छत्तीसगढ़ » सुकमा
सरकार नहीं बनने पर कहा समीक्षा का विषय है आखिरकार कहां कमी रह गई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 दिसंबर। मुझे लगातार छठवीं बार सेवा करने का मौका कोंटा की जनता ने दिया है। हम विपक्ष की भूमिका में रहकर जनता की सेवा करेंगे। कोंटा के विकास में अपनी भूमिका अदा करेंगे। उक्त बातें कोंटा विधायक कवासी लखमा ने कही।
सोमवार को जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी की ओर से विजय जुलूस निकाला गया। पुराने कलेक्टोरेट से शुरू हुआ विजय जुलूस नगर के मध्य से होकर गुजरा और पार्टी कार्यालय पहुँचा। जिसमें जिलेभर के कार्यकर्ता पहुँचे। इस दौरान जगह-जगह आतिशबाजी हुई और स्वागत हुआ।
विधायक कवासी लखमा ने कहा कि मुझे छठवीं बार सेवा करने का मौका मिला है। वहीं पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जनता का निर्णय सर्वमान्य है। सरकार नहीं बनने के पीछे उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भरपूर मेहनत की थी लेकिन कमी कहां रह गई, ये समीक्षा का विषय है। इस दौरान जिलेभर के कार्यकर्ता पहुँचे थे।
बम भी फोड़े, जवाबी कार्रवाई नक्सली भागे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 दिसंबर। नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को जान से मारने एवं हथियार लूटने की नीयत से नक्सलियों ने हमला किया। जवाबी कार्रवाई में भाग गए। इसी रात को चिंतलनार के पास जनरेटर में आग लगाई और बम विस्फोट भी किया।
ज्ञात हो कि 2 से 8 दिसंबर तक नक्सली पीएलजीए सप्ताह मनाएंगे।
पुलिस की जारी विज्ञप्ति के अनुसार 2 दिसंबर को नक्सल अभियान के अंतर्गत कैंप चिंतलनार से डीआरजी, बस्तर फाइटर्स एवं जिला बल एवं कोबरा 201 के जवान रात करीब 9 बजे एरिया डॉमिनेशन अभियान में कोत्तागुड़ा के जंगल की ओर रवाना हुए थे।
अभियान के दौरान कोत्तागुड़ा के जंगलों में सुरक्षा बलों को जान से मारने एवं हथियार लूटने की नीयत से नक्सलियों ने हमला किया। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम किया।
डीआरजी,बस्तर फाइटर्स एवं जिला बल एवं कोबरा 201 की यह कार्रवाई उल्लेखनीय रही एवं सभी जवान सकुशल हैं।
इसी रात को नक्सलियों ने चिंतलनार के पास जनरेटर में आग लगाई और रात में बम भी फोड़े। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग गए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 नवम्बर। जिले में विधानसभा निर्वाचन 2023 की तैयारियां पूरी कर ली गई है। शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज सुकमा में केन्द्र बनाकर मतदान दलों को मतदान सामग्री वितरण किया गया।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी हरिस. एस के निर्देशन में जिले में विधानसभा निर्वाचन 2023 के अन्तर्गत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 90 कोण्टा जिला सुकमा के निर्वाचन के लिए मतदान दलों को कड़ी सुरक्षा के साथ रवाना कर दिया गया है। साथ ही 42 मतदान दलों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से निर्धारित स्थलों पर रवाना किया गया है।
इसी तरह से सोमवार 6 नवम्बर को सुबह से ही मतदान दलों को रवाना किया गया है। आज 212 मतदान दलों को उनके लिए निर्धारित स्थानों पर रवाना किया गया, ये सभी मतदान दल 7 नवम्बर को उनके लिए निर्धारित किए गए मतदान केन्द्रों में मतदान कार्य सम्पन्न कराएंगे।
मतदान प्रात: सात बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा। मतदान दलों के रवानगी के समय कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री हरिस. एस सुबह से ही सभी निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को मार्गदर्शन दे रहे थे। उन्होंने सभी मतदान दलों के अधिकारी व कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। मतदान दलों के लिए निर्धारित स्थलों पर भोजन इत्यादि की समुचित व्यवस्था कर दी गई है।
इस अवसर पर डीआईजी सीआरपीएफ अरविंद रॉय, एसपी किरण चव्हाण, उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रवेश पैकरा, आरओ श्रीकांत कोराम सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 नवंबर। नक्सलियों ने कोंटा थाना क्षेत्र में दहशत फैलाने की नीयत से वाहनों में आग लगा दी। कोंटा—गोलापल्ली मार्ग पर वेलपोच्चा के पास नक्सलियों ने दो टाटा मैजिक में आगजनी की है, जो कोंटा से करीब 20 किमी दूर है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने जीत के लिए जहां एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है तो वहीं पुलिस निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी बीच माओवादियों का चुनाव में खलल डालने का प्रयास भी जारी है। जिसके चलते पुलिस और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती नजर आ रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोंटा में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में बड़ी संख्या में इलाके के ग्रामीणा जा रहे थे। इस दौरान दोपहर को ही नक्सलियों ने उक्त मार्ग पर आवागमन बंद करने की चेतावनी दी थी। शाम को लौटने के वक्त नक्सलियोंं ने सवारी से भरी वाहन को रोक लिया। इसके बाद ग्रामीणों को उतार कर वाहन में आग लगा दी। आगजनी की घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
7 नवंबर को है मतदान...
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें 7 नवंबर को प्रथम चरण में जिले सहित प्रदेश की 20 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इसके मद्देनजर पुलिस की ओर से लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त टीम के साथ सर्चिंग की जा रही है। निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव कराने के लिए गश्त तेज कर दी गई है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 3 नवंबर। नक्सलियों ने कोंटा थाना क्षेत्र में दहशत फैलाने की नीयत से वाहनों में आग लगा दी। कोंटा—गोलापल्ली मार्ग पर वेलपोच्चा के पास नक्सलियों ने दो टाटा मैजिक में आगजनी की है, जो कोंटा से करीब 20 किमी दूर है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने जीत के लिए जहां एड़ी-चोटी की जोर लगा दी है तो वहीं पुलिस निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी बीच माओवादियों का चुनाव में खलल डालने का प्रयास भी जारी है। जिसके चलते पुलिस और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती नजर आ रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोंटा में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में बड़ी संख्या में इलाके के ग्रामीणा जा रहे थे। इस दौरान दोपहर को ही नक्सलियों ने उक्त मार्ग पर आवागमन बंद करने की चेतावनी दी थी। शाम को लौटने के वक्त नक्सलियोंं ने सवारी से भरी वाहन को रोक लिया। इसके बाद ग्रामीणों को उतार कर वाहन में आग लगा दी। आगजनी की घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
7 नवंबर को है मतदान...
