छत्तीसगढ़ » गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 11 मार्च। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बुधवार को ग्राम कसाबाय , ग्राम पंचायत-पतौरादादरा में आजीविका गतिविधि पर कार्यशाला का आयोजन , प्रेरक संस्था द्वारा किया गया जिसमे तकरीबन 150 महिलाओं के द्वारा भागीदारी की । इसमें महिलाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने अपने विचार व्यक्त किए गए । प्रेरक संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। कृषि गतिविधियों में सम्मिलित महिला किसानों ने कृषि गतिविधियों का सविस्तार वर्णन किया जिनमें हेम बाई ने बकरी पालन, सुखमनी बाई ने मिश्रित कृषि, रतनी बाई ने वनोपज, सोनकुंवर बाई ने बिहान योजना, कमलेश्वरी बाई द्वारा माडिय़ा की खेती पर जानकारी साझा किया।
प्रेरक संस्था प्रमुख आरजी सिन्हा के द्वारा उपस्थित जनसमूह को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए आज महिलाओं की स्थिति पर उन्होंने कहा की पहले किसान, पुरुष के रूप में जाना जाता था लेकिन आज महिला भी किसान के रूप में जानी जाती है। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों में रीना सिन्हा उपसरपंच बिंद्रा नवागढ़ , सोनकुंवर ठाकुर व्यवसायिक कार्यकर्ता, सविता बाई प्रधान ग्राम संगठन सचिव बिंद्रा नवागढ़, लता सिंग, हेमलता राठौर, कमलेश्वरी बाई, पूर्णिया बाई के साथ रोहिदास यादव भुपेश्वरी यादव रामेश्वर कपिल रवि रंजन कुमार और अजिंक्य उके इत्यादि शामिल रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 11 मार्च। केन्द्रीय कृषि कानून के समर्थन में मंगलवार देर शाम भाजुयमो ने राजिम में मशाल रैली निकाली और कृषि बिल को किसानो के लिए हितकारी बताते हुए इसे लागु करने की मांग की। इस दौरान रैली में भाजपा जिला प्रभारी राकेश यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश साहू, भाजयुमो प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख विकास साहू सहित बड़ी संख्या में भाजुयमो कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए।
मशाल रैली के दौरान के भाजयुमो कार्यकर्ताओ ने कृषि बिल के समर्थन जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान जिला प्रभारी राकेश यादव ने कहा कि कृषि बिल पूरी तरह से किसानो के हित में है। मोदी सरकार का यह बिल किसानो के जीवन में नया परिवर्तन लाएगा इससे उनकी दशा और दिशा दोनो बदलेगी किसान समृध्द होगा। भाजयुमो के जिलाध्यक्ष डॉ योगीराज माखन ने कहा कि वर्षो से किसानो को छलने वाले वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग नही चाहते कि कृषि बिल लागू हो। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को भी जल्द से जल्द किसानो के हित में कृषि बिल को छत्तीसगढ़ में लागु करना चाहिए। इस अवसर पर विशेष रूप से कोषाध्यक्ष राहुल सेन, रामूराम साहू, गोहरपदर मंडल अध्यक्ष गुरुनारायन तिवारी, महामंत्री तानसिंह मांझी, किसान मोर्चा जिला महामंत्री मनीष हरित, भाजयुमो कार्यकर्ता राजू साहू, दीपक साहू, प्रेमलाल तोंडर, अभिषेक सोनकर, हिमेश बेनर्जी, रिकेश साहू, वीरेंद्र साहू, तोरण सागर, प्रतीक तिवारी, आनंद ठाकुर, महेश कश्यप, गोवर्धन मरकाम, घनश्याम मरकाम, थानेश्वर कंवर, राजा साहू, मनीष साहू, संतोष सिन्हा, आकाश राजपूत, मोहनीश ठाकुर, संजू निर्मलकर, रवि निर्मलकर, गुलसन सिन्हा, चंद्रप्रकाश साहू, बेनु नागेश, बबेश मांझी समेत जिले भर से आए कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 10 मार्च। दृढ़ संकल्प और कुछ करने की इच्छा शक्ति अगर आपके पास है हर असंभव काम आसानी से कर सकते हैं, जरूरत होती है खुद को पहचानने की। सबसे पहले स्वयं का मूल्यांकन करें। असफलता के अभाव में तपकर ही कुंदन सी निखरती हैं कला। यह किसी जाति धर्म-मजहब में बंधकर नहीं रहती। रूढि़वादी सोच से परे रहे हर चुनौती का सामना करने के लिये जिंदगी के यज्ञकुंड में पवित्र कर्म की आहूति दीजिए। दूषित भाव स्वमेव दूर हो जायेंगे।
उक्त बातें माघी पुन्नी मेला के दसवें दिन अपने सुंदर अंदाज में देवार संस्कृति को उकेरने वाली छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय प्रसिद्ध लोकगाथा गायिका रेखा देवार ने कही। चर्चा के दौरान अपनी लोकगाथा के सफर को साझा करते हुये बताया कि राजिम में पूरे दस साल बाद पुन: आने से मन रोमांचित हो गया। पहले भी कई बार आई हूं, काफी अंतराल के बाद आने से सबसे बहुत प्यार मिला। इस बार राज्य शासन के द्वारा कलाकारों को सम्मान देने का अंदाज बहुत अच्छा लगा। अपनी कला की शुरुआती दौर के बारे में बताया कि बचपनमें दादा-दादी के साथ नाचा पार्टी में जाती थी। आठ साल की उम्र में गायिकी शुरू किया। फिर आगे चलकर दो साल अकेले अपने दम पर पार्टी चलाई, जिसमे पंद्रह कलाकार शामिल थे।
चर्चा के दौरान बताया कि इस क्षेत्र में आगे बढऩे की प्रेरणा एक मुसलमान फैमिली से मिली। उनके मार्गदर्शन में ही कार्य किया। पहला कार्यक्रम सरगांव के आसपास हुआ, जहाँ से आत्मविश्वास बढ़ा और आगे बढ़ती ही गई, कभी हार नही मानी। बताया कि गुरू के बिना कोई ज्ञान नही मिलता, मेरे गुरु विजय सिंह थे, जिनका सानिध्य और आशीर्वाद हमेशा प्राप्त हुआ। आकाशवाणी में जाने का बहुत शौक था। 1988 में खुमान साव के गीत - आ जाबे... आ जाबे अमरईया के तीर.... का स्वर परीक्षण के लिए गई थी, पर प्रस्तुति 1996 में दी हूं। अपनी शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल बिल्कुल भी नही गई। एक क्लास भी नही पढ़ी पर हस्ताक्षर कर लेती हूं। चंदैनी के बारे में पूछने पर कहा कि यह एक प्रेम कहानी हैं जिसमे छ.ग. की उड़रिया अर्थात प्रेम विवाह का वर्णन किया गया है। ‘‘भरथरी’’ एक ऐसा गायन है जिसमे भीख मांगने की प्रथा को गायन के माध्यम से बताया गया है। जोगी सरकार के समय में बावा और हिजड़े लोगों के साथ भरथरी गायन का मौका मिला। जिसे हमने तबले पेटी और तंबूरा के साथ गाया बजाया। छ.ग में इसका मंचन बहुत कम होता हैं। अब तक कुल पैतीस लोकगाथा हमने तैयार किया है।
पढ़ाई नही किये फिर कैसे कर लेते हैं? ये प्रश्न तो सबके जेहन में होता हैं हम दिल्ली गये थे। वहाँ तीजन बाई, रितु वर्मा के लेख को इलाहाबाद केंद्र में देखे, उसे टेप किये छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर सुनकर तैयारी करने में मदद मिली। कोरोना संक्रमण के दौरान कोई बदलाव नही हुआ। हम घर पर अभ्यास करते थे। इससे अपनी कला और संस्कृति को समझने का हमें अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि छ.ग. के अलावा भारत के लगभग सभी राज्यो में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। दो बार इंदिरा विश्व विद्यालय में कार्यक्रम दिए हैं। अब तक लगभग पांच हजार फिल्म में काम कर चुके है। एक लाल कमीज के में मनटोरा का गाँव की भूमिका में रही। जिसमे भरथरी गायन भी किया है। नये कलाकरों के लिए कहा कि लोक संस्कृति हमारी धरोहर है। उसे सहेज कर रखे। ओरीजनल गीत ही प्रस्तुत करे।
उसमे मिलावट न करें। सुवा, कर्मा को जाने समझे। राउत नाचा, बांसगीत, मंदरिया जो लुप्त होने के कगार में है उन्हें पुन: जीवित करें। महिलाओ के लिए यही कहूंगी आज हर गाँव में महिला स्वसहायता समूह बनाकर आत्म निर्भर हो रही हैं। हेलीकाप्टर चलाकर अपने सपनो में नई उड़ान भर रही हैं उनका हमेशा सम्मान करें। शासन से अपेक्षा कि है कि देवार की सांस्कृतिक कला को पहचान देने के लिए हर जगह एक भवन दें उन्हें आर्थिक सहयोग करें, जिससे उन्हें भी समाज की मुख्यधारा में जुडऩे का मौका मिल सकें। चर्चा के बाद मीडिया सेंटर द्वारा उनका गुलदस्ता और फोटो फ्रेम भेंट कर सम्मान किया गया।‘
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 10 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिले के महिला जनप्रतिनिधि , महिलाअधिकारियों गृहणियों का एक सामूहिक अभिव्यक्ति जन-जागरूकता कार्यक्रम जिला पुलिस द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के द्वारा अपने- अपने विचारों व जीवन में घटित घटनाओं को अभिव्यक्त किया। इस दौरान सभी महिलाओं का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस तारतम्य में गरियाबंद जिला के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल और गरियाबंद वनमण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल के सानिध्यता में जिले के पांचों ब्लॉक गरियाबंद, छुरा, फिंगेश्वर, देवभोग, मैनपुर एवं नगरीय निकाय के अध्यक्ष सहित ग्राम पंचायतों के सरपंचों को आमंत्रित किया गया था,।
ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के सभी ब्लॉक के जनपद पंचायत अध्यक्ष महिला हैं और दो जनपद पंचायत के सीईओ छुरा रुचि शर्मा एवं गरियाबंद सीईओ शीतल बंसल महिला अधिकारी हैं और छुरा अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी अंकिता सोम हैं।
इस कार्यक्रम का संचालन गरियाबंद एडिशनल एसपी संतोष महतो ने किया और कार्यक्रम की शुरुआत मयंक अग्रवाल डीएफओ गरियाबंद ने किया जिसमें उन्होंने कहा कि इस जैसे कार्यक्रम पहले गरियाबंद नही हुआ लेकिन गरियाबंद पुलिस द्वारा यह अनुकरणीय पहल किया गया जो सभी वर्ग के लिए बेहद ख़ास कार्यक्रम है। क्रम को आगे बढ़ाते हुए एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने अपनी बात रखी।
अभिव्यक्ति शब्द से ही आशय है अपनी बात को व्यक्त करना यह अभियान छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है जिससे महिलाओं के ऊपर अपराध पर लगाम दे सके।
गरियाबंद जनपद सीईओ शीतल बंशल ने भी अपने संघर्ष के बारे में वन विभाग के ऑक्सन हॉल में आए सभी महिलाओं और अधिकरियों के साथ अपना अनुभव साझा किया और अपनी स्मृतियों को एक अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया।
इसी प्रकार एसडीम अंकिता सोम ने समाज में व्याप्त कुरूतियों के बारे बताया कि किस प्रकार महिलाओं को समाज के दंश झेलने पड़ते हैं। छुरा जनपद की सीईओ सुश्री रुचि शर्मा ने अपनी अभिव्यक्ति में महिला सशक्तीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी एवं अपने अनुभवों को साझा किया।
नेहा सिंघल देवभोग जनपद की अध्यक्ष ने अपने जीवन की अनुभवों को साझा किया की कैसे वे नेवी अफसर से बनने की राह पर चली थी और आज कैसे राजनीति में वो आयी,
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लक्ष्मी साहू ने बताया की कैसे उसने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में उतार चढ़ाव देखे एक अफसर की बेटी होने के बावजूद वो एक पॉलिटिशियन से विवाह हुआ जिसमें उसने सयुंक्त परिवार के साथ जीवन जीना सीखा।
लालिमा पारस ठाकुर अध्यक्ष जनपद पंचायत गरियाबंद ने बताया कि कभी उसने नही सोचा था की वो राजनीति में आएंगी लोग कहते है की एक सफल पुरुष के जिंदगी के पीछे एक महिला का हाथ होता है उसी प्रकार एक सफल महिला के पीछे भी एक पुरुष का साथ होता है जैसे पल पल में उनके पति उनके साथ रहते जिसमें उसने निर्विरोध सरपंच से जीतकर निर्विरोध जनपद पंचायत तक पहुँची।
पुष्पा साहू ने भी अपनी बात रखी उन्होंने अपने जिंदगी के उतार चढ़ाव और कैसे उसने उनके पिता ससुर एवं पति के सहयोग से राजनीति के सफर में कामयाब हुई उन्होंने पौराणिक कथाओं के माध्यम से भी अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाने का प्रयास किया। रेखा सोनकर नगर अध्यक्ष राजिम एवं पूर्व पालिका अध्यक्ष गरियाबंद मिलेश्वरी साहू ने भी अपनी अभिव्यक्ति रखी।
गरियाबंद जिला पुलिस अधीक्षक की माँ श्रीमती लीलाबाई पटेल ने विश्व महिला दिवस की शुभकामनाएं देने माइक थामा और उन्होंने सभी जिले सुपुत्र भोजराम पटेल के बारे कहा की बहुत मेहनत करके उसका बेटा इस मुकाम को हासिल किया है और वो चाहती है की गरियाबंद जिला के सभी नागरिक उसे आशीर्वाद दे और अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो उसे अपना ही बेटा-भाई मानकर माफ कर दे।
अंतिम उदबोधन में पुलिस कप्तान भोजराम पटेल ने कहा की समाज में तभी परिवर्तन आएगा जब समाज के लोगों के सोच में परिवर्तन आएगा जब हमारी सोच में च्मैंज् की च्च्हमज्ज् प्रयोग करना शुरू करेंगे और उन्होंने विश्व महिला दिवस के मौके पर माँ दुर्गा के नौ नामों को नमन करते हुए उन्होंने च्च्अहिल्या, तारा, कुंती, द्रौपदी, मंदोदरी पंच कन्या सति कन्या नमस्कारंज्ज् जो की उसके शिक्षक द्वारा बताया गए पौराणिक कथाओं की शक्तिशाली महिलाओ के शक्ति के बारे में बताया था, उन्होंने सभी महिलाओं से अपील किया की वे अपने बच्चों में ऐसे सँस्कार का सृजन करे जो आने वाले भविष्य में सुनहरा इतिहास लिखे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर, सन्तोष महतो, गरियाबंद कोतवाली निरीक्षक श्रीमती वेदवती दरियो की सराहनीय भूमिका रही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 10 मार्च । महा शिवरात्रि पर भूतेश्वरनाथ धाम में बड़ी संख्या में भक्त पहुंच कर मनोवांछित फल की कामना कर जलाभिषेक करेंगे।
ज्ञात हो कि गरियाबंद मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी ग्राम मरोदा के घने जंगलों ंंके बीच प्राकृतिक शिवलिंग है जो की भूतेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है। लोगों का कहना है कि यह शिवलिंग अपने आप बड़ा और मोटा होता जा रहा है। भूतेश्वर नाथ हर साल बढ़ती है। इस शिवलिंग की लम्बाई जमीन से लगभग 18 फीट उंचा एवं 20 फीट गोलाकार है। राजस्व विभाग द्वारा प्रतिवर्ष इसकी ऊंचाई नापी जाती है जो लगातार 6 से 8 इंच बढ़ रही है।
मान्यता है कि आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व जमींदारी प्रथा के समय पारागांव निवासी शोभासिंह जमींदार की यहां पर खेती- बाडी थी। शोभा सिंह शाम को जब अपने खेत में घूमने जाता था तो उसे खेत के पास एक विशेष आकृति नुमा टीले से सांड के हुंकारने (चिल्लानें) एवं शेर के दहाडऩे की आवाज आती थी। अनेक बार इस आवाज को सुनने के बाद शोभासिंह ने उक्त बात ग्रामवासियों को बताई। ग्राम वासियों ने भी शाम को उक्त आवाजें अनेक बार सुनी तथा आवाज करने वाले सांड अथवा शेर की आसपास खोज की। परतु दूर दूर तक किसी जानवर के नहीं मिलने पर इस टीले के प्रति लोगों की आस्था बढऩे लगी और लोग इस टीले को शिवलिंग के रूप में मानने लगे।
इस बारे में पारागांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप में था। धीरे धीरे इसकी ऊंचाई एवं गोलाई बढ़ती गई। जो आज भी जारी है। इस शिवलिंग में प्रकृति प्रदत जललहरी भी दिखाई देती है। जो धीरे- धीरे जमीन के उपर आती जा रही है। यहीं स्थान भुतेश्वरनाथ, भकुरा महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
इस शिवलिंग का पौराणिक महत्व सन 1959 में गोरखपुर से प्रकाशित धार्मिक पत्रिका कल्याण के वार्षिक अंक के पृष्ट क्रमांक 408 में उल्लेखित है जिसमें इसे विश्व का एक अनोखा महान एवं विशाल शिवलिंग बताया गया है।
यह भी किवदंती है कि इनकी पूजा बिंदनवागढ़ के छुरा नरेश के पूर्वजों द्वारा की जाती थी। दंत कथा है कि भगवान शंकर-पार्वती ऋषि मुनियों के आश्रमों में भ्रमण करने आए थे, तभी यहां शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए। घने जंगलों के बीच स्थित होने के बावजूद यहां पर सावन महीने में कावडिय़ों का बढ़ा जत्था का मेला लगता है। इसके अलावा महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां विशाल मेला लगता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 10 मार्च। बीती रात मैनपुर विकासखंड के जाड़ापदर गांव में शादी समारोह में युवतियों की फोटो खींचने से मना करने पर युवक की हत्या कर दी गई। जिससे गांव में दहशत का माहौल बन गया। घटना की जानकारी मिलते ही मैनपुर पुलिस रात को मौके पहुंची। रात में ही पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार बीती रात गांव के उदल राठौर के परिवार में शादी कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान दूसरे गांव के 4 युवक वहां पहुंचे और समारोह में शामिल युवतियों की तस्वीरें खींचने लगे। उदल राठौर को युवकों की ये हरकत नागवार लगी। उन्होंने चारों युवकों को समारोह से बाहर निकाल दिया।
इस पर युवक भडक़ गए और चाकू से उदल पर हमला बोल दिया। बुरी तरह घायल उदल को तत्काल मैनपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मैनपुर पुलिस रात को ही मौके पहुंची। पुलिस ने मामले में चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
मैनपुर थाना प्रभारी सत्येंद्र श्याम ने बताया कि घटना बीती रात 2 बजे की है। चार युवकों ने शादी समारोह में पहुंचकर लड़कियों की फोटो खींचना शुरू कर दिया। जिसके बाद विवाद की स्थिति पैदा हुई और चारों युवकों ने मिलकर उदल राठौर पर चाकू से हमला बोल दिया। उदल की मौत हो गयी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। माघी पुन्नी मेला दसवें दिन रेखा देवार ने चंदैनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध प्रेमगाथा लोरी के चंदा की संगीत में नाट्य प्रस्तुति दी। इसी के साथ देवार कर्मा के गीत प्रस्तुत किए उस समय रेखा देवार ही नृत्य करने लगे। जिसे देखकर दर्शक अचम्भित रह गए। देवार जाति का होली एक विशेष त्योहार होता हैं।
होली खेले नंद लाल... ने दर्शकों को एक बार भी होली त्योहार की ओर ले गए। इसी कड़ी में लागे रहिथे दिवाना तोरो बर मोरो मया...इस गीत को सुनकर दर्शक भी नृत्य करने के लिए मजबूर हो गए। बंगला में खाके वीरो पान... यह एक ऐसा गीत हैं जिसको ंसुनने के लिए राजिम माघी पुन्नी मेला के सांस्कृतिक मंच ही मिलते हैं क्योंकि रेडियों का जमाना नही रहा।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डोगरगांव में जन्में छत्तीसगढ़ गायक और अभिनेता सुनील तिवारी की प्रस्तुति रही। जिसमें इनके साथियों के द्वारा मॉं की वंदना करते हुए। हे शीतला दाई मोर गांव... इस गीत को गाकर सांस्कृतिक मंच को भक्तिमय कर दिया। रंग झांझर के साथ आए पिंकी साहू ने एक बार फिर मांॅ की महिमा का बखान करते हुए। जगमग जगमग हो तोर दियाना..इस गीत की प्रस्तुति जब मंच पर हुई तों इस गीत को सुनकर चारों तरफ ऐसे लग रहे थे कि चारो तरफ ये दिये जल रहे हो। इसके बाद सुनील तिवारी ने भी रख लेेतेव मोर लाज ओ... गीत की प्रस्तुति दी। इसी के साथ पी.सी. यादव के द्वारा लिखे गए गीत हमर छत्तीसगढ़ के तहत छत्तीसगढ़ के करों बखान में इस गीत के माध्यम से मड़ई मेला गौरी-गौरा, राउत नृत्य, युवा गीत, होली गीत की प्रस्तुति लेकर पूरे मंच में साल भर के छत्तीसगढ़ी त्योहारों का बखान कर प्र्रस्तुति दी गई।
जिसमें दर्शक मंच के समीप बैठे-बैठे सारे त्योंहारों का खूब आनंद लिया। दौना के पान ला खोंचे ओ... छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकप्रिय गीत ने मुख्यमंच पर छंटा बिखेरी। बढ़ निक लागे गोरी तोरे बोली...., सपना सपना तोरे सपना..... जैसे आधुनिक गीतों की झमाझमा प्रस्तुति ने मुख्यमंच की गरिमा को चार गुना बढ़ाया। दर्शकों ने तालियों की बरसात कर दी। तै हा चुड़ी बजा के मोही डारे मन..... युगल नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। सपना के घर मा जैसे..... गीतों ने दर्शकों को झुमने के लिए प्रेरित किया। मंगनी मा मांगे मया....., संगवारी रे तोला झुलना..... खूब सीटी और तालियॉ बटोरी। नाचे रे तोर संग गावें रे मोरों संग... गोरी आ जाबे नदियॉ...., का मंतर तै मारे ओ... नृत्य से मुख्यमंच के बाजू खचाखच भीड़ झूमने नाचने लगे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सुनील तिवारी के द्वारा होली गीत जो उसके यूट्यूब में लगातार चल रही है ए मोहनी तोला रंग में रंगाहू रे तोला.... इस गीत ने दर्शकों की मांग को ध्यान मे रखते हुए मंच पर प्रस्तुति दी। कलाकारों का सम्मान ओएसडी गिरीश बिस्सा, एसपी भोजराम पटेल, एएसपी सुखनंदन राठौर, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, लीलाराम साहू, संतोष महंतो, राजेश जगत, विनोद कुर्रे, साधु निषाद, गिरीश राजानी, सूरज पटेल, दीपक सेन, ओमप्रकाश साहू, विकास तिवारी, निंरजन साहू ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 9 मार्च। समाज के विकास में जितनी पुरूषों की भागीदारी होती है उतनी ही अहम भूमिका महिलाओ ंकी भी है। आज महिलाए शिक्षा, व्यवसाय, व्यापार, नौकरी, समाज सेवा सहित हर क्षेत्र मे पुरूष में समान कुशलता से जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। महिलाएं किसी क्षेत्र में भी पुरूषों से कम नहीं है। आज जरूरत है महिलाओं को सम्मान देने की और उन्हें प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाने की है। उक्त बातें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर नगर पालिका अध्यक्ष नें महिला सफाईकर्मी के सम्मान समारोह में कही।
सोमवार को नगर के मंणिकंचन केन्द्र में नगर पालिका अंतर्गत कार्यरत महिला सफाईकर्मियो के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने सफाईकर्मी महिलाओ को सम्मानित करते हुए उन्हे महिला दिवस की शुभकामनायें दी और उन्हे उपहार भी भेंट किए। इस अवसर पर उन्होने महिलाओ के लिए तीन विशेष घोषणा भी की। नपा अध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही सिविल लाइन में महिलाओ के लिए अलग से जीम की व्यवस्था होगी, जो केवल महिलाओ के लिए ही होगा। इसके अलावा सफाईकर्मी महिलाओ को स्वालम्बन और घरेलु व्यवसाय से जोडऩे के लिए ब्युटीपार्लर सहित अन्य प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित करेंगे। इसके अलावा महिलाओ के लिए ड्राइविंग क्लास भी शुरू होगा। पहले 50 महिलाओ को प्रशिक्षण दिया जाएगा उसके बाद शेष महिलाओ का प्रशिक्षण होगा। नपा अध्यक्ष ने कहा कि मातृशक्ति की भूमिका नगर के सफाई व्यवस्था में अहम में, घर घर जाकर वे कचड़ा एकत्रितकरण की अहम भूमिका निभाती है। आज उन्हे सम्मानित करते हुए हमे गर्व हो रहा है। इस दौरान महिलाओ ने भी आत्मीयता से उनका आभार जताया। ज्ञात हो कि इतने वर्षो में पहली बार महिला दिवस के अवसर पर नपा में कार्यरत महिला सफाईकर्मियो को सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में सीएमओ संध्या वर्मा, नगर पालिका उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटेके, सभापति आसिफ मेमन ने भी संबोधित किया और अपनी शुभकामनायें दी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से विष्णु मरकाम, एल्डरमेन रमेश मेश्राम, इंजी अश्वनी वर्मा, सपना मिश्रा, गुलशन साहू, अखतर मेमन, निलिमा यादव, निर्मला वैष्णव, रीतू गंधर्व सहित पालिका के अन्य कर्मचारी भी मौजुद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 9 मार्च। टीचर्स एसोसिएशन द्वारा पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आगामी 13 मार्च को राजधानी में धरना प्रदर्शन किया जाना है। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन गरियाबंद की आवश्यक बैठक जिलाध्यक्ष आरिफ मेमन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। उक्त धरना प्रदर्शन में गरियाबंद जिले के पांचों विकास खण्ड से भारी संख्या में शामिल होने का निर्णय एक स्वर में लिया।
सोमवार को स्थानीय साईं मंदिर बैठक कक्ष में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की आवश्यक बैठक जिलाध्यक्ष आरिफ मेमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर 13 मार्च को राजधानी रायपुर में एन ओ पी आर यू एफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय शर्मा के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन एवं रैली में जिला के एन पी एस शिक्षकों की अधिक से अधिक उपस्थिति के संबंध में चर्चा की गई तथा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया
13 मार्च को गरियाबंद जिले के पांचो विकासखण्ड गरियाबन्द, छुरा, फिंगेश्वर, मैनपुर एवं देवभोग से अधिक से अधिक संख्या में साथी शामिल होंगे। बैठक में जिलाध्यक्ष आरिफ मेमन के अलावा जिला संयोजक भुवनयदु, आई टी सेल से गिरीश शर्मा,जिला संयोजक छन्नू सिन्हा, ब्लाक संयोजक परमेश्वर निर्मलकर, हुलस साहू,संतोष साहू,,गोविंद पटेल, नन्द कुमार रामटेके, नितिन बखारिया,किरण साहू, जमशीर कुरैशी, जितेंद्र सोनवानी, भगवंत कुटारे, शिव नारायण तिवारी, घनश्याम देवांगन, धवलेश्वर बेहरा, मुकुंद कुटारे, सलीम मेमन, घनश्याम यादव,योगेंद्र साहू, भूपेंद्र देवांगन, उबेलाल टण्डन, पेश्वर यादव, बीरेंद्र साहू, टीकम पटेल,डकेश्वर ध्रुव आदि जिला ईकाई गरियाबंद के शिक्षक उपस्थित थे। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष आरिफ मेमन ने संघ के सभी पदाधिकारियों व शिक्षकों से 13 मार्च को रायपुर में होने वाले धरना प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।
लोककला के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। महिला आज छोटे-बड़े सभी काम पूरी तन्मयता से कर नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। चाहे वह ओंलम्पिक खेलों में हो या फिर कला के क्षेत्र में इनके कार्य को नकारा नहीं जा सकता हैं। उक्त बातें राजिम माघी पुन्नी मेला में महिला दिवस के पूर्व संध्या मुक्ताकाश महोत्सव मंच में प्रस्तुति देने पहुॅची अनुराग धारा के प्रसिद्ध लोक गायिका कविता वासनिक ने कहीं।
उन्होंने अस्सी-नब्बे के दशक में गाये हुए पुराने गीतों को गाकर हजारों दर्शकों का दिल जीत लिया। बताया कि राजिम महोत्सव मंच कलाकारों को उर्जा देती हैं। यह राजीवलोचन भगवान की भूमि हैं दर्शन करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात हैं। राज्य सरकार लोक संस्कृति को उपर उठाने के लिए लोक कलाकारों को मंच प्रदान कर रही हैं। निश्चित रूप से तारीफे काबिल हैं। श्रीमती वासनिक ने बताया कि मैं बीएससी में बायोलॉजी हॅंू तथा खैरागढ़ विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा की है। वर्तमान में एसबीआई में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत हॅू। संगीत का माहौल मुझे अपने घर से मिला। उस समय एक लडक़ी का घर से निकलना मुश्किल था यदि मंच में गीत गाने चले जाए तो लोग सुबह ताने देते थे लेकिन माता-पिता दोनों गाने के शौकिन थे, इसलिए उन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया।
नतीजा मेरी गायिकी जोर पकडऩे लगा। 1977 में भिलाई लोककला महोत्सव में धनी बिना जग लागे सुना... गीत से मेरी पहचान बनी। 1982 में गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया द्वारा रचित गीत पता ले जा रे गाड़ी वाला... को आवाज देने के लिए मेरे नाम का चयन हुआ। मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। तीन मिनट में इसे पूर्ण किया गया। उस समय लग नहीं रहा था कि यह गाना हिट हो जाएगी लेकिन देखते ही देखते हर गाली मोहल्ले, चौक-चौराहे पर पॉपुलर हो गया। सन् 2017 में दाउ मंदराजी सम्मान से मुझे नवाजा गया। वह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पल रहा हैं। स्वर कोकिला लता मंगेश्कर सत्तर के दशक में छत्तीसगढ़ आए थे उनके खाने की टेबल में नाश्ते में रसगुल्ला रखा हुआ था। उन्होंने रसगुल्ले को चखे और बाकी रख कर चले गए। उसी समय में मेरे गुरू ने कहा कि कविता बचा हुआ रसगुल्ला तुम ले लो। मैंने इसे प्रसाद समझकर ग्रहण कर लिया उस रसगुल्ले की मिठास मेरे गानों में मिश्री की डाली की तरह लगातार फैल रही हैं। मेरे पति विवेक वासनिक, पुत्री हिमानी वासनिक तथा पुत्र हिमांशु वासनिक गायन के लिए मेरे उत्साह को हमेशा बढ़ाते रहते हैं। मैं यह जरूर कहना चाहूंगी कि लोककला के क्षेत्र में हम लोगों ने बहुत मेहनत किया है। रात-रात भर संगीतों के धुनों में कला को नए आकार देने के लिए लगे रहते थे जबकि उस समय कोई साधन नहीं था। आज नवोदित कलाकारों के लिए हर प्रकार की सुविधाएॅं उपलब्ध हैं उसके बाद भी फूहड़ता सर चढक़र बोल रही हैं यह बहुत चिन्तनीय हैं। इससे संस्कृति का हा्रस होता हैं। हमारा छत्तीसगढ़ लोककला, लोक संस्कृति, लोक खेल आदि के लिए जाना जाता हैं। इसे बरकरार रखें और अच्छी गीत उभरकर सामने आए ऐसा प्रयास होना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में आए नागा साधुओं ने कहा कि वे धर्मरक्षा के लिए मेले में पहुंचे हैं।
माघी पुन्नी मेला में नागा-साधु आए हुए हैं। उनसे मिलने के लिए ओएसडी.गिरीश बिस्सा ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सौरभ शर्मा, राजा चावला, पत्रकार रमेश चौधरी, विनोद जैन, लीलाराम साहू, आलोक पहाडिया के साथ श्री लोमस ऋषि आश्रम पहुॅंचे तथा संतो से भेंट किया। इस अवसर पर श्री बिस्सा ने सभी नागा साधुओं से प्रदेश के सुख समृद्धि एवं सफल आयोजन के लिए उनसे आशीर्वाद लिया। उन्होंने धर्मनगरी राजिम आगमन पर स्वागत किया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रशासन ने इस बार साधु-संतों को विशेष रूप से आमंत्रित नहीं किया गया हैं लेकिन आने वाले सभी संतों का स्वागत किया जा रहा है।
नागा-साधुओं ने बताया कि हम लोग अपने खर्चे से राजिम माघी पुन्नी मेला पहुॅंचे हैं चूॅकि यहां धर्मध्वजा स्थापित किया जा चुका है इसलिए उसे खड़ा करना जरूरी होता हैं। हमने दत्तात्रेय मंदिर पहुॅचकर पेशवाई निकाली है।
साधुओं के द्वारा तलवार बाजी करतब दिखाते हुए जुलूस पूरे नगर में भ्रमण किया। अखाड़ा प्रदर्शन को देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित हुए थे। संतों ने कहा कि हमें कोई बुलाए या न बुलाए धर्म रक्षा के लिए हम नियत समय में राजिम पहुंच गए। प्रतिदिन उनकी आरती उतारी जा रही है तथा श्रद्धा समर्पित किया जा रहा हैं।
श्री बिस्सा से भेंट के पश्चात साधु-संतों में बहुत संतोष देखा गया और उन्होंने प्रशासन को हर स्तर पर सहयोग का वादा किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 9 मार्च। माघी पुन्नी मेला में महानदी आरती का दृश्य अत्यंत दिव्य होता जा रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण आरती का अलौकिक दृश्य देखने के लिए उपस्थित हो रहे। एक ओर रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा रही, वहीं दूसरी ओर गृहमंत्री एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू के परिवार से सदस्यगण राजिम मेला में पहुंचे और महानदी आरती में शामिल होकर महाआरती किया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने भी अपने परिवार के साथ त्रिवेणी घाट पहुंच कर महानदी त्रिवेणी मैया की आरती उतारी तथा अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया भी सपरिवार आरती में शामिल हुए।
सभी ने मॉ त्रिवेणी की आरती कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस बीच पुरूषोत्तम मिश्रा टीम एवं पं. संतोष शर्मा ने स्वरबद्ध आरती गीत प्रस्तुत कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विप्र परिषद् से पं. ब्रम्हदत्त शास्त्री, आरती प्रभारी राम शर्मा, पं. कन्हैया तिवारी, देवेन्द्र दुबे, विजय शर्मा, विकास शर्मा, संतोष मिश्रा, दिनेश तिवारी, संस्कार मिश्रा, सूरज शर्मा के साथ आरती संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने मुखर होकर आरती किया। इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा जितेन्द्र सोनकर, जनपद के पूर्व अध्यक्ष राघोबा महाडिक़, पार्षद टंकु सोनकर, रतीराम साहू, पद्मा दुबे, रामकुमार साहू, विकास साहू, योगी कश्यप, अभिषेक सोनकर, हिमेश बैनर्जी, मोहिनिश ठाकुर, रामकुमार देवांगन, होमन साहू, ईश्वर देवांगन आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला के आठवें दिन सांस्कृतिक मंच पर भजन सम्राट डॉ. सतोष साहू एवं तीजन पटेल का जलव रहा। संतोष साहू ने अपनी चीर परचित आवाज नगर में जोगी आए.. ये इस गीत को गाकर उस समय की याद दिला दी जिस समय अयोध्य में श्रीराम का जन्म हुआ था और महादेव जोगी का रूप लेकर उनके दर्शन करने आए थे। आगे की कड़ी में शरीर के अंगों का महत्व बताते हुए गीत की प्रस्तुति दी।
मुख वे है जो हरि के नाम का सुमिरन करे... इस गीत ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुति के कारण सभी दर्शकों ने शांत भाव से गीत सुना। इसी के साथ तीजन पटेल ने ईश्वर सत्य है सत्य ही शिव हैं... सत्यम् शिवम् सुन्दरम् जैसे गीतों को सुनकर दर्शक भक्तिमय महानदी में डुबकी लगाने लगे। ऐसी लागी लगन मीरा होगी गई मगन... इस भजन में भी दर्शकों पर अपना छाप छोड़ा क्योंकि ऐसी गीत हमे रेडियों में सुनने को ही मिला करता था। इसी के साथ आबे तेला बतादे... और अपने समय में सबसे अधिक प्रसिद्ध चौरा म गोंदा... इस गीत ने राजिम माघी पुन्नी मेले का महत्व को और बढ़ाते हुए दर्शक बिना ताली बजाए नहीं रहे। कविता वासनिक मुख्यमंच की शोभा बन गई। दर्शकों की खूब सहारना बटोरी। कविता वासनिक के अनुराग धारा ने आदिवासी की संस्कृति का बखान करती आदिवासी वेशभूषा में सुसज्जित कलाकारों के समूह ने महुवा झरे रे... नृत्य गीत के माध्यम से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। कविता वासनिक बेटी एडवोकेट बहुत ही ओजस्वी स्वर में छत्तीसगढ़ महतारी की जयकारे के बाद मोला चढ़े हे हरेली के रंग की जबरदस्त प्रस्तुति दी तथा कार्यकम का शुभारंभ किया।
बखरी के तुमा नार बरोबर... दोपहर के समय रेडियों में चलने वाले इस गीत और नृत्य की प्रस्तुति जब मंच पर दी गई तो मुख्यमंच की शोभा और बढ़ती गई। इसी मंच पर मोला जावन देना रे अलबेला मोर अब्बड़ बेरा होगे... के गीत सुनकर दर्शकों में एक नई जान डाल दी। कार्यक्रम में एक नई उर्जा भरते हुए धनी बिना जग लागे सुना नई भावे मोला सोना चांॅदी ... इस गीत ने हमें अपने प्रिय जिससे हम स्नेह करते हैं उसकी याद इस माघी पुन्नी मेला में दिला दिया। कुछ महिला दर्शकों के आंखों में साफ-साफ उनकी यादें झलकती हुई दिखाई दी। को सुनकर दर्शकगण उत्साहित हो गए। पता ले जा पता ले जा रे गाड़ीवाला... मॉ के गोद में सो रहे बच्चे न जब ये गीत सुना तो वे झकझोर होकर उठ गया। इसी के साथ कहते है कि छत्तीसगढ़ त्यौहारो का राज्य है लेकिन होली एक ऐसा त्योहार जो सब के मन को मोह लेता है।
राजिम माघी पुन्नी मेला मुख्यमंच पर कविता वासनिक और साथियों के द्वारा होली गीत फागुन आगे सुन ले मोर कबीर... इसी गीत के साथ होली के मिंझरा गीत की प्रस्तुति मंच पर दी गई क्योंकि कुछ दिनों के बाद होली का त्योहार आने वाला है जिसका पूर्वाभ्यास दर्शकों को आज ही करा दिया गया। आज इस सांस्कृति मंच पर ये सना नना नई छोड़व तोला... इस गीत नृत्य के माध्यम से लुप्त हो रही छत्तीसगढ़ी खेलों को अभिनय के माध्यम से दर्शकों को बताया गया। दान का पर्व छेरछेरा पर्व को महत्व बताते हुए गीत की प्रस्तुति दी गई जिसमें छेरिक छेरा छेर मढ़ई के दिन छेर छेरा... इसी के साथ छत्तीसगढ़ में समस्त त्योहारों का वर्णन करते हुए बारहमासी गीतों की प्रस्तुति दी गई। जिसे दर्शक सुनकर सभी त्योहारों का आनंद ले लिया।
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए देवार गीत भी प्रस्तुत किया गया जिससे दर्शकों ने काफी तालियों के साथ स्वागत किया। कलाकारों का सम्मान एसपी भोजराम पटेल, एएसपी सुखनंदन राठौर, थाना प्रभारी विकास बघेल, जनप्रतिनिधियों में गफ्फु मेमन लक्ष्मी साहू, उत्तम निषाद, चेतन मेघवानी ने स्मृति चिन्ह और गुलदस्ता भेंट कर सम्मान किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला रविवार अपने पूरे रंगत में दिखा। जिधर नजर दौड़ाए उधर भीड़ ही भीड़ दिखी। बेहिसाब भीड़ को देखकर हर कोई कह उठा, ये है राजिम माघी पुन्नी मेला। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी से प्रारंभ पुन्नी मेला आज रविवार को सुबह 10 बजे से लोगो का आना शुरू हो गया और देखते ही देखते भीड़ बढ़ती गई। लम्बा चौड़ा वर्गाकार क्षेत्रफल में फैले मेला मे मेलार्थी परिवार सहित तो कोई दोस्तो व सहेलियों के साथ मेला देखने आये हुए थे। दोपहर बाद राजिम पुल में ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति निर्मित होती रही। मौजूद टै्रफिक के जवानों के सुझबुझ ने आवागमन को दूरूस्थ करते रहें।
मेला मैदान से लेकर महोत्सव मंच, कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर, राजीवलोचन मंदिर परिसर, भूतेश्वरनाथ मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, बाबा गरीबनाथ मंदिर, कमलक्षेत्र के आराध्य देवी मॉ महामाया मंदिर, पवन दीवान आश्रम, लोमश ऋषि आश्रम, नेहरू घाट, मीना बाजार, मौत का कुॅआ, आकाश झुला, डिस्को झुला, टोरा-टोरा झुला, पानी जहाज के अलावा मनियारी सामानों को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ दिन भर बनी रही। इस बार के पुन्नी मेला में ऐसा भीड़ पहली बार देखने को मिला। तकरीबन सात किमी. क्षेत्रफल में फैले इस मेले में ओर से छोर तक सिर्फ मेलार्थी ही रंग-बिंरगे वेशभूषा में दिख रहे थे। वीआईपी मार्ग के अलावा मामा-भांचा मंदिर से लेकर कुलेश्वर नाथ महादेव तक पांव रखने की जगह नहीं थी। वही मीना बाजार में जमकर खरीददारी हुई। वास्तव में संडे फन डे रहा।
अधिकतर लोग अपने परिवार के साथ में आये हुए थे और घुम-घुमकर मेले का लुफ्त उठा रहे थे। कुछ परिवार अपने साथ में दाल-चॉवल रोटी ले आए थे वह एक स्थान पर बैठ कर खाने का आनंद उठा रहे थे। पुलिस विभाग के द्वारा पाकिट मारों से बचने तथा बच्चों के जेब में मोबाइल न. रखने की एनांउमेंट में बार-बार किया जा रहा था। राजीवलोचन मंदिर के पास किसी व्यक्ति के पर्स गुमने की जानकारी दी जा रही थी बता दे कि उनके आधारकार्ड मौजूद थे ऐसे ही कई मामले आज देखने को मिली। शाम को गंगा आरती घाट में आरती के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित हुए और दिव्य आरती का दिग्दर्शन किया। पश्चात् महोत्सव मंच पर लोकसंस्कृति की सतरंगी छटा देखने पूरा दर्शकदीर्घा खचाखच भरा हुआ था। लोग जैसे ही संगम में पहुंचे लक्ष्मण झूला को आश्चर्य से देख रहे थे। बता दे कि अभी यह झूला पूर्ण नहीं हुआ है निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। रंगरोगन कर इन्हें आकर्षक लुक दिया गया है जो देखते ही बन रही है। कौतुहल वश इनको घंटो निहारते रहते है। संगम में स्नान कुंड बनाया गया है जिसमें दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु डुबकी लगाना नहीं भूलते है। सुबह के अलावा दोपहर तक प्रतिदिन पुण्य स्नान कृत्य किया जा रहा है। आज दोपहर विदेशी सैलानी भी मेले में पहुंचे और साधु-संतों से मिलकर अभिभूत हो गए। उन्होंने बताया कि राजिम मेला वेरी ब्युटीफुल है। इसी तरह न की छत्तीसगढ़ बल्कि दीगर प्रदेशों के भी लोगों ने भी मेले में भ्रमण किया। ज्ञातव्य हो कि शनिवार को राज्यपाल अनुसूइया उइके ने संत-समागम का शुभांरभ किया है तब से भीड़ देखते ही बन रही है। यह मेला 11 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 8 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में पहुंचे विभिन्न अखाड़ों से नागा संत-सन्यासियों सहित महात्माओं द्वारा भगवान दत्तात्रेय का आह्वान करते हुए पेशवाई निकाली। यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर आरंभ किया गया।
पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से प्रारंभ होकर सुंदरलाल शर्मा चौक, व्हीआईपी मार्ग, मेला मैदान होते हुए लोमष ऋषि आश्रम स्थित अपने पंडाल में पहुंचे, जहां विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया। पेशवाई के दौरान वे अपने अखाड़ों का विभिन्न करतब दिखाते हुए शस्त्र प्रदर्शन करते हुए निकले।
उक्त अखाड़ों को देखने एवं नागा-साधुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने सडक़ों के किनारे श्रध्दालुओं की भीड़ भक्ति भाव व रोमांच के साथ उमड़ पड़ी। पेशवाई यात्रा मे निकले साधु संतों पर उनके दर्शन खड़ी जनता उन पर फूल बरसा कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
इस पेशवाई यात्रा में विभिन्न अखाड़ों के नागा-साधु, सन्यासियां अपने पारंपरिक आलौकिक श्रृंगार के साथ अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस यात्रा के दौरान साधु संतों से उपस्थित जनसमूह की सुरक्षा तथा व्यवस्था को मदेनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तौद नजर आया।
पेशवाई यात्रा को देखने के लिए उमड़े जनसमूह को व्यवस्थित रखने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इतेजाम किये गये थे, ताकि व्यवस्था में किसी प्रकार को कोई व्यवधान न पड़े और ना ही आने वाले दर्शनार्थी किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना करने पड़े, इस बात का ध्यान मेला प्रबंध समिति एंव पुलिस प्रशासन द्वारा रखा गया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला में संत समागम के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यअतिथि के आसंदी से पहुंची राज्यपाल अनसुईया उइके सबसे पहले भगवान श्री राजीव लोचन मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। यहां से राज्यपाल महानदी की महाआरती में शामिल हुईं।
इस दौरान उनके साथ धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू, राजिम विधायक अमितेष शुक्ला सहित गरियाबंद कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर, एसपी भोजराम पटेल, सीईओ चंद्रकांत वर्मा, जिला प्रशासन के अधिकारी के अलावा अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस बीच स्वरबद्ध आरती ने श्रद्धालुओं को प्रभावित किया। त्रिवेणी मैया महानदी मैया की जयकारा से संगम गंूज उठा। विप्र परिषद् से पंडित ब्रम्हदत्त शास्त्री, राजू शर्मा, कन्हैया महाराज के साथ डॉ. संतोष शर्मा ने मुखर होकर आरती प्रस्तुत किया। इस दौरान पंडि़तों द्वारा राज्यपाल का स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया।
सेमरा में विशाल नारी शक्ति सम्मेलन एवं कन्या पूजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 7 मार्च। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत ग्राम सेमरा में विशाल नारी शक्ति सम्मेलन एवं कन्या पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद सुनील सोनी, अध्यक्षता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज, विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ी कलाकार राजेश अवस्थी एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की प्रदेश प्रतिनिधि संध्या तिवारी थी।
इस अवसर पर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है नारी शक्ति के योगदान के बिना समाज आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। उन्होंने नारी शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही शिखर तक पहुंचने का सर्वोत्तम माध्यम है। श्री सोनी ने कहा कि बेटे और बेटियों को समाज ने समानता का दर्जा दिया है तथा नए भारत के निर्माण में महिला और पुरुष दोनों की बराबर की भागीदारी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि नारी सशक्तिकरण से सशक्त एवं जागृत भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि देश के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जहाँ भी अवसर मिला है महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल कर अपनी योग्यता व सक्षमता सिद्ध की है।
सभा को छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार राजेश अवस्थी एवं संध्या तिवारी ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व अतिथियों के कर कमलों से कन्या पूजन का काम कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें नवजात कन्याओं का पूजन किया गया. कार्यक्रम में नारी जागरण के क्षेत्र में काम करने वाली महिला समूहों का भी सम्मान किया गया।
सांसद सुनील सोनी ने ग्राम सेमरा में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया। मंच के समीप हेमचंद साहू द्वारा रेत से माता कर्मा एवं नवजात कन्या की आकर्षक व अदभूत कलाकृति बनाई गई थी, जिसकी सभी लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।
इस अवसर पर भाजपा जिला मंत्री परदेसी राम साहू, मंडल अध्यक्ष नारायण यादव, अनिल अग्रवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष कुंदन बघेल, उपाध्यक्ष किशन शर्मा, सरपंच प्रकाश माहेश्वरी, शिवेन्द्र तिवारी, तोमनलाल साहू, दिलीप अग्रवाल, शोभाराम साहू, रिखीराम निषाद, अजीत चौधरी, रिंकू चंद्राकर, नत्थूराम साहू, सूरज साहू, किरण गिलहरे, राजेश तिवारी, सुरेश सिन्हा, लीलू साहू, निर्मल साहू, डोमन साहू, महेश्वरी साहू, जितेंद्र चंद्राकर, रघुनंदन साहू, प्रांजल शर्मा, आशीष पांडे एवं सेवकराम साहू आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। माता सीता का जन्मदिन जानकी जयंती के रूप में मनाया गया। जानकी जयंती के पावन अवसर पर कबीर पंथ एवं साहू समाज राजिम द्वारा जुलूस निकाला गया। यह जुलूस महामाया मंदिर से निकलकर सुंदरलाल शर्मा चौक, वीआईपी रोड, राजीवलोचन मंदिर होते हुए कुंड में समापन हुआ।
जानकी जयंती के अवसर पर श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पर्व स्नान कर पुण्य लाभ उठाया। सुबह से ही स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अटल घाट, संगम घाट, स्वर्ण तीर्थ घाट, नेहरू घाट, स्नान कुण्ड घाट में उमड़ पड़ी थी। इस दौरान दीपदान किया गया। महिलाएॅं सहित पुरूष व बच्चे स्नान उपरांत सूर्यदेव को अध्र्य दिया तथा रेत से शिवलिंग बनाकर जलाभिषेक किया। धतूरा केसरिया, शंकर, दूध, दही, सुगंधित तेल, सरसों तेल, गेंदा फूल चढ़ाकर शिवलिंग के अर्ध परिक्रमा किया। ऐसी मान्यता है कि जानकी जयंती के दिन जो भी विधि-विधान पूर्वक पूजन कर व्रत रखता है, उसें सोलह महादान, पृथ्वी दान व समस्त तीर्थ दर्शन का फल मिलता है। इस दिन सुहागिनें व्रत रखकर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है।
स्नान के लिए प्रमुख रूप से नगर पंचायत रेखा जितेन्द्र सोनकर, राजिम तेलीन भक्तिन समिति के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र साहू, पार्षद पुष्पा गोस्वामी, टंकू सोनकर, विनोद सोनकर, भारत निषाद, अरविंद यदू, कमलनारायण साहू, पीलू राम साहू, मितेश साहू, हरिनाथ साहू, साहू समाज के अध्यक्ष भवानी शंकर साहू, सचिव राजू साहू, उपाध्यक्ष चोवाराम साहू, देवलाल साहू, महिला उपाध्यक्ष उमा साहू, रामकुमार साहू, महिला अध्यक्ष सीमा साहू, लीला राम, लाला साहू, भेाले साहू सभापति, झाड़ूराम साहू, बेदराम साहू, गजानंद साहू, सालिक रामप्रसाद, लोकेश साहू, रामजीवन चिन्ताराम साहू, तरूण साहू, श्याम साहू, बेनूराम, आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
राजिम में धर्म, आध्यात्म एवं आस्था का भी संगम-उइके
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। त्रिवेणी संगम के तट पर आयोजित राजिम माघी पुन्नी मेला का संत समागम समारोह मुख्य अतिथि राज्यपाल अनसुईया उइके की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। राज्यपाल ने भगवान श्री राजीवलोचन और महानदी की पूजा आरती कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। समारोह में धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, सिहावा विधायक लक्ष्मी धु्रव, महंत गोवर्धन शरण महाराज, संत विचार साहेब, सिद्धेश्वरानंद जी महाराज, उमेश आनंद महाराज, देवदास महाराज मंच पर विशेष रूप से मौजूद थे।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुश्री उईके ने कहा कि राजिम पुन्नी मेले में आए साधु-संतों, श्रद्धालुजनों का मैं हार्दिक अभिनंदन करती हूं। यहां न सिर्फ सोंढूर, पैरी एवं महानदी का संगम है बल्कि यहॉं धर्म आध्यात्म एवं आस्था का भी संगम है। भगवान श्रीराजीव लोचन, श्री कुलेश्वर नाथ महादेव एवं राजिम माता की कृपा हमेशा बनी रहे। संगम में स्नान करने का पुण्य मिलता है। साधु संतों का समागम छत्तीसगढ़ के साथ देशभर का आयोजन बन गया है। किसी भी मेले का सामूहिक महत्व होता है। उन्होंने आगे कहा की भारत साधु-संतों की भूमि रही है उनके आगमन से पवित्रता को प्राप्त करते है। संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने नदियों, सरोवरों और वृक्षों की महत्ता और उनके संरक्षण पर विशेष बल दिया। आज इस बात की आवश्यकता है कि हम अपने पुरखों द्वारा दिखाई गई राह पर चलें। राज्यपाल ने लोगों से अपील किया है कि कोरोनावायरस बचने के लिए अभी भी सावधानी बरतें और मास्क का उपयोग करें।
धर्मस्व और जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हम मेला को लगातार अच्छा बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यहाँ स्थानीय पुरोहितों ने पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती की है। हमारी सरकार ने स्थानीय को ही ध्यान में रखकर मेला के स्वरूप को बदला है।
इस अवसर पर अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने राजिम की गरिमा को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां की संस्कृति, परम्परा और आस्था लोगों के जीवन शैली में शामिल है। पुरातन समय मे लोग अपने परिवार के साथ यहां आते थे और राजिम मेला का आनद लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मूल संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ा रही है।
राजिम विधायक श्री शुक्ल ने कहा कि राजिम की इस पवित्र भूमि से सदैव लगाव रहा है। यहां की मिट्टी से वे रचे बसे है। उन्होंने कहा कि राजिम मेले की महत्ता इस क्षेत्र ही नही बल्कि पूरे देश के लिए जाना जाता है।
कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि अब तक करीब 3 लाख श्रद्धालुओं ने राजिम मेला में आकर कर दर्शन किये है। कोरोना संक्रमण से सावधानी बरतने प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किये गए है।
ब्रम्हकुमार नारायण भाई ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह आयोजन आस्था धर्म संस्कृति के बीच हो रहा है। मानव स्वयं को भूल जाता है तब ऐसे समय पर स्वयंभू शिव कल्प के अंत में आता है। आत्मा अजर अमर है सत्यता के आभाव के कारण मानव का मनोबल गिरता जा रहा है। आस्था ज्ञान का रुप लेती है तब अध्यात्म बन जाता है। जहॉं सत्य वहॉं शांति है।
इस अवसर पर गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, नवापारा के अध्यक्ष धनराज मध्यानी, जनपद पंचायत फिंगेश्वर के अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा साहू सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक भोज राम पटेल, अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 7 मार्च। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव ठाकुर ने जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि अभी हाल ही में छुरा विकासखंड अंतर्गत संकुल समन्वयकों की चयन में गड़बड़ी हुई है। इस मामले में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए गड़बड़ी ठीक करने को कहा गया है अन्यथा आंदोलन हेतु बाध्य होंगे ।
छुरा ब्लाक अंतर्गत कुल 35 संकुल है। जिसमें से 20 पुराने एवं 15 नए संकुल है, जिस पर संकुल समन्वयक की चयन होना है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि चयन होने से पहले ही कुछ संकुल में संकुल समन्वयक चयन हेतु शासन के नियमानुसार न कर शिक्षा विभाग में पदस्थ कुछ अधिकारियों ने नियमों को ताक में रखकर अपने मनमर्जी से अलग नियम बनाकर विकासखंड अंतर्गत कुछ संकुल में अपने चहेतों को चयन किया है। जबकि शासन स्तर पर संकुल समंवयक की चयन प्रक्रिया का नियम यह है कि संकुल स्तर पर संकुल प्रभारी (संबंधित प्राचार्य) के द्वारा संकुल स्तर पर मूल शाला में पदस्थ जहां 2 से अधिक शिक्षक,जो कंप्यूटर या एंड्रॉयड मोबाइल में दक्ष हो, संकुल समन्वयक बनने हेतु इच्छुक उच्च श्रेणी, शिक्षक प्रधान पाठक, शिक्षक एलबी, सहायक शिक्षक एलबी, हो उनसे आवेदन मंगाया जाना है। आवेदन प्रक्रिया पश्चात प्राप्त आवेदनों की उचित जांच कर प्राथमिकता के आधार पर यदि उच्च श्रेणी शिक्षक, प्रधान पाठक यदि दोनों इच्छुक नहीं है, तो शिक्षक एलबी और वह भी इच्छुक नहीं है तब की स्थिति में सहायक शिक्षक एलबी को चयन करना है, लेकिन छुरा ब्लॉक में इस तरह न होकर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कुछ संकुल में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सारे नियम- कायदे बदलकर मनमर्जी से अपना नियम बनाकर उच्च वर्ग शिक्षक, प्रधान पाठक, शिक्षक एलबी के रहते प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी का चयन करने के लिए उच्च स्तर पर भेजा गया है। यह सरासर गलत है।
ठाकुर ने चयन सूची जारी होने के पहले ही उक्त मामले को गंभीरता से जांच की मांग व अफसरों की कार्यशैली तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर कर शिकायत करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग अमितेश शुक्ल प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री छत्तीसगढ़ शासन विधायक राजिम विधानसभा क्षेत्र व कलेक्टर जिला गरियाबंद से की है।
वन मंत्री को जिपं सदस्य ने लिखा पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुंडेल स्थित धान संग्रहण केंद्र में हाथियों के हमले से चौकीदार की मौत एवं क्षेत्र के विभिन्न गाँवों रवेली, पंडरीतराई, कोपरा आदि में फसलों को हाथियों द्वारा पहुँचाये जा रहे नुकसान की मुआवजा राशि प्रदान करने गरियाबंद जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू ने प्रदेश के वन मंत्री को पत्र लिखकर यथाशीघ्र मुआवजा राशि प्रदान करने की गुहार लगाई है।
उन्होंने राजस्व विभाग और कृषि विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन कराकर नुकसान का आंकलन वन विभाग को देने का आग्रह किया। साथ ही विगत दिनों गरियाबंद में हुई जिला पंचायत की सामान्य सभा में जिपं सदस्या ने कुंडेलभांठा धान संग्रहण केंद्र में हाथी के हमले से हुई मौत व बेलर धान उपार्जन केंद्र में हुए नुकसान का मामला उठाते हुए मृतक के आश्रित को वन विभाग में नौकरी प्रदान करने व मुआवजा राशि देने की मांग की थी। उन्होंने वन मंत्री से जिलेवासियों को हाथियों से सुरक्षा व मुआवजा दिलाने की मांग की है।
जिला पंचायत सदस्य सदस्य चंद्रशेखर साहू ने कुंडेलभांठा धान संग्रहन केंद्र व नुकसान हुए क्षेत्र का निरीक्षण कर कहा कि जंगली हाथियों के दल ने यहां जमकर नुकसान पहुंचाया है उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर एक्सपर्ट टीम बुलाकर हाथियों को जंगलों की ओर खदेडऩे का आग्रह किया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। राजिम माघी पुन्नी मेला के सांस्कृतिक मंच दर्शकों से चारों ओर खचाखच भरा हुआ है। इसके मुख्य कारण छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रसिद्ध गायक सुनील सोनी का कार्यक्रम का था। प्रारंभ में इनके सहयोगी कलाकारों के द्वारा मंच में गीत के धुन बजाकर समां बांधा।
राजिम मुख्य मंच में सातवें दिन प्रथम कार्यक्रम में पंडवानी गायन की प्रस्तुति रही। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दूसरी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सुपरस्टार सुनील सोनी की प्रस्तुति शुरू होते ही दर्शकों की भीड़ होना आरंभ हो गया।
सुनील नाइट्स की पहली प्रस्तुति अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार... से शुरू हुई। ये गीत आज वर्तमान में राजकीय गीत के रूप में प्रस्तुत की जा रही हैं। वा रे मोर पडक़ी मैना तोर कजरैली नैना...की गीत ने दर्शक का मनमोह लिया। पारम्पारिक छत्तीसगढ़ गीत ददरिया जो कि एक प्रेम गीत हैं, लेकिन हमारे हॉं धार्मिक भाव में भी ददरिया गाया जाता है-चूड़ी रे पहिरे... की सामूहिक पारम्पारिक वेशभूषा की प्रस्तुति में दर्शक भाव विभोर हो गए। इस नृत्य ने खूब तालिया बटोरी। बुलंदी की दुनिया को गायकी के क्षेत्र में छूने वाले सुनील सोनी को सुनने महानदी की गोद में हजारों लोग बैठे रहे और सैकड़ों लोगो ने खड़े होकर आनंद लिया। ये वे दौना पान... जैसे ही शुरू हुआ दर्शकों ने तालियों और सीटियों की आवाज से पूरा राजिम क्षेत्र गूंज गया। मॉ-बाप को समर्पित गीत छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गीत छईया भुईया ल छोड़ जवैया तै जाबे कहा रे... की प्रस्तुति ने तो धूम ही मचा दिया। माता-पिता और धरती के प्रति लगाव सभी में होता है। दर्शक बहुत ध्यान मग्न हो गए और पूरे छत्तीसगढ़ महतारी के नारी से पूरा मंच गूंज गया। मुख्यमंच पर एक से बढक़र एक झमाझम प्रस्तुति की कड़ी में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत काने मा बाली अउ गोरा-गोरा गाल सुनकर और नृत्य से दर्शक झूमने पर विवश हो गए। ये दे जिदंगी के नई हे गा ठिकाना... की बहुत मनमोहक प्रस्तुति ने तहलका मचाया और खड़े होकर नाचने लगे। नौ महीना ले कोख मे रख के... झन भुलव मॉं बाप ल... की प्रस्तुति से दर्शक भाव-विभोर हो गए। अपने-अपने माता-पिता के प्रति जोरदार जयकारा लगाये और तालियों की गढग़ढ़हट से स्वागत किए। माटी ल छोड़ी कहॉं जाबे रे संगी माटी के कर्जा ल चुकाना... बहुत ही मार्मिक प्रस्तुति में सभी डूब गए और जन्म भूमि के प्रति श्रद्धा के भाव का संचार हो गया। मोर संग चलव रे मोर संग चलव न... की प्रस्तुति ने समां बाधे रखा अंत तक दर्शक मुख्यमंच की समीप डटे रहे और कलाकारों का उत्साह वर्धन करते रहे। मया होगे रे तोर संग मया होगे न... गीत सुनकर सिटियों की आवाज लगातार आने लगा।
इसी कड़ी में गीत आजा सवरेगी तय हा जिंदगी में मोर.... की शानदार प्रस्तुती ने दिल की धडक़न को तेज कर दिया इस गीत ने खूब तालियॉ बटोरी। कार्यक्रम का संचालन निरंजन साहू, मनोज सेन एवं महेन्द्र पंत द्वारा किया। कलाकारों का सम्मान एसपी भोजराम पटेल, अपर कलेक्टर जेआर चौरासिया, कांग्रेस नेता रतीराम साहू, विकास तिवारी, गिरीश राजानी, सौरभ शर्मा टंकू सोनकर, प्रवीण सोनकर, उत्तम निषाद, रामानंद साहू, साधू निषाद, चेतन सोनकर, चंद्रहास, विनोद सोनकर, अरविंद यदु, राकेश साहू, रानू साहू, हरि साहू, शीतल चौबे आदि जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। सामूहिक विवाह के दौरान राजिम विधायक और जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू के बीच तनातनी ने तूल पकड़ लिया है। कल साहू समाज ने विधायक का पुतला जलाते हुए नारेबाजी की और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञात हो कि माघी पुन्नी मेला 27 फरवरी के दिन महिला एवं बाल विकास द्वारा श्रीराजीवलोचन मंदिर में सामूहिक विवाह के दौरान अधिकारियों द्वारा जब राजिम विधायक अमितेष शुक्ल को आशीर्वचन के लिए बुलाया. तब जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने अधिकारियों से कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष के बाद जिला पंचायत सदस्यों को आशीर्वचन के लिए बुलाना था। उनकी इस बात को लेकर श्री शुक्ल भडक़ उठे और मंच से ही पुलिस को बुलाकर श्री साहू को बाहर निकालने या गिरफ्तार करने की बात कहने लगे। उनकी इस बातों को साहू समाज ने गंभीरता से लिया और समाज के युवाओं ने पुतला दहन करने की योजना बना डाली।
शुक्रवार को राजिम स्थित पं. सुंदरलाल शर्मा चौक पर पुतला दहन के लिए साहू युवा प्रकोष्ठ के सदस्य एकत्रित होने लगे, उनको एकत्रित देख चौक पर पुलिस बल भी सुरक्षा की दृष्टि से चौक के चारों ओर खड़ी हो गई। पुलिस की नजर चारों ओर पुतला देखने के लिए टिकी हुई थी। वहीं अमितेष समर्थकों को यह कहते हुए सुना गया कि पुतला दहन नहीं हो पायेगा, क्योंकि साहू समाज हमारे साथ है।
युवा प्रकोष्ठ के सैकड़ों सदस्यों ने श्रीशुक्ल का पुतला जलाने की रूपरेखा पहले से ही तैयार कर रखी थी। मिली जानकारी के अनुसार उनके द्वारा चार पुतले तैयार किए गए थे और जहंा से भी मौका मिलेगा, पुतला दहन कर दिया जायेगा। अचानक फिंगेश्वर रोड से आकर चौक से 50 मीटर की दूरी पर पुतला दहन करने लगे। वहां खड़े कुछ अमितेष समर्थकों ने कहा कि पुतला दहन नहीं हो पाया। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इन युवाओं ने पुतला जलाया मगर वह आधा ही जल पाया था।
अधजले पुतले को लेकर छीनाझपटी
पं. सुंदरलाल शर्मा चौक से 50 मीटर दूर फिंगेश्वर रोड पर साहू युवा प्रकोष्ठ के सैकड़ों लोगों ने जैसे ही पुतला जलाना प्रारंभ किया, पुलिस और युवाओं के बीच छीनाझपटी चलने लगी। यह क्रम लगभग 5 मिनट चला होगा, जब तक पुतला आधा ही जल पाया था कि पुलिस उसे छीनकर ले गई।
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पं. सुंदरलाल शर्मा चौक पर साहू युवा प्रकोष्ठ के सदस्यों द्वारा श्रीशुक्ल के खिलाफ लगभग एक घण्टे नारेबाजी करते रहे और अंत में एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
पुतला दहन में किशोर साहू, प्रकाश साहू, चेमन साहू, नेपाल साहू, तूकेश साहू, देवेंद्र साहू, सुमन साहू, होरी साहू , लिमन साहू, खोमन साहू, शिव शंकर साहू, वेद प्रकाश साहू, राजू साहू, झामण साहू, झलेंद्र साहू, दिकेश साहू, नेमीचंद साहू, आदित्य साहू, पुरुषोत्तम साहू, सत्येंद्र साहू, आशा साहू, मनोज यादव, टोकेश साहू, तेजसिंह, सुभाम तारक, जितेंद्र साहू, वेदव्यास साहू, किशन साहू, मनोज साहू, रूपेश कुमार, कोमल साहू, गजाधर साहू, पुनाराम साहू, दीपचंद, लीलाराम, भागवत, नेमीचंद, उत्तम साहू, हीरालाल, तुकेश साहू, यश कुमार, निक्कू नरेश साहू, सलिक, पप्पू साहू, आशाराम, इंद्रजीत साहू, हृदय साहू, रेखरम साहू, नेमण साहू, लोकनाथ साहू, धनेंद्र साहू , वीरेंद्र साहू, राहुल प्रमोद साहू, कीर्तन साहू, धनंजय साहू, लाल चंद साहू, गज्जू साहू, ललित साहू, ताराचंद साहू, गजेंद्र यादव, पुरुषोत्तम, चुम्मन साहू, रामनाथ साहू, डीहु साहू, शत्रुघ्न साहू, अशोक साहू, शंकर साहू, भारत साहू, नेतराम साहू, रामाधार, रामदयाल साहू, गिरवर साहू, लिखूं साहू, पूनम, किशन साहू, हेमनरायान, कोमल, ओंकार साहू, लिखेश्वर साहू, भागवत साहू, भीखम साहू, संतु साहू, लकेश साहू, जितेंद्र साहू, राकेश साहू, ईश्वर साहू, कमलेश साहू, उमाकांत साहू, महेंद्र साहू, शंकर साहू, कामता साहू, लेखु साहू, प्रीतम साहू, लेखराम, भूषण साहू, गिरवर साहू, संजय साहू, कृष्णा साहू, बाबूलाल साहू, त्रिलोकी साहू, मनोज कुमार, संजय साहू आदि शामिल थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 6 मार्च। नशा नाश की जड़ हैं इसके चक्कर में जो भी पड़ा हैं, वह बर्बाद ही हुआ हैं। मनुष्य जीवन वरदान है। श्वांस की हर घड़ी कीमती है। इनका सदुपयोग करें। आप जिस भी फिल्ड हो चाहे किसान, इंजीनियर, डॉक्टर, मास्टर, गायक कोई भी हो समय का महत्व को समझें। जो चला गया वह वापस नहीं आएगा इसलिए हर काम सोच समझकर करे। यदि किसी को कुछ दे नहीं सकते तो मीठे ही बोल ही दे। इससे आपका महत्व बढ़ जायेगा। उक्त बातें राजिम माघी पुन्नी मेला के मुख्यमंच पर प्रस्तुति देने पहॅुचे प्रसिद्ध लोकगायक नीलकमल वैष्णव ने व्यक्त किए। उन्होंने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि मोला झोल्टू राम बना दिए मेरा पहला गीत रहा है, जिससे मुझे खूब प्रसिद्धि मिली उस समय रील वाले कैसेट का जाना हुआ और सीडी कैसेट बाजार में तेजी से फैले। जिनके माध्यम से हर गली कुचे में मेरी आवाज गुंजी और लोगो के दिलों में लम्बे समय तक इस गाना के माध्यम से छाया रहा। उन्होंने आगे बताया कि मेरी पढ़ाई दसवीं तक हुई हैं। दसवीं में चार बार फैल हुआ। मेरा ध्यान सदैव गीत व भजन की ओर रहा स्कूलों में भी हमेशा दोस्तों को गीत सुनाया करता था। रामायण मंच में लगातार भजन की प्रस्तुति दिया और आरके स्टुडियों में रिकॉडिंग भी किया। स्टुडियों वाले ने मुझे छत्तीसगढ़ी गाने के लिए प्रोत्साहित किया। फिर छत्तीसगढ़ी गाना लिखना शुरू कर दिया। नीलकमल के चन्दा रानी ओ...., मोला झोल्टू राम, सतरन्गी रे....., गवईया होते त.... इनके कैसेट हाथों हाथ बिकते गए और मेरी प्रसिद्धि न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दीगर राज्यों में भी फैलने लगी। चुनाव प्रचार में अभिनेता राज गब्बर आए थे। उन्हें खुद गाकर मैने गीत सुनाया तो वह खुश हो गया। हालांकि उन्हें छत्तीसगढ़ी समझ नहंी आई। प्रस्तुतिकरण उन्हें भावविभोर कर दिया और छत्तीसगढ़ का सोनू निगम नाम दे दिया। बेलतरा बरभांटा में मेरा जन्म हुआ है। जम्मू कश्मीर से लेकर लगभग देश के सभी राज्य में मैने प्रस्तुति दी है। 500 से भी अधिक गीतें लिखी हैं। गीत की रचना करने की कला के साथ ही गायन से मेरी पहचान है। उन्होंने अपनी निजी जानकारी शेयर करते हुए कहा कि साल भर पहले नशा करने के कारण मेरी तबियत बिगड़ गई थीं। मेरा बचना मुश्किल था। डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये तब किसी ने अपोलो हॉस्पिटल का पता बताया। वहां इलाज चला और ईश्वर की कृपा से मै दर्शकों के बीच में हॅू। उन्होंने आगे कहा कि कर्म का फल निश्चित रूप से मिलता हैं अच्छा करने पर अच्छा फल तथा खराब कर्म में खराब फल ही मिलता हैं इसलिए अच्छा सोचे, मेहनत करे। सफलता कदम चुमेगी। श्री वैष्णव ने नये कलाकारों को संदेश देते हुए कहा कि खूब मेहनत करें फल की चिन्ता न करे। छत्तीसगढ़ी गीत पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करे। चूॅंकि छत्तीसगढ़ी का स्कोप उंचाईयां प्रदान करेगी।
34 वर्षों तक मातृभूमि की सेवा के लिए सीमा पर डटा रहा जवान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 6 मार्च। नगर के वीर सपूत सेना में सूबेदार मेजर रहे गोवर्धन शर्मा बुधवार को सेवानिवृत्ति होने के पश्चात अपने गृह नगर नवापारा पहुंचे, जहाँ पर समूचे नगर वासियों द्वारा गर्मजोशी के स्वागत अभिनन्दन किया।
नगर के हृदय स्थल दीनदयाल उपाध्याय चौक में उनके स्वागत में जमकर आतिशबाजी की गई। वहीं सूबेदार मेजर के उनकी गृह नगर में कदम रखते ही नगर के प्रथम नागरिक धनराज मध्यानी, नगर पालिका परिवार, परिजन व गणमान्य नागरिकों के द्वारा उनका फूल माला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। वही उनके मित्र मण्डली द्वारा उन्हें फूलो से लाद दिया गया।
स्वागत पश्चात सूबेदार मेजर गोवर्धन शर्मा खुली जीप में सवार होकर फूलचंद महाविद्यालय, राजीवलोचन महाविद्यालय व हरिहर स्कूल के एन. सी. सी. के कैडेट्स के मार्च पास्ट की अगुवाई मे सदर मार्ग से घर के लिए निकले। बैंड बाजा के साथ निकली इस स्वागत जुलुश का सदर रोड में जगह जगह लोगों द्वारा उन्हें रोक कर माला पहनाकर, आरती उतारकर व मुँह मीठा कराकर स्वागत सत्कार किया गया।
गोवर्धन शर्मा के साथ राकेश जैन मितेश शाह खुली जीप पर सवार थे। गोवर्धन शर्मा का स्वागत जुलूस नगर के न्यू बस स्टैंड, सुभाष चौक, कुम्हारपारा, सदर रोड, बंडू होटल, चांदी चौक, नेहरू घाट, सब्जी मंडी, अग्रसेन चौक व महावीर चौक होते हुए गांधी चौक पहुंची। यहां पर अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें आगंतुक अतिथि के रूप में दिनेश मिश्रा प्रांतीय अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक संघ, वीरेंद्र सिंह तोमर प्रांतीय अध्यक्ष करणी सेना, लीलाधर चंद्राकर प्रांतीय अध्यक्ष विश्व हिंदू महासंघ रायपुर राजीव भाई संगठन मंत्री विश्व हिंदू महासंघ छत्तीसगढ़ संजीव गौतम प्रांतीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सनातन सेना डॉ राजेंद्र गदिया वरिष्ठ चिकित्सक एवं गोपाल यादव उपस्थित थे।
उक्त अभिनन्दन कार्यक्रम में डॉ. अनमोल शर्मा ने मेजर साहब की 34 वर्षों की जीवनयात्रा का संक्षिप्त वृत्तांत बताया वही प्रतीक शर्मा ने सार्वजनिक अभिनन्दनपत्र प्रस्तुत किया।
सूबेदार मेजर के बड़े भाई ब्रह्मदत्त शास्त्री ने उनके बचपन के स्मृतियों को साझा किया. कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ पार्षद प्रसन्न शर्मा व अजय नामदेव ने किया। वही कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन मितेश शाह ने किया। सूबेदार मेजर ने अंत में सभी को इस पल को यादगार बनाने के लिए सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।
तिरंगे से दुल्हन की तरह सजा था नवापारा, भारत माता की जयघोष से गूंज उठा सदर मार्ग
सूबेदार मेजर गोवेर्धन शर्मा का 34 वर्ष बाद भारत माता की सेवा कर घर वापसी पर इस पल को ऐतिहासिक व यादगार बनाने के लिए मेजर कें बचपन के मित्र व परिजनों ने पूरे स्वागत मार्ग को तिरंगे ध्वज व पताको से सजाया था। वहीं उनके स्वागत के दौरान रास्ते भर भारत माता की जयघोष के नारे सदरमार्ग में गुंजायमान होने लगा था।
उक्त पल को खास बनाने के लिए मित्र मण्डली से इस अवसर पर संजय बंगानी, राजीव बोथरा, विकास लोटिया, राजेश बोथरा, विवेक शर्मा, मितेश शाह, प्रवीण देवांगन, कलीदान कंसारी, तुकाराम कंसारी, अशोक सचदेव, आनंद श्रीवास्तव, डॉ मनोज मिश्रा, हेमंत लुंकड़, टेकचंद मेघवानी, सुनील तिवारी, संजय पारख, लिलेश पारख, मोहम्मद असलम, दिनेश सोनी, सुरेश जगवानी, चंद्रकांत मिश्रा, मधुसूदन शर्मा, अनिल शाह, प्रदीप देवांगन, अनिल जगवानी, रतीराम साहू, श्याम अठवानी, गिरधारी अग्रवाल, विजय गोयल, विमल डागा, मुन्ना मिश्रा, राजा चावला, ईकबाल भाई सहित पूर्व सैनिक सेवा परिषद छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष केपी साहू सरंक्षक सूबेदार गजमोहन साहू, योगेश साहू, मुरारी लाल साहू, अजय पूरी गोस्वामी, चमन लाल ध्रुव, रूपेंद्र साहू, प्रेम नारायण साहू, प्रकाश कँवर, कन्हैया लाल साहू, लालाराम ध्रुव, मनीराम ढीमर, फरमेन्द्र साहू, भूषण साहू, लक्षण साहू, चिंताराम साहू, प्रकाश साहू, ओमप्रकाश साहू, अजय नामदेव सहित सैनिक सेवा से कांकेर के अध्यक्ष रवि कुमार साहू, पी. प्रधान, मुति लाल, अनिल धु्रव, भूपेंद्र धु्रव, खिलावन साहू, रायपुर से अध्यक्ष खेमचंद निषाद, रोहित साहू, नायब सूबेदार डीपी पटेल, सोनू भगत, सहित अनेक लोग उपस्थित थे।