छत्तीसगढ़ » सुकमा
मुख्यमंत्री प्रवास को लेकर जिले में जगह-जगह पुलिस तैनात
एर्राबोर थानाक्षेत्र के मनीकोंटा के पास सीआरपीएफ ने किया बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 मई। जिले के एर्राबोर थानाक्षेत्र अंतर्गत मनिकोंटा के पास नेशनल हाईवे पर सीआरपीएफ ने वाहनों की तलाशी के दौरान बाइक से 37 लाख 43 हजार नगद बरामद किया है। युवक ने पूछताछ के दौरान पैसे जगदलपुर से भद्राचलम ले जाना बताया। पुलिस ने नगदी से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा लेकिन युवक कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर सके।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर शाम को जिले के मनिकोंटा के पास वाहन तलाशी के दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने एक दुपहिए वाहन से 37 लाख 43 हजार बरामद किए।
दरअसल आगामी दिनों में मुख्यमंत्री प्रवास को देखते हुए पुलिस और सुरक्षबल के जवानों द्वारा वाहनों की तलाशी ली जा रही थी. इस दौरान जगदलपुर की और से मोटरसाइकिल पर सवार होकर भद्रचलम जा रहा युवक को रोककर तलाशी ली गई तो पैसों से भरा बैग बरामद हुआ, जिसमें 37 लाख 43 हजार 4 सौ रुपये थे और युवक से शुरुआती पूछताछ में उसने ये पैसा मिर्ची तोड़े वाले मजदूरों का भुगतान बताया और अपनी पहचान लिंगना मधु बताया। इस पूरे मामले की पड़ताल पुलिस कर रही है।
तोंगपाल में भी पकड़ाया था 30 लाख
जिले में वाहनों की चेकिंग के दौरान लाखों रुपये बरामद किए जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही तोंगपाल में 30 से ज्यादा की राशि चार पहिया से बरामद किया गया था। संबंधितों द्वारा मौके पर नगद से जुड़े दस्तावेज पुलिस को प्रस्तुत नहीं किये। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच और बरामद रुपये आयकर विभाग को सौंप दिए। आगे की कार्रवाई आयकर विभाग कर रही है।
दोरनापाल, 3 मई। ओडिशा से आंध्रप्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जा रही कार से कोंटा पुलिस ने 36 लाख का गांजा जब्त कर एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।
सुकमा पुलिस द्वारा लगाता गाँजा तस्करो पर कार्रवाई जारी है, छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर सुकमा जिला ओड़ीसा, आंध्रप्रदेश-तेलगंना को छूने वाली सीमा और महाराष्ट्र को जाने वाली मार्ग है जिसके चलते गाँजा तस्करो का आना-जाना इसी मार्ग से होता है। कोन्टा थाने के फ़न्दीगुडा में पुलिस ने लगभग 183 पैकेट गाँजा पकड़ा, जिसका वजन लगभग 366 किलो लगभग 36 लाख रुपए आंकी गई है।
तस्कर सीजी 12 1818 सफेद रंग की कार में वाहन चालक जे.व्ही. रेड्डी अपने साथ 183 पैकेट गाँजा लेकर ओडिशा से आंध्रप्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जा रहा था, लेकिन मुखबिर की सूचना पर कोण्टा नाका में बैरीकेट्स लगा कर वाहन को रोकने की कोशिश गया, परंतु पुलिस व बेरिकेड्स के देख गंजा तस्कर गाड़ी मोडक़र वापस सुकमा की ओर भागने लगा। पुलिसकर्मियों ने पिछा किया जिसके बाद कोण्टा से महज 4 किमी की दूरी पर फ़न्दीगुड सीआरपीएफ़ कैम्प के पास आरोपी गाँजा तस्कर को पकड़ाया, आरोपी गाँजा तस्कर ने बताया की मलकानगिरी से माल लेकर महाराष्ट्र जा रहा था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 30 अप्रैल। आज शाम सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना अंतर्गत पुसवाड़ा में 2 गाडिय़ों में टक्कर हो गई। इस सडक़ दुर्घटना में 4 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में एक को गंभीर चोट आई थी, जिसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है। इस घटना की पुष्टि सुनील शर्मा ने की है।
इन घायलों में एक गाड़ी के भीतर बुरी तरह से फंस गया था, जिसे सीआरपीएफ के जवानों ने निकाला। इसके बाद घायलों की स्थिति को देखते हुए सुकमा एसपी सुनील शर्मा और सीआरपीएफ 74 वीं बटालियन के कमांडेंट डीएन यादव ने तत्काल उन्हें सुविधा पहुंचाते हुए दोरनापाल उप स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया।
बताया जा रहा है कि ये सभी घायल जगरगुंडा मेले में शामिल होने जा रहे थे, जो कि कोंटा के व्यापारी बताया जा रहे हैं और अपने साथ सामान लेकर मेले में दुकान लगाने निकले थे, लेकिन जगरगुंडा इलाके से वापस लौट रही एक वाहन से पुसवाड़ा के पास भिड़ंत हो गई, जिसमें गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
मेले में सामान बेचने जा
रहे थे कारोबारी
दुर्घटना में घायल सभी व्यापारी थे, जो कोंटा से जगरगुंडा मेले में सामान बेचने जा रहे थे। गम्भीर रूप से घायल रंजीत को अंदरूनी चोट आई है, वहीं अन्य घायलों के नाम सुशांत मंडल, जितेंद्र मंडल, गोलू मंडल बताया गया है।
सभी कारोबारी शनिवार को जगरगुंडा के मेले में सामान बेचने जा रहे थे। इसी दौरान पुसवाड़ा के पास टिप्पर और तूफान वाहन आपस में टकरा गए, इसमें वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके बाद वाहन में घायल बुरी तरह फंसे हुए थे।
हादसे की खबर मिलते ही सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी कमांडेंट और सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने जवानों को तुरंत राहत के लिए भेजा। जवानों ने घायलों को निकाला औऱ 108 वाहन में 3 घायलों को भेजा, वहीं एक घायल बुरी तरह गाड़ी में फंसा हुआ था जिसे निकालकर सीआरपीएफ की एंबुलेंस में दोरनापाल स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया।
चारों घायल में से एक को गंभीर चोट आई थी, जिसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है, वही पांचवें व्यक्ति को हल्की खरोच आई थी, जिसका उपचार सीआरपीएफ कैंप में ही कर लिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 22 अप्रैल। सुकमा जिले के दोरनापाल थाना अंतर्गत मिसमा गांव के पास एनएच-30 पर सडक़ दुर्घटना में 4 लोग घायल हो गए। इस दुर्घटना के बाद मौके से गुजर रहे छत्तीसगढ़ के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने मानवता का परिचय दिया।
मंत्री कवासी लखमा ने अपने फॉलो वाहन एंबुलेंस में तत्काल घायलों को बिठाकर तुरंत सुकमा जिला अस्पताल रेफर करवाया। सडक़ दुर्घटना में घायल सभी घायल पोलमपल्ली पंचायत के इत्तागुड़ा गांव के बताए जा रहे हैं। इन घायलों में एक 3 साल की बच्ची भी शामिल है और सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है हालांकि मंत्री कवासी लखमा ने तुरंत ही अधिकारियों को कॉलकर तत्काल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए।