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें 7 नवंबर को प्रथम चरण में जिले सहित प्रदेश की 20 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इसके मद्देनजर पुलिस की ओर से लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त टीम के साथ सर्चिंग की जा रही है। निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव कराने के लिए गश्त तेज कर दी गई है।
नक्सल दहशत के बाद भी बढ़-चढक़र देते हैं वोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 31 अक्टूबर। नक्सल टापू में तब्दील जगरगुंडा की तस्वीर बदल रही है। जहां कटीले तारों के बीच ग्रामीण जीवनयापन कर रहे थे, लेकिन अब बासागुड़ा व दंतेवाड़ा से जगरगुंडा जुड़ रहा है। तेजी से स्टेट हाईवे का काम चल रहा है। लगभग मिट्टी व मुरूम का काम पूरा हो चुका है। लेकिन दोरनापाल व जगरगुंडा के बीच सडक़ आज भी अधूरी है। पिछले 10 साल से निर्माण चल रहा है। चारों तरफ दहशत का माहौल और परेशानियों के बावजूद भी लोग मतदान में बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं और इसी उम्मीद के साथ लोकतंत्र पर्व मनाते हंै ताकि उनकी जिदंगी और आसान हो जाए।
जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी. दूर स्थित जगरगुंडा गांव जो नक्सल प्रभावित है, अब वहां के हालात सुधर रहे हैं। गांव में करीब 300 परिवार निवासरत हैं। बाकी आसपास दर्जन से ज्यादा गांव के लोग दैनिक उपयोगी सामग्री के लिए जगरगुंडा आते है।
यहां 2005 के बाद हालात ज्यादा खराब हो गए थे। कभी अधिकारी यहां घूमने के लिए आते थे, लेकिन सलवा जुडूम के बाद जगरगुंडा टापू में तब्दील हो गया। गांव के चारों और कंटीले तारों से बाड़ाबंदी की गई है और गांव में घुसने के लिए तीन दरवाजे हैं, जिसमें से एक दोरनापाल, दंतेवाड़ा और दूसरा बीजापुर की तरफ स्थित है। यहां आज भी रात होते ही दरवाजे बंद हो जाते हैं, अगर कोई जरूरी काम है या फिर रात में कोई बाहर से आ रहा है तो दरवाजे पर तैनात जवान दरवाजा खोल देते है।
तारबंदी को लेकर ग्रामीणों का भी मानना है कि इससे गांव सुरक्षित है। क्योंकि कुछ माह पहले ही जगरगुंडा के पास नक्सलियों ने एंबुस लगाकर जवानों को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन अब हालात बदल रहे हंै। वहां के लोग बाड़ाबंदी के बीच भी लोकतंत्र का पर्व धूम-धाम से मनाते है। इस साल भी इसी उम्मीद के साथ लोग मतदान करेंगें ताकि उनकी जिदंगी में बड़े बदलाव आऐं और विकास के साथ-साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिले।
सडक़ों का निर्माण व आवागमन के साधन
2005 के बाद कुछ साल तक जगरगुंडा गांव के लोग छ: माह लग जाते थे गांव से बाहर आने के लिए, लेकिन अब हालात बहुत बदल गए है। ग्रामीण बताते हंै कि दिन हो या रात दंतेवाड़ा मार्ग पर आना-जाना चालू रहता है। जगरगुंडा से दंतेवाड़ा, बीजापुर व सुकमा की दूरी बराबर है। और दंतेवाड़ा के लिए सडक़ लगभग पूरी बन चुकी है यहां के दुकानदार अधिकांश समान नुकुलनार से ही खरीदते हैं। वहीं स्टेट हाईवे का काम तेजी से चल रहा है। जगरगुंडा से लगभग सिलगेर होते हुए बीजापुर जुड़ गया है। आने वाले समय में ये सडक़ पक्की बन जाएगी, तब जगरगुंडा की और तरक्की होगी। सडक़ों के निर्माण के कारण आवागमन के संसाधन बढ़ गए है। लेकिन दोरनापाल से जगरगुंडा की सडक़ 12 साल बीत जाने के बावजूद पुरी नहीं बन पाई है।
सुविधाओं में इजाफा
जगरगुंडा में अस्पताल खोला गया, जहां मरीजों का इलाज होता है। वहीं गांव के पास आश्रम खोला गया, जहां बच्चे पढ़ाई कर रहे है। जगरगुंडा को तहसील बनाया गया। गांव में दुकानें खुल गई हैं, जहां दैनिक उपयोगी सामग्री मिलती है। पहले लोग बाड़ाबंदी के बाहर जाने से डरते थे लेकिन आज ग्रामीण आसपास खेती-किसानी का काम कर रहे हंै।
पिछले कुछ साल में लगातार यहां विकास कार्य हुए हैं और आसपास कैंप खुलने के कारण यहां दहशत में कमी आई है। लिहाजा बाहर से भी व्यापारी यहां आकर रहने लगे हंै। हालांकि सलवा जुडूम के समय करीब 3 हजार परिवार रहते थे, आज मात्र 3 सौ परिवार ही रह रहे है। बाकी लोग अपने-अपने गांव चले गए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 29 अक्टूबर। हमर राज पार्टी के प्रत्याशी अशोक तलाण्डी अपनी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है।
पहली बार बीजापुर विधानसभा सीट के लिए हमर राज पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में खड़ा किया है। राष्ट्रीय दलों के साथ वे भी मैदान में लोगों से जनसंपर्क कर रहे है। जिले में पार्टी की पूरी टीम जिला अध्यक्ष नरेंद्र बुरका, महासचिव बीएस नागेश, जिला युवा अध्यक्ष अंगनपल्ली चंद्रशेखर, ऐरया धुर्वा, गोपाल घ्रुवा। दुश्यन्त देहरी एक साथ मिलकर प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांग रहे है।
रविवार को भोपालपटनम के क्रिकेट स्टेडियम के सामने अपना कार्यालय खोला है। उन्होंने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की इक_ा किया है।
अशोक तलाण्डी पूर्व में सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष रहे है, उन्होंने आदिवासी समाज के हक की लड़ाई व विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन भी किए है। आदिवासी व किसानों की हक की बात करने वाले अशोक तलाण्डी ने कहा है कि दोनों पार्टियां गरीब आदिवासियों को ठगी है, इसलिए अरविंद नेताम ने यह फैसला किया है। हम अलग पार्टी बनाकर अपने हक के लिए लड़ेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 अक्टूबर। जैसे जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही है ठीक वैसे वैसे उम्मीदवार प्रचार-प्रसार में अपनी ताकत झोंक रहा है। मंत्री कवासी लखमा नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो वादा किया उसे पूरा किया, मुझे हमेशा जनता का प्यार मिला है आगे भी मिलता रहेगा।
