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पुलिस के पास अब तक शिकायत नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। डोंगरगढ़ ऊपर मंदिर परिसर स्थित करीब डेढ़ दर्जन दुकानों में रविवार देर शाम को आग लग गई। हादसे के संंबंध में पुलिस को शिकायत नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि दुकानों को प्लास्टिक से बनाया गया था।, जिसके चलते मामूली आग लगते ही दुकानें जलकर खाक हो गई। हालांकि दुकानों में सामान नहीं होने से कारोबारियों को नुकसान नहीं हुआ है।
डोंगरगढ़ थाना प्रभारी एलेक्जेंडर किरो ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मामले की जांच की जा रही है। किसी तरह की आर्थिक एवं जनहानि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि एक दुकानदार ने रविवार शाम को सफाई करने के बाद कचरों में आग लगा दी। तेज हवा चलते ही आग ने दूसरे दुकानों को चपेटे में ले लिया। थोड़ी देर में ही 17 दुकानें जलकर खाक हो गई।
गौरतलब है कि गुजरे साल भी दुकानें जलने की घटनाएं हुई थी। इस हादसे में एक महिला की जीवित हालत में जलने से मौत हो गई। वहीं कुछ माह पहले रोपवे से एक मजदूर के गिरने से दर्दनाक मौत होने की घटना सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष समेत कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामला भी दर्ज किया था। उधर पुलिस ने शिकायत नहीं होने के कारण दुकानदारों को आगजनी से मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी। पुलिस का कहना है कि शिकायत के बाद ही मामले में अधिकृत जानकारी सामने आएगी।
मोंगरा बैराज के 650 क्यूसेक पानी से बढ़ेगा मोहारा एनीकट का जलस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। भीषण गर्मी में शहर के मोहारा एनीकट भी सूखने के कगार पर है। तेज वाष्पीकरण के चलते शिवनाथ नदी का स्वरूप जहां सिमट गया है। वहीं जलस्तर घटने से शिवनाथ के तटीय इलाकों में पानी के लिए मारामारी की स्थिति बन रही है। बताया जा रहा है कि मोंगरा बैराज से मोहारा एनीकट के लिए 650 क्यूसेक पानी शनिवार को छोड़ा गया है। मोंगरा से मोहारा एनीकट तक पानी पहुंचने में करीब सप्ताहभर का वक्त लगता है।
सोमवार को बैराज का पानी रातापायली गांव तक पहुंच गया। उम्मीद की जा रही है कि अगले दो दिन में मोहारा एनीकट बैराज के पानी से लबालब हो जाएगा। इस संबंध में नगर निगम के जल प्रभारी अधिकारी उप अभियंता अतुल चोपड़ा ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि अगले एक-दो दिन में मोहारा एनीकट फिर से भर जाएगा। बैराज से मिले पानी से कम से कम एक माह शहर को पेयजल आपूर्ति होगी।
इधर मोंगरा बैराज प्रबंधन ने नगर निगम प्रशासन को यह भी आश्वस्त किया है कि जरूरत पडऩे पर 650 क्यूसेक की एक और खेप की आपूर्ति की जाएगी। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के साथ पानी की खपत भी बढ़ी है। वर्तमान में राजनांदगांव शहर को 30 एमएलटी पानी की जरूरत पड़ रही है। मोंगरा बैराज के पानी से एक महीने तक शहर को पेयजल की समस्या नहीं होगी। इस बीच बैराज के पानी से मोखली एनीकट भी भर जाएगा। यानी इस एनीकट के भरने से राजनांदगांव के मोहारा एनीकट को भी जरूरत पडऩे पर पानी मिलेगा। उधर शिवनाथ के तटीय इलाकों में पानी चोरी की समस्या भी बढ़ी है।
बताया जा रहा है कि तटीय क्षेत्रों के बाशिंदों की ओर से खेती और निजी जरूरतों के लिए शिवनाथ से पानी निकाला जा रहा है। मोटर पंप के जरिये खेतों में पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिसके चलते पानी का संकट गहराने लगा है।
बताया जा रहा है कि 27 तारीख की सुबह तक मोहारा एनीकट में पानी पहुंच जाएगा। जिससे आसानी से लोगों के घरों तक नलों के जरिये पहुंचेगा।
नांदगांव-खैरागढ़ वन मंडल में मई के पहले सप्ताह से शुरू होगी तोड़ाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। ‘हरा सोना’ माने जाने वाले तेन्दूपत्ता की बेहतर गुणवत्ता देखकर वन महकमे को जहां लक्ष्य के तहत तेन्दूपत्ता तोड़ाई की उम्मीद है। वहीं गुणवत्ता वाले पत्तों के चलते सरकार के खजाने में अच्छी आय होने का अफसरों को भरोसा है। राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल में पिछले कुछ दिनों से बूटा कटाई का कार्य किया जा रहा था, ताकि पत्ता तोड़ाई में किसी तरह की तकनीकी और व्यवहारिक अड़चन खड़ी न हो। बताया जा रहा है कि दोनों वन मंडल में मई के पहले सप्ताह से तोड़ाई शुरू हो जाएगी। राजनंादगांव वन मंडल में 8400 मानक बोरा तोड़ाई का लक्ष्य रखा गया है। वहीं खैरागढ़ वन मंडल में 42600 मानक बोरा तेन्दूपत्ता तोड़ाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि खैरागढ़ वन मंडल में 24 लाट में से 21 की नीलामी हो चुकी है। इस नीलामी में दीगर प्रांत के तेन्दूपत्ता व्यापारियों ने रूचि ली है। हालांकि 3 लॉट की नीलामी नहीं होने से सरकारी स्तर पर तोड़ाई होगी। डोंगरगढ़, छुईखदान और गंडई लॉट में अफसरों की निगरानी में तेन्दूपत्ता तोड़ाई होगी। बताया जा रहा है कि नक्सलग्रस्त इलाकों के लॉटों की आसानी से नीलामी हो गई है। नक्सल क्षेत्रों में ग्रामीणों के हितों को देखते हुए नक्सलियों ने विरोध नहीं किया है। तेन्दूपत्ता तोड़ाई के जरिये वनवासियों को अच्छी कमाई होती है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने प्रति सौ गड्डी तेन्दूपत्ता के लिए 400 रुपए का पारिश्रमिक तय किया है। यानी हजार गड्डी तैयार करने पर तेन्दूपत्ता संग्राहक को सीधे 4 हजार रुपए का फायदा होगा। बताया जा रहा है कि मई के 3-4 तारीख से तेन्दूपत्ता तोड़ाई शुरू होगी।
राजनंादगांव वन मंडल में भी लक्ष्य के अनुरूप तेन्दूपत्ता तोड़ाई के लिए प्रशासनिक तैयारी चल रही है। मैदानी अमले को तेन्दूपत्ता संग्राहकों से पत्ता तोड़ाई के दौरान मिलकर काम करने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। बताया जा रहा है कि खैरागढ़ वन मंडल को हर साल डेढ़ करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। जबकि राजनांदगांव वन मंडल की आय खैरागढ़ की तुलना में दोगुनी है। खैरागढ़ डीएफओ संजय यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि लॉटों में तोड़ाई की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रशिक्षण भी मैदानी अमले को दिया गया है।
