कोरिया
सूरजपुर प्लांट से भेजे दूसरे के 18 सिलेंडर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 29 अप्रैल। कोरिया जिले के कोविड अस्पताल में सुबह ऑक्सीजन खत्म हो गई, खबर के बाद प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई और हलचल तेज हो गई। सूरजपुर स्थित प्लांट में दूसरे के लिए रखे 18 सिलेंडर को उठाकर कोरिया भेजा गया, तब तक कोविड के चिकित्सक से लेकर स्टाफ के साथ प्रशासन की सांसें अटक चुकी थी, जैसे ही 18 सिलेंडर कोविड अस्पताल पहुंची, तत्काल ऑक्सीजन को जोड़ा गया, तब जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसी दौरान एक महिला की मौत हो गई, परंतु चिकित्सकों का कहना है कि उनकी ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत नहीं हुई है।
मौके पर उपस्थित एसडीएम एसएस दुबे ने बताया कि रात में 78 सिलेंडर थे, कैसे अचानक खत्म हो गए, प्लांट में हमारे कर्मचारियों की तैनाती की गई है, 18 सिलेंडर पहुंच चुके हंै, और पूरे दिन आएंगे।
महिला की मौत पर कोविड प्रभारी अमरदीप जायसवाल का कहना है कि एक महिला की मौत हुई है, परन्तु उनकी मौत ऑक्सीजन से नहीं हुई है। उनके पास ऑक्सीजन कंसलटेटर था और छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर भी उनके पास था। दूसरी ओर इस संबंध में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव का कहना है कि प्रशासन ऑक्सीजन मैनेजमेंट पर ध्यान दे। ऑक्सीजन की बर्बादी को बचाने के उपाय करने होंगे, ताकि ऐसी स्थिति दुबारा निर्मित ना हो।
वहीं प्लांट पहुंचे एक पत्रकार ने बताया कि एकमात्र प्लांट होने के कारण प्रोडक्शन की बड़ी समस्या बनी हुई है, मजदूरों के साथ यहां सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं है, परन्तु अब प्रशासन इस प्लांट के लिए सब कुछ करेगा, उन्होंने बताया कि कोरिया के लिए और सिलेंडर यहां से निकलने वाले हंै।
कोरिया के जिला मुख्यालय स्थित कोविड अस्पताल में गुरूवार की सुबह अचानक ऑक्सीजन खत्म होने की जानकारी सामने आई, प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। कोविड प्रभारी डॉ. अमरदीप जायसवाल अंदर मरीजों का हालचाल ले रहे थे कि जिला प्रशासन ने मौके पर एसडीएम बैकुंठपुर को भेजा। सिटी कोतवाली प्रभारी कमलाकांत शुक्ला पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंच गए, कुछ देर बाद तहसीलदार मनमोहन सिंह ने भी मोर्चा संभाला, जैसे ही ऑक्सीजन खत्म होने की जानकारी आई, उधर सूरजपुर स्थित प्लांट पर तैनात कर्मचारियों को कहा गया है जैसे भी हो, जितनी भी हो ऑक्सीजन वहां से कोरिया भेजा जाए, जिसके बाद वहां दूसरे के लिए रखे 18 सिलेंडर कोरिया के लिए भेजे गए, जब तक सिलेंडर नहीं पहुंचें, एसडीएम पल-पल की जानकारी लेते रहे। जैसे ही सिलेंडर पहुंचेे उन्हें तत्काल पाईप से जोड़ा गया, उपस्थित अधिकारियों ने जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी और तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।
अभी 78 से ज्यादा सिलेंडर खाली
दरअसल, कोविड अस्पताल में रात के 78 सिलेंडर थे, सुबह तक पूरे खत्म हो गए, खत्म होने की दशा में प्रशासन के पास किसी भी तरह का प्लान नहीं था। अचानक सबकुछ कर जैसे-तैसे स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। जबकि जानकारों की माने तो ऑक्सीजन की बर्बादी ना हो, किस मरीज को कितना ऑक्सीजन लगेगा, किसे लगेगा और कितना लगेगा, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार करना पड़ता है, जबकि यहां पाईप के सहारे सभी मरीजों को एक जैसा ऑक्सीजन दिया जा रहा है, जिससे तय है कि ऑक्सीजन की खपत 4 गुना होगी और उसकी बर्बादी ज्यादा होगी।
जर्जर सडक़ से पहुंचने में देरी
सूरजपुर से ला रहे ऑक्सीजन जल्द कोरिया पहुंच सकते हैं, परन्तु जमगहना के बाद बीते दो वर्ष से जर्जर सडक़ पर गड्ढों की भरमार है, प्रशासन को दर्जनों बार सडक़ की मरम्मत के लिए हर किसी ने अपने हिसाब से चेताया है, इधर, जब रास्ते में ऑक्सीजन आ रही थी, तब जमगहना के बाद जैसे ही पिकप जर्जर सडक़ पर आई उसकी रफ्तार कम हो गई, जहां उसे 10 मिनट में कोविड अस्पताल पहुंच जाना था, उसके पहुंचने में 20 मिनट लग गए, आते ही ड्रायवर ने बताया कि जर्जर और गड्ढों से भरी सडक़ ने उनकी रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया नहीं तो और जल्दी वो पहुंच सकता था।