कोण्टा विधानसभा क्षेत्र 90 के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने सघन जनसम्पर्क के तहत देर रात दुब्बाटोटा पहुँच जनसंवाद किये। मंत्री कवासी लखमा ने नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों का प्यार ही है जो मुझे आपकी ओर मुझे खिंचे चली आती है। आप लोगो के प्यार से से ही मुझे आज आप लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। मुझे आशा और विश्वास है यह भरोसा आप लोगों का मुझ पर सदैव बना रहेगा।
उन्होंने गौठान एवं रीपा के तहत गाय माताओं की सेवा के साथ साथ उनकी सेवा लोगो रोजगार, पशु पालक को आर्थिक लाभ मिल रहा है। गोबर खरीदी, गौ मूत्र खरीदी के बारे में कभी सोच नहीं सकते थे, जिसे सच करके दिखाया है मुख्यमंत्री बघेल ने।
आज लोग गोबर बेचकर मोटर सायकल खरीद रहे है तो कोई अपने घर में सोने चांदी का सामान ले रहे है। आज गरीब आदिवासियों के जीवन अमूल चूल बदलाव आ रहे है। लोगों को आज रोजगार के अवसर मिल रहा है। इस दौरान जनप्रिनिधि मौजूद थे।
दो बार निर्दलीय रह चुके हंै विधायक, 15 चुनावों में 8 बार जीती कांग्रेस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 अक्टूबर। जिले की एकमात्र कोंटा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी से छठवीं बार कवासी लखमा चुनावी मैदान में हैं। कवासी लखमा यहां से लगातार 5 बार जीते हंै, वहीं उनके सामने भाजपा ने इस बार सोयम मुका को मौका दिया और सीपीआई से मनीष कुंजाम चुनाव मैदान में है। वे दो बार चुनाव जीते और चार बार चुनाव हारे हैं। इस बार चुनाव में मुकाबला दिलचस्प है।
आजाद भारत में सबसे पहले 1952 में आम चुनाव हुए थे और कई जगहों पर विधायकों को मनोनित किया गया था, जिसमें से सुकमा विधानसभा सीट पर पीलू विधायक बने। लेकिन 1957 में जब पहली बार चुनाव हुआ तो उसमें सोयम जोगा जो कि कांग्रेस से पहले निर्वाचित विधायक बने। उसके बाद यहां से जनसंघ और जनता पार्टी से भी एक-एक विधायक चुने गए। लेकिन 1998 में कवासी लखमा ने पहला चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार मनीष कुंजाम को हरा दिया। उसके बाद लगातार वो विधायक बनते आ रहे है।
बताया जाता है कि एक एसडीएम ने उनकी राजनीति में इंट्री कराई थी, उसके बाद वो वार्ड पंच बने, फिर संरपच और विधायक चुनाव लड़ा तो लगातार विधायक बन रहे है। ये उनका छठवां चुनाव है और 1998 से अब तक कांग्रेस पार्टी के लिए सिर्फ एक ही नाम जाता है।
कोंटा से 6 बार हारी कांग्रेस
कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाला कोंटा विधानसभा सीट में कांग्रेस को हार का भी सामना करना पड़ा। 1952 से लेकर 2018 तक कांग्रेस 6 बार चुनाव हार चुकी है और दो बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस को हराया है। 1962 के विस चुनाव में वेट्ी जोगा हड़मा निर्दलीय उम्मीदवार थे, उन्होंने कांग्रेस के पोडिय़ामी मासा को 2229 मतों से हराया, उसके बाद 1980 में जोगिया मुका ने कांग्रेस के माड़वी हांदाराम को 1982 मतों से हराया। इसके अलावा कांग्रेस को 1990 और 1993 में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 1998 से लगाकार कांग्रेस का कब्जा रहा।
कब, कौन-कौन रहे विधायक
1952 में पीलू (स्वतंत्र), 1957 सोयम जोगा (कांग्रेस), 1962 वेटी जोगा हड़़मा (स्वतंत्र), 1967 धनसाई डेरा (कांग्रेस), 1972 वेटी हरमा (जनसंघ), 1977 कोरम गोपाल क्रिस्टैया (जनता पार्टी), 1980 जोगिया मुका (स्वतंत्र), 1985 माड़वी हांदाराम (कांग्रेस), 1990 मनीष कुंजाम (सीपीआई), 1993 मनीष कुंजाम (सीपीआई), 1998 से 2018 तक कवासी लखमा कांग्रेस पार्टी से विधायक बने।
कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर
-मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 28 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विक्रम शाह मंडावी और भाजपा के महेश गागड़ा की चुनावी जंग पूरे शबाब में है।
दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत मैदान में लगा दी है। अपने कार्यकर्ताओं के साथ जाकर गांव-गांव में चुनाव प्रचार तेज कर रहे है। भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि दोनों पार्टियां अपनी अपनी जीत का ताल ठोक रही है। लेकिन जनता के बीच जाकर कैसे लुभाएगी यह वक्त ही बताएगा।
भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता बाइक में सवार होकर गांव-गांव चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हंै। भाजपा अपनी पिछले 15 साल के विकास कार्य व विभिन्न योजनाएं को लेकर नुक्कड़ सभाएं कर रहीं है। गांव में ग्रामीण युवाओ को गमछा पहनाकर भाजपा में प्रवेश करवा रही है। इस कड़ी को देखकर ऐसा लग रहा है कि भाजपा खेमे में कार्यकर्ताओं की बढ़ोतरी हो रही है। जिसका परिणाम वर्तमान विधायक पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में कांग्रेस के कार्यकर्ताओ की संख्या ज्यादा है इस सेंधमारी से कांग्रेस को नुकसान होता हुआ नजर आ रहा है।
भोपालपटनम क्षेत्र की पिछली दफा के वोट बैंकिंग पर नजर डाले तो सकनापल्ली, लिंगापुर, बारेगुड़ा, तारलागुडा, तीमेड़, देपाल, नरोनापल्ली, कोत्तूर, करकावाया, रुद्रारम, तमलापल्ली, मिनकापल्ली में कांग्रेस को भारी वोट मिले थे वही भाजपा को भट्टीगुडा, गुल्लापेटा, भोपालपटनम, केरपे से लीड मिली थी।
वर्तमान विधायक विक्रम शाह मंडावी इन पांच वर्षों में जनता के बीच रहकर विभिन्न योजनाओं पर काम किया है जिसपर भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। मैदान में प्रत्याशी व कार्यकर्ता वोटरों के बीच जाने से दोनो सरकारो की नाकामियो का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण इलाकों में पेंशन, पानी, सडक़ जैसे मूलभूत सुविधाओं की समस्या नेताओं के सामने उभरकर आ रही है। ग्रामीण अपनी पीड़ा नेताओ को सुना रहे हैं। नेता जनता के बीच बेहतर कार्य करने व उनकी समस्याओं का समाधान करने का वादा कर रहे है। देखा जाए तो दोनों पार्टियों की कांटे की टक्कर का मुकाबला देखने को मिल रहा है।
नगरीय क्षेत्र में किसका पलड़ा भारी ?