बताया जा रहा है कि खैरागढ़ वन मंडल के अंदरूनी इलाकों में तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता बीते साल की तुलना में बेहतर है। मौसम का साथ मिलने से जंगल में तेन्दूपत्ता की चमक देखकर संग्राहकों और वन अफसरों में जबर्दस्त उत्साह है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 अप्रैल। शहर से सटे डिलापहरी में सोमवार सुबह कुंए में गिरने से एक युवती की मौत की खबर से गांव में मातम छा गया। बताया जाता है कि घर के लिए पानी भरने के लिए निकली युवती का एकाएक पैर फिसल गया, जिससे वह कुंए में जा गिरी।
मिली जानकारी के मुताबिक 19 साल की काजल वर्मा रोज की तरह कुंए में पानी भरने के लिए पहुंची। पानी निकालने के दौरान उसका पैर फिसल गया, जिससे वह गहरे पानी में जा गिरी। तैरना नहीं आने की वजह से युवती की पानी में डूबने से मौत हो गई।
घटना के संबंध में लालबाग थाना प्रभारी राजेश साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि सुबह 9 बजे के आसपास कुंए में गिरने से युवती की मौत हुई है। इधर पूरे गांव में शोक का माहौल है। बताया जा रहा है कि कुंए की गहराई अधिक होने के कारण पानी निकालने के लिए युवती का एक पैर ऊपर था, इसी बीच पैर फिसलने के चलते वह गहरे पानी में गिर गई। इससे पहले युवती को बचाने की कोशिश होती, उसकी पानी में डूबने से मौत हो गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने शनिवार को दिग्विजय स्टेडियम स्थित डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की नियुक्ति एवं कार्यभार ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में जानकारी ली। डीपीएम गिरिश कुर्रे ने स्टाफ की संख्या के संबध में जानकारी दी।
कलेक्टर ने कहा कि मानव संसाधन का सही उपयोग करें। सैम्पल लेने में ड्यूटी लगाए और टेस्टिंग बढ़ाएं। कोविड केयर सेंटर में भी स्टाफ की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकरणों को देखते सम्पूर्ण राजनांदगांव जिले को 5 मई सुबह 6 बजे तक कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। इसके अनुरूप आवश्यक व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। इसके लिए लोगों को प्रेरित करें और वैक्सीनेशन बढ़ाएं। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कविलाश टंडन, एसडीएम मुकेश रावटे, डिप्टी कलेक्टर लता उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर राहुल रजक, डीएसपी लोकेश देवांगन, डीपीएम गिरीश कुर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल कुमरे, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रेणु प्रकाश, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, ईडीएम सौरभ मिश्रा, शासकीय मेडिकल कॉलेज के अरविंद चौधरी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोरोना को हराने हिम्मत और सकारात्मक सोच है जरूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। राजनांदगांव के चिखली निवासी 28 वर्षीय जीवन पटेल ने बताया कि कोविड-19 की बीमारी से लडऩे के लिए मन में हिम्मत रखना बहुत जरूरी है। सकारात्मक सोच और इलाज के साथ इस बीमारी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरना नहीं है, लडऩा है। जिले में रिकवरी रेट बहुत है। कोविड-19 के मरीज हिम्मत और साहस से इस बीमारी को समाप्त कर सकते हैं।
श्री पटेल ने बताया कि वे कृषि विभाग में लैब सहायक के पद पर कार्यरत हैं और चिखली में अपने नौकरी की वजह से अकेले रह रहे हैं। सैम्पल देने के बाद पॉजिटिव होने पर 4 दिनों तक घर पर होम आईसोलेशन में रहे। अचानक तबियत खराब होने पर मैंने एम्बुलेंस 112 में फोन कर यह सूचना दी कि मैं गंभीर रूप से बीमार हूं और लगातार बुखार और खांसी आ रही है। एम्बुलेंस की सुविधा मुझे तत्काल मिली और मैं डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री में 4 अप्रैल को एडमिट किया गया। उन्होंने बताया कि गंध का पता नहीं चलने की वजह से भोजन लेने की इच्छा नहीं हो रही थी और लगातार बुखार एवं उल्टी हो रही थी। मैं यह समझ गया था कि 14 दिन का यह कठिन समय किसी तरह काटना है और हिम्मत से ही इस परिस्थिति का सामना करना है। हॉस्पिटल में समय पर नाश्ता, दोपहर एवं रात्रि को भोजन तथा चाय मिल रही थी। समय पर दवाईयां और इलाज मिलने से धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने लगी और स्वास्थ्य में सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि खाने की इच्छा नहीं होने पर भी वे दिनभर थोड़ा-थोड़ा फल और भोजन लेते रहते थे और दवाईयां लेने में कभी चूक नहीं हुई। जिसकी वजह से वे जल्दी रिकव्हरी लेने लगे। उन्होंने बताया कि 4 घंटे में एक बार उल्टा लेटने से भी उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन बढ़ा।
श्री पटेल ने बताया कि कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत सैम्पल देने जाना चाहिए। डॉक्टर की देख-रेख में होम आईसोलेशन रह सकते हैं, लेकिन ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने पर तत्काल हॉस्पिटल में एडमिट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए। डरना नहीं चाहिए, इससे भी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी भी कोविड-19 पॉजिटिव थे और उन्होंने ने भी हिम्मत बनाए रखा और रिकवरी ली। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के दौरान उनके पड़ोसियों ने काफी मदद की।
होम आइसोलेट मरीजों से भी कर रहे कचरा कलेक्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। लॉकडाउन में जब जिंदगी रूक सी गई है ऐसे समय में स्वच्छता दीदी कोविड-19 से पीडि़त मरीजों एवं नागरिकों के घर-घर दस्तक दे रही हैं और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रही हैं। पूरे शहर की साफ-सफाई के लिए प्रतिबद्ध होकर वे कोविड-19 की इस विषम परिस्थितियों में समर्पित भाव से अपनी सेवाएं दे रही हैं।
नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि नगरीय निकाय अंतर्गत 51 वार्डों में 439 स्वच्छता दीदी द्वारा कचरा कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोविड हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेट मरीजों से कचरा कलेक्शन 1 टिप्पर एवं 2 टाटा एस के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्य के लिए 12 स्वच्छता मित्र की ड्यूटी लगाई गई है। इन स्वच्छता मित्र को शासन के गाईड लाइन अनुसार आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई किट, हेंड ग्लब्स, मास्क, सेनेटाईजर, जूता आदि उपलब्ध कराया गया है। कोविड कचरे का निपटान शासन के गाईड लाइन अनुसार नियमित रूप से किया जा रहा है।
कोविड संक्रमित परिवारों की जानकारी संबंधित वार्ड पार्षद, सेंटर की सुपरवाइजर एवं आम नागरिकों से जानकारी मिलने पर कोविड कचरे के निपटान हेतु गठित विशेष टीम को भेजा जाता है। वर्तमान में शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री, एकलव्य परिसर, जीवनरेखा हॉस्पिटल, उदयाचल कोविड केयर, रामदरबार प्रेस क्लब, डॉ. दीक्षित हॉस्पिटल, सिंधी धर्मशाला कोविड केयर सेंटर एवं हॉस्पिटलों से प्रतिदिन कोविड कचरा लिया जा रहा है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन एवं कोविड हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर और होम आइसोलेट मरीजों से कचरा एकत्रित करने के लिए सुबह 8 से शाम 5 बजे तक समय निर्धारित है।
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। डोंगरगांव ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सिंगारपुर (अर्जुनी) निवासी शिक्षक लेखराम साहू की पत्नी शैल साहू (48 वर्ष) का निधन हो गया। उन्होंने जिला अस्पताल में उपचार के दौरान शनिवार को 11.30 बजे अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम सिंगारपुर में किया गया। वह अपने पीछे एक पुत्री और तीन पुत्रों का भरापूरा परिवार छोड़ गई। वह वरिष्ठ पत्रकार प्रेमप्रकाश साहू की बहन थीं। उनके निधन पर परिजनों एवं शुभचिंतकों ने गहरा शोक व्यक्त करते श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम ठेलकाडीह के 75 वर्षीय बुजुर्ग मोहन देवांगन ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को दृढ़ इच्छाशक्ति और मनोबल से मात दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही समय पर इलाज मिलने से यह बीमारी पूरी तरह समाप्त हो जाती है। घबराने एवं निराशा से मन कमजोर होता है। साहस के साथ ही इस बीमारी का सामना कर इसे हरा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके परिवार में वे स्वयं तथा उनकी बेटी हिरिया देवांगन एवं उनकी 15 वर्षीय नातिन कोविड-19 पॉजिटिव आए। तेरह अप्रैल को वे सभी डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल पेंड्री में एडमिट हुए। हॉस्पिटल आने के बाद सही समय पर इलाज मिलने से चिंता दूर हुई। कमजोरी को देखते इंजेक्शन दिया गया और डॉक्टर एवं नर्स समय-समय पर ऑक्सीजन सेचुरेशन का निरीक्षण करते रहे।
मोहन देवांगन ने बताया कि डॉक्टर एवं नर्स की देखरेख में कमजोरी दूर हुई और 3 दिन तक उन्हें ऑक्सीजन दिया गया। जिससे स्थिति बेहतर बनी और स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हुआ और वे सभी अब स्वस्थ होकर अपने घर ग्राम ठेलकाडीह वापस आ गए हैं। श्री देवांगन ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए सभी वैक्सीन जरूर लगाएं। मास्क जरूर पहने और नियमों का पालन करते सुरक्षित रहें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के खिलाफ भाजपाईयों के 24 अपै्रल को प्रदेशव्यापी एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन को नौटंकी करार देते शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार कोरोना को लेकर कभी गंभीर नहीं हुए, न ही प्रदेश के भाजपा नेतागण। मोदी को कोसना छोड़ छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव से अच्छा काम कर रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोलकर भाजपाई ओछी राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा द्वारा जनता से अपने घरों में रहने हेतु निवेदन किया गया है और यथासंभव जनता को घरों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम भी कांग्रेस सरकार द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि इतनी ज्यादा मात्रा में मरीज आने से भयावह स्थिति है और यथासंभव चिकित्सा, भोजन एवं अन्य राहत सामग्री की व्यवस्था के लिए छत्तीसगढ़ सरकार जुटी हुई है। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, यह अपने कमरों में बैठकर धरना-प्रदर्शन और कार्यकर्ता लोगों को घर से बाहर भीषण गर्मी में बैठाकर जो विरोध की नौटंकी कर रहे हैं, इन्हें खुद कई भाजपाई कोस रहे हैं कि भरी गर्मी में धूप में बैठाया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार हिदायतें जनता को दी जा रही है और निवेदन किया जा रहा है कि घरों के अंदर रहे और घरों से बाहर न निकले। कोरोना वायरस का संक्रमण हवा में भी हो रहा है। ऐसी स्थिति में भाजपाई नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि इनके खिलाफ जुर्म दर्ज होना चाहिए।
समस्याओं से जूझ रहा अस्पताल, विधायक छन्नी ने जताई नाराजगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 25 अप्रैल। डेढ़ दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारियों व एक डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने से कई परेशानियों से गुजर रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंबागढ़ चौकी व स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। नई समस्या यह है कि यहां सीएचसी अंबागढ़ चौकी में पदस्थ दो मेडिकल अफसर डॉक्टरों को आगामी आदेश तक सीएचसी डोंगरगांव अटैच कर दिया गया है।
शुक्रवार को सीएमएचओ कार्यालय से जारी आदेश के बाद सीएचसी की मुश्किलें बढ़ गई है और स्थानीय स्तर पर जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश का विरोध होने लगा है। कहा जा रहा है कि डोंगरगांव में समस्या आ रही है तो इसे जिला मुख्यालय में पदस्थ डॉक्टरों के माध्यम से दूर किया जाना चाहिए। ग्रामीण इलाकों व विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में पदस्थ चिकित्सकों को इधर से उधर नहीं किया जाना चाहिए।
कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक चिकित्सक सहित आधा दर्जन स्टाफ एवं ग्रामीण इलाकों में पदस्थ लगभग एक दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हंै। ऐसी स्थिति में चौकी सीएचसी व ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाएं गड़बड़ाई हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के आधा दर्जन स्टाफ के होम आईसोलेशन में चले जाने से यहां अस्पताल प्रबंधन को स्टाफ की कमी से जूझना पड़ रहा है। इन मुश्किल हालातों में स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग के शीर्ष कार्यालय ने डॉ. भूपेन्द्र जंघेल व डॉ. निशांत सोरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंबागढ़ चौकी से सीएचसी डोंगरगांव में आगामी आदेश तक अटैच कर दिया है। शीर्ष कार्यालय व सीएमएचओ के इस आदेश के बाद अंबागढ़ चौकी में एक नहीं कई मुश्किलें खड़ी हो गई है। स्थानीय स्तर पर सीएमएचओ के आदेश का विरोध शुरू हो गया है।
नगर पंचायत के पार्षद मनीष बंसोड, पार्षद मुकेश सिन्हा, पार्षद अविनाश कोमरे, पार्षद शंकर निषाद, पार्षद सविता मानिकपुरी, पार्षद शीतल भुआर्य ने कहा कि अनुसूचित व संवेदनशील क्षेत्र में पहले से ही स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाओं की कमी हैं और नागरिकों को यहां डॉक्टर के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में चौकी के डॉक्टरों को डोंगरगांव भेजा जाना उचित नहीं है।
कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि संकट के समय में यहां सुविधाएं बढ़ाना चाहिए तो उल्टा डॉक्टरों को यहां से भेजकर समस्याएं बढ़ाई जा रही है। पार्षदों ने मामले की शिकायत स्थानीय विधायक से करते इस मामले में हस्ताक्षेप कर चौकीवासियों को राहत दिलाने की मांग की है।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के दो चिकित्सकों को आगामी आदेश तक डोंगरगांव अटैच किए जाने के मामले में खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने कलेक्टर व सीएमएचओ से चर्चा कर नाराजगी जताते कहा कि ऐसा करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था।
विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि संकट के इस दौर में सभी स्थानों में चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता है। अंबागढ़ चौकी में डेढ़ दर्जन स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोना संक्रमित होने से पहले से ही यहां समस्याएं बनी हुई है और अस्पताल स्टाफ की कमी एवं अन्य परेशानियों से गुजर रहा है। इन हालातों में चौकी के दो डॉक्टरों को डोंगरगांव भेजा जाना उचित नहीं है।
श्रीमती साहू ने कहा कि जिले में कहीं कमियां है तो इसे रिजर्व अन्य डॉक्टरों के माध्यम से पूर्ति किया जाना चाहिए। विधायक ने सीएमएचओ को चौकी के डॉक्टरों को वापस भेजने या इनके स्थान पर अन्य चिकित्सक भेजने का निर्देश दिया है।
बीएमओ डॉ. आरआर धुर्वे ने कहा कि शीर्ष कार्यालय के आदेश पर सीएचसी में पदस्थ दो डॉक्टरों को डोंगरगांव के लिए रिलीव कर दिया गया है। यहां वर्तमान में मात्र दो चिकित्सक ही पदस्थ हैं।
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। राजगामी संपदा न्यास समिति के सदस्य व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश खंडेलवाल ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का दूसरा डोज लगवा लिया है। गत् दिनों उन्होंने स्थानीय क्रिश्चियन हास्पिटल में कोरोना टीकाकरण दूसरे डोज को सुरक्षित लगाया है।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है। आम लोगों को भ्रामक विषयों पर ध्यान न देकर वैक्सीनेशन लगाने के लिए आगे आना चाहिए। जिले की जनता से अपील करते उन्होंने कहा कि टीकाकरण के जरिये कोरोना से आसानी से बचा जा सकता है। बिना डर और हिचकिचाहट के वैक्सीन के डोज लगवाना चाहिए।
गंडई पंडरिया, 25 अप्रैल। गंडई में कोरोना से कांग्रेस के कद्दावर नेता महेशदास रात्रे और प्रतिष्ठित व्यापारी संजय ताम्रकार का निधन हो गया। रात्रे कांग्रेस के प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं में से एक थे। सामाजिक स्तर में उन्हें राजमहंत का दर्जा मिला था। लोग उन्हें राजमहंत के नाम से ही सम्मानपूर्वक पुकारते थे। इसी तरह संजय बुक डिपो के संचालक संजय ताम्रकार की भी कोरोना के चलते मृत्यु हो गई। दोनों को सोशल मीडिया के जरिये श्रद्धांजलि दी जा रही है।
ज्यादातर गांव की हालत चिंताजनक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। अनियंत्रित हो चुके कोरोना ने शहर के बाद देहात इलाकों का रूख कर लिया है। देहात में पैर पसार रहे कोरोना ने ग्रामीणों की दशा और दिशा दोनों को खराब कर दिया है। देहात इलाकों में जहां कोरोना के भय से जनजीवन सिमट गया है।
वहीं हर घर में कोरोना संक्रमण से कम से कम एक सदस्य बीमार हो गया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते प्रकोप हालात चिंताजनक होते दिख रहे हैं। गांव-कस्बों में कोरोना के प्रतिकूल असर से हर घर में कम से कम एक व्यक्ति इस वैश्विक महामारी के चपेटे में आ गया है। हालांकि कोरोना के वीभत्स रूप को देखकर भी ग्रामीणों में लापरवाही नजर आ रही है।