नारेबाजी करते कथित ड्रोन हमले बंद करने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 22 अप्रैल। बीते दिनों बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती इलाकों में कथित ड्रोन हमले पर नक्सलियों के आरोप के बाद इस मुद्दे पर हजारों की संख्या में ग्रामीण भी लामबंद होते नजर आए। सुकमा जिले के बुर्बलंका गांव में लगभग 4 हजार ग्रामीण इक_े होकर कथित ड्रोन हमले के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए। इस दौरान माओवादियों के प्रचलित जनचेतना नाट्य मंडली भी वहां कार्यक्रम करती दिखाई दी। जनचेतना नाट्य मंडली ने कथित ड्रोन हमले पर एक गाना तैयार किया, जिस पर नाचते गाते इन ग्रामीणों से विरोध करने की अपील करते नजर आए।
हालांकि इस मामले में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने पहले ही अपना बयान जारी कर कथित ड्रोन हमले के मुद्दे को नक्सलियों की सोची समझी साजिश बताते हुए सिरे से इन आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद इसका विरोध सुकमा जिले के बीहड़ों में नजर आने लगा।
सूचना मिलते ही ‘छत्तीसगढ़’ की टीम भी वहां पहुंची, जहां ग्रामीणों की बड़ी भीड़ कथित ड्रोन हमले का विरोध कर रही थी। इन ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलियों को निशाना बनाने बीजापुर व सुकमा के सरहदी इलाकों में लगभग 11 ठिकानों में 50 से ज्यादा ड्रोन बम गिराए गए, जिनके अवशेष भी मिले हैं, लेकिन नक्सलियों का कोई स्थाई ठिकाना नहीं होता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिन इलाकों में बमबारी की गई, वहां नक्सली मौजूद थे, लेकिन ड्रोन हमले से पहले वहां से नक्सली जा चुके थे और जिन इलाकों में बमबारी की गई है, वह ग्रामीणों का रिहायशी इलाका है, जहां वनोपज के साथ उन इलाकों में ग्रामीण भी रहते हैं।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि भारत का संविधान अपने ही देश में बमबारी करने का अधिकार किसी को नहीं देता, बमबारी अगर दूसरे देश में की जा रही है तो अलग बात है, मगर बस्तर तो भारत का ही हिस्सा है ऐसे में इन इलाकों में अपने ही घर में बमबारी न की जाए। ग्रामीणों की मांग है कि इस तरह से ड्रोन हमले न किए जाएं।
झूठे आरोप लगाकर नक्सली ग्रामीणों को दिग्भ्रमित कर रहे -आईजी
इस मामले पर बस्तर के आईजी सुंदरराज पी. ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के ऊपर इस प्रकार के निराधार आरोप लगाते हुये क्षेत्र की जनता को दिग्भ्रमित करना प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की एक सोची-समझी साजिश की रणनीति का हिस्सा है। बस्तर सहित पूरे भारत वर्ष में नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतर्गत स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षा बल द्वारा वर्तमान में की जा रही है तथा यह दायित्व को आने वाला समय में भी हम निभायेंगे। ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है। बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं। स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है।
आईजी ने बताया कि ये जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में माओवादी नेतृत्वों द्वारा असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है।
आईजी ने नक्सलियों के आरोप को झूठा और निराधार बताया
दोरनापाल, 16 अप्रैल। बस्तर में एक बार फिर से नक्सली संगठन ने सुरक्षा एजेंसियों और सरकारों पर हवाई हमले करने का आरोप लगाया है। इस आरोप में नक्सली संगठन ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार समेत पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों पर बस्तर के अलग-अलग इलाकों में हवाई बम गिराने का आरोप लगाया है।
भारत के कम्युनिस्ट पार्टी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लिखा है कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी पर 14 व 15 अप्रैल की दरमियानी रात दक्षिण बस्तर के वो बोटटेम, रासम, एराम मेटागुडम ,साकिलेर,मड़पा ,दुलेड,कन्नेमरका, पोर्टेममंगुम बोत्तम आदि गांव व जंगलो को निशाना बनाकर रात 1 बजे से 2 बजे के बीच लगातार सैनिक दोनों से भीषण बमबारी की गई है।
इसके साथ ही दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति में यह भी लिखा कि इस पूरे बमबारी में पीएलजीए सुरक्षित बच निकला। नक्सली संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति में यह भी लिखा है कि लगातार पीएलजीए संगठन के ऊपर सुरक्षा एजेंसियों के ड्रोन और हेलीकॉप्टर मंडरा रहे हैं और सुरक्षा बल उनके खिलाफ अभियान तेज कर रहे हैं। प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा कि आदिवासी जनता जो जंगलों में निर्भर होकर अपना जीवन यापन करते हैं वह जंगलों में जाने से सशस्त्र बल उन्हें मना कर रहे हैं हवाई बम से जनता महुआ बीनने से वंचित हो रहे हैं।
जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में नक्सली कर रहे गुमराह-आईजी
शनिवार को नक्सली संगठन की और से हवाई बमबारी का पुलिस पर आरोप लगाते हुए एक प्रेसनोट जारी हुआ था, जिसका खंडन करते हुए बस्तर के आईजी सुंदरराज पी. ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है जिसमें इन सभी आरोपों को निराधार बताया है।
बस्तर आईजी के अनुसार माओवादियों द्वारा सुरक्षा बल के ऊपर इस प्रकार के निराधार आरोप लगाते हुये क्षेत्र की जनता को दिग्भ्रमित करना प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की एक सोची-समझी साजिश की रणनीति का हिस्सा है। बस्तर सहित पूरे भारत वर्ष में नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतर्गत स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षा बल द्वारा वर्तमान में की जा रही है तथा यह दायित्व को आने वाला समय में भी हम निभायेंगे। माओवादियों को झूठे प्रचार-प्रसार एवं क्षेत्र के निर्दोष नागरिकों को प्रताडि़त करना, वनांचल क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा से वंचित रखना इत्यादि गैर मानवीय एवं विकास विरोधी हरकतों को छोडक़र जमीनी हकीकत को जानना एवं समझना जरूरी है।
