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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 22 सितंबर। रायगढ़ शहर के एक्सिस बैंक में डकैती करने वाले गिरोह ने ही सात साल पहले कोरबा शहर के केनरा बैंक में भी 51 लाख रूपये नकद व जेवर की डकैती की थी। इस दौरान पुलिस के हाथ केवल तीन आरोपी लगे थे, जिनसे रकम बरामद नहीं हो पाई थी। इन्हें सजा सुनाई गई थी। जेल से छूटने के बाद ये फिर घटनाएं करने लगे।
बताया जा रहा है कि एक्सिस बैंक डकैती कांड में गिरफ्तार गिरोह के पांच सदस्यों से पूछताछ में यह बात सामने आई है।
रायगढ़ जिले में संचालित एक्सिस बैंक में हथियारबंद डकैतों ने धावा बोल कर 5.65 करोड़ रूपये नकद व जेवर लूट लिए थे। छत्तीसगढ़ व झारखंड के बार्डर में रामानुजगंज पुलिस ने राज्य छोडक़र भागने से पहले पांच कथित आरोपियों को धर धबोचा। इनके पास से डकैती के नकद व जेवर भी बरामद कर लिया गया है। डकैती कांड के पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि सभी कथित आरोपी बिहार और झारखंड के निवासी हैं और कई अन्य राज्यों में वारदात कर चुके हैं।
इसमें सात साल पहले हुए कोरबा जिला के ट्रांसपोर्ट नगर के केनरा बैंक डकैती कांड भी शामिल है। 21 सितंबर 2016 की सुबह 8.45 बजे केनरा बैंक की शाखा में बंदूक थामे 6 डकैत उस वक्त धड़धड़ाते घुस गए थे, जब चपरासी अमित कुमार सिंह साफ-सफाई कर रहा था। डकैत बैंक से पूरा सोना व नकद समेट कर भाग गए।
ओडिशा पुलिस ने घटना के करीब चार माह बाद संबलपुर स्थित एक बैंक में डकैती के मामले में दो आरोपियों को पकड़ा था। इस मामले का फरार मास्टर माइंड कथित आरोपी को एसटीएफ पटना ने धनबाद से गिरफ्तार किया गया था। मूलत: बिहार के गया जिले में रहने वाले इस मोस्ट वांटेड की तलाश पांच राज्यों की पुलिस को थी। चालीस से अधिक बैंक डकैती करने का रिकार्ड इसके नाम पर है। किराए पर घर लेकर कई माह से लुक-छिप कर रह रहा था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर एसटीएफ उस तक पहुंची थी। कोरबा पुलिस ओडिशा व बिहार में हुई गिरफ्तारी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें कोरबा लाई थी। अभी भी तीन अन्य कथित आरोपियों की तलाश जारी है।
कोरबा कोतवाली टीआई रूपक शर्मा ने बताया कि रायगढ़ में पकड़े गए गिरोह ने ही केनरा बैंक में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। घटना में शामिल आरोपियों की शिनाख्ती की जा रही है।
कोरबा, 22 सितंबर। कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा तहसील के अंतर्गत ग्राम डंगनिया हरदीपारा में छात्र-छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करने, अपशब्दों का प्रयोग करने तथा मारपीट करने की शिकायत जांच के दौरान सही पाई गयी। इसके फलस्वरूप सहायक शिक्षक को निलंबित कर मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पोड़ी-उपरोड़ा नियुक्त किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी निलंबन आदेश के अनुसार पोड़ी-उपरोड़ा तहसील के अंतर्गत ग्राम डंगनिया हरदीपारा के ग्रामीणों ने प्राथमिक शाला डंगनिया के सहायक शिक्षक के विरूद्ध गंभीर शिकायतें की थी। इसकी जांच सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी से कराई गई। जांच प्रतिवेदन में सभी आरोप सही पाए गए। सहायक शिक्षक का कृत्य कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं अनुशासनहीनता पूर्ण होने तथा छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत होने के कारण छग सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 तथा नियम 10 के तहत निलंबित किया गया है।
किसान सभा ने वादाखिलाफी का लगाया आरोप
खदान महाबंद और कलेक्टोरेट घेराव की दी चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 22 सितंबर। छत्तीसगढ़ किसान सभा, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ और भू-विस्थापितों के अन्य संगठनों के आह्वान पर 11 और 12 सितंबर को कोयले की आर्थिक नाकाबंदी की गई थी।
आंदोलन के दबाव में एसईसीएल प्रबंधक को झुकना पड़ा था और जिला प्रशासन की मध्यस्थता में 21 सितम्बर को आंदोलनकारियों की तमाम मांगों पर वार्ता कर भू-विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण का आश्वाशन दिया था। लेकिन बिना किसी चर्चा के बैठक को स्थागित कर दिया गया। जिससे भू-विस्थापितों का आक्रोश और बढ़ गया किसान सभा के नेतृत्व में भू-विस्थापितों ने कुसमुंडा और गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल के सीएमडी और जिला प्रशासन का पुतला फूंक कर आगे खदान महाबंद के साथ कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी है।
रोजगार, पुनर्वास, पुनर्वास गांव में काबिज भू-विस्थापितों को पट्टा और अनुपयोगी भूमि की वापसी से जुड़ी मांगों पर पिछले दो सालों से यहां आंदोलन चल रहा है। आंदोलन के दबाव में एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों को आश्वासन तो देता रहा है, लेकिन उस पर कभी अमल नहीं हो पाया। किसान सभा ने खनन प्रभावित 54 गांवों के भू-विस्थापितों से पुन: सडक़ पर उतर कर खदान बंद के साथ कलेक्ट्रेट घेराव के साथ आर-पार की लड़ाई लडऩे का आह्वान किया है।
माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि रोजगार और पुनर्वास की कीमत पर और ग्रामीणों की लाशों पर एसईसीएल प्रबंधन को मुनाफा कमाने नहीं दिया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के नाते सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी को पूरा करने उसे मजबूर किया जाएगा। रोजगार और पुनर्वास की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की भी है किन्तु वो एसईसीएल पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है।
किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर और दीपक साहू ने कहा कि आगे भी सभी भू-विस्थापित एकजुट होकर आंदोलन करेंगे तभी भू-विस्थापितों को उनका अधिकार मिल पाएगा। एसईसीएल को कार्य धरातल में करना होगा अगर इस बार प्रबंधन का आश्वाशन झूठा नहीं चलेगा आगे और उग्र आंदोलन के लिए सभी तैयार रहे।
पुतला दहन में प्रमुख रूप से रेशम यादव, दामोदर श्याम, जय कौशिक, अनिल बिंझवार, बसंत चौहान, मोहन यादव, हरिहर पटेल, शिवदयाल कंवर, यशवंत कंवर, प्रमोद पैकरा, राजेश कंवर, विकास सिंह के साथ बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित थे।
कोरबा, 22 सितंबर। कोयला सचिव अमृतलाल मीणा की अध्यक्षता में 27 सितंबर को नई दिल्ली में प्रस्तावित कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में कोयला पेंशनरों को न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन देने पर मुहर लगने कि उम्मीद हैं। इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव लाया जाएगा। न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए करने को लेकर पिछले दो बैठकों से बोर्ड में विचार किया जा रहा है।
ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों के साथ सीएमपीएफओ प्रबंधन सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है। ऐसा होने से एक हजार से अधिक पेंशनरों को आर्थिक लाभ होगा। मिनिमम 1000 रुपए पेंशन देने से सीएमपीएफओ पर सालाना 50 से 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। मालूम हो कि वर्तमान में साढ़े पांच लाख से अधिक पेंशनर है, जिनमें एक लाख से अधिक को एक हजार रुपए से कम पेंशन मिलती है। कई पेंशनरों का आज भी 49 रुपए पेंशन मिल रही है।
कोल माइंस पेंशनरर्स एसोसिएशन लंबे समय से पेंशन में रिवीजन करने के साथ प्रत्येक तीन महीने पर महीने वाला महंगाई भत्ता को जोडक़र भुगतान करने की मांग करता आ रहा है। कोयला सचिव सह सीएमपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में 27 सितंबर को सीएमपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक नई दिल्ली में होगी। बैठक में पेंशन फंड की मजबूती के अलावा न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए करने का प्रस्ताव है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 10 सितम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने जिला कलेक्टर कोरबा सभा कक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 223वीं एवं कोरबा जिला की 6वीं सुनवाई हुई। कोरबा जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 25 प्रकरण सुनवाई की गई।
सुनवाई के दौरान नौ साल से अलग रह रहे पति पत्नी का आपस में रिश्ता जुड़ा। आयोग की समझाईश के बाद पति-पत्नी अपने तीनो बच्चों के साथ रहने को तैयार हो गये। आयोग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को 1 साल तक निगरानी का आदेश देते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।
अन्य प्रकरण में आवेदिका आरक्षक है, जिसने दो आरक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी और सुनवाई में आवेदिका सूचना मिलने पर भी अनुपस्थित रहीं। अनावेदक गणो द्वारा एफआईआर दर्ज होने के संबंधित दस्तावेज पेश करने पर आयोग में प्रकरण चलाना संभव नहीं है, इस वजह से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में अवेदिका ने अपने पति, देवर और ससुराल वालों के खिलाफ न्यायालय में 379 377, 498 दहेज प्रताडऩा एवं 125 भरण पोषण का मामला न्यायलय में दर्ज करायी है। दोनों पक्षों में सुलाहनामा की कोई गुंजाईश नहीं है। आवेदिका को भरण-पोषण मिल रहा है। दोनों बच्चों के दिमाग में उसके पिता के खिलाफ जहर भर दिया गया है। मामला न्यायालय में चलने की वजह से आयोग में सुनवाई असंभव है, इस वजह से आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में अनावेदक द्वारा फोन पर आवेदिका को धमकी देने की शिकायत आयोग में दर्ज कराया गया जिसमें अनावेदक सुनवाई में अनुपस्थित था। आयोग ने शीघ्र सुनवाई हेतु प्रकरण रायपुर स्थानांतरण किया। मिलाई सेक्टर 6 के थाना प्रभारी को आयोग द्वारा आदेश दिया गया की अनावेदन को अगली सुनवाई में एस.आई. के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित किया जाये।
अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा घरेलू हिंसा का प्रकरण न्यायालय में चलने के बावजूद आयोग ने शिकायत दर्ज करायी थी। अनुपपुर पुलिस के माध्यम से अनावेदकगणों का उपस्थिति सुनिश्चित कराया गया। आवेदिका अनुपस्थित रहीं। प्रकरण न्यायालय में चलने के वजह से आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में अनावेदकगण उपस्थित रहे। आवेदिका द्वारा भोपाल मध्यप्रदेश के महिला थाना में 498 दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज करायी है और आज की सुनवाई में अनुपस्थित रही। मामले में एफआईआर दर्ज होने से आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया ।
