सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,13 मई। कुछ विघ्न संतोषी तत्वों ने मोदी द्वेष में सरगुजा के गांव-गांव में ग्रामीणों को वैक्सीन के विरुद्ध इतना गुमराह कर दिया है कि ग्रामीण किसी भी बात को मानने-सुनने के लिए तैयार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष विनोद हर्ष ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर बताया कि निर्बाध टीकाकरण के लिए सरकार उपलब्ध प्रचार माध्यमों से गांव-गांव में टीके के विरुद्ध फैलाई गई अफवाहों व गलतफहमियों को शीघ्र दूर करे वरना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को कोरोना की भयावह स्थिति में जाने से रोकना दुष्कर हो जायेगा। स्थितियां इतनी विकट हैं कि टीकाकरण के लिए कोई स्वास्थय कर्मी उन्हें बुलाने न आ जाये इससे पहले वे घर छोडक़र जंगल भाग जा रहे हैं।
गुमराह ग्रामीणों के पास टीका न लगवाने के दसियों मौखिक तर्क मौजूद हैं। कोई कह रहा है कि वेैसीन लगवाने से कोरोना और ज्यादा फैल रहा है, कोई कहता है कि सरकार गांवों में नकली वैक्सीन भेज रही है, कोई कह रहा है कि हम गांव देहात जंगल के लोग हैं हमें कोराना हो ही नहीं सकता,किसी को नपुंसक होने का भय है तो किसी को जान से हाथ धोने का खौफ है तो किसी को मां न बन पाने की शंका है।
बहुत लोगों का तो यह भी कहना है कि जब हमारे मंत्री जी ने इसे रिजेक्ट कर दिया है तो इतना बड़ा आदमी कुछ सोच-समझकर ही विरोध कर रहा होगा।उपाध्यक्ष ने कहा कि आज ब्लाक मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे टीकाकरण की मंद गति बेहद सोचनीय है।कांग्रेस पार्टी के ही नुमाइंदों के द्वारा फैलाई गई अफवाह का परिणाम है कि टीकाकरण केन्द्रों में उपलब्ध डोज में से 10 प्रतिशत डोज भी खपत नहीं हो पा रही है।वैक्सीन की राष्ट्रीय किल्लत के दौर में वैक्सीन की हजारों डोज यूं ही नष्ट हो जा रही हैं। साथ ही उपाध्यक्ष ने मांग की है कि एपीएल,बीपीएल की जातिवादी व्यवस्था व चुनावी मानसिकता से उपर उठकर सभी वर्गों के लिए एक ही केन्द्र में अनुमति देकर टीकाकरण को और भी विकेंद्रीकृत करते हुये ग्राम पंचायत से नीचे राजस्व ग्राम, मोहल्ला व पारा को केन्द्र बनाकर सप्ताह में दो से तीन दिन तक टीके का कार्य करें।