वर्तमान में भोपालपटनम नगर पंचायत के पंद्रह वार्डो में कांग्रेस के पार्षद चुनकर आए हैं। नगर पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह से हराते हुए पूर्ण बहुमत प्राप्त कर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुए है।
हालांकि देखा जाए तो हमेशा से नगर में कांग्रेस का ही अध्यक्ष रहा है। मौजूद समय मे नगर में दोनों पार्टियों की 50-50 की स्तिथि नजर आ रही है। आने वाले समय मे देखने वाली बात यह है कि नगर पंचायत चुनाव में जैसा बहुमत मिली थी क्या उसी तरह कांग्रेस की मजबूत स्थिति बनी हुई है। क्योंकि वर्तमान शासन काल मे नगर में कांग्रेस का तगड़ा बहुमत रहा व राज्य में कांग्रेस की सरकार रही ।
-सतीश माहेश्वरी
सुकमा, 27 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। कोंटा विधानसभा का मतदान केन्द्र-1 सिलगेर में आजादी के बाद पहली बार मतदान होगा। पहले यहां के लोग मतदान के लिए 16 किमी दूर जगरगुंडा जाते थे। यहां शासन की योजनाएं तो पहुंची, लेकिन मतदाता जागरूकता की कमी व सरकार के प्रति आक्रोश के चलते मतदाताओं ने मतदान को लेकर चुप्पी साध ली है।
11 मई 2021 को सीआरपीएफ कैंप स्थापित के विरोध में आदिवासियों ने रैली निकाली थी जिसकी झड़प में 4 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। जिसके बाद आज तक ये आंदोलन निरंतर चल रहा है। इन दो सालों में शासन की योजनाएं तो पहुंची लेकिन ग्रामीणों के जख्म अब भी भरे नहीं है।
7 नवंबर को पहली बार गांव में मतदान होगा। यहां करीब 889 मतदाता है, लेकिन मतदान को लेकर चुप्पी साध ली है। यहां न तो प्रशासन का स्वीप कार्यक्रम पहुंचा है और न ही जनप्रतिनिधि चुनाव प्रचार करने के लिए। अधिकांश युवाओं ने बताया कि उनका नाम मतदाता लिस्ट में है या नहीं ये भी जानकारी नहीं है।
बीजापुर व सुकमा की सरहद में बसा गांव सिलेगर पिछले दो साल से सुर्खियों में है। यहां पर संचालित आदिवासी विरोध आज भी निरंतर चल रहा है।
सिलगेर कोंटा विधानसभा का पहला मतदान केन्द्र है। आजादी के बाद से यहां के लोग मतदान के लिए 16 किमी. दूर जगरगुंडा जाते थे। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने 2003 में मतदान हुआ था, उस समय मतदान दिया था उसके बाद से मतदान करने नहीं गए।
यहां के युवाओं ने बताया कि आज तक उन्होंने मतदान नहीं किया और मतदान को लेकर क्या प्रक्रिया होती है, उन्हें जानकारी नहीं है।
गांव के अधिकांश लोगों के पास आधार कार्ड तो है, लेकिन मतदाता परिचय पत्र नहीं है। कई लोगों को यह तक नहीं पता कि उनका नाम मतदाता सूची में है या नहीं। गांव में जब हमारी टीम गई तो एक अजीब सी खामोशी थी। गांव में एक्का-दुक्का लोग खेत में काम करते नजर आए। सिलेगर में संचालित राशन दुकान में जरूर लोग दिखे, लेकिन उन्होंने चुनाव को लेकर बात करने से परहेज किया।
गांव में दो झोपड़ी बनाई गई, जहां पर सिलगेर आंदोलन चल रहा है। वहां पर धारा 144 लागू होने के कारण मात्र 5 लोग ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हंै। उन्होंने भी चुनाव को लेकर कोई भी चर्चा नहीं की, हालांकि नाम नहीं छापने की शर्त पर ये जरूर बताया कि इस बार चुनाव में मतदान को लेकर ग्रामीणों को कोई विचार नहीं है। दरअसल ये लोग सरकार से नाराज हैं। उनकी माने तो सिलगेर आंदोलन में उनको अभी तक न्याय नहीं मिला, इसलिए वो लोग मतदान नहीं करेंगे।
कुछ साल में पहुंची मूलभूत सुविधाएं
सिलगेर गांव जो कि खासपारा, नंदापारा, तिम्मापुरम, बंजारपारा मंडीमरका, मंडीमरका में विभाजित है और यहां करीब 889 मतदाता हैं। कुछ साल पहले इस गांव में पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं था। क्योंकि गांव तक न तो सडक़ थी और न ही पुल-पुलिया, आलम ये था कि जगरगुड़ा से आने के लिए बड़े नाले को पार करना पड़ता था। लेकिन आज यहां पर सडक़ बन गई है।
स्टेट हाईवे 5 का निर्माण चल रहा है। जगरगुड़ा हो या फिर बीजापुर आसानी से चार पहिया वाहन से पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में सिलगेर से दो बसें बीजापुर के लिए चल रही है। स्वास्थ्य के लिए पहले 100 किमी. दूर सुकमा या बीजापुर जाना पड़ता था लेकिन आज गांव में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। बीएसएनल नेटर्वक काम कर रहा है। गांव में स्कूल खुल गई है जहां करीब 160 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। पीने के लिए पर्याप्त नलकूप है, जहां साफ पानी आ रहा है। गांव में बिजली लग गई है हर घर में मूलभूत सुविधाऐं पहुंच गई है। उसके बावजूद यहां का वातावरण नहीं बदला, यहां के ग्रामीण मतदान को लेकर चुप्पी साधे हुए हंै।
न स्वीप पहुंचा और न ही चुनाव प्रचार
बीजापुर व सुकमा से सिलगेर की दूरी लगभग बराबर है, मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रषासन की और से स्वीप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। लेकिन सिलगेर में ये कार्यक्रम नहीं पहुंचा है। यहां के लोगो को नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है। उनके नाम लिस्ट में या नहीं ये भी जानकारी में नहीं है। यही हाल राजनीतिक दलों का भी है यहां पर चुनाव प्रचार करने अभी तक कोई भी दल नहीं पहुंचा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 26 अक्टूबर। गुरुवार को माओवादी बंद के आव्हान पर पूरी दुकाने बंद रही वहीं यात्री बसों के पहिए थम गए थे।
ज्ञात हो कि नक्सली नेता नागेश पदम के मारे जाने के बाद नक्सलियों ने बीजापुर बंद का आव्हान किया था। भोपालपटनम ब्लाक समेत आस पास इलाकों के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानें पूरी तरह बंद रही।