अन्य प्रकरण में आनावेदक 1 और 2 उपस्थित अनावेदकगणों द्वारा बताया गया कि आवेदिका से सुलहनामा हो गया है, लेकिन आवेदिका अनुपस्थित की वजह से प्रकरण समाप्त नहीं किया गया। आयोग ने समझाईश दी कि आवेदिका अपने हाथ से लिख कर जब आयोग में सुलहानामा आवेदन प्रस्तुत करेगी, तब प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाएगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित थीं, अनावेदकगण ने बताया कि न्यायालय में 107/16 का प्रकरण चलाया गया जो समाप्त हो चुका है। जिसमें प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत करने पर आयोग प्रकरण नस्तीबद्ध करेगा। अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित थी अनावेदक अनुपस्थित था। आवेदिका ने बताया कि उसका पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध है और वह भरण पोषण का पैसा नहीं देता, जिसको आयोग ने एस.आई. के माध्यम से आगामी रायपुर सुनवाई में उपस्थित कराने का निर्देश दिया गया।
कोरबा, 4 सितंबर। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय अंतर्गत कक्षा 6वीं में मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया 6 सितम्बर तक दी जा रही है। एलडब्ल्यूई जिलों में विद्यार्थियों के प्रवेश परीक्षा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने से भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जिला स्तर पर मेरिट सूची तैयार कर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई है।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि भारत सरकार के नवीन दिशा-निर्देश अनुसार जिला स्तरीय मेरिट सूची तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। जिलों में प्रवेश प्रक्रिया हेतु मेरिट सूची के आधार पर विद्यालयों में विगत 28 अगस्त से 6 सितम्बर तक प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों का प्रवेश सूचना नियमावली वर्ष 2023-24 में वांछित अभिलेख के साथ विद्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है।
वांछित अभिलेखों के अभाव में प्रवेश प्रदान नहीं किया जाएगा।
कोरबा, 4 सितम्बर। कलेक्टर सौरभ कुमार ने प्रशासनिक दृष्टिकोण से कार्य विभाजन में आंशिक संशोधन करते हुए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को अस्थाई रूप से विभिन्न दायित्व सौंपे हैं।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार अपर कलेक्टर कोरबा (राज्य प्रशासनिक सेवा) प्रदीप कुमार साहू को कोरबा अनुविभाग अंतर्गत आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, विविध शिकायत प्रकरण, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-114, 115 के तहत प्रचलन की अनुमति सहित कलेक्टर द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों का दायित्व सौंपा गया है।
इसी प्रकार अपर कलेक्टर कटघोरा (राज्य प्रशासनिक सेवा) दिनेश नाग को कटघोरा अनुविभाग के अंतर्गत विविध शिकायत प्रकरण, भूमि आबंटन एवं व्यवस्थापन, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-114, 115 के तहत प्रचलन की अनुमति सहित कलेक्टर द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों का दायित्व सौंपा गया है।
अपर कलेक्टर कोरबा (राज्य प्रशासनिक सेवा) शिव बनर्जी को अनुविभाग पाली तथा पोड़ीउपरोड़ा अंतर्गत विविध शिकायत प्रकरण, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-114, 115 के तहत प्रचलन की अनुमति सहित कलेक्टर द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों का दायित्व सौंपा गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 4 सितम्बर। अविवादित नामांतरण और सीमांकन के प्रकरणों का हल समय-सीमा में ही किया जाए। इनके निराकारण के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित है और इसी के आधार पर कार्य किए जाए। इससे अधिक समय यदि लगता है तो सम्बंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जा सकती है। राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने के लिए राजस्व न्यायालयों में नियमित तौर पर सुनवाई होनी चाहिए। इसी प्रकार बंटवारा के प्रकरणों का हल भी टाइम लिमिट में हो, सभी राजस्व अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। उपरोक्त निर्देश कलेक्टर सौरभ कुमार ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में राजस्व अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि शासन की फ्लेगशिप योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए उनके सफल क्रियान्वयन के लिए हर संभव प्रयास करें। कलेक्टर ने नगरीय क्षेत्र में राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टा वितरण, एसईसीएल से प्राप्त भूमि पर पट्टा वितरण की प्रगति, वन अधिकार पट्टा वितरण एवं राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने इन योजनाओं के लिए प्राप्त आवेदनों पर संबंधित अधिकारियों को समन्वय बनाकर त्वरित कार्यवाही करने को कहा जिससे सभी पात्र हितग्राही लाभान्वित हो सकें। उन्होंने शहरी क्षेत्र में राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टा वितरण हेतु राज्य शासन से प्राप्त नए दिशा निर्देशों के अनुसार एकरूपता से कार्य करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए।