क्रांतिकारी जन आंदोलन की आड़ में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात् विगत 22 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों (जिनमें कई महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं) की हत्या एवं 1100 से अधिक बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर की हरित धरा को लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया। ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है। बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहें हैं। स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है।
सुन्दरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा बताया गया कि जिस तरीके से विगत कुछ वर्षों में प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की विकास विरोधी एवं जनविरोधी हरकतों से माओवादी संगठन का जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में माओवादी नेतृत्वों द्वारा असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा वनांचल क्षेत्र की जनता एवं खास तौर पर युवा तथा युवतियों से बस्तर क्षेत्र में माओवादियों द्वारा फैलाये जा रहे हिंसात्मक विचारों का खात्मा करते हुये बस्तर क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाने में पुलिस, सुरक्षा बल, स्थानीय प्रशासन एवं शासन का साथ देने हेतु अपील की गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 16 अप्रैल। सुकमा जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में सीआरपीएफ द्वारा पीएनसी पोस्ट नाका चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत एनएच-30 से गुजरने वाली सभी वाहनों की तलाशी ली जा रही है और संदिग्ध लोगों पर नजर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
सुकमा लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाका है और इन दिनों टीसीओसी का महीना चल रहा है। इस दौरान नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए और किसी तरह की संदिग्ध सामग्री पर रोक लगाने सीआरपीएफ जगह-जगह तलाशी अभियान चला रही है, फिलहाल सुकमा से कोंटा के बीच यह मिसमा और दुब्बाटोटा पेंटा मनिकोन्टा कोंटा के सीआरपीएफ कैंप के आसपास नजर आया है। आने वाले दिनों में और भी कई जगह इस तरह के पोस्ट नाका चेक नजर आ सकते हैं।
माना जा रहा है कि जिस तरह से अंदरूनी इलाकों में सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चला रहे हैं, वहीं सडक़ से जुड़े इलाकों में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क और नक्सलियों को सप्लाई करने वाले लोगों की चैन तोडऩे के लिए सुरक्षा बल के जवान सडक़ पर भी सर्च अभियान चला रहे हैं।
आरटीआई के अंतर्गत नहीं मिलती जानकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 अप्रैल। सुकमा जिले के भूसंरक्षण विभाग में पिछले कई वर्षों से लगातार बड़े पैमाने पर की जा रही अनियमितताओं व सहायक संचालक अधिकारी कैलाश मरकाम की विशेष भूमिका पर भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से सुकमा जिले का भूसंरक्षण विभाग भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु रहा है, जहां पर विभाग के दलाल सक्रिय होकर अपने तरीके से कार्य कर किसानों के हित में होने वाले कार्यों में अधिकारियों के साथ संलिप्त होकर शासकीय राशि का बंदरबांट कर रहे हैं, जिसकी जानकारी होते हुए भी विभागीय अधिकारी आंख बंद कर बैठे हुए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि इस विभाग के दलालों को सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है। मैंने स्वयं सारे कार्यों का अवलोकन किया है व किसानों से इस विषय मे चर्चा की है, जिससे पता चला कि करोड़ों रु का निर्माण तो हो गया, पर धरातल पर लाभ शून्य है।
विभागीय कार्य को कर रहे है दलाल व रसूखदार
दीपिका ने सहायक संचालक अधिकारी कैलाश मरकाम पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के हित में चलाई जा रही राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी तथा आदर्श कही जाने वाली योजना ‘नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी’ जो किसानों के विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए उन्नत कृषि की बुनियादी सुविधाओं से किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं में कांग्रेस की भूपेश सरकार अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन सुकमा जिले के भू-संरक्षण के सहायक संचालक अधिकारी कैलाश मरकाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कैलाश मरकाम के द्वारा शासन के द्वारा स्वीकृत इन विभागीय कार्यों को दलालों एवं रसूखदार लोगों के साथ मिलकर गुणवत्ताहीन निर्माण कर शासन को करोङ़ों का चूना लगा चुके हैं।
1 करोड़ 65 लाख 97 हजार के कार्य में अनियमितता का आरोप
दीपिका ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन एवं ग्रामीण विकास विभाग रायपुर के द्वारा मनरेगा योजना के तहत 2018 में छिंदगढ़ विकासखण्ड के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 65 लाख 97 हजार की लागत से चिपुरपाल के पोंदुम नाला में पाँच, मुर्रेपाल में एक व मेंखावाया में एक कुल 7 स्थानों पर स्टॉपडेम व चेकडेम निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए, परन्तु इस विभाग के अधिकारियों एवं दलालों के कारण सभी कार्यों का निर्माम गुणवत्ताहीन स्तर से किया गया, जिसके कारण किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। कार्यों में बड़े स्तर पर तकनीकी त्रुटियां भी की गई हैं।
सत्ता पक्ष का हाथ होने के कारण बड़े अधिकारियों की भी नहीं सुनते कैलाश मरकाम
दीपिका ने बताया कि लगातार अनियमितता की शिकायत मिलने पर मैंने इस विषय में सूचना के अधिकार के तहत जनवरी 2021 में जानकारी मांगी थी, समय पर जानकारी न देने पर मैंने पुन: आवेदन दिया था, जिस पर उप संचालक कृषि के द्वारा सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु 14 जनवरी 2021 को प्रथम पत्र, 2 फरवरी 2021 को द्वितीय पत्र एवं 8 फरवरी 2021 को तृतीय पत्र लिखा, बावजूद इसके आज तक मुझे किसी भी प्रकार की जानकारी कैलाश मरकाम के द्वारा नहीं दी गई।