रायपुर, जगदलपुर, तेलंगाना,और महाराष्ट्र जाने वाली यात्री बसे एक दिन पहले से नहीं आई गुरुवार के दिन यह देखने को मिल रहा है कि कई साल बाद ऐसा माहौल बना हुआ है। नक्सली बंद के पर्चे माओवादियों ने एक दिन पहले फारेस्ट नाके से रुद्रारम गांव तक डाले थे पर्चो में नक्सलियों ने कड़े शब्दों में लिख था कि दुकाने व वाहन चलाने पर घटना होने से खुद की जिम्मेदारी होगी। इसी दहशत के चलते व्यापारी प्रतिष्ठानें पूरी बंद रही अंदरूनी गांव के ग्रामीण भी मुख्यालय नहीं आए।
सरकारी शराब दुकान में भी लगा ताला
नक्सली दहशत के चलते सुबह से ही सरकारी शराब दुकान में ताला लगा हुआ था।
ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले पुलिस ने 8 लाख के इनामी नक्सली नागेश पदम को मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके विरोध में बीजापुर जिले को पूरी तरह बंद का आवाहन किया था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 25 अक्टूबर। नगर में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
मंगलवार को एसडीओपी भावेश समरथ, थाना प्रभारी जीवन कुमार जांगड़े के नेतृत्व में पुलिस जवानों ने अपराधों की रोकथाम और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तहसील कार्यालय से मेन मार्केट से वासवी वार्ड होते हुए उल्लूर चौक तक फ्लैग मार्च निकाला।
एसडीओपी भावेश समरथ ने बताया कि शहर में अपराध की रोकथाम के साथ-साथ अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया है। थाना प्रभारी जीवन कुमार जांगड़े ने बताया कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह मार्च निकाला गया है। थाना क्षेत्र के अंतर्गत कानून व्यवस्था का पालन कराना ही हमारा लक्ष्य है। इस दौरान पुलिस अफसरों ने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील भी की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 23 अक्टूबर। जिले की एकमात्र सीट कोंटा विधानसभा से 10 उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म भरा था, जिसमें एक प्रत्याशी का नामांकन फार्म रद्द हो गया, वहीं दूसरे प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया।
अब चुनावी मैदान में 8 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाऐंगे, जिसमें दो उम्मीदवार कवासी लखमा व मनीष कुंजाम पहले कई चुनाव लड़ चुके हैं, बाकी 6 उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हंै।
नाम-निर्देशन, नामांकन संवीक्षा के बाद नाम वापसी व चुनाव चिन्ह आंबटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कोंटा विधानसभा के लिए 10 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन फार्म भरा था। जिसमें एक प्रत्याशी कवासी कुमार सुरेश का नामांकन फार्म पूरा नहीं भरने की स्थिति में निरस्त हो गया। बाकी 9 उम्मीदवारों से एक उम्मीदवार भीमा मरकाम जिसने निर्दलीय नामांकन फार्म भरा था, उसने सर्व आदिवासी दल को समर्थन देते हुए अपना नाम वापस ले लिया। बाकी 8 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है, जिसमें चार उम्मीदवार राजनीतिक पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं, बाकी चार उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हंै।
ये होंगे उम्मीदवार
कोंटा विधानसभा में इस बार लडऩे वाले उम्मीदवारों की संख्या 8 हो गई है। जिसमें प्रमुख रूप से राजनीतिक दलों के उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी से कवासी लखमा, भाजपा से सोयम मुका, जोगी कांग्रेस से देवेन्द्र तेलाम, बसपा से मडक़ामी मासा, साथ ही निर्दलीय मनीष कुंजाम, चन्नाराम मरकाम, जगदीश नाग, भीमा सोढ़ी उम्मीदवार होंगे। इन उम्मीदवारों में सिर्फ कवासी लखमा व मनीष कुंजाम जो कि पहले कई बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन बाकी 6 उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे है।
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मनीष कुंजाम
1990 में मनीष कुंजाम ने पहली बार सीपीआई पार्टी से चुनाव लड़ा था। और वे विधायक चुने गए, उसके बाद 1993 में फिर से वे विधायक चुने गए। फिर 1998 से कांग्रेस पार्टी से कवासी लखमा ने चुनाव जीता, उसके बाद वे लगातार विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। मनीष कुंजाम लगातार सीपीआई पार्टी से चुनाव लड़े हैं, लेकिन पहली बार वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हंै।
महिला सशक्तिकरण को मिल रहा बढ़ावा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 21 अक्टूबर। चुनाव आयोग ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने महिला मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग देकर तैयार किया है।
भोपालपटनम ब्लॉक में पहली बार महिलाएं मतदान केंद्रों में मतदान कराएंगीं। ब्लॉक में दो केंद्रों को चिन्हांकित किया गया है। रालापल्ली और गोटाइगुड़ा मतदान केंद्रों में महिला वोटरों का उत्साह बढ़ाने के लिए पिंक बूथ की व्यवस्था हो रही है। यहां पीठासीन अधिकारी से मतदान अधिकारी प्रथम, मतदान अधिकारी द्वितीय महिलाएं होंगी। मुख्य घेरे में महिला सुरक्षा कर्मी तैनात की जाएंगी।
7 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए जिले में दस मतदान केंद्रों में महिलाएं मतदान कराएंगीं, जिसमें बीजापुर के छ:, भोपालपटनम के दो और भैरमगढ़ के दो मतदान केंद्र शामिल हंै। जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही है। लगातार महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसको लेकर महिलाओं में एक अलग उत्साह देखने को मिल रहा है।
पहले चरण में होने वाले चुनाव में पिंक बूथ भी होंगे। ऐसे मतदान केंद्र जहां सिर्फ महिला कर्मचारियों की ड्यूटी होगी। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पहले चरण के चुनाव के लिए महिला बूथ की स्थापना की तैयारियां की जा रही है।
ज्ञात हो कि ब्लॉक में कुल 62 मतदान केंद्र है, जिनमें मतदान होना है।