बैठक में ई-कोर्ट में दर्ज प्रकरण, अभिलेख शुद्धता, डिजिटल हस्ताक्षरकृत खसरों की जानकारी, भू-नक्शा अद्यतीकरण सहित अन्य मामलों के प्रगति की समीक्षा की गई एवं लंबित प्रकरणों के जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप साहू, दिनेश कुमार नाग, संयुक्त कलेक्टर सहित समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 4 सितम्बर। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के 98वें फाउंडेशन कोर्स के 2023 बैच के 14 प्रशिक्षु अधिकारियों से कलेक्टर सौरभ कुमार ने जिला कार्यालय सभाकक्ष में मुलाकात की। कलेक्टर ने उन्हें जिले के इतिहास, उद्योग, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए विकास कार्यों की गतिविधियों के बारे में बताया।
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को जिले में निर्मित कोसा शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कलेक्टर से जिले के प्रवास के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा की कोरबा जिले के पर्यटन स्थल, प्राकृतिक धरोहर, यहां की संस्कृति, सभ्यता के बारे में जानने का उन्हें मौका मिला है। यहां आकर उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला, इसके लिए उन्होंने कलेक्टर सौरभ कुमार को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के 98वें फाउंडेशन कोर्स के 14 प्रशिक्षु अधिकारियों की टीम कोरबा जिले के 5 दिवसीय प्रवास पर थे। ये सभी 2023 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय रक्षा खाता सेवा एवं भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी हैं।
इन प्रशिक्षु अधिकारियों में अमित कुमार यादव, आदित्य कुमार सिंह, डॉ आदित्य शर्मा, शिवम यादव, अंजली भारद्वाज, अर्शिया छवि ठाकुर, शुभम मिश्रा, स्वर्णम भारद्वाज, आकांक्षा आनंद, मौर्या तेज, दीक्षिता जोशी, शुभम यादव, निखिल राय, मनेल बिजोत्रा शामिल है। सभी प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा जिले के अजगरबहार एवं लालपुर गाँव का भ्रमण कर ट्राइबल के रीति रिवाज, कला, संस्कृति का बारीकी से अध्ययन किया गया, साथ ही इन गांवों में स्वास्थ्य, पंचायत, कृषि, महिला-बाल विकास परियोजना सहित अन्य योजनाओं की जमीनी स्थिति का अवलोकन भी किया गया। इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी कोरबा अरविंद पीएम उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 4 सिंतबर। अपने मंगेतर के साथ देर रात घर जा रही युवती को तीन बदमाश युवकों ने रोककर छेड़छाड़ की और युवक को तलवार की नोक पर धमकाकर ऑनलाइन 5 हजार रुपये ट्रांसफर कराए। इनमें से एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, बाकी दो की तलाश की जा रही है।
घटना उरगा थाने के कुदुरमाल की है। रात करीब एक बजे युवक अपनी मंगेतर को उसके घर छोड़े के लिए जा रहा था। रास्ते में तीन युवकों ने उनको जबरदस्ती रोका। उन्होंने तलवार लहराकर युवती से छेड़छाड़ की तथा युवक से मारपीट की। इसके बाद धमकाते हुए रुपये मांगे। जब युवक ने पैसे नहीं होने की बात की तो उन्होंने ऑनलाइन फोन पे पर रुपये ट्रांसफर कराया और उनका मोबाइल फोन भी लूट लिया। उनके चंगुल से छूटने पर पीड़ित युवक ने उरगा थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। आईपीसी की धारा 354, 392, 506 बी तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत अपराध दर्ज करने के बाद आरोपियों की पुलिस ने खोजबीन की। उसने एक आरोपी पानी फिल्टर रोड चांपा के 30 वर्षीय तुलसी पटेल को गिरफ्तार कर लिया। उससे लूटी गई रकम में 1500 रुपये, मोबाइल फोन और तलवार जब्त किया गया। घटना में दो और आरोपी शामिल थे, जिनकी तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपी को रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
मजदूरों ने किया चक्काजाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 31 अगस्त। राखी बंधवाने के लिए बहन के पास जा रहे एसईसीएल के ठेका कर्मचारी की खदान के ही ट्रेलर की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने चक्का जाम कर दिया।
घटना 30 अगस्त के दोपहर की है। कुसमुंडा खदान में ठेका कर्मचारी के मुंशी का काम करने वाला अपनी बहन के पास राखी बंधवाने के लिए जा रहा था। उसी समय अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए वह खदान के एक ट्रेलर के पीछे जाकर खड़ा हो गया। कुछ ही देर में ट्रेलर को चालू कर ड्राइवर ने अचानक पीछे देखे बिना रिवर्स गियर लगा दी। ट्रेलर में दबने से युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित मजदूरों ने चक्का जाम कर दिया। पुलिस ने उनको समझा बुझाकर रास्ता खुलवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
5 साल पहले मर्डर के बाद दफनाया था दोस्त जिम संचालक ने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 23 अगस्त। पांच साल पहले हुई न्यूज एंकर सलमा सुल्तान की हत्या के मामले में कोरबा पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। इसके लिए फोरलेन हाईवे को की खुदाई करनी पड़ी है।
