‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 8 जुलाई। देशभर में प्रारंभिक बाल शिक्षा को मजबूती देने वाले निपुण भारत मिशन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर स्टारलाइट फाउंडेशन, जो वर्ष 2020 से बाल शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संस्था है, ने विगत दिन जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालय, बोरिगारका में अपनी पहली ‘स्तंभशाला’ का शुभारंभ किया। यह पहल ग्रामीण भारत में गुणवत्तापूर्ण और मूलभूत शिक्षा को बच्चों तक सुलभ कराने की दिशा में एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
‘स्तंभशाला’ एक विशेष रूप से डिजाइन की गई कक्षा है, जो कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों की फाउंडेशनल लिट्रसी एंड न्यूमेरसी (एफएलएन) की क्षमताओं को विकसित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इस कक्षा को आधुनिक तकनीकी और शिक्षण उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। स्मार्ट एलईडी टीवी के माध्यम से बच्चों को ऑडियो-विजुअल माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। रिच प्रिंट स्टडी मैटेरियल, चार्ट्स, चित्रात्मक पुस्तकों और कार्यपुस्तिकाओं से बच्चों की पढ़ाई को रोचक और प्रभावशाली बनाया गया है। फन लर्निंग एक्टिविटी किट और शैक्षिक खिलौनों के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में सीखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नंदलाल चौधरी (संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग, छत्तीसगढ़) एवं विशिष्ट अतिथि श्रद्धा साहू (सभापति, जिला पंचायत, दुर्ग), जनपद उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी, ग्राम सरपंच चुम्मन यादव संकुल प्रिंसिपल जांगड़े ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उनके साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी, शिक्षक और स्कूली विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि श्री चौधरी ने कहा कि स्तंभशाला जैसी पहल देश की बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।