बताया जा रहा है कि कोरोना के नए इम्युनिट ने कम्युनिटी संक्रमण के जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कम्युनिटी संक्रमण होने की स्थिति में गांवों में अफरा-तफरी मच सकती है। ऐसे हालत में ग्रामीणों को सम्हालना एक कठिन चुनौती हो सकती है। बताया जा रहा है कि गांवों में लक्षण होने के बावजूद लोग टेस्ट कराने से परहेज कर रहे हैं। वहीं दूसरा खतरनाक हालात यह है कि कोरोना पॉजिटिव घरों में पोस्टर और पाम्प्लेट भी चस्पा नहीं किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में काफी हद तक लोगों ने खुद नियम और शर्तों का पालन करने का मन बनाया हुआ है। गांवों में हालात इसके विपरीत है।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले के ज्यादातर गांवों में कोरोना ने दस्तक दे दिया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य महकमे के पास साधन और संसाधन सीमित हैं। वहीं मैदानी अमला भी सीमित दायरे पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायतों के जरिये ग्रामीणों को सतर्क रहने के कई बार सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग बेखौफ होकर कोविड-19 की शर्तों का माखौल उड़ा रहा है। इस बीच राजनांदगांव शहर से सटे गांवों में भी स्थिति खराब है। पार्रीकला, सुरगी, सोमनी, भेड़ीकला, गठुला, सुकुलदैहान में भी कोरोना के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद कोरोना से निपटने के लिए लोगों में सुरक्षात्मक सोच नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि गांवों और कस्बों में तेजी से फैलते कोरोना से स्थिति जहां खतरनाक होगी। वहीं संक्रमण और मौत की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने की चेतावनी दी जा रही है।
इधर ग्रामीण इलाकों में कोरोना के फैलने से स्वास्थ्य महकमा स्थिति को सम्हालने में स्वाभाविक रूप से दबाव में रहेगा। कारण साफ है कि ऑक्सीजन, जांच किट के अलावा अस्पतालों में बिस्तरों की किल्लत है। वर्तमान में स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। अप्रैल के महीने में जिस तरह से 150 से ज्यादा जान गई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई का महीने में कोरोना का कहर किस हद तक होगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई पंडरिया, 25 अप्रैल। लॉकडाउन में मनाही के बावजूद खेत खनन करते एक जेसीबी और 2 हाईवा को गंडई प्रशासन ने कार्रवाई करते जब्त कर लिया है।
ग्राम लालपुर में जेसीबी के माध्यम से खेत का खनन करवाया जा रहा था, जिस पर नायब तहसीलदार भरतलाल ब्रम्हें ने एक जेसीबी और 2 हाईवा की जब्ती बनाते कार्रवाई की। प्रकरण तैयार कर प्रतिवेदन को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सम्प्रेषित किया है। ज्ञात हो कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर कलेक्टर ने जिलेभर को कंटेनमेंट जोन घोषित करते आगामी 5 मई तक लॉकडाउन को यथावत रखा है। इस स्थिति में जेसीबी के माध्यम से खेत का खनन किया जा रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार बनाए गए प्रकरण के अनुसार ऋषभ जयसवाल गंडई निवासी द्वारा अपने स्वयं के 2 हाईवा एवं एक जेसीबी द्वारा ग्राम लालपुर के पहनं 23 रानीमा पेंडरवानी तहसील गंडई के कृषक सुखननंदन के भूमि स्वामी हक के जमीन जिसका खसरा नंबर 192/2 रकबा 4.06 एकड़ में से लंबाई 60 मीटर, चौड़ाई 40 मीटर एवं गहराई 06 फीट खोदकर अशोक के कृषि फार्म में बैगर अनुमति के एवं लॉकडाउन का उल्लंघन करते राजस्व के नायब तहसीलदार भरत लाल ब्रम्हें द्वारा गत् दिनों पकड़ा गया और थाना गंडई के सपुर्द में दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई एसडीएम द्वारा किया जाना है।
ज्यादातर गांव की हालत चिंताजनक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल। अनियंत्रित हो चुके कोरोना ने शहर के बाद देहात इलाकों का रूख कर लिया है। देहात में पैर पसार रहे कोरोना ने ग्रामीणों की दशा और दिशा दोनों को खराब कर दिया है। देहात इलाकों में जहां कोरोना के भय से जनजीवन सिमट गया है। वहीं हर घर में कोरोना संक्रमण से कम से कम एक सदस्य बीमार हो गया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते प्रकोप हालात चिंताजनक होते दिख रहे हैं। गांव-कस्बों में कोरोना के प्रतिकूल असर से हर घर में कम से कम एक व्यक्ति इस वैश्विक महामारी के चपेटे में आ गया है। हालांकि कोरोना के वीभत्स रूप को देखकर भी ग्रामीणों में लापरवाही नजर आ रही है।
बताया जा रहा है कि कोरोना के नए इम्युनिट ने कम्युनिटी संक्रमण के जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कम्युनिटी संक्रमण होने की स्थिति में गांवों में अफरा-तफरी मच सकती है। ऐसे हालत में ग्रामीणों को सम्हालना एक कठिन चुनौती हो सकती है। बताया जा रहा है कि गांवों में लक्षण होने के बावजूद लोग टेस्ट कराने से परहेज कर रहे हैं। वहीं दूसरा खतरनाक हालात यह है कि कोरोना पॉजिटिव घरों में पोस्टर और पाम्प्लेट भी चस्पा नहीं किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में काफी हद तक लोगों ने खुद नियम और शर्तों का पालन करने का मन बनाया हुआ है। गांवों में हालात इसके विपरीत है।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले के ज्यादातर गांवों में कोरोना ने दस्तक दे दिया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य महकमे के पास साधन और संसाधन सीमित हैं। वहीं मैदानी अमला भी सीमित दायरे पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायतों के जरिये ग्रामीणों को सतर्क रहने के कई बार सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग बेखौफ होकर कोविड-19 की शर्तों का माखौल उड़ा रहा है। इस बीच राजनांदगांव शहर से सटे गांवों में भी स्थिति खराब है। पार्रीकला, सुरगी, सोमनी, भेड़ीकला, गठुला, सुकुलदैहान में भी कोरोना के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद कोरोना से निपटने के लिए लोगों में सुरक्षात्मक सोच नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि गांवों और कस्बों में तेजी से फैलते कोरोना से स्थिति जहां खतरनाक होगी। वहीं संक्रमण और मौत की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने की चेतावनी दी जा रही है।
इधर ग्रामीण इलाकों में कोरोना के फैलने से स्वास्थ्य महकमा स्थिति को सम्हालने में स्वाभाविक रूप से दबाव में रहेगा। कारण साफ है कि ऑक्सीजन, जांच किट के अलावा अस्पतालों में बिस्तरों की किल्लत है। वर्तमान में स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। अप्रैल के महीने में जिस तरह से 150 से ज्यादा जान गई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई का महीने में कोरोना का कहर किस हद तक होगा।