ज्ञात हो की न्यूज एंकर सलमा सुल्तान की 5 साल पहले उसके दोस्त गंगा श्री जिम के संचालक मधुर साहू और कौशल श्रीवास ने गला घोटकर हत्या कर दी थी। अपने तीसरे साथी अतुल शर्मा की सहायता से कटघोरा मार्ग पर कोहडिय़ा पुल के नीचे उन्होंने शव को दफन कर दिया था। एसईसीएल कॉलोनी कुसमुंडा निवासी सलमा सुल्तान सन् 2018 में अचानक गायब हो गई थी। परिवार वालों से उसका संपर्क नहीं हो रहा था। फरवरी 2019 में जब वह अपने पिता की मौत होने के बाद अंतिम क्रिया में भी नहीं आई, तब परिजनों ने कुसमुंडा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बीच उनको सलमा की स्कूटी लावारिस हालत में स्टेशन पर मिली थी, साथ ही मोबाइल भी बंद बता रहा था।
परिजन जिम संचालक पर संदेश व्यक्त कर चुके थे लेकिन वह पूछताछ में पुलिस को गुमराह कर रहा था। मार्च 2023 में जब पुलिस ऑपरेशन मुस्कान अभियान चल रही थी तब पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू की। जिम संचालक के एक पार्टनर ने हत्या का राज अपने एक परिचित के सामने खोल दिया। उसने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस को पता चला कि सलमा और मधुर साहू ने मिलकर यूनियन बैंक से लोन लिया था, जिसकी ईएमआई लगातार जमा हो रही थी। पुलिस की जांच शुरू होने पर मधुर साहू फरार हो गया। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि अक्टूबर 2018 में मधुर साहू और उसके साथी ट्रेनर कौशल श्रीवास ने गला घोटकर सलमा की हत्या की है और उसका शव कोहडय़िा पुल के नीचे दफना दिया है। जांच शुरू होने तक इस मार्ग पर फोरलेन सडक़ बन चुकी थी। पुलिस ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए इस जगह पर कंकाल को तलाशने की कोशिश की और कुछ स्थानों पर खुदाई भी की लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। शव को दफनाने में प्रयुक्त किए गए वैन को भी जब्त किया जा चुका है। आरोपियों की निशानदेही पर एसडीएम से अनुमति लेकर मंगलवार की सुबह जेसीबी से सडक़ की खुदाई की गई। कल शाम करीब 7 बजे चादर में लिपटा सलमा सुल्तान का कंकाल बाहर आ गया। मौके पर उसकी सैंडल भी मिली है। कंकाल बरामद होने से आरोपियों के खिलाफ पुलिस को पुख्ता साक्ष्य मिल गए हैं।
किसान सभा ने किया विरोध, जमीन वापसी के साथ कृषि कार्य पर लगे रोक हटाने की मांग
कोरबा, 21 अगस्त। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में 40 वर्ष पूर्व जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन प्रभावित किसान परिवारों को न तो मुआवजा मिला और ना ही उन्हें पुनर्वास की सुविधा दी गई और कई रोजगार प्रकरण आज भी लंबित हैं। कई पीढिय़ों से किसान आज भी अपनी जमीन पर काबिज हैं और खेती किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। अब एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन जबरन उन्हें बेदखल करने का प्रयास कर रही है।
अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने इस बेदखली के प्रयास का विरोध करते हुए किसानों के साथ अन्यायपूर्ण कार्यवाही बताया और किसानों की जमीन मूल किसानों के नाम वापस करने के साथ कृषि कार्य पर लगाए गए रोक को तत्काल हटाने की मांग की है। इस संबंध में एक ज्ञापन कुसमुंडा महाप्रबंधक को सौंपा गया है। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को भी देकर उचित हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 40 वर्ष पूर्व में अधिग्रहित जमीन का खनन न होना और किसी भी कार्य के लिए एसईसीएल द्वारा उपयोग नहीं करने से स्पष्ट है कि एसईसीएल ने आवश्यकता से अधिक जमीन का अधिग्रहण करके जमीन की जमाखोरी की है और इस क्षेत्र में हजारों किसान परिवारों की जमीन को औने-पौने दामों में हड़पकर उन्हें उनकी आजीविका से वंचित कर दिया है। यह किसानों के साथ सीधे-सीधे ठगी और धोखाधड़ी का मामला है और इसके लिए एसईसीएल के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता दीपक साहू ने कहा है कि अधिग्रहित भूमि का उपयोग न होने के कारण 40 वर्ष पूर्व किये गए अधिग्रहण का आज कोई महत्व नहीं है और ग्रामीणों की बेदखली के लिए किया जा रहा प्रयास अवैध है। अब एसईसीएल इस जमीन का उपयोग गैर-खनन कार्यों के लिए करना चाहता है। खनन परियोजनाओं के विस्तार के कारण दर्जनों गांवों के लोगों में बेदखली का डर पैदा हो गया है। किसान सभा इन प्रभावित गांवों के लोगों को संगठित करके एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से सुमेन्द्र सिंह ठकराल, राजीव यादव, ललित पटेल, गोलू यादव, प्रेमलाल, सुनीता, सावित्री, हीरा, हेम बाई, बेबी, नोहर कुंवर, जहीला, गंगा, सकून उपस्थित थे। उक्त जानकारी प्रशांत झा जिला सचिव, कोरबा छत्तीसगढ़ किसान सभा ने विज्ञप्ति जारी कर दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 20 अगस्त। जिला अस्पताल से लापता शिशु को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। उसे चुराने वाली महिला को गिरफ्तार भी कर लिया है।
मालूम हो कि अंजू यादव तबीयत खराब होने के कारण जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती थी। उसके साथ उसका 4 माह का शिशु भी था। इस दौरान एक अनजान महिला उसके पास आती थी और बच्चे के साथ खेलती थी। उसने बताया था कि उसके उसका कोई रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है। लगातार आने के बाद अंजू के परिवार वाले उसके साथ घुल-मिल गए। गुरुवार को वह बच्चे को घुमाने के बहाने उठाकर ले गई और वापस नहीं लौटी। काफी देर बाद जब आसपास तलाश करने पर महिला नजर नहीं आई तो परेशान परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी बच्चे के नहीं मिलने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि उक्त महिला बच्चे को अपने साथ लेकर अस्पताल से बाहर निकल रही है। बच्चे की मां ने तुरंत पहचान लिया कि यह वही महिला है जो बच्चे के पास रोज आ रही थी। मामला संवेदनशील होने के चलते एसपी उदय किरण के निर्देश पर साइबर सेल और सिविल लाइन पुलिस की टीम गठित कर बच्चे और आरोपी महिला की तलाश शुरू की गई।