सूचना के अधिकार में भी दलाल सक्रिय
दीपिका ने बताया कि जब मैंने जानकारी हेतु बार-बार आवेदन लगाया तो इन्हीं के चाहने वाले दलालों में से एक ने जानकारी के एवज में सेटिंग कराने का भी ऑफर दिया, परन्तु जब मैंने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया व कहा कि दुबारा ऐसी बात करोगे तो कोर्ट में नजर आओगे तो दलाल ने काल करना बंद कर दिया।
सही प्रकार से जांच हो अन्यथा किसानों के हित में होगा आंदोलन
दीपिका ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा किए गए कार्यों की जांच कर उचित कार्यवाही होनी चाहिए व इस विभाग को दलालों से मुक्त करने हेतु जिला प्रशासन को उचित कार्यवाही करनी होगी, अन्यथा आने वाले दिनों में किसानों के हित में आंदोलन किया जावेगा जिसका जवाब सरकार को देना होगा।
प्रशासकीय स्वीकृति नियम के विरुद्ध कराया गया निर्माण
दीपिका ने यह भी कहा कि किसी भी अधोसंरचना के निर्माण के लिए सरकार द्वारा तकनीकी मापदंड तय किये जाते हैं, जिसके अनुरूप निर्माण कार्य कराए जाने की अपेक्षा व निर्देश के साथ प्रशासकीय स्वीकृति दी जाती है। इस दौरान किसी तकनीकी मापदंड में बदलाव की स्थिति में प्रशासन के समक्ष युक्तियुक्त कारण प्रस्तुत कर संशोधन किया जाना होता है।
इसके विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य कराया जाना प्रशासन के नियमों का उल्लंघन कर सरकार की राशि का गलत रूप से इस्तेमाल करना गबन के दायरे में आता है, जिसका कि प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित से गबन राशि की वसूली का प्रावधान है। जिसका उल्लेख निर्माण कार्य के कार्य आदेश में स्पष्ट रूप से किया जाता है। बावजूद इसके नियमों को ताक में रखकर विभागीय अधिकारी द्वारा स्टाप डेम के निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गयी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 10 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से लगे तेलंगाना के भद्राचलम स्थित श्री राम जानकी मंदिर में रामनवमी पर रामकल्याणम् का विशेष पूजन किया गया।
ज्ञात हो कि भद्राचलम भगवान श्रीराम से जुड़ा और हिन्दुओं की आस्था का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो तेलंगाना में स्थित है। यह दक्षिण की अयोध्या के नाम से प्रसिद्ध है। भद्राचलम नगर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 4 अप्रैल। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 एवं गार्बेज फ्री सिटी अंतर्गत नगर पंचायत कोंटा में स्थित स्मारकों एवं चौराहों की मरम्मत और रंगरोगन का कार्य किया जा रहा है।
नगर पंचायत कोंटा के चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण एवं आज़ादी का अमृत महोत्सव विषयक स्तंभ वार्ड क्रमांक 8 के अंबेडकर चौक में लगाया गया है जिसमें स्वच्छतम राज्य, गढ़बो नवा छत्तीसगढ आदि की ब्रांडिंग, लाइट सहित साज-सज्जा किया गया है, जो चौक की सुंदरता को और बढ़ा रहा है। साथ ही यह आजादी का अमृत महोत्सव स्तंभ स्वच्छता के प्रति नागरिकों को जागरुक कर रहा है । शहर के बीचों बीच यह चौक लोगों का मन मोह रहा है।
निकाय अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार कोंटा अंर्तगत शहर के चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है जिसमे भारत माता चौंक, अंबेडकर चौक इत्यादि का साज सज्जा वॉल पेंटिंग किया जा रहा है जिससे अपना निकाय साफ सुथरा से और निखरेगा । निकाय अन्तर्गत एक पहल के रूप में नेकी की दीवार बनाई गई है जिसके तहत किसी को कपड़े या अन्य जरूरी चीजें है उसे वो इस नेकी की दीवार में दान कर सकते है ताकि कोई जरूरतमंद हो तो यहां से बेझिझक ले जा सकते है।
सफाई मित्रों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सुरक्षा उपकरण एवम प्रशिक्षण दिया गया है और साथ ही उन्हें शासन की योजनाओं से जोडक़र उनके हित में प्रयासरत है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 4 अप्रैल। सुकमा जिले के धुर नक्सली ग्राम पोटकपल्ली में अब स्कूल संचालन भी शुरू हो गया है। सुकमा एसपी सुनील शर्मा के नेतृत्व में एक माह पहले ही कैम्प की स्थापना हुई। अब यहां साप्ताहिक बाजार भी शुरू हो गया है।
पोकलेन जब्त, भूस्वामी पर भी कार्रवाई
अम्बिकापुर, 2 अप्रैल। सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देश के पर भूमाफियाओं पर नकेल कसने के लिये भूमाफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी हैं। इसी क्रम में आज शहर से लगे ग्राम श्रीगढ़ में पहाड़ों के अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही राजस्व व खनिज विभाग के द्वारा शुरू कर दी गई। जिसके तहत अवैध खनन में लगे एक पोकलेन मशीन को जब्त कर लिया गया है।
इस बारे में नायब तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा ने बताया कि आज उन्हें पहाड़ की अवैध उत्खनन की शिकायत मिली जिसके तहत कलेक्टर के निर्देश पर श्रीगढ के पटेल पारा में राजस्व व खनिज विभाग की टीम ने छापा मारा। मौके पर पाया गया है कि जमीन स्वामी के द्वारा पहाड़ की लंबी कटाई कर काफी मात्रा में मिट्टी मुरम एकत्रित किया गया है। उन्होंने बताया है कि पोकलेन मशीन चालक मशीन लेकर भागने के फिराक में था, जिसे पकड़ कर जब्त कर लिया गया है। मशीन आपरेटर को गिरफ्तार कर लिया गया है।नायब तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा ने बताया कि जमीन किसी मेहंदी नाम के व्यक्ति के द्वारा हाल में ही खरीदा गया है उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ने बताया कि मौके पर कटे हुए वृक्षों के अवशेष भी पाए गए हैं इसकी भी जांच चल रही है। नायब तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा ने उक्त भूमि की खरीदी बिक्री को संदिग्ध रूप से देखते हुए इसकी जांच की करने की भी बात कही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 27 मार्च। लखनपुर अस्पताल में गत दिनों बालिका की मौत हो गई थी, उसके परिवार से भाजपा नेता गोपाल सिन्हा मिले और परिजनों को ढांढस बंधाया।
