अधिकांश उपार्जन केंद्रों में आज भी खरीदी नहीं हुई
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
महासमुंद,18 नवंबर। धान खरीदी कार्य में संलग्न राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों के डयूटी पर नहीं पहुंचने के बाद जिले के सभी 6 तहसीलदारों को एस्मा अधिनियम 1979 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपार्जन केंद्रों में अनुपस्थित एवं जिम्मेदारी को लेकर लापरवाही बरतने वाले 4 कर्मचारियों के विरुद्ध एफ आईआर दर्ज किया गया है। इनमें से एक कर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
मालूम हो कि धान खरीदी कार्य के सुचारू रूप से संचालन को लेकर प्रशासन ने जिले के कुल 111 उपार्जन केंद्रों के संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों के सचिवों को सौंपा है। जारी आदेश के तहत महासमुंद ब्लॉक के 18 उपार्जन केंद्र, बागबाहरा एवं कोमाखान के क्रमश: 9-9, पिथौरा के 24, बसना के 30, सरायपाली के 21 उपार्जन केंद्रों में पंचायत सचिवों को प्रभारी बनाया गया है। खरीदी शुरू होने से पहले जिला प्रशासन ने कृषि विभाग के आरईओ तथा पटवारियों की धान खरीदी की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन पटवारी संघ द्वारा प्रशासन पर दबाव बनाए जाने के बाद उन्हें धान खरीदी से पृथक करते हुए उनके स्थान पर यह जिम्मेदारी सचिवों को दी गई है। कल 17 नवंबर को भी अनेक उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी प्रभावित रही। किसानों के ऑनलाइन टोकन कटते रहे।
किसान धान लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचे भी लेकिन सोसायटियों में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने की वजह से किसानों को अपना धान बिना बेचे ही लौटना पड़ा। अब किसानों को धान बेचनने के लिए जद्दोजहत करने के साथ-साथ उन पर परिवहन का अतिरिक्त बोझ बढ़ता जा रहा है। आज भी अनेक सोसायटियों में खरीदी संबंधित अव्यवस्थाएं रही। स्टैपसील प्रभारी नहीं आने की वजह से बंद बारदानों के सील ही नहीं खुले।
जिले के कुछ सोसायटियों में किसान घंटों धान लेकर प्रभारियों के आने के इंतजार में बैठे रहे। खट्टी धान खरीदी में प्रभारी पटवारी ने विक्रय करने आए 15 किसानों का टोकन काटा। लेकिन भोजन अवकाश में गए तौलाई हमाल वापस ही नहीं लौटे। पचरी सोसायटी में ऑपरेटर नहीं आने की वजह से खरीदी प्रभावित रही। सांकरा बड़ेटेमरी में टोकन कटने के बाद भी किसानों को अपना धान लेकर वापस लौटना पड़ा। जिले को अधिकांश सोसायटियों में यही हाल है। मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी कार्य में संलग्न राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों के विरूद्ध कारवाई नहीं करने की बजह से कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी विनय लंगेह ने जिले के सभी 06 तहसीलदारों महासमुंद जुगल किशोर पटेल, बागबाहरा नितीन ठाकुर, पिथौरा मनीषा देवांगन, कृष्णकुमार साहू, श्रीधर पंडा तथा हरीशकांत ध्रुव को एस्मा अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की संपूर्ण धान खरीदी की अवधि तक धान खरीदी कार्य में संलग्म समस्त कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारणा तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागू किया है। धान खरीदी वर्ष 2025-26 के सुचारू रूप से संचालन हेतु दिए गए आदेश तहत तहसील में पदस्थ राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों को धान खरीदी कार्य में ड्यूटी लगाई गई थी जिसके तारतम्य में राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों द्वारा 15 नवंबर 2025 को संबंधित धान उपार्जन केन्द्रों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया। साथ ही 16 नवंबर 2025 को आयोजित धान खरीदी संबंधी प्रशिक्षण में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। जो छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 का स्पष्ट उल्लंघन है।
