रायपुर
रायपुर, 9 मई। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दरम्यान आगामी कल 10 मई से शराब की होम डिलीवरी के सरकारी निर्णय के खिलाफ आवाज मुखर होना शुरू हो गया है। शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने इस निर्णय का आलोचना करते हुए कहा कि इस सरकारी निर्णय से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि सरकार की प्राथमिकता में जनहित व चुनावी वादा नहीं वरन् मदिरा प्रेमियों की परेशानियां दूर करने की आड़ में शराब बेचना है।
ज्ञातव्य हो कि बीते कल ही प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सरकारी शराब दुकानों से शराब की होम डिलीवरी कराये जाने का संकेत दिया था और देर शाम इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। श्री शर्मा ने कहा है कि शराब के दुष्परिणामों की जानकारी होने व इसकी वजह से घटित होने वाले लोमहर्षक घटनाओं की सूचना से समाचार पत्रों के रंगे होने के बाद भी और विशेषकर शराबबंदी का चुनावी वादा कर सत्तासीन होने वाली सरकार का यह रवैय्या आमजनों को हतप्रभ करने वाला है। चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी का चुनावी वादा कर सत्तासीन हुये पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शराब दूकानों की संख्या में क्रमश: कटौती करते-करते अंतिम क्षणों में ठिठक जाने की याद दिलाते हुए श्री शर्मा ने कहा है कि शराबबंदी का वादा करने वाली इस सरकार ने तो अपने शुरुआती वर्षों में ही देशी शराब दुकानों में अंग्रेजी शराब बिकवाने व शराब के किस्मों का भंडारण करवाने सहित शराब का होम डिलीवरी कराने की शुरुआत करवा आमजनों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि सरकार के इरादे कितना नेक है।
शराब दूकानों के सरकारी संचालन के निर्णय के पहले नीलामी में शराब दूकान पाने वाले शराब ठेकेदार द्वारा शराब का ग्राम पहुंच सेवा अभियान चला कोचियों को शराब मुहैय्या कराये जाने की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुए श्री शर्मा ने कहा है कि वर्तमान सरकार तो इससे एक कदम आगे चल सीधे मदिराप्रेमियो को शराब का घर पहुंच सेवा अभियान चलाने में आमादा है।
शिकायतों के बाद भी सरकारी शराब दुकानों से निकल कोचियों के माध्यम से गांव-गांव में बिकने वाली शराब व हाथभ_ी शराब के मामलों में आबकारी व पुलिस अमला के रवैय्या की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा करते कहा है कि इनके रवैय्या से लगता है कि शासन से इन्हें सिर्फ प्रदेश के बाहर से आने वाले शराब पर ही कार्यवाही करने का अघोषित आदेश मिला है।
श्री शर्मा ने कहा है कि शराब न मिलने से मदिराप्रेमियो की परेशानियों की। बात तो दूर इनके मौत से भी शासन के सिवा और अन्य कोई विचलित नहीं होता। उन्होंनेे प्रदेश सरकार के नुमाइंदों को आगाह करते हुए कहा है कि मतदाता चुनावी वादा को भूलने की गुस्ताखी नहीं करते और सही वक्त पर सही निर्णय लेने में पीछे नहीं हटते।