अभी तक देखा जाएं तो भाजपा, कांग्रेस में टक्कर देखी जा रही है, इनके अलावा जेसीसी, आम आदमी पार्टी, हमार राज पार्टी, सीपीआई और निर्दलीय प्रत्यशियों ने नामांकन दाखिल किया है, वे भी मैदान में अपना दम दिखाने में पीछे नहीं है। मतदान केन्द्रों में मूलभूत सुविधाओं के साथ दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए रैम्प की व्यवस्था भी देखी जा रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 21 अक्टूबर। जिले की एकमात्र सीट कोंटा विधानसभा में बड़ा राजनीति फेरबदल हो गया। मुख्य विपक्ष पार्टी सीपीआई के उम्मीदवार मनीष कुंजाम इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
केंद्र चुनाव आयोग ने सीपीआई पार्टी की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खत्म कर दी, जिसके बाद इन्हें निर्दलीय चुनाव लडऩा पड़ेगा।
सीपीआई उम्मीदवार मनीष कुंजाम ने बताया कि चुनाव आयोग में हम लोगों को कुछ प्रक्रिया पूरी करनी थी, जिसे किया भी गया, लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इसलिए हम लोग बस्तर संभाग में अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हम लोग जीत रहे हंै।
सुकमा, 19 अक्टूबर। गुरुवार को कोंटा विस से भाजपा के उम्मीदवार सोयम मुक़ा ने केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू की मौजूदगी में नामांकन पत्र भरा।
गुरुवार सुबह 10 बजे भाजपा कार्यालय से कार्यकताओं के साथ रैली की शक्ल में कलक्टोरेट पहुँचे। जहाँ केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू की मौजूदगी में नामांकन फार्म भरा।
नामांकन फार्म भरने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए सोयम मुक़ा ने कहा कि इस बार कोण्टा में कमल खिलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादा किया था, वो आज भी अधूरे हैं। भाजपा की सरकार ने सुकमा को पंचायत से जिला बनाया और आज जो भी विकास कार्य हुए हैं, वो भाजपा की देन है।
सीपीआई से भरा नामांकन फार्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 19 अक्टूबर। कोंटा विस से सीपीआई उम्मीदवार मनीष कुंजाम ने कहा कि जिन वादों के साथ कांग्रेस ने सरकार बनाई है वो वादे आज भी अधूरे हैं। लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली है। हम लोग जनता की समस्याओं व मुद्दों को लेकर वोट मांगेंगे और जीत हमारी होगी।
बुधवार को जिला कार्यालय पहुँचे मनीष कुंजाम ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन फार्म भरा। उसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
हम उन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और वोट मांगेंगे, इस बार जीत हमारी होगी। उन्होंने कहा कि कई निर्दोष ग्रामीण जेलों में बंद है और लगातार निर्दोषों पर करवाई हो रही है। लोगों को शुद्ध पानी पीने को नहीं मिल रहा है। इस बार का चुनाव भ्रष्टाचार को लेकर लड़ा जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 अक्टूबर। कवासी लखमा ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो वादे किए उन वादों को पूरा किया गया। आज बस्तर बदल रहा है यहाँ विकास, सुरक्षा व विश्वास लोगों में सरकार के प्रति बढ़ा है, इसलिए हम लोग सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए धर्म की राजनीति कर रहे हैं। जनता सब जानती है। इस बार प्रदेश में 75 सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीतेगी।
बुधवार सुबह 10 बजे जिला मुख्यालय स्थित राजीव गांधी भवन के पास कार्यकर्ता एकत्रित हुए, उसके बाद हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन फार्म भरने रवाना हुए। चुनाव नियमों का पालन करते हुए पांच समर्थकों के साथ नामांकन निर्देशन भरा।
इसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पांच सालों में बस्तर की तस्वीर बदल दी है। जिन जगहों पर सडक़ें नहीं थी, आज वहाँ बेखोफ लोग जा रहे है। नक्सल इलाकों में विकास देखने को मिल रहा है। किसानों की फसल लहरा रही है। अंतिम छोर पर बसे गाँवों में बिजली पहुँच रही है, लेकिन भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। लेकिन ये छत्तीसगढ़ है यहां की जनता सब जानती है इस बार भाजपा का साफ और कांग्रेस 75 पार होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 17 अक्टूबर। चुनाव नजदीक आते ही नक्सलियोंं की गतिविधियां बढ़ गई हैं। छत्तीसगढ़ में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नक्सलियों का विरोध शुरू हो गया है। जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा बैनर लगाकर प्रदेश सरकार को उखाड़ फेंकने आह्वान किया जा रहा है, वहीं अब जिला मुख्यालय के करीब भी नक्सलियों द्वारा इसका विरोध संबंधित बैनर-पोस्टर नजर आने लगे हैं।
मंगलवार की सुबह सुकमा—दंतेवाड़ा मार्ग पर नक्सलियोंं ने चुनाव बहिष्कार संबंधित भारी मात्रा में बैनर—पोस्टर लगाए। स्टेट हाईवे पर स्थित कानकीपारा और गोलागुड़ा के बीच नक्सलियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने पर्चे फेंके हैं। जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सबक सिखाने और वन संरक्षण अधिनियम संशोधित कानून को रद्द करने की बात लिखी। नक्सलियों ने छग विधानसभा चुनाव को फर्जी करार देते बहिष्कार करने कहा है। ब्राह्मण हिंदुत्व फासीवादी भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के विरोध करने का आह्वान किया है।
भाजपा नेत्री दीपिका की दखल से पीडि़त को मिली राहत
सुकमा, 3 अक्टूबर। नक्सल पीडि़त से जन्मप्रमाण पत्र के लिए डेढ़ हजार मांगने का मामला सामने आया है। भाजपा नेत्री दीपिका की दखल से पीडि़त को राहत मिली।
सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पंचायत बोकड़ा ओडार के रहने वाले नक्सल पीडि़त आदिवासी युवक धनीराम को अपने पुत्र का जन्मप्रमाण पत्र बनाने हेतु तहसील कार्यालय छिंदगढ़ में लगातार 1500 रु की मांग की जा रही थी। पीडि़त के पास उतनी राशि नहीं होने पर उसने आर्थिक मदद करने हेतु भाजपा नेत्री अधिवक्ता दीपिका शोरी से मिलने उनके घर पहुंचा। दीपिका ने पैसे की आवश्यकता का कारण पूछा। जिस पर पीडि़त ने उन्हें तहसील कार्यालय छिंदगढ़ में जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 1500 रु की नाजायज मांग के विषय में बताया। इस बात को सुनकर दीपिका ने तहसीलदार छिंदगढ़ को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी। दीपिका ने बताया कि मेरे फोन करने पर तहसीलदार ने धनीराम को बुलाकर तत्काल प्रमाणपत्र दिलवा दिया, परन्तु तहसील कार्यालय में राशि मांगने की बात से अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इसके बाद भाजपा नेत्री ने स्वयं तहसील कार्यालय जाकर तस्दीक की, वहाँ उपस्थित बहुत से ग्रामीणों से दीपिका ने बात की तो पता चला कि यहाँ प्रमाण पत्र हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि की वसूली की जा रही थी।
भाजपा नेत्री दीपिका ने कहा कि मैंने छिंदगढ़ के तहसीलदार से मिलने का लगातार प्रयास किया, परन्तु तहसीलदार से मुलाकात नहीं हो पाई। मैं मीडिया के माध्यम से कलेक्टर सुकमा से अपील करती हूं कि समस्त तहसील कार्यालय में जांच की जाए व ग्रामीणों को इन अनियमितताओं से राहत दिलाया जाए।
निकाली भरोसा यात्रा, हजारों कार्यकर्ता बाइक रैली में पहुँचे
सुकमा, 2 अक्टूबर। बस्तर के युवा बेरोजगारों को एनएमडीसी प्लांट से बहुत उम्मीदें हैं और केंद्र सरकार इस प्लांट का निजीकरण करने जा रहा है, जिसको लेकर आदिवासी समाज मे बहुत आक्रोश है और 3 अक्टूबर को बंद का आह्वान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी बस्तर आ रहे हैं, उनका स्वागत है, लेकिन पिछले 9 सालों में बस्तर हित में कोई कार्य नहीं किया। अगर प्लांट का निजीकरण नही करने की बात कहे तो हम विरोध नही करेंगे। उक्त बातें मंत्री कवासी लखमा ने कही।
सोमवार को दोरनापाल से सुकमा भरोसा यात्रा निकाली गई। जिसमें जिलेभर के हजारों कार्यकर्ता बाइक पर सवार होकर पहुँचे। जगह- जगह मंत्री कवासी लखमा का स्वागत हुआ। बाइक रैली दोरनापाल से होते हुए केरलापाल, रामराम, बोरगुड़ा व जिला मुख्यालय के विभिन्न मार्गों से होते हुए मिनी स्टेडियम पहुँची। जहाँ कार्यकर्ताओं ने मंत्री कवासी लखमा का जोरदार स्वागत किया।
उससे पहले मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि कोण्टा विधानसभा को लोगो का कांग्रेस सरकार पर बहुत विश्वास है। क्योंकि पिछले 5 सालों में यहां बंद स्कूलों को खोला गया, गाँव-गाँव मे राशन दुकान व आंगनबाड़ी बनाए गए। सडक़ो का जाल बिछाया गया इतना ही नही दर्जनों गाँवो में बिजली पहुँचा दी गई। लोगो को शुद्ध पानी मिल रहा है।
हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए काम किया है। आज वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। धान व तेंदूपत्ता से आदिवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। लोग कांग्रेस सरकार से खुश है। भाजपा ने 15 सालों में आदिवासियों के शोषण के अलावा कुछ नही किया है। यही हाल सीपीआई का भी रहा है। कोण्टा विधानसभा के लोग समझदार है। उन्होंने कहा कि में उद्योग मंत्री हु और मैने एनएमडीसी के निजीकरण के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लाया था जिसका समर्थन भाजपा के बड़े नेताओं ने किया उसको भी केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। हमारी सरकार ने कहा कि अगर आप किसी उद्योगपति को प्लांट बेचोगे हम उससे दुगनी कीमत में राज्य सरकार खरीद लेगी। क्योकि इस प्लांट से युवाओ को बहुत उम्मीद है। भाजपा सिर्फ उद्योगपतियो का कर्जा माफ करती है और हम गरीब किसानों का कर्जा माफ करते है फर्क सिर्फ इतना है। इस दौरान भारी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ग्रामीणों से कहा सडक़ बनेगी और विकास होगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 अक्टूबर। नक्सल प्रभावित गांव कोर्रापाड़, तोंगगुड़ा, पुनपल्ली, नेलगुड़ा पहुंचे कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछले पांच साल में जिले की अधिकांश गांवों को सडक़ों से जोड़ दिया गया है। कुछ गांवों में अब भी सडक़ें नहीं बन पाई है, लेकिन आने वाले समय में उन गांवों को भी जोड़ दिया जाएगा। हर गांव हर घर में शुद्ध पेयजल व बिजली लगेगी, धीरे-धीरे विकास हो रहा है और आप लोगों का साथ रहा तो आने वाले पांच साल में ऐसा कोई गांव नहीं होगा, जहां बिजली, पानी व सडक़ नहीं बनेगी, इसलिए विकास और सुरक्षा व विश्वास के लिए आप मुझे सहयोग करें।
रविवार को वाणिज्यिक कर (आबकारी) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा कांकेरलंका पहुंचे, जहां से बाइक पर सवार होकर वे 7 किमी दूर स्थित कोर्रापाड़ पहुंचे, लेकिन इस बीच उन्हें पैदल छोटा सा नाला पार करना पड़ा और कड़ी मशक्कत के बाद गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया।
पारंपरिक ढोल के साथ नृत्य किया, जिसमें मंत्री कवासी लखमा खुद शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने चुनाव से पहले जो वादे किए उसे पूरा किया। आज आदिवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। धान का समर्थन मूल्य मिल रहा है। वनोपज का समर्थन मूल्य मिल रहा है साथ ही तेंदूपत्ता का पैसा समय पर मिल रहा है। जिससे आप लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। पहले स्कूलें बंद थी और राशन के लिए मीलों पैदल जाना पड़ता था। लेकिन हमारी सरकार बनते ही गांव-गांव में बंद स्कूलों को फिर से खोला गया जिसमें हजारो आदिवासी बच्चे अपना बेहतर भविष्य बना रहे है।
गांव में या फिर आसपास राशन दुकानें खुल गईं, जिसके चलते आप लोगों को नजदीक राशन मिल रहा है। हमारी सरकार सुरक्षा, विश्वास और विकास को लेकर काम कर रही है। चुनाव होने वाले है जैसा पहले मेरा साथ दिया, ठीक उसी तरह आगे भी साथ दें। वहीं पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। उससे पहले सर्व उरांव समाज का जिला मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन था जिसमे उन्होने भाग लिया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
