जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 30 मई। लॉकडाउन में ग्रामीणों द्वारा जंगल की आधा सैकड़ा से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा करते हुए मेड़ बना कर घेराव कर लिए थे। इसकी शिकायत पर उडऩदस्ता जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की।
ज्ञात हो कि वन परिक्षेत्र बलौदा जांजगीर चांपा जिले का सबसे बड़ा वन परिक्षेत्र है। एक समय था कि लोग बलौदा के आसपास के रास्तों से गुजरने में डरते थे और आज उजड़ते वनों ने वनपरिक्षेत्र का आकार सीमित कर दिया है। वनपरिक्षेत्र के चारों ओर रसूखदार कुछ कतिपय तत्वों के द्वारा राजनीतिक और लाठी के जोर पर पूरे जंगल को बर्बाद कर दिया।
बलौदा वनपरिक्षेत्र के कटरा के बीट के क्रमांक 54 के करीब 65 एकड़ वन भूमि को अज्ञात ग्रामीणों के द्वारा गैंती, फावड़ा से खोद कर मेड़ बना कर घेराव कर लिए थे। इसकी जानकारी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संगीता कॄष्ण सोनी को पता चलने पर इसकी शिकायत वन मंत्री मोहम्मद अकबर से की गई थी। जिसके बाद उडऩदस्ता जांच टीम के द्वारा कोरबी अचानकपुर वनपरिक्षेत्र कटरा बीट के कक्ष क्रमांक 54 में पहुंच कर कार्रवाई करते हुए पंचनामा बनाया।
संगीताकृष्ण सोनी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, बलौदा के पार्षद गोवर्धन कुर्रे, रफीक कुरैशी, यशवंत भारद्वाज और अन्य ने उक्त भूमि को कब्जामुक्त कराने को कहा गया। लॉकडाउन केर बाद जेसीबी से भूमि को समतल किये जाने के साथ कब्जाधारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भी इसी लॉकडाउन में आर एफ 54 के वनभूमि पर भी कुरमा, काठापाली सोनबरसा के ग्रामीणों ने बेसरम, खूंटा आदि घेरकर कब्जा कर लिया था, उस समय भी बेदखली की कार्रवाई की गई थी और 5-6 लोगों को पकड़ कर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी।