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जगदलपुर, 12 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर शहर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता के नेतृत्व में कांग्रेस के घोषणा पत्र में नजूल पट्टा देने का वादा पूरा करवाने व भाजपा कार्यकर्ताओं पर दर्ज एफआईआर हटाने राज्यपाल अनुसुईया उइके को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें यह कहा गया कि 6 जनवरी 2021 को आरटीओ दफ्तर का लोकार्पण की शिलालेख पट्टीका का जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उनकी कैबिनेट और बस्तर के आदिवासी नेताओं के नाम उल्लिखित हैं, आरटीओ अधिकारी के कक्ष के समक्ष लगी है, इस शिलालेख में उल्लेखित नेताओं के नामों के साथ छेड़छाड़ की गई है जिसका अवलोकन स्वयं आरटीओ अधिकारी एवं पूरा कर्मचारी पूरे दफ्तर काल में करते हैं इस शिलालेख पट्टीका का में नाम को सुधारने हेतु नगर मंडल भाजपा द्वारा ज्ञापन आरटीओ ऑफिस में दिया गया था। ज्ञापन देने के दौरान नारे लगे और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने आरटीओ अधिकारी के नाम पट्टिका पर कालिख लगाई, इस दौरान भाजपा के किसी भी नेता के द्वारा आरटीओ अधिकारी का ना ही नाम लिया गया ना उनकी जाति का किसी प्रकार संबोधन किया गया ना ही असंवैधानिक कार्य किए गए।
ज्ञापन के माध्यम से यह कहा गया कि आरटीओ अधिकारी के द्वारा अवैध वसूली और भ्रष्टाचार जैसे विषय पर अपनी नाकामी को छुपाने के लिए उन्होंने अपने जाति का सहारा लेकर अनुसूचित जाति थाने में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई किसी प्रकार का जातिगत और असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। यह उल्लेख स्वयं आरटीओ अधिकारी ने रिपोर्ट में किया है।
राज्यपाल से आग्रह है कि ऐसे राजनीतिक जनहित के आंदोलन में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के ऊपर दुर्भाग्यपूर्ण एवं राजनीतिक दबाव में एससी-एसटी एक्ट लगाई गई है। जिसे हटाए जाने हेतु पहल करने का भारतीय जनता पार्टी जगदलपुर शहर के पदाधिकारी करते हैं।
साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि कांग्रेस पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि हम नजूल कब्जा धारियों को निशुल्क पट्टा प्रदान करेंगे, पर नगर निगम जगदलपुर क्षेत्र में काबिल नजूल भूमि स्वामियों को शासन प्रशासन द्वारा जबरन हटाने की कार्रवाई की जा रही है साथ ही इन्हें उन्हीं जमीन पर काबिज रहने की एवज में जमीन को 150 फीसदी मूल्य अदा कर रजिस्ट्री कराने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।
राज्यपाल से आग्रह व निवेदन है कि नजूल भूमि पर कब्जा धारियों ने अपनी क्षमता अनुसार अपना आशियाना बना रखा है। इन्हें हटाया जाना या इनके ऊपर दबाव बनाकर 150 फीसदी मूल्य में रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रशासन द्वारा बाध्य करना गलत है। राज्यपाल से नगर मंडल भाजपा जगदलपुर आग्रह करता है कि नजूल भूमि में कब्जा धारियों को कांग्रेस के घोषणा पत्रानुसार निशुल्क पट्टा दिया जाए। कब्जा धारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का प्रशासनिक दबाव विस्थापन एवं रजिस्ट्री का ना डाला जाए। राज्यपाल से निवेदन है कि इस विषय को संज्ञान लेते हुए कब्जा धारियों को पट्टा प्रदान करवाने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करेंगे।
ज्ञापन देने वालों में जगदलपुर भाजपा शहर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, महामंत्री संग्राम सिंह राणा, उपाध्यक्ष राकेश तिवारी, कोषाध्यक्ष कमल पटवा, मंत्री शशिनाथ पाठक ,अभय दीक्षित, आशुतोष पाल ,प्रकाश झा,गणेश काले, संतोष त्रिपाठी, शैलेश श्रीवास्तव, दिगंबर राव, रोशन झा सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी । आमचो बस्तर रेडियो के माध्यम से सामुदायिक शिक्षा की सुलगी चिंगारी को ज्वाला का रूप देने की अपील कलेक्टर रजत बंसल ने की। आज लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय में पढ़ई तुंहर दुआर के तहत आयोजित क्विज प्रतियोगिता में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के दौरान उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बीच शिक्षा के लौ को जलाए रखने के लिए बस्तर जिले में शिक्षा विभाग ने कई नवाचार किए। उनमें आमचो बस्तर रेडियो भी शामिल है, जिसमें लाउड स्पीकर के माध्यम से शिक्षा पहुंचाने का कार्य सतत रूप से किया गया। उन्होंने इस अवसर पर ए-विजन केबल के माध्यम से कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षा की लौ को जलाए रखने वाले शिक्षकों को भी सम्मानित किया।
कलेक्टर ने कहा कि आमचो बस्तर रेडियो के माध्यम से शिक्षा देने की इस नई परिकल्पना में तब कई आयाम जुड़े, जब इनके माध्यम से पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी दी जाने लगीं। उन्होंने कहा कि सरकार सामुदायिक शिक्षा के लिए कई वर्षों से जो प्रयास कर रही थी, उसे लाउड स्पीकर के माध्यम से सहजता से देकर बस्तर जिले ने एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने सामुदायिक शिक्षा की सुलगी इस चिंगारी को ज्वाला का रूप देते हुए इसे व्यापक स्तर पर फैलाने की अपील की।
कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ लोगों में जागरुकता का जो वातावरण तैयार हुआ है, उसे निरंतर आगे बढ़ाना है और सामुदायिक शिक्षा की नींव को भव्य इमारत बनाना है। उन्होंने सामुदायिक शिक्षा की ग्राम स्तर से आगे मोहल्ला स्तर तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए स्वयंसेवकों के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों की औपचारिक शिक्षा में जाति प्रमाण पत्र किसी भी प्रकार की बाधा न बने, इसके लिए जाति प्रमाण पत्र बनाए जाने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने इस कार्य को पूरी गंभीरता के साथ पूरा करने को कहा। इस कार्य में आने वाली बाधाओं से भी अवगत कराने को कहा, जिससे इसे तत्काल दूर किया जा सके।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला मिशन समन्वयक अशोक पाण्डे, सहायक परियोजना समन्वयक गणेश तिवारी और समावेशी शिक्षा के प्रभारी राजेश त्यागी सहित खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल क्षेत्र समन्वयक एवं विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी। संभाग के सभी पंचायतों व गाँवों में मनरेगा के शत-प्रतिशत कार्य की स्वीकृति देकर संचालित करने के लिए कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अद्र्ध शासकीय पत्र के माध्यम से निर्देश दिए।
कमिश्नर चुरेंद्र ने पत्र में उल्लेख किया है कि गांव-गांव में स्वरोजगार हेतु निर्माण कार्य यथा नया तालाब, डबरी का निर्माण, पहुंच मार्ग निर्माण, पुराने तालाबों-डबरियों में गहरीकरण एवं विस्तारीकरण, तालाबों व डबरियों में पानी भरने कैचमेन्ट एरिया में कच्ची नाली का निर्माण आऊट लेट इन लेट के साथ करना, सिंचाई तालाबों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान का निर्माण, गांवों में सामूहिक बाड़ी विकास (गोठान गांवों के अतिरिक्त) धरसा पहुंच मार्ग निर्माण, आश्रम छात्रावास व विद्यालयों परिसर में समतलीकरण आदि कार्य लिया जा सकता है। इसके साथ उन्होंने जिले के अन्तर्गत संचालित मनरेगा के कार्य और प्रारंभ नहीं किए गए कार्यों की अभियान चलाकर आकलन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए है कि सभी गांवों में 10 दिवस के अन्दर कार्य स्वीकृति व कार्य प्रारंभ करने की दृष्टि से सभी जनपद क्षेत्र अन्तर्गत सेक्टर मुख्यालयों में सर्व संबंधित कार्य विभागों, कार्य एजेंसियों के क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी की बैठक आयोजित करे। इस बैठक में सेक्टर मीटिंग में मनरेगा के कार्य प्रस्ताव प्राप्त करने विशेष ध्यान दिया जाए। सेक्टर मुख्यालयों में मनरेगा के कार्य का प्रस्ताव तैयार करने कार्य निर्धारित करने, नक्शा खसरा आदि प्रस्तुत करने की दृष्टि से राजस्व निरीक्षण, हल्का पटवारी, उपयंत्री तकनीकी सहायक, सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, ग्राम पटेल, प्राम कोटवार, कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, फारेस्टर, वन रक्षक, जनपद सदस्यों आदि की संयुक्त बैठक करवाया जाए।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम पंचायत एवं गांव में जहां नक्सली समस्या के कारण सरपंच सचिव व अन्य कार्य एजेंसी कार्य करने के नाम पर पीछे हटते है. ऐसे पंचायतों व गांवों को चिन्हांकित कर उन गांवों में रोजगार मूलक कार्य तत्काल स्वीकृत व प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से पंचायतों में कार्य कराने का अनुकूल माहौल रहता है और गांव वाले काम करना चाहते हैं. ऐसे गांवों में विशेष पहल किया जाए। इस तरह से कार्य कराने के लिए अधिकारियों को ग्रामों को गोद लेने के लिए निर्देशित करने कहा है। जिसके आधार पर सभी अधिकारी अपने गोद ग्राम में रोजगार मूलक कार्य मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत कार्य करने जिम्मेदार होगे। जिलों में अभियान के तहत् मनरेगा अंतर्गत व अन्य योजनाओं में अभिशरण कर कार्य कराया जाए। साथ ही मनरेगा से गोठान गांव में गोठानों के विशेष सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि बस्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध वनोपज का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण कर यहां के लोग समृद्धि का नया अध्याय लिखेंगे। राज्यपाल सुश्री उइके ने यह बातें वन धन केन्द्र के रुप में धुरागांव में संचालित वनोपज प्रसंस्करण केंद्र की गतिविधियों का अवलोकन के दौरान कही।
उन्होंने वनधन केंद्र में तेलगीन माता स्व-सहायता समूह द्वारा टोरा तेल प्रसंस्करण कार्य एवं अमर ज्योति जय माँ सरस्वती समूह द्वारा इमली चटनी सॉस निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इसके साथ ही यहां विभिन्न वन धन केन्द्रों में वनोपज प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। बकावंड वनधन केंद्र में काजू प्रसंस्करण, आसना वनधन केंद्र में इमली कैंडी निर्माण, अगरबत्ती निर्माण व चिरौंजी प्रसंस्करण और कुरंदी वनधन केंद्र में वनौषधि प्रसंस्करण का कार्य कर रहे समूहों की महिलाओं से भेंट के दौरान राज्यपाल ने गतिविधियों की जानकारी लेते हुए शासन द्वारा इन उत्पादों की बिक्री के लिए वृहद तौर पर मार्केट उपलब्ध कराए जाने के संबंध में जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति घोटिया के जय माँ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह पुसगुड़ा गोडिय़ापाल को वर्ष 2020-21 में वनोपज संग्रहण के कमीशन की राशि के तौर पर 7 हजार 536 रूपए का चेक प्रदान किया।राज्यपाल ने बस्तर को वन संपदा से भरपूर बताते हुए यहां वनोपज संग्रहण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए इस कार्य में संलग्न महिलाओं के समृद्धि की कामना की।
राज्यपाल सुश्री उइके को समूहों द्वारा बस्तर काजू, टोरा तेल और इमली चपाती, कैण्डी का उपहार दिया गया। राज्यपाल ने बस्तर के इन उत्पादों के उच्च गुणवत्ता की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे राजभवन में आने वाले अतिथियों से भी बस्तर के वनोपजों से तैयार अच्छी गुणवत्ता के इन उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करेंगी। इस अवसर पर कमिश्नर जी.आर चुरेंद्र, कलेक्टर रजत बंसल, वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। विगत दिनों जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कलचा के 10 लोगों का निधन ओडिशा के आमगांव के निकट सडक़ दुघर्टना में हो गया था।
उनकी आत्मा की शांति के लिए कलचा में सामूहिक श्रद्धांजलि सभा एवं शांति भोज का आयोजन समाज एवं ग्रामीण जनों की सहमति के क्षेत्र के जनपद सदस्य जिशान कुरैशी द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें मृत आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफीरा साहू एवं कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी पहुंचे जहां उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मृत आत्माओं को पुष्प अर्पित की एवं शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया एवं पगड़ी रस्म की परंपरा में शामिल हुए। वहीं शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा घोषित सहायता राशि का चेक प्रदान किया।
जगदलपुर, 12 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने सभी शिक्षकों का आभार माना है, जिन्होंने नियाय पाती अभियान में हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा को व्यक्तिगत पोस्टकार्ड लिखा था। फेडरेशन ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति देने संबंधी जारी हुए आदेश का श्रेय शिक्षकों की एकजुटता को दिया है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक संवर्ग को पदोन्नति एवं सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान के दो सूत्रीय मांग पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के आव्हान पर नियाय पाती अभियान के प्रथम चरण में 20 से 31 दिसंबर 20 तक प्रदेश के शिक्षकों ने हजारों की संख्या में पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और प्रमुख सचिव शिक्षा को लिखा था। दूसरे चरण में 9 सितंबर 20 को राज्य के 28 जिलों में फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया था। प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला के राज्यव्यापी दौरे के दौरान फेडरेशन के पदाधिकारियों ने पुन: स्मरण ज्ञापन दिया था। जिसके समाचार का प्रकाशन सभी प्रमुख अखबारों में हुआ था।
फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जगदलपुर जिला अध्यक्ष आरडी तिवारी, सचिव सीएम पाण्डेय, संभाग महामंत्री रविन्द्र विश्वास एवं प्रवक्ता विदुशेखर झा ने नियाय पाती अभियान में भागीदार रहे शिक्षकों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही फेडरेशन ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं प्रमुख सचिव शिक्षा को पदोन्नति पर न्यायोचित निर्णय लेने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बस्तर के ज्वलंत मुद्दों पर ध्यानाकर्षण कर निराकरण की रखी मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व में मुक्ति मोर्चा के संभागीय दल द्वारा बस्तर प्रवास पर आईं राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर, बस्तर के ज्वलंत मुद्दों व विकास की मांग पर उनका ध्यान आकर्षन करते हुए निराकरण हेतु 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन को सौंपा।
मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद, जिला संयोजक भरत कश्यप व शहर संयोजक शोभा गंगोत्री ने कहा कि बस्तर छत्तीसगढ़ राज्य की नवगठित 20वर्ष गुजर जाने के बाद भी बस्तर को वास्तविक विकास प्रशासनिक व आर्थिक फैसलों का अधिकार आज प्रर्यंत तक नहीं मिला है, जो कहीं ना कहीं बस्तर संभाग के 7 जिलों में निवासरतजनों के लिए मायूसी का कारण है। यदि राज्य सरकार यह कहती हैं कि बस्तर के विकास के फैसले बस्तर में ही होने चाहिए, तो बस्तर संभागीय मुख्यालय को उपराजधानी का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्याय व न्यायालय के प्रति, बस्तर के निवासियों का आस्था बढ़ाने हेतु उच्च न्यायालय का उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापना मील का पत्थर साबित होगी।
वहीं बस्तर में औद्योगिक विकास के रास्ते रोजगार, स्वरोजगार से बस्तर की तस्वीर बदलने की सरकारी योजनाओं की हवा नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण से निजीकरण की तरफ बढ़ती केंद्र व राज्य की बस्तरहित विरोधी फैसले निकाल रही है। एक तरफ राज्य सरकार लौह उत्खनन लीज प्रक्रिया को सरल कर औद्योगिकरण को बढ़ावा देने की बात कह रही है, दूसरी तरफ बस्तर के संवैधानिक अधिकार व पेशाकानून का प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
जिसका उदाहरण बैलाडीला की 4 खदानों को बिना बस्तर की हितों की शर्तों पर संवाद स्थापित कर सर्वोच्च न्यायालय के कॉमन कॉल जजमेंट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए। 1600 करोड़ के जुर्माने के बावजूद, एनएमडीसी के नाम 2035 लीज रिनिवल कर दिया गया है। वहीं नारायणपुर जिले के आमदई लौह खदान व बैलाडीला के 13 न0 लौह खदानों में ग्राम सभा के फर्जी पाए जाने की पुष्टि प्रशासन द्वारा कर दिए जाने के बावजूद भी बस्तर के भावनाओं के खिलाफ कम्पनियों को आवंटित किए गया है।
40 वर्ष पुरानी बोधघाट परियोजना को पुन: प्रारंभ करने की मंशा राज्य सरकार ने जताते हुए केंद्रीय कम्पनी वेपकास को सर्वे का काम दिया गया है। विडम्बना यह है कि वर्षों पूर्व केंद सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा किए गए शोध में परियोजना के संचालन पर बस्तर को होने वाले बड़े नुकसान को देखकर कहीं गंभीर आपत्तियां दर्ज करवाते हुए परियोजना को बंद कर देने की सिफारिश की गई है, जो आज पर्यंत तक यथावत है। राज्य सरकार द्वारा बस्तर से बीना संवाद स्थापित किए तानाशाही रवैया अख्तियार कर, समस्याओं के निराकरण की पहल भरी योजनाओं को बस्तर के समक्ष रखे बिना सीधे परियोजना को प्रारंभ करने प्रबल इच्छा शक्ति दिखाना बस्तरवासियों के मन में संदेह व घबराहट पैदा करता है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य बस्तर में सिंचाई योजना को मजबूत करना है तो राज्य सरकार पड़ोसी राज्य तेलंगाना में स्थापित वॉटर लिफ्टिंग सिंचाई परियोजना नीति को बस्तर में लागू करें।
बस्तर में शिक्षा व स्वास्थ, यातायात, रोजगार स्वरोजगार के रास्ते प्रस्तत करने हेतु, संभागीय मुख्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व देश प्रेम को बढ़ाने हेतु एक सैनिक स्कूल की स्थापना, स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने हेतु बस्तर के स्थानीय ऊर्जावान काबिल छात्र को बढ़ावा देने हेतु बस्तर के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक अबूझमाड़ में निवासरत अतिपिछड़ा आदिवासी समुदाय हेतु बस्तर में संचालित मेडिकल कॉलेज में 5 सीटें आरक्षित की जाए। हवाई यात्रा प्रारंभ होने के बाद की नव निर्मित पासवर्ड कार्यालय का शुभारंभ का इंतजार पूरे बस्तर को बेसब्री से है, आपके हस्तक्षेप से प्रारंभ किया जाये। बस्तर में शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगारों को ध्यान में रखते हुए बस्तर के पृथक लोकसेवा आयोग का गठन किया जाये, ताकि शासकीय व अशासकीय सभी रोजगार स्वरोजगार भर्तिी योजनाओं में 100 फीसदी बस्तर के निवासियों को भागीदारी सुनिश्चित हो सके, बस्तर में रेलवे लाइन दल्लीराजरा रेलवे लाइन के कार्ययोजना प्रगति लाने हेतु, केंद्र सरकार के उपक्रम सेल व एनएमडीसी द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई कम्पनी बस्तर रेलवे प्रावेट लिमिटेड मुख्यालय बस्तर में स्थापित किया जाये। बस्तर को आर्थिक आजादी बस्तर को वास्तविक विकास हेतु आर्थिक आजादी से योजनाए बनाने की नितियों के तहत सर्वोच्च न्यायालय के दिए निर्देशा अनुसार ष्ठरूस्न डीएमएफ व ष्टस्क्र सीएसआर की राशि खर्च करने अधिकार है, उस पर राज्य सरकार के हस्तक्षेप को बंद किए जाने की आवश्यकता है व संवैधानिक प्रावधानों के तहत आपके संरक्षण में जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठकों के माध्यम से बस्तर व सरगुजा के विकास रीति-नीति तय किये जाने हेतु, बैठक रायपुर राजधानी में ना होकर बस्तर व सरगुजा के संभागीय मुख्यालय में किया जाये इन सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंप निराकरण की मांग रखी गई।
इस सौजन्य मुलाकात में बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के शहर महामंत्री सुनिता दास, कोषाध्यक्ष अंकिता गुरूदत्वा, उपाध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक संयोजक तुलसी सेठिया, नानगुर ब्लाक अध्यक्ष विकास मांझी, एकता रानी, मीना केशरवानी, सुरेंद्र तिवारी, गुडिय़ा,स्वेती सेठिया, संगीता दानी, धीरज जानी, गीता बघेल, शारदा कश्यप, तामेश्वरी साहू, मीना कौर, चंदा खुदराम सहित मुक्तिमोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
जगदलपुर, 12 फरवरी। कोरोना से बचाव के लिए संभाग कमिश्नर जी.आर. चुरेंद्र ने टीका लगाया। गुरुवार को दोपहर महारानी अस्पताल परिसर में स्थित नर्सिंग कॉलेज में बनाए गए टीकाकरण केन्द्र में पहुँचकर कोरोना से सुरक्षा के लिए टीका लगवाया। उन्होंने संभाग वासियों को स्वयं और परिवार की सुरक्षा के लिए टीका लगाने और कोरोना को हराने की अपील की।
बस्तर के ज्वलंत मुद्दों पर ध्यानाकर्षण कर निराकरण की रखी मांग
जगदलपुर,12 फरवरी। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व में मुक्ति मोर्चा के संभागीय दल द्वारा बस्तर प्रवास पर आईं राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर, बस्तर के ज्वलंत मुद्दों व विकास की मांग पर उनका ध्यान आकर्षन करते हुए निराकरण हेतु 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन को सौंपा।
मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद, जिला संयोजक भरत कश्यप व शहर संयोजक शोभा गंगोत्री ने कहा कि बस्तर छत्तीसगढ़ राज्य की नवगठित 20वर्ष गुजर जाने के बाद भी बस्तर को वास्तविक विकास प्रशासनिक व आर्थिक फैसलों का अधिकार आज प्रर्यंत तक नहीं मिला है, जो कहीं ना कहीं बस्तर संभाग के 7 जिलों में निवासरतजनों के लिए मायूसी का कारण है। यदि राज्य सरकार यह कहती हैं कि बस्तर के विकास के फैसले बस्तर में ही होने चाहिए, तो बस्तर संभागीय मुख्यालय को उपराजधानी का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है? न्याय व न्यायालय के प्रति, बस्तर के निवासियों का आस्था बढ़ाने हेतु उच्च न्यायालय का उच्च न्यायालय की खण्डपीठ स्थापना मील का पत्थर साबित होगी।
वहीं बस्तर में औद्योगिक विकास के रास्ते रोजगार, स्वरोजगार से बस्तर की तस्वीर बदलने की सरकारी योजनाओं की हवा नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण से निजीकरण की तरफ बढ़ती केंद्र व राज्य की बस्तरहित विरोधी फैसले निकाल रही है। एक तरफ राज्य सरकार लौह उत्खनन लीज प्रक्रिया को सरल कर औद्योगिकरण को बढ़ावा देने की बात कह रही है, दूसरी तरफ बस्तर के संवैधानिक अधिकार व पेशाकानून का प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जिसका उदाहरण बैलाडीला की 4 खदानों को बिना बस्तर की हितों की शर्तों पर संवाद स्थापित कर सर्वोच्च न्यायालय के कॉमन कॉल जजमेंट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए। 1600 करोड़ के जुर्माने के बावजूद, एनएमडीसी के नाम 2035 लीज रिनिवल कर दिया गया है। वहीं नारायणपुर जिले के आमदई लौह खदान व बैलाडीला के 13 न0 लौह खदानों में ग्राम सभा के फर्जी पाए जाने की पुष्टि प्रशासन द्वारा कर दिए जाने के बावजूद भी बस्तर के भावनाओं के खिलाफ कम्पनियों को आवंटित किए गया है।
40 वर्ष पुरानी बोधघाट परियोजना को पुन: प्रारंभ करने की मंशा राज्य सरकार ने जताते हुए केंद्रीय कम्पनी वेपकास को सर्वे का काम दिया गया है। विडम्बना यह है कि वर्षों पूर्व केंद सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा किए गए शोध में परियोजना के संचालन पर बस्तर को होने वाले बड़े नुकसान को देखकर कहीं गंभीर आपत्तियां दर्ज करवाते हुए परियोजना को बंद कर देने की सिफारिश की गई है, जो आज पर्यंत तक यथावत है। राज्य सरकार द्वारा बस्तर से बीना संवाद स्थापित किए तानाशाही रवैया अख्तियार कर, समस्याओं के निराकरण की पहल भरी योजनाओं को बस्तर के समक्ष रखे बिना सीधे परियोजना को प्रारंभ करने प्रबल इच्छा शक्ति दिखाना बस्तरवासियों के मन में संदेह व घबराहट पैदा करता है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य बस्तर में सिंचाई योजना को मजबूत करना है तो राज्य सरकार पड़ोसी राज्य तेलंगाना में स्थापित वॉटर लिफ्टिंग सिंचाई परियोजना नीति को बस्तर में लागू करें।
बस्तर में शिक्षा व स्वास्थ, यातायात, रोजगार स्वरोजगार के रास्ते प्रस्तत करने हेतु, संभागीय मुख्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने व देश प्रेम को बढ़ाने हेतु एक सैनिक स्कूल की स्थापना, स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने हेतु बस्तर के स्थानीय ऊर्जावान काबिल छात्र को बढ़ावा देने हेतु बस्तर के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक अबूझमाड़ में निवासरत अतिपिछड़ा आदिवासी समुदाय हेतु बस्तर में संचालित मेडिकल कॉलेज में 5 सीटें आरक्षित की जाए। हवाई यात्रा प्रारंभ होने के बाद की नव निर्मित पासवर्ड कार्यालय का शुभारंभ का इंतजार पूरे बस्तर को बेसब्री से है, आपके हस्तक्षेप से प्रारंभ किया जाये। बस्तर में शिक्षित व अशिक्षित बेरोजगारों को ध्यान में रखते हुए बस्तर के पृथक लोकसेवा आयोग का गठन किया जाये, ताकि शासकीय व अशासकीय सभी रोजगार स्वरोजगार भर्तिी योजनाओं में 100 फीसदी बस्तर के निवासियों को भागीदारी सुनिश्चित हो सके, बस्तर में रेलवे लाइन दल्लीराजरा रेलवे लाइन के कार्ययोजना प्रगति लाने हेतु, केंद्र सरकार के उपक्रम सेल व एनएमडीसी द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई कम्पनी बस्तर रेलवे प्रावेट लिमिटेड मुख्यालय बस्तर में स्थापित किया जाये। बस्तर को आर्थिक आजादी बस्तर को वास्तविक विकास हेतु आर्थिक आजादी से योजनाए बनाने की नितियों के तहत सर्वोच्च न्यायालय के दिए निर्देशा अनुसार ष्ठरूस्न डीएमएफ व ष्टस्क्र सीएसआर की राशि खर्च करने अधिकार है, उस पर राज्य सरकार के हस्तक्षेप को बंद किए जाने की आवश्यकता है व संवैधानिक प्रावधानों के तहत आपके संरक्षण में जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठकों के माध्यम से बस्तर व सरगुजा के विकास रीति-नीति तय किये जाने हेतु, बैठक रायपुर राजधानी में ना होकर बस्तर व सरगुजा के संभागीय मुख्यालय में किया जाये इन सभी मुद्दों को लेकर राज्यपाल को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंप निराकरण की मांग रखी गई।
