसके ग्राम पंचायत माड़पाल की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें पंचायत के प्रतिनिधि ही नियमों का उल्लंघन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जहां 14वें वित्त के तहत लगभग पांच लाख की राशि से गांव में पंचायत के प्रतिनिधि के द्वारा काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। वह भी तमाम नियमों के विरूद्ध।
जब सरपंच व सचिव से इस विषय में ‘छत्तीसगढ़’ ने जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह काम पुराना है, और सीईओ के कहने पर किया जा रहा है। आप चाहे तो सीईओ से बात कर सकते हंै। जब इस संबंध में जनपद सीईओ वाई.के. पटेल से जानकारी ली गई तो उन्होंने इस बात को नकारते हुए कहा कि ऐसा मेरे द्वारा नहीं कहा गया है, मनरेगा के तहत हर कार्य को पंचायत में करने की अनुमति दी गई है। अगर प्रतिनिधि ऐसा कह रहे है कि मैंने कहा है तो यह गलत है, मैं इसकी जानकारी लेता हूं।