केन्द्र शासन ने विशेष बीमा सुविधा को किया समाप्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। केंद्र सरकार ने कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर का 50 लाख इंश्योरेंस कवर योजना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत हेल्थ वर्कर की मौत होने पर परिजनों को 50 लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलता था। इसका उद्देश्य कोरोना हेल्थ वर्कर को सुरक्षा मुहैया कराना था। जिससे कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर उनके परिवार की देखभाल हो सके।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। जिसके कहर का सामना देश कर रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने राज्यों को भेजे सर्कुलर में कहा है कि यह योजना 24 मार्च 2021 को खत्म हो जाएगी। इसके तहत 287 दावों का निपटारा किया गया है। इस योजना के तहत करीब 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष बीमा कवर उपलब्ध कराया गया था। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारों के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों, नर्सों, चिकित्सा सहायकों, साफ.-सफाई कर्मियों तथा कुछ अन्य लोगों को शामिल किया गया था। इस योजना की घोषणा करते केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सफाई कर्मियों, वार्ड ब्वॉयज, नर्सों, आशा कर्मियों, सहायकों, चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को योजनांतर्गत विशेष बीमा सुविधा का लाभ मिलेगा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि योजना को बंद करने का फैसला दुखद एवं दुर्भाग्यजनक है, जो कि भारत सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब हेल्थ केयर वर्कस कम संसाधनों में लोगों की जान बचाने में जुटे हैं। इस दौरान उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धओं के लिए यह फैसला निराशाजनक एवं हतोत्साहित करने वाला फैसला है। गरीब कल्याण पैकेज के तहत हेल्थ केयर वर्कर के परिजन 24 अप्रैल 2021 तक ही पुरानी बीमा कंपनी से दावे का निबटारा कर सकेंगे।
छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन राजनांदगांव के जिला अध्यक्ष मुकुल साव, जिला महामंत्री पीआर झाडे, सदस्य बृजभान सिन्हा, एफआर वर्मा, वायडी साहू, जनक तिवारी, संजीव मिश्रा, भूषणलाल साव, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, अभिशिक्ता फंदियाल, मालती टंडन, ईश्वर टंडन, अब्दुल कलीम खान, सोहन निषाद, मुकेश शुक्ला, एचके सोनसारवां, बीके गुप्ता एवं साथियों ने केंद्र सरकार से मौजूदा हालात को ध्यान में रखते कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर के 50 लाख इंश्योरेंस कवर योजना को गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जारी रखने की अपील की है।
डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 के संबंध में समीक्षा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने शुक्रवार को दिग्विजय स्टेडियम स्थित डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के अधिक केस आ रहे हैं और मृत्यु दर भी बढ़ी है। यहां सर्विलेंस टीम अधिक एक्टिव करने की जरूरत है।
मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनएनएम घर-घर जाकर सर्दी, खांस, बुखार के लक्षण वाले मरीजों की जानकारी एकत्रित करें और उनका कोरोना टेस्ट कराएं। गांवों में सरपंच, सचिव मुनादी कराकर कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने लोगों का जागरूक करें। इन क्षेत्रों मेें कंटेनमेंट जोन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। लोग घरों से बाहर न निकले। जिन घरों में मरीज कोरोना से संक्रमित है। उनके परिजन घर से बाहर न निकले। इस पर सतत निगरानी रखी जाएं।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि सैम्पल टेस्टिंग के समय अपना सही पता एवं मोबाइल नंबर की जानकारी प्रदान करें, ताकि कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोका जा सके। उन्होंने कहा है कि सैम्पल देते समय गलत पता एवं मोबाइल नंबर देने के कारण संक्रमित व्यक्ति को न तो उपचार मिल पाता है और न ही वह होम आईसोलेशन में रहता है। जिसकी वजह से वह स्वयं संक्रमित होता ही है, दूसरों को भी संक्रमित करता है। उन्होंने गलत जानकारियां प्रदान करने वाले लोगों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दण्डात्मक कार्रवाई करने कहा।
कलेक्टर वर्मा ने कोविड हास्पिटल ऑक्सीजन सिलेंडर व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था हो गई है। जिससे मरीजों के ईलाज में असुविधा नहीं होगी। कोरोना संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन में रहने के बाद डिस्जार्च करने के पहले निगरानी में रखे। ऑक्सीजन लेबल सही रहने पर डिस्चार्ज करें। उन्होंने जिले में कोरोना सैम्पल कीट की जानकारी ली। शासकीय मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहिने ने बताया कि एम्स की गाईड लाइन के अनुसार कोविड ट्रिटमेंट के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन को हटाया गया है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, अपर कलेक्टर सीएल मारकंडेय, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, एसडीएम मुकेश रावटे, डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर राहुल रजक, डिप्टी कलेक्टर लता उर्वशा, डीएसपी लोकेश देवांगन, डीपीएम गिरीश कुर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल कुमरे, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, ईडीएम सौरभ मिश्रा, शासकीय मेडिकल कालेज के अरविंद चौधरी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य महेन्द्र यादव ने तुमड़ीबोड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
बताया गया कि स्टॉफ नर्स की लापरवाही की वजह से मरीज परेशान हैं। एक ओर जहां कोरोना महामारी की स्थिति में बाकी स्वास्थ्य केंद्रों में टेस्ट नहीं होने के कारण मरीज भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तुमड़ीबोड़ स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में टेस्ट किट उपलब्ध होने के बावजूद डॉक्टर एवं स्टॉफ नर्स की आपसी तालमेल नहीं होने के कारण कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा था। इसकी जानकारी तुमड़ीबोड सरपंच टीकम पटेल एवं उपसरपंच भूपेंद्र सोनवानी ने जिला पंचायत सदस्य महेंद्र यादव को फोन पर दी।