ज्ञात हो कि 25 मार्च को सरगुजा जिला के लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 7 वर्षीय बालिका की मौत हो गई। परिजन बालिका को बुखार व पेट दर्द की शिकायत होने के बाद लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सरगुजा के लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ को संवेदनहीनता और लापरवाही के लिए पद से हटा दिया है। बीएमओ ने शुक्रवार को उस पिता को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया, जिसे अपनी सात साल की बेटी की लाश लेकर पैदल घर जाना पड़ा। पिता ने घर तक 10 किमी की दूरी लाश को कंधे पर रख कर तय की।
घटना की गंभीरता को देखते हुए भाजपा नेता गोपाल सिन्हा आज पीडि़त परिवार से मिले और दुखी माता-पिता को ढांढस बंधाया। दुखी पिता ने अपनी पूरी आपबीती गोपाल सिन्हा को सुनाई तथा अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं और अस्पताल प्रबंधन की शिकायत की।
गोपाल सिन्हा ने गरीब परिवार को आर्थिक सहायता देते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इन दौरान हर्ष वर्धन पाण्डेय, अभिमन्यु सिंह, दिव्यांश गुप्ता, रोहित कुशवाहा सहित कई ग्रामवासी उपस्थित थे अंत मे सभी ने 2 मिनट का मौन रख मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
ग्रामीणों का नक्सलियों पर हत्या का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 मार्च। देर रात जिले के कूकानार थाना क्षेत्र के बोदारास में एक आरक्षक की हत्या कर दी। ग्रामीणों ने नक्सलियों पर हत्या का आरोप लगाया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार कूकानार थाना क्षेत्र के बोदारास में रात लगभग 2 बजे आरक्षक लखेश्वर नाग की हत्या हुई है। आरक्षक बोदारास का ही रहने वाला था। वह मेला देखने गाँव आया था। उसकी पोस्टिंग पुलिस लाइन सुकमा में थी। थाना प्रभारी मनीष मिश्रा एवं एसडीओपी घटना स्थल पर मौजूद हैं, जांच जारी है। वहीं ग्रामीणों ने नक्सलियों पर हत्या का आरोप लगाया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 25 मार्च। सुकमा जिले के चिंतागुफा सुरक्षाकैंप के अंदर नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ के 28 जवान फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। सीआरपीएफ के फील्ड हॉस्पिटल में उपचार के बाद सभी स्वस्थ हैं।
मामला चिंतागुफा थानाक्षेत्र के सीआरपीएफ 150वीं बटालियन के सी कंपनी का है, जहां कल दोपहर के खाने के बाद कई जवानों में तबीयत बिगडऩे की शिकायतें सामने आने लगी। धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़ता चला गया और करीब 28 जवान बीमार पड़ गए। मामला सामने आने के बाद जांच में फूड प्वाइजनिंग पाया गया। इसके बाद उन्हें फील्ड हॉस्पिटल में हॉस्पिटलाइज किया गया। कुछ ही घंटों में 16 जवानों को उपचार कर डिस्चार्ज कर दिया गया और 12 जवान भी फिलहाल सीआरपीएफ के फिल्ड हॉस्पिटल में उपचार करवा रहे हैं।
फिलहाल फूड प्वाइजनिंग का कारण पुराने सरसों के तेल का खाने में उपयोग करना संभावित बताया जा रहा है, हालांकि बटालियन के कमांडेंट राजेश यादव ने इस पूरे मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी तरह की लापरवाही आगे न हो।
‘छत्तीसगढ़’ ने कमांडेंट राजेश यादव से फोन पर बात की जिस पर उन्होंने बताया कि कल दोपहर का यह पूरा मामला है, जहां फूड पॉइजनिंग के शिकार 28 जवान हुए, जिनमें 16 जवान कुछ ही देर में डिस्चार्ज कर लिए गए, अन्य 12 जवान भी आज दोपहर तक स्वस्थ कर डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे। मेस में एक ही प्रकार के डिब्बे रखे हुए थे, इनमें से एक डिब्बे में पुराना सरसों का तेल अलग कर दिया गया था, लेकिन मेस के कर्मियों में से किसी ने धोखे से डिब्बे एक जगह कर दिए, इस वजह से खाना बनाते वक्त रसोईये से धोखा हो गया। हालांकि इस तरह की लापरवाही दोबारा न दोहराई जाए, इसके लिए जांच के निर्देश दिए गए हैं ।
हमारी समस्या नहीं सुनते कलेक्टर- सर्व आदिवासी समाज
सुरक्षा घेरा तोड़ परिसर में घुसे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 22 मार्च। सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव किया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद सुरक्षा घेरा तोड़ परिसर में ग्रामीण घुस आए। इस दौरान कलेक्टर हटाओ के नारे लगाए गए।
समाज के पदाधिकारियों का आरोप है कि 11 मार्च को स्थानीय भर्ती में जिले के युवाओं को मौके देने की मांग लेकर आदिवासी समाज कलेक्टर से मिलने आया था। दो बार सूचना देने के बाद भी कलेक्टर विनीत नंदनवार समाज प्रमुखों से मिलने से मना कर दिये। इससे नाराज समाज प्रमुखों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष पोज्जाराम मरकाम ने कहा कि समाज के पदाधिकारियों क्षेत्र की समस्या लेकर कलेक्टर से मिलने आये थे। कलेक्टर ने मिलने से मना कर दिया, यह समाज के पदाधिकारियों का ही नहीं बल्कि पूरे बस्तर के मूल निवासी समाज का अपमान है, इसलिए कलेक्टर सुकमा को हटाया जाये, यदि कलेक्टर को नहीं हटाया जाता है तो आदिवासी समाज फिर से उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा।
मंगलवार को 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने जंगी प्रदर्शन किया। शहर के मिनी स्टेडियम से पैदल मार्च करते हुए कलेकटोरेट पहुंचे। पुलिस प्रशासन को पहले ही उनकी रैली की खबर लग चुकी थी. लिहाजा जैसे ही रैली कलेक्टोरेट के मुख्य द्वार पर पहुंची, पुलिस ने गेट बंद कर लिया.
सुरक्षा के नाम पर पुलिस ने मनाव श्रंखला के रूप में बैरिकेटिंग की थी, जिसे तोड़ ग्रामीण जिला कार्यालय के परिसर में घुस गये और पोर्च तक पहुंच गये। इस दौरान जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जताया।
इस दौरान 20 सूत्रीय मांगों के ज्ञापन को सिर्फ कलेक्टर को देने आदिवासी अड़ गये। करीब डेढ़ घंटे ग्रामीण कलेक्टोरेट परिसर में कलेक्टर हटाओ के नारे लगाये। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों की समझाईश के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। भारी मशक्कत के बाद समाज के पदाधिकारियों की समझाईश के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन खत्म किया।
मांगों का ज्ञापन ज्ञापन संयुक्त कार्यालय भवन के पोर्च में सुकमा एसडीएम प्रीति दुर्गम को सौंपा। इसके बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने स्थित मैदान में सभी जमा हुए। इस दौरान आदिवासी समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।
समाज की प्रमुख मांगें...