इस सौजन्य मुलाकात में बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के शहर महामंत्री सुनिता दास, कोषाध्यक्ष अंकिता गुरूदत्वा, उपाध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक संयोजक तुलसी सेठिया, नानगुर ब्लाक अध्यक्ष विकास मांझी, एकता रानी, मीना केशरवानी, सुरेंद्र तिवारी, गुडिय़ा,स्वेती सेठिया, संगीता दानी, धीरज जानी, गीता बघेल, शारदा कश्यप, तामेश्वरी साहू, मीना कौर, चंदा खुदराम सहित मुक्तिमोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर,12 फरवरी। भूमकाल स्मृति-दिवस पर भाजपा के जगदलपुर नगर महामंत्री संग्राम सिंह राणा और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्य परेश ताटी ने भोपालपटनम (बस्तर) के प्रतिष्ठित साहित्यकार लक्ष्मीनारायण पयोधि के बहुचर्चित काव्यनाटक ‘गुण्डाधुर’ की प्रति राज्यपाल अनुसुईया उइके को भेंट की।
इस अवसर पर युवा नेताओं ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि सन् 1910 में ब्रिटिश हुकूमत द्वारा आदिवासी समुदाय के हितों पर कुठाराघात करने वाली नीतियों के विरुद्ध घटित आदिवासी महाविद्रोह के नायक धुरवा जनजाति के वीर गुण्डाधूर आदिवासी समाज के गौरव पुरुष हैं। अत:भूमकाल के कारणों और उस ऐतिहासिक क्रांति के वास्तविक ‘हीरो’ की जानकारी नयी पीढ़ी को होनी चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये भूमकाल पर आधारित प्रथम साहित्यिक कृति के रूप प्रतिष्ठित पयोधिजी के लोकप्रिय काव्यनाटक ‘गुण्डाधुर’ को महाविद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने संबंधी निर्देश देने का कष्ट करें।
उल्लेखनीय है कि भूमकाल पर शोधपरक काव्यनाटक की रचना प्रख्यात साहित्यकार लक्ष्मीनारायण पयोधि द्वारा 1982 में अपने गृहनगर भोपालपटनम (बीजापुर) में की गयी थी,जो 1984 में ‘दण्डकारण्य समाचार’ में धारावाहिक रूप से प्रकाशित हुआ।रायपुर के प्रसिद्ध रंगकर्मी स्व.हरि नायडू द्वारा नवंबर 1987 में इसका महानाट्य के रूप में पहला भव्य मंचन जगदलपुर में,फिर मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा रायपुर में आयोजित ‘जगार 88’ में किया गया।इसकी लोकप्रियता को देखते हुए जि़ला प्रशासन के सहयोग से बस्तर संभाग के तहसील मुख्यालयों में इस नाटक का मंचन किया गया आकाशवाणी,जगदलपुर द्वारा स्थानीय और आकाशवाणी, रायपुर द्वारा इसका अखिल भारतीय प्रसारण भी किया गया।बाद में इस बहु चर्चित काव्यनाटक पर आधारित डाक्यूड्रामा का निर्माण मध्यप्रदेश शासन,संस्कृति विभाग के स्वराज संचालनालय द्वारा भी किया गया।
गुण्डाधूर’ की अपार लोकप्रियता के कारण ही बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों का ध्यान भूमकाल और उसके नायक क्रांतिवीर गुण्डाधूर की ओर आकृष्ट हुआ।उस पर चर्चा आरंभ हुई और इतिहास-लेखन का माहौल भी बना। सन् 1988 में जगदलपुर प्रवास के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व.अर्जुन सिंह ने इस नाटक की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी और गुण्डाधूर की स्मृति को अक्षुण्ण बनाने के लिये आवश्यक कदम उठाने की बात कही थी।
जगदलपुर, 12 फरवरी । राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज चित्रकोट स्थित विश्राम गृह में आम का पौधा लगाकर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया। सुश्री उइके ने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस स्थान में प्रथम आगमन की स्मृति के तौर यह पौधा लगाया। साथ ही कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र और कलेक्टर रजत बंसल ने मौलश्री का पौधा लगाया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दीपक झा, वन मण्डलाधिकारी स्टायलो मंडावी उपस्थित थे।
जगदलपुर, 11 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया ने आज अपने जगदलपुर प्रवास के दौरान राजमहल परिसर में स्थित मां दन्तेश्वरी का दर्शन किया। उन्होंने यहां छत्तीसगढ़ वासियों की खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान उन्होंने माँ दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय सहित जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अपने तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन चित्रकोट पहुंची और भारत के नियाग्रा के तौर पर प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के सौन्दर्य को निहारा। बस्तर के दूसरे और चित्रकोट के प्रथम प्रवास के दौरान स्थानीय लोक नर्तकों ने गौर नृत्य, गेड़ी नृत्य आदि के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने बस्तर को चित्रकोट जलप्रपात के रूप में प्राप्त इस प्राकृतिक धरोहर के साथ ही यहां लोकनृत्यों के माध्यम से अपनी संस्कृति को सहजने का कार्य कर रहे लोक नर्तकों की जमकर प्रशंसा की। उनके साथ इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार भी साथ उपस्थित थे।
सुश्री उइके ने यहां दरभा विकासखण्ड के छिंदगुर के सामू, चैतूराम, फुलसिंह और लखमू को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के हर्राकोड़ेर में गौठान और चारागाह के लिए सामुदायिक वन अधिकार पत्र तथा चित्रकोट और गढिय़ा में सामुदायिक वन संसाधन के लिए अधिकार पत्र प्रदान किया।
उन्होंने यहां विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों में पहुंचकर विकास कार्यों और विभागीय योजनाओं को देखा। उन्होंने यहां वन विभाग के माध्यम से साल वृक्ष में उत्पन्न होने वाली रैली कोसा का धागाकरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियानों की प्रशंसा की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि एवं मजदूर विरोधी तीन कानून के विरोध में जगदलपुर के नानपुर ब्लॉक में मांझीगुड़ा से पदयात्रा प्रारम्भ हुई ।
पदयात्रा में उपस्थित किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मंडियों की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। आज मंडियों के वर्तमान प्रणाली से ऊपज बेचकर किसान खुशहाल जिंदगी जी रहा है। कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों विधेयक को लाने की जो साजिश की गई उससे भाजपा का गांव,गरीब और किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।