नोटिस में आगे लिखा है कि इस कृत्य से 15 नवम्बर 2025 को धान खरीदी वर्ष 2025-26 प्रभावित हुई तथा आगामी खरीदी भी प्रभावित होने की संभावना है। आपके अधीनस्थ राजस्व निरीक्षक तथा पटवारियों को उनके कर्तव्य का पालन करने तथा आयोजित प्रशिक्षणा में उपस्थिति हेतु उत्तरदायित्व आपको सौंपा गया था। धान खरीदी कार्य में संलग्न राजस्व निरीक्षक तथ पटवारियों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसका पालन आपके द्वार जानबूझकर नहीं किया गया। जो आपके द्वारा आपके शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति घोर लापरवाह तथा स्वेच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है। अत: आप 24 घंटे के भीतर समक्ष स्वयं उपस्थित होकर अपन समाधानकारक उत्तर प्रस्तुत करें कि क्यों न आपके विरूद्ध छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के अंतर्ग कार्यवाही संस्थित की जावे। निर्धारित समयावधि उत्तर प्रस्तुत नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की संपूर्ण उत्तरदायित्व आपकी स्वयं की होगी।
इसके अलावा उपार्जन केंद्रों में अनुपस्थित एवं दिए गए जिम्मेदारी को लेकर लापरवाही पूर्वक रवैए के कारण 03 कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा के तहत कल एफ आई आर दर्ज की गई है। अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू ने जानकारी दी कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति भूकेल के घनश्याम चौधरी, सहायक समिति प्रबंधक तीसिंहा के राजेश प्रधान एवं बिछिया के पंकज साव, कौशल साहू के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है। इनमें से सरायपालीउपभोक्ताओं को सुचारू रूप से राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्राथमिक कृषि साख समितियों द्वारा संचालित पीडीएस राशन दुकानों को निलंबित कर ग्राम पंचायत को संचालन के आदेश दिए हैं। महासमुंद के 67, बागबाहरा के 25 एवं सरामपाली के 64 समितियों को ग्राम पंचायत द्वारा संचालन के आदेश दिए हैं। इस संबंध में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के प्रबंधकों एवं विक्रेताओं के अनिश्चित कालीन हड़ताल में होने के कारण सहकारी समितियो द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य के दुकानी में नवम्बर माह का खाद्यान्न का वितरण प्रारंभ नहीं हो पाया है।
जिसके कारण सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में संलग्न अंत्योदय, निराश्रित, नि:शक्तजन प्राथमिकता एवं एपीएल वर्ग के राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न का वितरण आज पर्यन्त तक नहीं हो पाया है।
जानकारी के अनुसार जिन सोसायटियों में नए प्रबंधक, ऑपरेटर ड्यूटी पर पहुंच गए है। वहां अब उन्हें साफ्टवेयर अपडेट नहीं होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिटियाक्षर सोसायटी में किसान देवदत बंद्राकर तथा रोहित चंद्राकर लगभग 150 विप्रंटल धान ट्रेक्टर के माध्यम से लेकर पहुंचे थे। लेकिन सोसायटी में कर्मचारियों के अभाव की वजह से यहां खरीदी नहीं हो पाई। दोनों किसानों को बैरंग लौटना पड़ा। केवल पिटियाक्षर ही नहीं जिले के अनेक थान उपार्जन केंद्रों में आज भी यही स्थिति रही।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम एस्मा के दायरे में पखवाड़े भर से हड़तालरत 4 सोसायटी प्रबंधक या सहयोगी स्टाफ आ गए हैं। कौसत साहू खट्टी, घनश्याम चौधरी भूकेल, सहायक समिति प्रबंधक तोरेसिंहा राजेश प्रधान, बिछिया समिति के पंकज साव के विरूद्ध पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। इसमें से राजेश प्रधान की गिरफ्तारी भी हो गई है। साथ ही जिले के सभी 6 तहसीलदारों को इस एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर वाब देने कहा गया है। जिले के सभी तहसीलदारों पर आरोप है कि राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की ड्यूटी धान खरीदी में लगाई गई थी। लेकिन उन्होंने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया तथा प्रशिक्षण में भी बिना सूचना अनुपस्थित रहे। जो एस्मा एक्ट का उल्लंघन है। इससे धान खरीदी प्रभावित हुई। तथा आगे भी प्रभावित होने की संभावना है।