सर्व आदिवासी समाज ने 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रमुख महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के अंतर्गत लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल दिया जाए, आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए, जिले में जाति प्रमाण-पत्र की तरह मिसल, वंशावली रिकार्ड के आधार पर निवास प्रमाण-पत्र बनवाया जाए, साथ ही जिले में ईसाई मिशनरियों के द्वारा आदिवासियों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, वहीं जिले में हजारों बेकसुर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया, उन्हें निष्पक्ष जांच कर रिहा किया जाए, एड़समेटा में मारे गए निर्दोष आदिवासी परिवारों को मुआवजा व नौकरी दिया जाए। साथ ही जिले में बेरोजगारों को बेरोजगार भत्ता दिया जाए। पिछले कई सालों में गैर आदिवासियों के द्वारा जमीन खरीदी ब्रिकी पर धांधली किया जा रहा है जिसे 170 ख के तहत मूल मालिक को जमीन वापस किया जाए। कुछ अधिकारियों को हटाने की मांग समेत 20 सूत्रीय मांगें रखी गई।
पुरंदेश्वरी के बयान पर नपाध्यक्ष ने किया पलटवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 15 मार्च । सडक़ को लेकर कल भाजपा प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी द्वारा दिये गए बयान पर नपाध्यक्ष मौसम जया ने पलटवार करते हुए कहा कि पुरंदेश्वरी जी पहले आप ये जान लीजिए कि यूपीए की सरकार में कवासी लखमा ने केंद्रीय मंत्री कमलनाथ से मिलकर 184 किमी सडक़ उन्नयीकरण हेतु राशि स्वीकृत कराया था, जिसमें 80 किमी की सीसी सडक़ कोन्टा से सुकमा तक का था, मगर 1 दशक तक भाजपा के नेताओं ने कोन्टा-सुकमा मार्ग को पैसे छापने वाली मशीन बना लिया था।
कोन्टा सुकमा मार्ग को बनाने में कवासी लखमा ने सैकड़ों बार सडक़ पर उतर कर धरना प्रदर्शन किया। खराब सडक़ पर रोपा लगाकर भी प्रदर्शन किया, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने के बाद कोंटा सुकमा 80 किमी की सडक़ बन पायी है। पूरे देश में कहीं भी 2500 रु प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी नहीं की जाती है, पर छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार 2500 रु प्रति क्विंटल की दर से धान खऱीदी की है, छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के हित में जो पुरानी पेंशन योजना बहाल किया गया है, उसमें कवासी लखमा जी भूमिका किसी से छुपी नहीं है।
मौसम जया ने आगे कहा कि भूमिहीन किसानों के लिए राजीव गांधी किसान योजना प्रारंभ किया गया है, जिससे भूमिहीन किसानों को प्रति वर्ष 5000 रु प्राप्त होगी।
पुरंदेश्वरी जी पहले आप ये जान लीजिए कि 2003 से 2013 तक छत्तीसगढ़ के विकास के लिये यूपीए सरकार ने रमन सरकार को कितनी राशि दी थी।
हमारे हक की जीएसटी की राशि खाने वाली मोदी सरकार के प्रभारी को बात करने का हक नहीं है।
जया ने पुरंदेश्वरी से आग्रह किया कि अगर आप छग की वास्तविक हितैषी हैं तो कृपया छग के हिस्से की राशि दिलवा दें।
छिंदगढ़, 1 मार्च। छिंदगढ़ विकासखण्ड में आदर्श विद्यालय के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पोटाकेबिन रोकेल में किया गया। कार्यशाला में विकासखण्ड के समस्त संकुल समन्वयक एवं प्रत्येक संकुल से चयनित एक प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक को आमंत्रित किया गया।
एक आदर्श विद्यालय कैसा होना चाहिए, इस संबंध में बीआरसी वसीम खान ने अपने संबोधन में कहा कि शाला में दर्ज सभी बच्चों की प्रतिदिन शतप्रतिशत उपस्थिति, विद्यालय भवन की साफ सफाई, मूलभूत सुविधाएं, जैसे पेयजल, स्वच्छ शौचालय तथा शाला प्रबन्धन समिति की नियमित बैठक एवं सबसे मूल कार्य शाला की शैक्षणिक स्तर उत्तम होना चाहिये। कार्यशाला में नीति आयोग सदस्यों काजल, योगिता एवं मुस्तफिजुर रहमान द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्य से उपस्थित शिक्षकों एवं संकुल समन्वयकों का ग्रुप के माध्यम गतिविधि कर समझाया गया।
सीआरपीएफ आपके सुख-दुख का साथी है-पी.मनोज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़ (सुकमा ), 17 फरवरी। सी/227वीं वाहिनी केरिपुबल कोयलाभट्टी तोंगपाल जिला सुकमा में नागरिक कार्ययोजना का आयोजन किया गया, जिसमें हमीरगढ़ , जैमेंर कावराकोपा, पालेम एवं सघुनघाट के ग्रामवासियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित कमांडेंट पी. मनोज कुमार के द्वारा तीन पंचायत के लगभग 400 ग्रामीणों को मच्छरदानी, रेडियो , पानी का डेक्चा, कढ़ाही , सोलर लाइट एवं टिन सीट का वितरण किया गया।
मनोज ने कहा कि हम आपके सुख-दु:ख के साथी हैं, आपके साथ मिलकर आपके क्षेत्र का विकास करना चाहते हैं। इस क्षेत्र में शिक्षा के अभाव में ग्रामीण अपनी समस्याओं को कहां पहुंचाना है नहीं जानते, हम आपकी आवाज बनना चाहते हैं, आपसे जुडऩा चाहते है।
कार्यक्रम को टूआईसी ओम जी शुक्ला ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आपके चेहरे की मुस्कान देखकर हमें आनंद आ रहा है, जिसका उल्लेख करना बहुत ही मुश्किल है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया था, जिसमें ग्रामीणों ने अपना चेकअप करवाया व लगभग 200 ग्रामीणों को चर्मरोग, बुखार, दर्द की शिकायत थी, जिन्हें तत्काल उपचार कर निशुल्क दवाइयां दी गई। इस नागरिक कार्य योजना में ग्रामवासियों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया और ग्रामवासियों द्वारा केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की सराहना भी की गई ।