विधायक व संसदीय सचिव रेखचन्द जैन ने कहा कि यह अध्यादेश भारत के अन्नदाता एवं एक अरब तैतीस करोड़ जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। भाजपा के एमएसपी का मतलब किसानों को उपज का मिनिमम सपोर्ट प्राइस नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट है। इस डूबती अर्थव्यवस्था में खेती ही एकमात्र ऐसा सेक्टर है, जो देश की बिगड़ी और गिरती अर्थव्यवस्था को सुधारने में कारगर साबित हो सकती है इसके लिए किसानों की मनोदशा सुधरे या बिगड़े, केंद्र की भाजपा सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं।
विधायक राजमन वेंजाम , महापौर सफिरा साहू, सभापति कविता साहू, जिलाध्यक्ष बलराम मौर्य, मलकीत सिंह गैदु, सामु कश्यप ने कहा कि इस विधेयक के दूरगामी परिणाम किसानों के लिए अहितकर होने वाले हैं। यह एक तरह के परंपरागत कृषि क्षेत्र में बड़े उद्योगपतियों के पदार्पण की आहट है।
पदयात्रा में यशवर्धन राव ,उदय नाथ जेम्स,सूर्या पाणी,शुभम यदु ,दयाराम कश्यप,लता निषाद,बी ललिता राव ,नीलूराम बघेल,वीरेंद्र साहनी,राजेश चौधरी,कैलाश नाग,वीर सिंह,कमल झज्ज, अपर्णा बाजपेई, गायत्री मगराज सामु कश्यप,महादेव नाग, राधामोहन दास, तुलाराम नाग,मुन्ना कश्यप, गणेश कावड़े,हेमू उपाध्याय, महादेव नाग,लैखन बघेल, अजय बिसाई, मानसिंह ठाकुर,संजू जैन,राजेन्द्र त्रिपाठी,सोनारू नाग, जयदेव नाग गागरुराम,सुशील मौर्य, अवधेश झा,प्रकाश,जयदेव साह,बलराम,दयालु,कमलू, सुखदेव सेठिया शहनवाज खान,मनोहर सेठिया, शंकर नाग,लोकेश सेठिया, जावेद खान,राम साहू, ऋषि तिवारी,इश्वर बघेल, शंकर मौर्य,विक्रांत सिंह, कमलसाय कश्यप,बेनी फर्णाडिस,विक्रम लहरे, कुलदीप भदौरिया, विनोद कुकडे, संभू बेसरा, बोटी नाग ,धनसिंग नाग, फूलसिंह,लखमू, सुरेश गुप्ता,मनधर कश्यप,सुंदर, शहजाद हुशैन, शांति बघेल ( सरपंच ) फैजल नेवी,माज लीला,सहित कार्यक्रम में प्रदेश/जिला/ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी/सेवादल, महिला कांग्रेस/युवक कांग्रेस/एनएसयूआई सहित अन्य प्रकोष्ठ/विभाग के अध्यक्ष व पदाधिकारीगण/सोशल मीडिया के प्रशिक्षित सदस्यों सदस्यगण/नगर निगम/त्रि-स्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधि/सहकारिता क्षेत्र के पदाधिकारियों वरिष्ठ कांग्रेसजन व कार्यकर्ता सहित किसान साथी उपस्थित थे।
जगदलपुर, 11 फरवरी। पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि किसानों के हितैषी बनने का ढोंग करने वाले कांग्रेस सरकार के मुखिया के द्वारा अगले वर्ष किसानों का धान खरीदी नहीं करने का बहाना अभी से ढूंढने लगी है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अगले वर्ष किसानों का धान नहीं खरीदेगी।
श्री कश्यप ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने से पहले मुख्यमंत्री यह बताया कि कांग्रेस ने क्या केंद्र सरकार से पूछकर किसानों को यह वादा किया था, कि वह किसानों का धान 25 सौ रुपए में खरीदेंगे।
किसानों के हिमायती बनने का ढोंग करने वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने पंजीकृत सभी किसानों का पूरा धान नहीं खरीदकर आंकड़ों से भ्रमित कर रही है, इसका जवाब किसान ही देंगे।
श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्ज लेकर धान खरीदने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दयनीय हालत में पहुंचाने के बाद मुख्यमंत्री अब केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने के काम में लग गई है। जबकि पिछलेे वर्ष के धान खरीदी का पूरा पैसा और इस वर्ष के धान खरीदी का पूरा पैसा किसानों को नहीं मिला है। कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी कर गंगाजल हाथ में लेकर वायदा किया गया था, तो फिर इसमें केंद्र सरकार बीच में कहां से आती है।
पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस गंगाजल हाथ में लेकर प्रदेश की जनता से झूठे वादे कर गंगाजल की पवित्रता और जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया है। कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के धान खरीदी के एक वादे को पूरा करने में केंद्र सरकार को दोष देने लगे हैं, बाकी वादों का क्या होगा, जिसे कांग्रेस की सरकार भूल चुकी है। जन घोषणा पत्र जारी कर किए गए झूठे वादों की असलियत सामने आने लगी है, यह छत्तीसगढ़ की जनता अच्छी तरह से समझ और देख रही है।
जगदलपुर, 11 फरवरी । राज्यपाल अनुसुईया उइके का स्थानीय राजमहल में आत्मीय स्वागत किया गया। राज्यपाल सुश्री उइके अपने दो दिवसीय जगदलपुर प्रवास के दौरान आज राजपरिवार के आमंत्रण पर सौजन्य भेंट करने राजमहल पहुंची थीं। उनके साथ इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय भी मौजूद थे। राजमहल में राजमाता कृष्णा कुमारी देवी सहित राजपरिवार के सदस्यों ने आत्मीय स्वागत किया।
जगदलपुर, 11 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके अपने जगदलपुर प्रवास के दूसरे दिन आज स्थानीय सर्किट हाउस जगदलपुर में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों से मुलाकात की। सर्व आदिवासी समाज, भतरा समाज, मुरिया समाज, गोंड समाज, हल्बा समाज, धुरवा समाज, उरांव समाज माहरा समाज सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को समस्याओं और मांगों से अवगत कराया।
राज्यपाल ने इस दौरान क्षेत्र की मांगों, समस्याओं एवं सुझावों को पूरी गंभीरता के साथ सुना एवं इसके निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, लता उसेण्डी, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
जगदलपुर, 11 फरवरी । राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बस्तर में संचालित विकास कार्यों पर संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान युवाओं के रोजगार पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं का हरसंभव समाधान पर भी जोर दिया।
सुश्री उइके ने कहा कि बस्तर क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों के बीच सभी अधिकारियों को जनकल्याण की योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने की कोशिश करना चाहिए। राज्यपाल ने बोधघाट परियोजना, नगरनार इस्पात संयंत्र सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। बोधघाट परियोजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को होने वाले लाभ की जानकारी देकर उन्हें विश्वास में लेकर कार्य करने की आवश्यकता उन्होंने बताई। इस दौरान बस्तर जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, रोजगार आदि क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की जानकारी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई।