महिला को आगे के कैमरों में कटघोरा की ओर जाने वाली बस पर चढ़ते हुए देखा गया। उक्त बस के कंडक्टर ने पूछताछ करने पर उसे चोटिया बस स्टॉप में छोडऩे की बात बताई। पुलिस ने यहां के लोगों को फोटो दिखाकर पूछताछ की तो उन्होंने महिला के कोरबी क्षेत्र की ओर जाने की बात बताई।
पुलिस ने इस इलाके के 8-10 गांव में सरपंचों और दुकानदारों को फोटो दिखाकर जानकारी जुटाई। उसकी तस्वीर व्हाट्सएप ग्रुप तथा सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया। इसके बाद पुलिस पोडीखुर्द में महिला को पकडऩे में कामयाब हो गई।
महिला को हिरासत में लिया गया और साथ ही बच्चे को भी सकुशल बरामद कर लिया गया। आरोपी महिला हमीरा पन्डो (23) ने उसे अपने घर में छुपा रखा था। बच्चे के लिए दूध लाने के लिए निकली थी। बच्चे को आवश्यक कार्रवाई और मेडिकल जांच के बाद उसकी मां को सौंप दिया गया है। गिरफ्तार महिला से पूछताछ की जा रही है।
महिला हिरासत में, पूछताछ जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 19 अगस्त। मेडिकल कॉलेज से चोरी हुआ 4 माह का बच्चा कोरबी पुलिस चौकी के समीप एक गांव में पुलिस ने आज बरामद कर लिया है। बच्चा चुराने वाली महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जिस समय बच्चे तक पुलिस टीम पहुंची, उस समय तक बच्चे को पानी पिला पिला कर जिंदा रखे जाने की बात पूछताछ में सामने आई है। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार होना बताया जा रहा है।
दो दिन पहले सिविल लाइन थाना रामपुर अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज कोरबा के अस्पताल से 4 माह का बच्चा चोरी हो गया था। बच्चा चुराने वाली महिला का पूरा कृत्य सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था, जिसके आधार पर पुलिस अंतत: बच्चा चुराने वाली महिला तक पहुंच ही गई। कुरुडीह निवासी अंजू यादव की तबीयत खराब होने के कारण जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती थी। उसके साथ उसका 4 महीने का बेटा भी था। पिछले 2 दिनों से एक अनजान महिला अक्सर अस्पताल में आती थी और अंजू के बच्चे को खिलाया करती थी।
उसने बताया था कि उसका भी कोई परिजन अस्पताल में भर्ती है। वो उसी को देखने के लिए रोज अस्पताल आती थी। आरोपी महिला बच्चे की नानी के साथ भी काफी घुल-मिल कर बात करती थी। ऐसे में किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ।
गुरुवार को भी उसने बच्चे को खिलाने के बहाने अपनी गोद में उठाया। कुछ देर इधर-उधर घुमाने के बाद मौका देखकर अस्पताल से फरार हो गई। काफी देर तक बच्चा जब उसकी मां अंजू को नजर नहीं आया तो उसने महिला की तलाश शुरू की।
आखिरकार पुलिस की गहन जांच पड़ताल में बच्चा मिल गया। बच्चे को सही सलामत पाकर परिजनों के जान में जान आई, वहीं पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 10 अगस्त। दीपका थाना क्षेत्र के अंतर्गत शांति नगर रेलवे क्रॉसिंग पर एक मालगाड़ी की चपेट में आने से एक निजी कंपनी के कर्मचारी शौकत खान की मृत्यु हो गई।
दीपिका बस्ती में रहने वाला शौकत बुधवार की रात ड्यूटी कर अपने घर वापस लौट रहा था। इसी दौरान पटरी पार करते समय वह गाड़ी की चपेट में आ गया जिससे गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने डायल 112 को सूचना दी। उसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। रात में ही इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 6 अगस्त। पसान थाना इलाके के छेरकाबांधा ग्राम में एक मकान में धनवार दंपती की का शव मिलने से आसपास सनसनी फैली हुई। शवों को दो दिन पुराना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार लैंगा ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम छेरका बांधा के प्रधानमंत्री आवास में सुनाराम धनवार (55 वर्ष) व उसकी पत्नी सुकवारीन (53 वर्ष) की संदिग्ध अवस्था में घर के भीतर शव मिला है।
पुलिस ने बताया कि दोनों अकेले रहते थे। जब आसपास लोगों ने दो दिन से इन्हें नहीं देखा तो कल शाम को कुछ लोग सुनाराम के घर का दरवाजा खोला। भीतर पति पत्नी मृत हालत में जमीन पर पड़े थे। शव से बदबू आ रही थी। ग्रामीणों की मानें तो मृतका और मृतक के बच्चे नहीं हैं। पसान थाना प्रभारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दोनों की मौत का कारण पता चल सकेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 2 अगस्त। सिविल लाइन थाना इलाके में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी और खुद फांसी पर लटक कर जान दे दी।