इस अवसर पर वाहिनी प्रमुख पी . मनोज कुमार (कमाण्डेन्ट) के अलावा ओम जी शुक्ला , द्वितीय (कमान अधिकारी )स्टेंजिन शाक्या (द्वितीय कमान अधिकारी) बृजमोहन राठौर ( उप कमांडेंट ) राकेश कुमार शर्मा ( कम्पनी कमाण्डर सी / 227 ) , दुष्यंत कुमार ( सहा. कमा. ) , नितिन जैल्दी ( मुख्य चिकित्सा अधिकारी) मो. नाजिल (चिकित्सा अधिकारी) महेंद्र जैसवाल ( चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तोंगपाल), विजय पटेल ( थाना प्रभारी तोंगपाल) एवं गुरबचन सिंह ( फोरस्टर तोंगपाल ) व आसपास गाँव के सभी सरपंच, पंच तथा अन्य सभी जवान उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 10 फरवरी। जिला पंचायत अध्यक्ष हरिश कवासी ने दोरनापाल से जगरगुण्डा मार्ग सीसी रोड 9 किमी निर्माण कार्य का शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया।
इस सडक़ की लागत 1347.49 लाख से होगी। इन सडक़ों के विकास से यातायात सुविधाओं में विस्तार होगा, जिससे दुर्गम क्षेत्र के ग्रामीणों को यातायात की व्यवस्था में राहत मिलेगी। इन सडक़ों के विकास से क्षेत्र के विकास कार्यों को गति मिलेने के साथ ही अधोसंरचनाओं के निर्माण में भी तेजी आएगी। क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलने से ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने इस अवसर पर क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दी और क्षेत्र के विकास के लिए निरन्तर प्रयास करने की बात कही।
इस दौरान मौजूद ठेकेदार सेख जाकिर हुसैन, एसडीओपी निशांत पाठक, नगर पंचायत अध्यक्ष बबिता माड़वी, जपं अध्यक्ष सुन्नम नागेश, उपाध्यक्ष माड़वी देवा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सूरेश सिंह चौहान, जिलापं सदस्य अद्ममा मरकाम, करतम मुइया, सोयम मंगम्मा, बलवंत चौहान, सुशांतो राय, रवि मंडल, सुभाष मरकाम, झरना दुर्गा, पुनेम हुर्रा, पुनेम मासा, आदर्श तोमर, लयों दुर्गा आदि उपस्थित रहे।
15 वर्षों बाद खेल मैदान के जीर्णोद्धार से खिलाडिय़ों में उत्साह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 8 फरवरी। जिले के दोरनापाल खेल मैदान के जीर्णोद्धार से जल्द ही जिले का सबसे सुंदर व खेल के उपयुक्त खेल मैदान बनकर तैयार हो जाएगा, जिसे देख खिलाडिय़ों व खेल प्रेमियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। साथ ही मैदान को और भी सुंदर व आकर्षक दिखने के लिए दोरनापाल खेल मैदान पौधारोपण किया गया, जिसमें दोरनापाल के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी व खेलप्रेमियों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया, साथ ही दोरनापाल खेल मैदान के बनते स्वरूप को देखकर तारीफ भी की। सभी ने कहा कि जब यह मैदान पूर्णरूप से बनकर तैयार हो जाएगा तो यकीनन जिले का सबसे अच्छा मैदान साबित होगा और दोरनापाल में रह रहे अंदरूनी क्षेत्रों के खिलाडिय़ों को एक बेहतर मंच प्रदान करेगा।
प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव दुर्गेश राय ने कहा कि जल्द ही राज्य स्तर के प्रशिक्षकों के द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन होगा।
लगभग 15 वर्षों से खेल मैदान में एक साथ दो हेलीपैड बन जाने से यहां का खेल पूरी तरह से ठप हो गया था, जिसके जीर्णोद्धार की मांग अब पूरी हुई और अब हेलीपैड हटने के साथ ही मैदान का जीर्णोद्धार भी हो रहा है। जिसके बाद रोज आसपास के दर्जनों खिलाड़ी मैदान देखने पहुंच रहे हंै और सभी यहां जल्द ही खेल की गतिविधियां शुरू हो, कहते नजर आए। साथ ही जिले के पड़ोसी राज्य ओडिशा के भी खिलाड़ी मैदान देखने पहुच रहे हंै। दोरनापाल के जनप्रतिनिधियों ने भी खेल मैदान को देख काफी खुशी जाहिर की।
जल्द राज्य प्रशिक्षकों के द्वारा 15 दिनी प्रशिक्षण -दुर्गेश
खेल मैदान से हेलीपैड हटवाने में मुख्य भूमिका प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव दुर्गेश राय की रही, जिन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उद्योग मंत्री कवासी लखमा को इस समस्या के बारे में अवगत कराते हुए हेलीपैड को हटवाने में अहम भूमिका निभाई। अब उन्होंने मैदान कार्य पूरा होते ही राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों द्वारा 15 दिवसीय क्रिकेट प्रशिक्षण कराने की बात कही, साथ कहा कि दोरनापाल में प्रशिक्षण के आयोजन से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को भी सीखने का बेहतर मौका मिलेगा। प्रशिक्षकों से भी सम्पर्क होने की बात कही व सभी खेल के प्रति रुचि रखने वाले युवाओं को सम्पर्क करने की बात कही
दोरनापाल खेल मैदान से जिले के खेल को मिलेगी नई ऊर्जा- एसडीओपी
पौधारोपण कार्यक्रम में पहुंचे दोरनापाल पुलिस अनुविभागीय अधिकारी निशांत पाठक ने कहा कि दोरनापाल में इतना अच्छा खेल मैदान का निर्माण हो रहा है तो आने वाले समय मे यहां से बेहतर खिलाड़ी भी निकलेंगे, जो कि क्षेत्र और अपने जिले का नाम रोशन करेंगे। दोरनापाल में खेल मैदान की सख्त आवश्यकता थी जो अब पूरी होती दिखाई दे रही है
खेल मैदान को और भी सुविधाएं करवाई जाएगी मुहैया -नपं अध्यक्ष