इस अवसर पर कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा, वन मंडलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंद्रजीत चंद्रवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके के तीन दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर पहुंचने पर स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में आत्मीय स्वागत किया गया।
एयरपोर्ट में बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर विधायक रेखचन्द जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, महापौर सफिरा साहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री लता उसेंडी, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना, पूर्व विधायक डॉ. सुभाऊ कश्यप, कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, बस्तर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज,मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने राज्यपाल सुश्री उइके का आत्मीय स्वागत किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भूमकाल के शहीदों की स्मृति में जगदलपुर के हृदय स्थल गोलबाजार में भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की। भूमकाल स्मृति दिवस पर जगदलपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में आयोजित सभा में उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं इस धरा पर मां दंतेश्वरी माई को भी को प्रणाम करते हुए पूरे छत्तीसगढ़ के सुख-समृद्धि की कामना करती हूं। साथ ही मैं भूमकाल आंदोलन के नायक शहीद गुंडाधुर और अन्य सभी शहीदों को नमन करती हूं।
सुश्री उइके ने कहा कि आज से लगभग 110 वर्ष पूर्व बस्तर की इस भूमि पर आदिवासियों ने भूमकाल आंदोलन की हुंकार भरी थी। शहीद गुंडाधुर आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन वे आदिवासियों को तत्कालीन दमनकारी और शोषणकारी सत्ता के खिलाफ संगठित किया और वे अमर हो गए। वे बस्तर के ग्राम नेतानार के रहने वाले थे और धुरवा जनजाति के युवक थे।
भूमकाल का अर्थ है जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन। इस आंदोलन में कई आदिवासियों एवं ग्रामीणों ने जल, जंगल और जमीन तथा अपने हक और अधिकार के लिए अंग्रेजी हुकुमत एवं दमनकारी सत्ता के खिलाफ जंग छेड़ी। उनका विद्रोह इतना प्रबल था कि उनके खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा जिनका हमारे आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियारों से साहस के साथ सामना किया। गुंडाधुर ने इस आंदोलन ने समाज में एक जागृति पैदा कर दी और कहीं न कहीं इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में हुए आंदोलनों ने चिंगारी का काम किया, जिसमें भूमकाल आंदोलन भी शामिल था, जिसने बाद में एक ज्वाला का रूप ले लिया, जिसके कारण हमारे देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।
गुंडाधुर जैसे महानायक हमारे बीच नहीं है लेकिन आज शासन-प्रशासन के कार्यों से समाज में जागृति आई है और शनै-शनै प्रगति भी हो रही है। बस्तर क्षेत्र में तेजी से विकास भी हो रहे हैं, कनेक्टिविटी अच्छी हुई है। अब जगदलपुर एयरपोर्ट से रायपुर और हैदराबाद की विमान सेवा भी प्रारंभ हो गई है। बस्तर में माता दंतेश्वरी का आशीर्वाद रहा है। इसी कारण बस्तर में मातृ शक्ति का विशेष प्रभाव देखने को मिल रहा है। यहां की महिलाओं में जो जागरूकता देखने को मिल रही है, वह सराहनीय है। मुझे बताया गया कि दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले की महिलाओं के द्वारा सिले हुए कपड़े देश-विदेश में बेचे जाएंगे। यह कपड़े डैनेक्स ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे, जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों का ब्रांड होता है। इनके लिए उन महिलाओं को मैं शुभकामनाएं देती हूं।
हमारा बस्तर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के वनोपज पाए जाते हैं। उनका पर्याप्त संवर्धन किये जाने की आवश्यकता है। यहां के जड़ी-बुटियों में वह ताकत है, जो बड़े-बड़े बीमारियों का इलाज किया जा सकता है तथा वन उत्पाद बड़े पौष्टिक हैं। ट्राइफेड द्वारा इन उत्पादों के मार्केटिंग के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। यहां के युवाओं से आग्रह है कि वे अपने हुनर को पहचाने, उसे विकसित करें तथा यहां के स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए स्वरोजगार स्थापित करें तथा खादी ग्रामोद्योग तथा शासन के अन्य योजनाओं का आगे बढक़र लाभ लें।
सुश्री उइके ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र की संरक्षक होने के नाते वे यहां के लोगों के अधिकारों के संरक्षण का कार्य करेंगी। उन्होंने इसके लिए जिला और विकास खण्ड स्तर पर पहुंच कर आदिवासियों की समस्याओं को जानने और और उनके समाधान का प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि यहां युवाओं के रोजगार के लिए भी बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में वनोपज के प्रसंस्करण के लिए बड़ी इकाई भी ट्राइफेड के माध्यम से स्थापित की जा रही है। इस अवसर पर भूमकाल के शहीदों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। राज्यपाल को धुरवा समाज के द्वारा पारम्परिक साड़ी भी भेंट की गई। इस अवसर पर धुरवा समाज के संभाग व जिला स्तरीय अधिकारी, गुण्डाधुर के पोता सहित गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
जगदलपुर, 10 फरवरी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जगदलपुर के गीदम मार्ग में स्थित गुंडाधुर उद्यान में शहीद वीर गुंडाधुर की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय जनजाति आयोग नंदकुमार साय, संसदीव सचिव रेखचन्द जैन, हस्थ शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, विधायक राजमन बेंजाम सहित धुरवा समाज के प्रितिनिधि मौजूद रहे। राज्यपाल सुश्री उइके ने धुरवा समाज के प्रतिनिधियों से शहीद गुंडाधुर के जीवनी के संबंध में भी चर्चा की।
जगदलपुर, 10 फरवरी। कोतवाली पुलिस ने आज राड छड़ सेंट्रिंग तार चोरी कर भाग रहे चोर को गिरफ्तार कर लिया है ।