मामला खपराभट्टा मोहल्ले का है। 52 साल के सैयद सलीम और उसकी 40 साल की पत्नी आयशा बेगम के बीच अक्सर लड़ाई झगड़ा होता था। पड़ोसियों के मुताबिक पति अपनी पत्नी के चरित्र को लेकर शंका करता था। पत्नी घर से बाहर जाती तो देर से लौटती थी। उनके बीच इसी बात को लेकर मंगलवार की शाम विवाद हुआ। बाद में चारों बच्चों के साथ पति पत्नी ने खाना खाया। रात में जब बच्चे सो गए तो दूसरे कमरे में उसने अपनी पत्नी की धारदार हथियार और लोहे की रॉड से हत्या कर दी। रात करीब 2 बजे सबसे बड़े बेटे की नींद खुली तो उसने घर के आंगन में पिता का शव फांसी पर लटका हुआ देखा। उसने अपने भाई बहनों को जगाया। सभी मां के कमरे में गए तो वहां पर मां की लहूलुहान लाश पड़ी थी। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सीबीएसई चौकी पुलिस में सूचना दी।
प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया गया है कि पति ने पत्नी की हत्या की और उसके बाद खुद फांसी पर झूल गया। मामले की आगे जांच की जा रही है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया है।
कार्यालय में नहीं घुस पाए अधिकारी-कर्मचारी
देश में पहली बार हुई किसी एसईसीएल मुख्यालय की तालाबंदी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमुंडा (कोरबा), 26 जुलाई। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने मिलकर कल एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के दोनों गेटों पर ताला जड़ दिया।
इस आंदोलन के कारण सैकड़ों अधिकारी-कर्मचारी दिन भर कार्यालय में घुस नहीं पाए। एक दिन पहले ही एसईसीएल प्रबंधन ने आंदोलन को टालने के लिए दोनों संगठनों के नेताओं से अपील की थी, लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ा। आंदोलनकारी नेताओं ने बिलासपुर से उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग की, जिस पर कुसमुंडा प्रबंधन ने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी। देश में पहली बार किसी एसईसीएल मुख्यालय की 13 घंटों तक तालाबंदी की गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले 630 दिनों से विस्थापन प्रभावित गांवों के सैकड़ों किसान रोजगार तथा मुआवजा, अधिग्रहित जमीन की वापसी और पुनर्वास गांवों में बुनियादी सुविधाएं देने, महिलाओं को स्वरोजगार से लगाने आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं। उनका यह धरना 31 अक्टूबर 2021 से जारी है। इस बीच आंदोलनकारियों कई बार प्रदर्शन, कार्यालय घेराव तथा खदानबंदी करते हुए जेल भी गए हैं, लेकिन बार-बार के आश्वासनों के बावजूद एसईसीएल ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझा नहीं पाया है। इससे विकास के नाम पर अपने गांव और जमीन से बेदखल कर दिए गए विस्थापित परिवारों का जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर होता जा रहा है। इससे एसईसीएल के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ते ही जा रहा है।
किसान सभा द्वारा कुसमुंडा मुख्यालय की तालाबंदी के आंदोलन को कल ग्रामीणों का जबरदस्त समर्थन मिला। मंगलवार सुबह 7 बजे से ही उन्होंने कार्यालय के दोनों गेटों पर ताले जड़ दिए और रात 8 बजे तक यह तालाबंदी जारी थी। इससे आज कोई भी अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय में घुस नहीं पाया और कार्यालय पूरी तरह से बंद रहा। सैकड़ों भूविस्थापितों ने गेट पर धरना दिया और अपनी मांगों को दुहराते हुए नारे लगाते रहे। उन्होंने प्रबंधन द्वारा गेट खुलवाने की हर चाल को नाकाम किया।
कुछ घंटों तक कुसमुंडा खदान और कोयला परिवहन भी ठप रहा। भू-विस्थापितों के आक्रोश और आंदोलन में शामिल महिलाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस भी कोई दखल नहीं दे पाई। इस आंदोलन के कारण एसईसीएल को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुंचा है। इस आंदोलन के बाद 29 जुलाई को एसईसीएल प्रबंधन ने बिलासपुर में वार्ता के लिए आंदोलनकारियों को आमंत्रित किया है।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, सुमेंद्र सिंह ठकराल, मोहन यादव, अमृत बाई, तेरस बाई, आशा,छत बाई, हेम बाई भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु, दीनानाथ, बृजमोहन आदि ने इस सफल आंदोलन के लिए ग्रामीणजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में एसईसीएल ने अपने मुनाफे का महल किसानों और ग्रामीणों की लाश पर खड़ा किया है। किसान सभा इस बर्बादी के खिलाफ भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष को और तेज करेगी। रोजगार, पुनर्वास और भूमि वापसी संबंधी जायज मांगों को एसईसीएल को पूरा करना ही होगा।
भू-विस्थापितों के इस आंदोलन को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी समर्थन दिया है। 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन के लिए सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण इस क्षेत्र में किया गया था। तब से आज तक भूविस्थापित किसान जमीन के बदले रोजगार और मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कोरबा मेडिकल कॉलेज में 8 का चल रहा इलाज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 जुलाई। जिले की एक स्कूल में मध्यान्ह भोजन खाने के बाद 14 बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना करतला विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बीरतराई की है। मंगलवार को दोपहर में उनके खाने में चावल के साथ करील की सब्जी और बेसन की कढ़ी परोसी गई थी। बताया जाता है कि इसको खाने के बाद बच्चों की तबीयत खराब हुई। खाने के बाद उल्टी आने पर बच्चों को संजीवनी वाहन 108 से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतला दाखिल कराया गया। 6 बच्चों की स्थिति सुधरने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। अन्य 8 को कोरबा जिला अस्पताल रेफर किया गया।
