बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 मई। चार मई को ‘छत्तीसगढ़’ खबर प्रकाशित की थी कि बकावंड ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तुंगापाल में मनरेगा का काम मानव श्रम से नही बल्कि मशीनों द्वारा कराया जा रहा है। इस मामले को एक हफ्ते पूरे होने को है। बावजूद इसके भी अब तक पंचायत के जिम्मेदारों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खबर प्रकाशित होने के बाद कुछ अधिकारी मौके पर जाकर जानकारी लिए तो मशीन से कार्य कराना सही पाया गया और मशीन से कार्य करने पर रोक भी लगा दी गई।
जब इस संदर्भ में जनपद सदस्य नारायण बघेल से ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत तुंगापाल में तालाब गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। समाचार के माध्यम से इसकी जानकारी मुझे मिली। सरपंच के द्वारा मशीन लगाकर यदि तालाब गहरीकरण किया जा रहा है तो यह बिल्कुल गलत है।
सब इंजीनियर कल्याण साहू से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि तुंगापाल पंचायत में तालाब गहरीकरण का कार्य चल रहा है। इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। 14वें वित्त आयोग के मद से कार्य करने की बात पंचायत कर रही है तो 14वें वित्त का फंड पंचायत का फंड है। उन लोग अपने उपयोग के अनुसार जो उनको उचित या जरूरी लगता है उपयोग कर सकते हैं।
इस पूरे मामले पर एपीओ पवन सिंह का कहना है कि तुंगापाल में नया तालाब व गोठान का काम स्वीकृत हुआ है लेकिन तालाब गहरी करण का काम तो नहीं है। पंचायत में तालाब गहरीकरण का कार्य मशीनों की मदद से की जा रही है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। आप के माध्यम से पता चल रहा है मै इसकी पूरी जानकारी लेकर बताता हूं।
जिला पंचायत सीईओ इंद्रजीत चंद्रवाल से फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मनरेगा वाले को मैंने फॉरवर्ड कर दिया था जांच करके बताएं करके मैं उनको एक बार बोलता हूं कि आप से जानकारी के लिए फोन पर बात कर लें।