शासन की पुनर्वास नीति और विकास योजनाओं से प्रभावित होकर छोड़ा हिंसा का मार्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 27 जून। जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है। पश्चिम बस्तर डिवीजन अंतर्गत विभिन्न माओवादी संगठनों से जुड़े कुल 13 सक्रिय माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में कुल 23 लाख रुपये के इनामी माओवादी भी शामिल हैं, जिनमें कंपनी नंबर 02 की महिला पार्टी सदस्य, एसीएम, केएएमएस अध्यक्ष, पीएलजीए, एलओएस और मिलिशिया प्लाटून के सदस्य शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में कई ऐसे हैं जो 2000 से संगठन में सक्रिय थे। इनमें देवे मुचाकी उर्फ प्रमिला (8 लाख का इनामी), कोसा ओयाम उर्फ राजेन्द्र (5 लाख का इनामी) और अन्य कई सदस्य शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये का प्रोत्साहन राशि प्रदाय किया गया।
नियद नेल्ला नार योजना बनी बदलाव की धुरी
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना ने आत्मसमर्पण की दर में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पुनर्वास, रोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुन:स्थापना की सुविधा मिल रही है। नक्सल हिंसा से त्रस्त ग्रामीणों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की गई है, जिससे माओवादी मुख्यधारा में लौटने को प्रेरित हो रहे हैं।
संयुक्त ऑपरेशन और सुरक्षा बलों की रणनीति सफल
बीजापुर में चल रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के अंतर्गत डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु के संयुक्त प्रयासों से यह आत्मसमर्पण संभव हो सका। अभियान का नेतृत्व पुलिस उप महानिरीक्षक बीएस नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
माओवादियों के आत्मसमर्पण से संगठन को बड़ा झटका
आत्मसमर्पण करने वालों में कई वरिष्ठ माओवादी सदस्य हैं। माओवादियों के आत्मसमर्पण से यह संकेत मिलता है कि संगठन की पकड़ कमजोर हो रही है और सरकार की नीतियां रंग ला रही हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें और छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा, रोजगार और सम्मानजनक जीवन की दिशा में आगे बढऩे का अवसर भी मिलता है।
नक्सलमुक्त बस्तर की ओर बढ़ते कदम
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 270 माओवादी गिरफ्तार हुए, 241 ने आत्मसमर्पण किया और 126 माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए। यह आंकड़े संकेत करते हैं कि बस्तर क्षेत्र नक्सलमुक्ति की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है।