श्री यादव ने तत्काल मौके पर पहुंचकर ऐसी लापरवाही के लिए अस्पताल प्रबंधन एवं स्टॉफ नर्स को फटकार लगायाी एवं सुचारू रूप से कोरोना टेस्ट एवं टीकाकरण के लिए निर्देशित किया। साथ ही अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही से सीएमओ राजनांदगांव मिथिलेश चौधरी को अवगत कराया।
नि:शुल्क टीका के लिए सीएम का जताया आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र की मोदी नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि आज पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है, उसके बाद भी केंद्र सरकार अपनी अडिय़ल व अमानवीय रूख अपनाते उस पर भी 12 फीसदी जीएसटी की वसूली में लगी हुई है। जिससे भाजपा और केंद्र सरकार का क्रूर चेहरा उजागर हुआ है। जिसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑक्सीजन व प्रत्येक रिफलिंग से जीएसटी समाप्त करने की मांग की है।
प्रदेश महामंत्री शाहिद भाई ने राजनांदगांव विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और सांसद संतोष पांडेय की निष्क्रियता को भी रेखांकित करते कहा कि यह दोनों नेता भी अपनी जिम्मेदारी से बचकर राजनीति की निम्न पराकाष्ठा पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार अपने संसाधनों से कोरोना की दूसरी लहर से जनता को राहत पहुंचाने का काम कर रही है। पूर्व में 60 से 45 वर्ग को टीका मुफ्त के बाद अब 18 वर्ष के आयु वर्ग को टीका मुफ्त की घोषणा कर बड़ी राहत व मानवता का परिचय दिया है, उसके बाद भी विधवा विलाप करते राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यजनक है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनांदगांव विधायक व सांसद पूरे कोरोना संक्रमणकाल के दौरान जनसेवा से दूर रहे और केंद्र सरकार से राज्य सरकार को एक पैसा दिला पाने का साहस नहीं कर पाए, उसके बाद उन्हें राज्य सरकार पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आज पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहा है और जैसे-तैसे ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है और प्रत्येक रिफलिंग पर भी 12 प्रतिशत का जीएसटी केंद्र सरकार लगा रखी है।
शाहिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऑक्सीजन पर लगने वाली जीएसटी को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। जिससे देश की जनता को ऑक्सीजन लेने में और रिफलिंग में भी अतिरिक्त भार का सामना न करना पड़े।
नि:शुल्क टीका के लिए सीएम का जताया आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र की मोदी नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते कहा कि आज पूरे देश में ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है, उसके बाद भी केंद्र सरकार अपनी अडिय़ल व अमानवीय रूख अपनाते उस पर भी 12 फीसदी जीएसटी की वसूली में लगी हुई है। जिससे भाजपा और केंद्र सरकार का क्रूर चेहरा उजागर हुआ है। जिसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑक्सीजन व प्रत्येक रिफलिंग से जीएसटी समाप्त करने की मांग की है।
प्रदेश महामंत्री शाहिद भाई ने राजनांदगांव विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और सांसद संतोष पांडेय की निष्क्रियता को भी रेखांकित करते कहा कि यह दोनों नेता भी अपनी जिम्मेदारी से बचकर राजनीति की निम्न पराकाष्ठा पर उतर आए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार अपने संसाधनों से कोरोना की दूसरी लहर से जनता को राहत पहुंचाने का काम कर रही है। पूर्व में 60 से 45 वर्ग को टीका मुफ्त के बाद अब 18 वर्ष के आयु वर्ग को टीका मुफ्त की घोषणा कर बड़ी राहत व मानवता का परिचय दिया है, उसके बाद भी विधवा विलाप करते राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यजनक है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनांदगांव विधायक व सांसद पूरे कोरोना संक्रमणकाल के दौरान जनसेवा से दूर रहे और केंद्र सरकार से राज्य सरकार को एक पैसा दिला पाने का साहस नहीं कर पाए, उसके बाद उन्हें राज्य सरकार पर आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आज पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहा है और जैसे-तैसे ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है और प्रत्येक रिफलिंग पर भी 12 प्रतिशत का जीएसटी केंद्र सरकार लगा रखी है।
शाहिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऑक्सीजन पर लगने वाली जीएसटी को तत्काल समाप्त करने की मांग की है। जिससे देश की जनता को ऑक्सीजन लेने में और रिफलिंग में भी अतिरिक्त भार का सामना न करना पड़े।
गरीब परिवारों को सहयोग करने की अपील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। महापौर हेमा देशमुख ने शुक्रवार को नगर निगम सभागृह में नगर के समाज प्रमुखों एवं व्यापारियों की बैठक लेकर गरीब परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने सहयोग करने की अपील की।
बैठक में महापौर देशमुख ने कहा कि पिछले बार की तुलना में इस बार का कोरोना संक्रमण बहुत ज्यादा है। जिससे बचाव के लिए विभिन्न प्रांतों सहित छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन के कारण प्रतिदिन रोजी-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वालों पर समस्या उत्पन्न हो गयी है। ऐसे परिवारों को गत् वर्ष की भांति इस वर्ष भी राहत सामग्री उपलब्ध कराया जाना है। इसके लिए आज बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि गत् वर्ष भी आप लोगों द्वारा बढ़-चढक़र सहयोग किया गया था। इस वर्ष भी आप लोगों द्वारा कोविड सेंटर, आक्सीजन सिलेंडर, भोजन आदि के अलावा अन्य व्यवस्था भी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा दो माह का चावल नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन काम नहीं होने के कारण अन्य आवश्यक सामग्री क्रय करने में गरीब परिवारों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, जिसे ध्यान में रखते आप सभी के सहयोग से उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध कराना है। इसके लिए राशन किट तैयार किया जाना है। उन्होंने कहा कि धैर्य रखकर सावधानी बरतकर, सुरक्षित रहकर ही हम कोरोना से लड़ सकते है। बैठक में व्यापारियों और समाज प्रमुखों ने अपने-अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आपस में हम सब मिलकर चेम्बर ऑफ कामर्स के साथ राहत सामग्री तय कर लेंगे।