30 साल पुराना कर्जा चुकाया
मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि 30 साल पहले जब बैला का धंधा करता था तो उस समय इस गांव के सोढ़ी देवा के पिता से एक बैला ले गया था, उस समय मेरे पास 3 हजार थे और बाकी 3 हजार उधार में थे। उसके बाद मैंने चुनाव लड़ा और बैला काम बंद कर दिया, लेकिन मेरे से न तो कभी पैसे मांगे और न ही मुझे याद था। लेकिन आज जब गांव पहुंचा और सोढ़ी देवा ने याद दिलाया तो मैं बचे हुए 3 हजार दे रहा हूं और कर्ज मुक्त हुआ हूं।
कहा हमारे पंचायत मुख्यालय में बनाए मतदान केंद्र, मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 29 सितंबर। मतदान के पक्ष में 6 गांवों के ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों का कहना था कि हमारे पंचायत मुख्यालय में मतदान केंद्र बनाए ताकि सभी लोग आराम से मतदान कर सके। छ: गाँवों के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम का ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार दोपहर ऑडिटोरियम के पास 6 गांवों के प्रमुख ग्रामीण पहुँचे। ये गाँव मारोकि, गुफडी, गोंड़पल्ली, डब्बा व पाण्डुपारा हैं, जहां के ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि उनके पंचायत मुख्यालय में मतदान केंद्र बनाया जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व आगामी विधानसभा चुनाव का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन माओवाद का डर बताकर हमारे मतदान केंद्रों को दूसरे जगह पर स्थानांतरण कर दिया जा रहा। जिसकी दूरी 15 से 20 किमी होती है, ऐसे में बहुत ग्रामीण संसाधनों के अभाव में मतदान देने नहीं पहुँच पाते हंै, जबकि इन गाँवों में माओवाद का प्रभाव कम है और 3 किमी दूर ही कैम्प स्थित है। यहां के लोग मतदान को लेकर काफी उत्साहित हंै, लेकिन मतदान केंद्र स्थानांतरण हुआ तो मतदान करने से कई लोग छूट जाएंगे। ऐसे में सभी मतदान केंद्रों को फिर से यथावत यानी कि पंचायत मुख्यालय में रखा जाए। ताकि इस लोकतंत्र में लोग बढ़-चढक़र हिस्सा ले सके। मुख्य निवार्चन अधिकारी के नाम ज्ञापन सौपा गया। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
यहां मतदान केंद्र बनाने की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि हमारे गाँव के मतदान केंद्र कोंडरे, कुन्ना व कुंदनलाल जो कि गाँव से 15 से 20 किमी दूर है। इसलिए हमारी मांग है कि हमारे पंचायत मुख्यालय में ही मतदान केंद्र बनाया जाए। ताकि दूरी कम होगी तो लोग अपने हिसाब से मतदान के लिए आ पाएंगे।
36 मतदान केंद्र होंगे शिफ्ट
वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 36 मतदान केंद्रों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा गया। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय 40 मतदान केंद्र को शिफ्ट किया गया था। इस बार घटकर 36 हुआ है।
किस्टाराम पहुँचे पूर्व विधायक ने कांग्रेस व भाजपा पर साधा निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 सितंबर। प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी, तब सलवा जुडूम चलाया गया, उसका सीपीआई ने सडक़ से लेकर कोर्ट तक विरोध किया तब कहीं जाकर बंद हुआ। अब कांग्रेस की सरकार द्वारा भी निर्दोष आदिवासियों को जेलों में डाला जा रहा है या फिर मुठभेड़ों में मारा जा रहा है। जबकि कांग्रेस के मंत्री कवासी लखमा ने चुनाव से पहले कहा था कि जेलों में बंद निर्दोषों को छोड़ा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उक्त बातें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कही।
मंगलवार को सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, रामा सोढ़ी जिले के नक्सल प्रभावित गाँव किस्टाराम पहुँचे। जहाँ बालक आश्रम के मैदान में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें किस्टाराम के अलावा आसपास के गाँव के ग्रामीण शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए रामा सोढ़ी ने कहा कि बस्तर में जल-जंगल व जमीन की लड़ाई सिर्फ हम लोगों ने लड़ी। चाहे सलवा जुडूम हो या फिर टाटा जिसके खिलाफ सडक़ से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा सिर्फ चुनाव के समय वादे करती है, लेकिन हम जो कहेंगे, उसे कर के दिखाएंगे।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि आज बस्तर में खनिज बचा हुआ है, उसमें हमारी मुख्य भूमिका है। तेंदूपत्ता का दर बहुत कम था। जिस पर हमारा हक होना चाहिए, लेकिन सरकार, नेता, अधिकारी इतना पैसा लेते हंै कि हम लोगों को सिर्फ मेहनताना ही मिलता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बस्तर में पेशा कानून लागू होगा और हम जीते तो कानून के मुताबिक काम करेंगे। खनिज, गिट्टी, रेती, तेंदुपत्ता का दर ग्राम पंचायत तय करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मंत्री कवासी लखमा ने वादा किया था कि जेलों में बंद निर्दोषों को रिहा किया जाएगा। लेकिन पिछले 5 सालों में निर्दोषों को जेलों में बंद किया गया। सिलगेर, ताड़मेटला में फर्जी मुठभेड़ की गई। हम आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ रहे हैं। आपका साथ चाहिए, आगामी चुनाव में सीपीआई का समर्थन करें। आज पेंशन समय पर नहीं मिल रही है। गाँव के बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल रही है। बाहरी लोगों को नौकरी दिया जा रहा है। हम लोग स्थानीय लोगों की भर्ती को लेकर लड़ रहे हैं। उन्होंने सीपीआई की नीति व चुनाव के बाद करने वाले काम के बारे में ग्रामीणों को बताया। इस दौरान रामा सोढ़ी, हड़मा राम, मंजू कवासी, आराधना मरकाम, महेश कुंजाम मौजूद रहे।