पौधारोपण कार्यक्रम में पहुंचीं दोरनापाल नगर पंचायत बबिता मंडावी ने कहा कि नगर में काफी सुंदर मैदान बनकर तैयार हो रहा है और बेहतर करने के लिए हम आगे और भी कार्य करेंगे। अभी मैदान में एक बोर व लाइट की व्यवस्था कराया जा रहा है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 6 फरवरी। बसन्त पंचमी के अवसर पर सुकमा जिले के मारीपारा में 227 वीं बटालियन के कैम्प में भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के मारीपारा, रोकेल, लसके पारा,केरातोंग, महिमा, अंदुमपाल, काँजीपानी, पेदापारा आदि लगभग 10 गाँवों के 15 सौ से दो हजार के बीच ग्रामीणों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में सीआरपीएफ के जवानों के साथ ग्रामीणों ने बहुत ही सहज रूप से बैठ कर भोजन ग्रहण किया। कार्यक्रम के दौरान ही कमांडेंट की पत्नी एवं पुत्री के द्वारा कार्यक्रम में आए लगभग 500 छात्र छात्राओं को पाठ्य सामग्री वितरित की गई जिससे उपस्थित बच्चों के माता-पिता बहुत खुश नजर आ रहे थे।
इस आयोजन में 227 वीं वाहिनी के कमांडेंट कुलदीप कुमार जैन,टू आइ सीअजित भाटी, डिप्टी कमांडेंट विवेक सरोज,सहा.कमा.अशोक कुमार ,निरीक्षक विशाल व तोंगपाल थाना प्रभारी एकेश्वर नाग विशेष रूप से उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
तोंगपाल, 6 फरवरी। वेद ज्ञान पीठ तोंगपाल में बसन्त पंचमी पर माँ सरस्वती का पूजन किया गया। विद्यालय प्रांगण में तीन वर्ष पहले मां सरस्वती मन्दिर का निर्माण कार्य जन सहयोग से प्रारम्भ हुआ था, किन्तु विगत दो वर्षों से कोरोनाकाल के चलते पूर्ण रूप से बन्द था, जो कि अभी एक सप्ताह पूर्व पुन: प्रारम्भ हुआ है।
कार्यक्रम में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी ने इस विशेष अवसर पर न केवल पूजन बल्कि हवन व आरती व प्रसाद वितरण तक अपनी उपस्थिति से इसे और भी विशेष बना दिया। मुख्य अतिथि ने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि हमें पढ़ाई पूरे मन से करनी चाहिये जिससे हमारे माता - पिता व गुरुजनों का नाम रौशन हो।
गांव से 90 किमी दूर कटेकल्याण में है धान उपार्जन केंद्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 29 जनवरी। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के बॉर्डर पर बसे हुए दंतेवाड़ा जिले के अंतिम ग्राम पंचायत जंगमपाल व प्रतापगिरी के किसान पिछले कई वर्षों से अपनी उपज धान को लेकर विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। यहाँ के किसानों ने जंगमपाल में ही उप धान उपार्जन केंद्र खोलने या कूकानार में ही समायोजन करने की मांग की।
जंगमपाल के किसानों का धान पूर्व में सुकमा जिले के कूकानार धान उपार्जन केंद्र में क्रय किया जाता था, परंतु 2019 से ऑनलाइन होने के पश्चात यह समस्या आ रही है। यहाँ का रकबा क्षेत्र कूकानार धान उपार्जन केंद्र के अंतर्गत नहीं होने के कारण यहाँ के किसान कटेकल्याण धान उपार्जन केंद्र में बेचने मजबूर हैं।
विदित हो कि यहाँ के किसानों का धान सुकमा जिले के कूकानार, तोंगपाल होते हुए बस्तर जिले के दरभा व पखनार होते हुए 90 किमी का सफर तय कर कटेकल्याण पहुंचता है। जंगमपाल के किसान मुड़ा, माडक़ा, हड़मा,भीमा, हिड़मा, केशा,लखमा, पांड़े, घीसा, देवा, बामन, सन्तोष, हांदाराम, सन्ना, कला, कोशा, सुक्का, कोशी, केका, सोमारू,लखन, हूँगा, जोगा, भूपेंद्र, देवीसिंह, महादेव के साथ लगभग 70 किसानों ने बताया कि हम समस्त किसानों ने अपना 1454 बोरी धान जंगमपाल के उचित मूल्य की दुकान में एकत्र कर के रखे हुए हैं। प्रशासन के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है कि धान का उठाव होगा, परन्तु धान खरीदी बंद होने की तारीख नजदीक आ रही है। धान का उठाव नहीं हो पा रहा है साथ ही चूहों के द्वारा भी धान का नुकसान किया जा रहा है।
जंगमपाल के आश्रित ग्राम लखापाल की दूरी जंगमपाल से लगभग 14 किमी है। यहाँ के किसानों ने बताया कि हम लोगों को धान मिंजाई के पश्चात पूरे धान को अपने गाँव से एनएच 30 होते हुए उल्टी दिशा में पंचायत मुख्यालय में लाना पड़ता है, जबकि हमारा गाँव एनएच से 3 किमी अंदर है व जंगमपाल लगभग 12 किमी अंदर की ओर है, बावजूद इसके हमें धान को पंचायत मुख्यालय में एकत्र करना पड़ता है।
फिर पुन: इसी मार्ग से कटेकल्याण जिसकी दूरी 90 किमी है, वहां जाता है, जिससे हम बेहद परेशान हैं। शासन को जंगमपाल में ही उप धान उपार्जन केंद्र खोलना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 29 जनवरी। मराइगुड़ा वन में आयोजित समक्का सारक्का क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन में पहुंचे जिपं अध्यक्ष हरीश कवासी ने उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोशिश ही कामयाबी की पहली सीढ़ी है, इसलिए सफलता-असफलता से ऊपर उठते हुए कोशिश करते रहना चाहिए।
इससे पहले हुए फाइनल में सिंगाराम ने 12 ओवर में 10 विकेट खोकर 79 रन बनाए, जवाब में फारेस्ट टीम ने मात्र 2 विकेट खोकर 80 रन बना लिए।
विजेता फारेस्ट को 50 हजार, उपविजेता सिंगराम को 25 हजार, मैन ऑफ द सीरीज छोटू बघेल को 5 हजार रुपये पुरस्कार दिया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिपं उपाध्यक्ष बोद्दु राजा, जपं अध्यक्षसुन्नम नागेश, उपाध्यक्ष देवा, सरपंच हबका मारा, सरपंच दयावती, रुद्र देव सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।