उल्लेखनीय है कि करील बांस का पौधा होता है, जो खाने में कठोर होता है। इसे नरम करने के लिए चूने के पानी में भिगोया भी जाता है। इसकी बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन आसानी से सब्जी बाजार में मिल जाता है। विकास खंड शिक्षा अधिकारी संदीप पांडे ने बताया है कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने बताया है कि सभी बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 23 जुलाई। जिले के देवपहरी जलप्रपात कि तेज बहाव में बह गए शिक्षक का शव बरामद कर लिया गया है।
अकलतरा के 23 वर्षीय आयुष जैन, 45 वर्षीय लक्ष्मीकांत शर्मा और 55 वर्षीय शिक्षक सत्यजीत राहा 21 जुलाई को पिकनिक मनाने के लिए लेमरू के पास स्थित देवपहरी जलप्रपात पहुंचे थे। दोपहर में उन्होंने खाना-पीना किया। इसके बाद वे वाटरफॉल के बीच में बने वॉच टावर तक जाने के लिए नीचे उतरे। तेज बहाव में तीनों फंस गए। आयुष और लक्ष्मीकांत को पानी के बीच चट्टान को पकड़ कर बचने का मौका मिल गया लेकिन सत्यजीत बहाव के साथ-साथ बहने लगे। इस पर दोनों साथियों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। जलप्रपात के पास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर नगर सेना के गोताखोरों के साथ पुलिस पहुंची। शाम तक शिक्षक की तलाश नहीं की जा सकी। कल शनिवार को दिन भर एसडीआरएफ के जवान और ग्रामीण गोताखोरों ने फिर तलाशी अभियान चलाया। शाम करीब 6 बजे उसका शव जलप्रपात से काफी दूर बरामद किया गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा 23 जुलाई। कुसमुंडा थाना इलाके में एक निजी कंपनी के कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले भैरव ताल निवासी 36 वर्षीय परसराम धनवार का अपनी पत्नी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर मायके चली गई थी। इसके बाद पति ने कई बार उसे फोन लगाकर बात करने की कोशिश की थी, मगर बात नहीं हो पाई। शुक्रवार की रात खाना खाकर वह सो गया था। दूसरे दिन जब उसने देर तक दरवाजा नहीं खोला किसी अनहोनी की आशंका में पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ दिया। उन्होंने भीतर जाकर देखा कि युवक का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस तथा परिजनों को दी। पुलिस ने शव को पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला है कि मृतक शराब पीने का आदी था जिसके चलते उसकी पत्नी बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 12 जुलाई। जिले के उरगा इलाके में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी, फिर खुद फांसी पर लटक कर जान दे दी।
जानकारी के मुताबिक ढनढनी गांव का पवन बिंझवार सोमवार को रात करीब 10 बजे अपनी पत्नी सुखमति को लेकर ससुराल से लौटा, जो कुछ दिनों से मायके में थी। आने के बाद दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। गुस्से में पति ने हथौड़े से पत्नी के सिर पर कई बार वार कर दिए। घटनास्थल पर ही पत्नी लहूलुहान होकर गिर गई । इसके बाद उसी कमरे में पति ने फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी। सूचना मिलने पर पहुंची उरगा पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दोनों शवों को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 8 जुलाई। कुसमुंडा थाने के प्रेम नगर में एक 16 साल के बच्चे ने अपने घर के एक कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
सुधु दास के 16 साल के बेटे समीर दास ने 1 साल पहले से छठवीं कक्षा के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया था। इस बार सत्र शुरू होने के बाद भी उसने स्कूल जाने में रुचि नहीं दिखाई। उसका कहना था कि पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता है जबकि घर के लोग उसे पढ़ाई करने के लिए समझाते थे।
शुक्रवार को सुबह 11.00 बजे उसने अपने घर के एक कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह तीन बहनों का इकलौता भाई था। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि वह स्कूल जाने के लिए कहने पर ऐसा आत्मघाती कदम उठाएगा इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। मामले की कुसमुंडा पुलिस जांच कर रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 6 जुलाई। कोरबा जिले के सतरेंगा में एक शिक्षक शराब पीकर स्कूल पहुंच गया। जब प्राचार्य और ग्रामीणों ने उसे समझाने की कोशिश की तो वह विधायक का नाम लेकर धमकी देने लगा। शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की गई है।
जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर सतरेंगा पंचायत के सरकारी मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक रामायण सिंह पैकरा बीते 3 जुलाई को शराब के नशे में पहुंचकर हंगामा करने लगा। इसे देखकर प्राचार्य, शिक्षकों और वहां मौजूद ग्रामीणों ने उसे शोर शराबा करने से मना किया तो वह उन्हें भी विधायक का नाम लेकर धमकाने लगा। पहले भी शिक्षक शराब के नशे में स्कूल आकर हंगामा करता रहा है। 2 जुलाई की घटना का वीडियो बनाकर लोगों ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी संजय अग्रवाल को भेजा है और शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है।