सरगुजा

मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच के 90 छात्र पास
07-May-2021 8:49 PM
  मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच के 90 छात्र पास

   एक वर्ष तक ट्रेनिंग के साथ ही सरगुजा को देंगे सेवाएं देंगे   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर, 7 मई। सरगुजा मेडिकल कॉलेज ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद प्रवेश लेने वाले एमबीबीएस के 94 स्टूडेंट्स में से 90 स्टूडेंट्स ने अंतिम वर्ष की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है।

इस संबंध में डॉ. आर मूर्ति, डीन मेडिकल कॉलेज का कहना है कि संस्थान व अंचल के लिए यह गौरव की बात है। कॉलेज के प्रथम बैच के 90 स्टूडेंट्स ने परीक्षा में सफलता हासिल की है। अब ये डॉक्टर विभिन्न विभागों में एक वर्ष तक ट्रेनिंग प्राप्त करने के साथ ही सरगुजा को अपनी सेवाएं देंगे।

आज आयुष विश्व विद्यालय द्वारा परिणाम जारी किए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हर्ष का माहौल है। बड़ी बात यह है कि मेडिकल कॉलेज से निकलने वाला यह बैच अब अस्पताल में ही अपनी सेवाएं देगा व एक वर्ष की ट्रेनिंग पूर्ण करेगा। इन नए एमबीबीएस डॉक्टरों के आने से न सिर्फ अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर होगी बल्कि कोरोना महामारी से लडऩे में भी बड़ी मदद मिलेगी। ये डॉक्टर अब अस्पताल के विभिन्न विभागों के साथ ही कोविड में भी अपनी सेवाएं देंगे।

सरगुजा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना व एमसीआई से मान्यता मिलने के बाद वर्ष 2016-17 में प्रथम बैच के 94 छात्र छात्राओं ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया था। स्थापना के बाद से ही मेडिकल कॉलेज संसाधनों की कमी और मान्यता को लेकर संघर्ष करता रहा है। यही वजह है कि कॉलेज को दो बार जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था, जबकि दो बार एमसीआई से मान्यता मिली। फैकल्टी व संसाधनों की कमी के बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच की पढ़ाई निरंतर जारी रही। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे 94 छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सके।

कॉलेज के प्रथम बैच के अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षा 25 अप्रैल को समाप्त हुई थी। बड़ी बात यह है कि परीक्षा में प्रैक्टिकल के दौरान एनएमसी का ऑनलाइन निरीक्षण भी हुआ और वे कॉलेज के छात्र छत्राओं से काफी प्रभावित हुए थे। परीक्षा समाप्त होने के बाद 1 मई को परिणामों की घोषणा हो जानी थी, लेकिन आयुष विश्व विद्यालय में कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के कारण परिणाम की घोषणा नहीं हो पाई थी, लेकिन आज विवि द्वारा परिणामों की घोषणा कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले 94 छात्र छात्राओं में से 90 ने परीक्षा उत्तीर्ण कर कीर्तिमान हासिल किया है।

एक वर्ष तक करेंगे ट्रेनिंग, कहलाएंगे डॉक्टर

मेडिकल कॉलेज में अंतिम वर्ष की परीक्षा पास करने वाले 90 एमबीबीएस छात्र छात्राएं अब डॉक्टर कहलाएंगे। ये डॉक्टर फिलहाल एक वर्ष तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही ट्रेनिंग लेंगे। सरगुजा से निकलने वाले ये डॉक्टर अस्पताल के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देंगे, जिससे अस्पताल ने ना सिर्फ डॉक्टरों की कमी दूर होगी बल्कि मरीजों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

कोविड वार्डों में भी लगेगी ड्यूटी

वर्तमान में सरगुजा कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। हर दिन बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज सामने आ रहे है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर पास होने वाले ये नए एमबीबीएस डॉक्टर कोविड वार्डों में भी अपनी सेवाएं देंगे। एमबीबीएस डॉक्टरों की कोविड वार्ड में ड्यूटी लगाने को लेकर पूर्व में ही निर्णय हो गया था व 1 मई से उनकी ड्यूटी लगनी थी लेकिन परिणाम की घोषणा में हुई देरी के कारण अब तक उनकी ड्यूटी नहीं लग पाई थी।

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