कोतवाली थाना प्रभारी एमन साहू ने बताया कि प्रार्थी महेन्द्र सिह ठाकुर ने थाना उपस्थित आकर लिखित शिकायत कर बताया कि 9 फरवरी की सुबह 5 बजे एसडीओ बंगला गायत्री नगर धरमपुरा में एक लडक़ा गेट के अन्दर चोरी करने घुसा था. बंगले में रखा राड छड़ सेंट्रींग तार को प्लास्टिक बोरी में भरकर चोरी कर ले जा रहा था, जिसे रोकने का प्रयास किया तो सामान छोडक़र भाग गया। जिस पर पुलिस अधीक्षक दीपक झा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा के मार्गदर्शन एवं नगर पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक एमन साहू के नेतृत्व में तत्काल पुलिस की एक टीम गठित कर आरोपी की पतासाजी की गई। जिस पर पतासाजी के दौरान आरोपी ईश्वर कश्यप (19) बैलाबाजार जगदलपुर ने चोरी करना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 9 नग लोहे का छड़, 32 नग लोहे का स्ट्रीप रिंग व 2 नग सेंट्रिंग तार जब्त की गई। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
जगदलपुर, 10 फरवरी । राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जगदलपुर के गोलबाजार में स्थित इमली वृक्ष में पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध भूमकाल आंदोलन के पश्चात इसी इमली पेड़ में विद्रोहियों को फांसी दी गई थी, जिनमें डेबरीधूर, माडिय़ा मांझी आदि शामिल थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 10 फरवरी। ग्रामीण खेलों के विकास के लिए ग्राम पंचायत बीरनपाल में आयोजित राहुल गांधी कप कबड्डी प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में पहुंचे विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कबड्डी खेलकर खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन किया।
विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने उपस्थित खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि कबड्डी शब्द तमिल के काई और पीडी शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है हाथ थामे रहना। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गांव का गुमनाम खेल अब टीवी पर आने लगा है। कबड्डी का खिलाड़ी अब पूरी दुनिया में छाने लगा है।
इस अवसर पर विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कबड्डी के खिलाडिय़ों के साथ खेल पर भी हाथ आजमाया। आज पहला मैच नियानार विरुद्ध बिरनपाल बी टीम के मध्य खेला गया।
इस अवसर सरपंच रुपनदेइ बघेल उप सरपंच राजमन बघेल, लिबरु कश्यप,मुरध सियान,भादू बघेल ,शंकर नाग, युवा नेता जालंधर बघेल,जोन प्रभारी सुनील दास, रामचंद्र बघेल, बलीराम नाग,दयाराम नाग,सुखराम नाग, बलीराम नाग,जयराम नाग,नडगू नाग,श्रीराम नाग सहित काफ़ी संख्या मे ग्रामीण जन उपस्थित रहे ।
बोधघाट परियोजना प्रभावित गांवों के विरोध प्रदर्शन में पहुंच बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा ने दिया समर्थन
जगदलपुर, 9 फरवरी। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा संभागीय संयोजक नवनीत चांद व जिला संयोजक भरत कश्यप के नेतृत्व में मुक्ति मोर्चा के दल द्वारा आज दंतेवाड़ा जिला स्थित बारसूर नगर पंचायत में बोधघाट परियोजना से प्रभावित ग्राम पंचायतों के द्वारा गठित समिति के नेतृत्व में आयोजित तीन दिवसीय महाधरना में अपनी उपस्थिति दर्ज कर प्रभावित ग्राम पंचायतों की मांगों को सही ठहराते हुए अपने समर्थन का ऐलान किया।
मुक्ति मोर्चा के संयोजक नवनीत चांद ने मंच से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की यह योजना चालीस वर्ष पुरानी योजनाओं में से एक है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री देसाई की अगवाई में सन् 1980 में बोधघाट परियोजना का संचालन इंद्रावती नदी के ऊपर 90 फीट ऊंचा बांध का निर्माण कर इंद्रावती नदी के पानी को रोक स्थिर पानी से विधुत उत्पादन करने की योजना इस परियोजना के माध्यम से बनाई गई थी, पंरतु उस परिस्थिति में बस्तर के नेताओं की आपत्तियों पर केंद्र सरकार द्वारा अलग अलग अध्ययन कमेटी का गठन कर बस्तर को हो रहे नुकसान व आपत्तियों की वास्तविकता को जमीनी स्तर पर देखने हेतु गठित की गई, 1984 से 1994 तक केंद्रीय अनुसंधान कमेटी ने बस्तर में संचालित बोधघाट परियोजना से बस्तर के निवासियों की संस्कृति जीवन यापन वन्यजीव जन्तु, जंगल व पर्यावरण को बड़े नुकसान की चिंता जाहिर करते हुए, परियोजना संचालन पर आपत्ति दर्ज की थी। जो आज पर्यन्त तक, यथावत बनी हुई है।
राज्य सरकार के चालीस वर्ष बाद बंद पड़े बोधघाट जल विद्युत सिंचाई परियोजना को केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी के साथ 22 हजार करोड़ रुपए खर्च कर पुन: प्रारंभ करने की योजना बनाई है। विडम्बना यह है कि, हर सरकार की तरह यह राज्य सरकार भी बस्तर के लोगों से बिना संवाद स्थापित किए, आपत्तियों के निराकरण बिना बस्तर के विश्वास से विश्वास घात कर सीधे परियोजना को जमीन पर शुरू करने की कायवाद प्रारंभ कर दी गई है?। जो संवैधानिक रूप से गलत है। 42 करोड़ रुपए खर्च कर वेपकोस नामक कम्पनी को सर्वे का कार्य दे दिया गया है? व परियोजना स्थल सर्वे कार्य प्रारंभ भी हो चुकी है। सरकार द्वारा इस परियोजना से प्रभावित होने वाले जानकारी को सार्वजनिक करते हुए डुबान क्षेत्र में 42 ग्राम पंचायत से अधिक व निजी, वन व सरकारी 14 हजार हेक्टेयर जमीन डुबान के इलाके में आना बताया है। वर्तमान में बस्तर प्रवास में आये मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को राज्य सरकार के सपनों की परियोजना बता, इसे प्रारंभ करने की बात कही है।
मुक्ति मोर्चा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, जब केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ पारित किये गये कानून पर किसान मोर्चा के साथ लगातार संवाद कर निराकरण की पहल कर रही है। तो उसी तर्ज पर बस्तर में स्थापित किसी भी परियोजना हेतु बस्तर के लोगों से संवाद राज्य सरकार द्वारा क्यों? नहीं किया जा रहा है। अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर सीधे बस्तर में परियोजना के संचालन का आदेश दिया जाना आजाद भारत में लोकतंत्र के संवैधानिक प्रावधानों का हिस्सा नहीं। राज्य सरकार को चाहिए,कि वो परियोजना से प्रभावित ग्राम पंचायतों की, समिति बस्तर के समाजिक संगठन, से बस्तर के जनप्रतिनिधियों व राज्य के मंत्रियों एवं आला अधिकारीयों के एक कमेटी बनाकर परियोजना की लाभ व हानी पर विश्रृत चर्चा कर, सभी को विश्वास में लेकर योजना को आगे बढ़ाये। राज्य की इच्छा यदि बस्तर के सिंचाई योजना को मजबूत करना है तो, पड़ोसी राज्य तेलंगाना के वाटर लिफ्टिंग परियोजना का अध्ययन जरूर किया जाना चाहिए।
आंदोलन समर्थन के दौरान मुक्ति मोर्चा के बस्तर जिला संयोजक भरत कश्यप, दंतेवाड़ा जिला संयोजक सुजीत कर्मा, संभागीय सह संयोजक समीर खान, महेंद्र मौर्य, सुखराम कश्यप, व आंदोलनकारियों समिति के स्थानीय पदाधिकारीयों व भारी संख्या में प्रभावित ग्राम पंचायतों के निवासियों आदि उपस्थित थे।