बैठक में नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि इसके लिए एक नोडल अधिकारी सहित टीम का गठन किया जाएगा और आप लोगों द्वारा प्रदत्त राशन किट निगम के सभागृह में रखकर जरूरतमंदों को आवश्यकतानुसार वार्डों में वितरण किया जाएगा।
बैठक में चेम्बर ऑफ कामर्स के पदाधिकारी, कमल साल्वेट के संचालक, उदयाचल, बढ़ते कदम, संस्कार श्रद्धांजलि, थोक एवं चिल्हर व्यापारी संघ, फल-सब्जी के थोक एवं चिल्हर विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। सिंधी समाज राजनांदगांव द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रेरणा व जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के विशेष सहयोग से कोरोना मरीजों की सेवार्थ दिग्विजय स्टेडियम स्थित सांई हॉस्टल कोविड केयर सेंटर में चल रहा है। एक और प्रयास सेवा की ओर एक और कदम 23 अप्रैल से डॉ. कुमुद महोबिया मेमोरियल हॉस्पिटल बल्देवबाग के सहयोग से अनुभवी डॉक्टर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही हर तरह की जांच डॉ. महोबिया द्वारा रियायती दर पर तथा 24 घंटे का विशेष सहयोग व मरीजों को दवाईयों का मार्गदर्शन भी डॉ. की देखरेख में होगा। उक्त जानकारी देते अनिल चौथवानी ने बताया कि आईपीडी सुबह 7.30 से 9.30 व आवश्यकतानुसार 24 घंटे परामर्श तथा ओपीडी शाम 5 से 6.30 बजे तक उपलब्ध है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 24 अप्रैल। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में तेजी से फैल रहे संक्रमण व मृत्यु दर में हुई वृद्धि ने लोगों को भयभीत कर दिया है। गांवों में संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। गांवों में लोगों ने अपनी सामाजिक व्यवस्था व नियमों के तहत कड़ाई करते गांव के किसी व्यक्ति का बाहरी गांव आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
ब्लॉक में दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां लॉकडाउन तक अन्य गांव व नगरों में आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चिखली के पवन ठाकुर ने बताया कि उनके गांव में गांव की व्यवस्था व नियम के तहत संक्रमण की रोकथाम के लिए गांव से बाहर जाने की मनाही कर दी गई है और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है।
गुंडरदेही व कोटरा ऐसे गांव है जहां गांव स बाहर जाने एवं आने वालों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। गुंडरदेही गांव की सीमा से लगे व पखवाड़ेभर से कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ बांधाबाजार में आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियम तोडऩे पर गांव की पंचायत के हिसाब से दंड का भी प्रावधान सुनिश्चित कर दिया गया है। ब्लॉक के कई गांव ऐसे हैं, जहां बाहरी लोगों के गांवों में प्रवेश रोकने मार्गों में तार, वृक्ष की टहनियां व बांस का स्टॉपर लगाया गया है।
गांव का नियम तोडऩे पर 10 हजार तक दंड का प्रावधान
ब्लॉक में कई गांव ऐसे हैं, जहां संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्रामीण व्यवस्था व गांवों के नियमों के तहत दंड का प्रावधान कर दिया गया है। ब्लाक के बांधाबाजार से सटे गुंडरदेही, कोटरा, जोरातराई सहित दर्जनों गांव में लोगों ने संक्रमण की रोकथाम के लिए गांव से बाहर आने-जाने व दीगर गांव के बाहरी व्यक्तियों को गांवों में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। गांव की पंचायती के अनुसार नियम तोडऩे वाले परिवारों पर दंड का प्रावधान रखा गया है।
बताया जाता है कि यह दंड 5 से 10 हजार रुपए तक रखा गया है। जिससे लोग नियम तोडऩे के लिए सोच भी न सके। हालांकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता, पर संक्रमण की रोकथाम के लिए गांवों में की गई यह कड़ाई व चेतावनी संक्रमण की रोकथाम की दिशा में कारगार साबित हो रही है। टीआई आशीर्वाद रहटगांवकर ने कहा कि गांवों में लॉकडाउन व संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन हो रहा है। कई गांवों में स्थानीय व्यवस्थाओं के तहत प्रवेश मार्गों में पत्थर व टहनिया रखकर सीमा को सील किया गया है।
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। नागवंशी गोंडवाना समाज की मोहला संभाग इकाई ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर सार्वजनिक आयोजनों पर 5 मई तक रोक लगाने का निर्णय लिया है। वहीं आवश्यकता पडऩे पर इसे आगे बढ़ाने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार नागवंशी गोंडवाना समाज की मोहला संभाग इकाई ने शादी-ब्याह, जन्मदिन, छ_ी जैसे सामाजिक कार्यक्रमों पर 5 मई तक रोक लगा दी है। वहीं आवश्यकता पडऩे पर इसे आगे बढ़ाने की बात कही है। वर्चुअल बैठक के माध्यम से यह निर्णय लिया गया। बैठक में संभागीय अध्यक्ष नरेन्द्र नेताम, संरक्षक मोहन छिडक़ो, महासचिव संजीत ठाकुर, अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष चंद्रेश ठाकुर, संभागीय सचिव कुमार कोरेटी, युवा प्रभाग अध्यक्ष अंगद सलामे, महिला प्रभाग अध्यक्ष समृत उसेंडी, तुलसीराम मरकाम, ब्लॉक अध्यक्ष रमेश हिढामें, बाबूराव हिढको, दिनेश कोरेटी, रोहित कौर, दिनेश उसेंडी आदि इस वर्चुअल बैठक में शामिल थे।
संगठन के अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष चंद्रेश ठाकुर ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक में इसका निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। इससे हमारा समाज भी अछूता नहीं रहा है। कोरोना के प्रसार को रोकने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि लोगों के बीच अधिक से अधिक दूरी रहे।