राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : एक पेड़ का महत्व तुम क्या जानो...
08-Jun-2022 5:33 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : एक पेड़ का महत्व तुम क्या जानो...

एक पेड़ का महत्व तुम क्या जानो...

इंटरनेट पर पेड़ों की अहमियत को बताने के लिए कुछ तस्वीरें चारों तरफ घूमती हैं, जिनमें से एक पेड़ के नीचे सैकड़ों लोग इक_ा हैं। एक दूसरी तस्वीर है जिसमें चारों तरफ पेड़ कट गए हैं, और अकेले बचे पेड़ के सामने कुत्ते लंबी कतार में लगे हुए हैं ताकि बारी-बारी से उस पर पेशाब कर सकें। इस तरह की कुछ तस्वीरें बरसों से पेड़ों का महत्व बताने के लिए प्रचलन में हैं। लेकिन अभी छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र के ग्राम बासेन की एक तस्वीर आई है जिसमें वहां पहुंचने वाले पंचायत मंत्री टी.एस. सिंहदेव से मिलने के लिए लोग हेलीपैड के पास एक पेड़ के नीचे इक_ा हैं क्योंकि वहां छाया के लिए वही एक पेड़ नसीब है। इस जंगल के पेड़ कोयला खदान के लिए लाखों की संख्या में कटने जा रहे हैं, और एक-एक पेड़ का महत्व इस तस्वीर से साफ होता है। आंदोलन से आए हुए एक वीडियो से निकाली गई यह तस्वीर।

मन की बात भारी पड़ गई

आप वीडियो कॉन्फ्रेंस में बैठे हैं, तो सबसे पहली सावधानी यह बरतें कि आपके मोबाइल-डेस्कटॉप या लैपटॉप पर माईक बंद हो, वरना आपके मन की बात आम लोगों तक पहुंच जाएगी, और हो सकता है कि इससे आपको नुकसान भी उठाना पड़े। 

कुछ इसी तरह की बातें एक उच्च स्तरीय बैठक में हुई, और मन की बात सुनते ही आला अफसर का पारा गरम हो गया। हुआ यंू कि सरकार के एक सीनियर अफसर गोधन न्याय योजना की वीडियो कॉन्फ्रेंस से समीक्षा कर रहे थे। यह योजना भूपेश सरकार की प्रिय, और महत्वाकांक्षी है। कॉन्फ्रेंस में सारे जिला पंचायत सीईओ जुड़े हुए थे।

बड़े अफसर योजना में खामियों पर रह-रह कर सीईओ पर बरस रहे थे। आला अफसर के सामने सीईओ की जुबान नहीं खुल रही थी। माईक चालू था, और एक सीईओ साथ बैठे सहयोगी से आपसी चर्चा में यह कहते सुने गए कि साला, बात तो सुनता ही नहीं, और बेवजह डांटते रहता है। फिर क्या था मन की बात अफसर तक पहुंच गई। इसके बाद अफसर ने घंटे भर तक सारे सीईओ को जमकर सुनाया। कुल मिलाकर समीक्षा पर मन की बात भारी पड़ गई।

मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है

हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते कांग्रेस ने एहतियात बरतते हुए अपने विधायकों को नवा रायपुर के एक महंगे रिसॉर्ट में ठहराया है। कांग्रेस अपने राज्यसभा प्रत्याशी अजय माकन की जीत किसी तरह सुनिश्चित चाहती है। हाल यह है कि विधायकों को अपने परिजनों से भी बात करने की अनुमति नहीं दी गई है। ये विधायक कड़ी निगरानी में है। मगर चर्चा है कि माकन के प्रतिद्वंदी प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा किसी तरह विधायकों तक संपर्क की कोशिश में हैं। कार्तिकेय कई कंपनियों के मालिक हैं, और वो एक टीवी चैनल के कर्ता-धर्ता भी हैं।

सुनते हैं कि कार्तिकेय ने छत्तीसगढ़ में अपने टीवी चैनल में काम कर चुके लोगों के जरिए भी विधायकों तक पहुंच बनाने की कोशिश की। इन लोगों ने कार्तिकेय को साफ तौर पर बता दिया कि पूरे रिसॉर्ट पर कड़ा पहरा है। सरकार के दो मंत्रियों समेत कुल चार लोगों को ही उनसे बात करने की अनुमति है। मीडिया तो 2 किमी आसपास भी नहीं जा पा रहा है। ऐसे में किसी से संपर्क होना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।   कार्तिकेय को उन चार लोगों के नाम बता दिए गए, जो कि विधायकों के संपर्क में हैं।  अब ये लोग कार्तिकेय से बात भी करेंगे, यह सोचना भी व्यर्थ है।

गोदना का क्रेज...

गोदना का छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में पुराने दौर से चलन है। शिवरीनारायण अंचल में रामनामी संप्रदाय है, जिनमें पूरे शरीर में राम का नाम गुदवाने की परंपरा है। अनेक समुदाय हैं जो बचपन में ही अपने बच्चों को गोदना गुदवाते हैं। वे कहते हैं कि यदि गोदना गुदवाने की सुई का दर्द बच्चे ने सह लिया तो आगे चलकर हिम्मती बनेगा, हर तकलीफ को झेल पाने वाला। नई पीढ़ी के शहरों, महानगरों के युवाओं में भी गोदना प्रचलन में है, पर उसे टैटू के नाम से जाना जाता है। दोनों में एक बड़ा फर्क यह है कि गोदना कभी मिटाए नहीं मिटता। शरीर ने साथ छोड़ा तो कपड़े, गहने अलग हो जाएंगे, पर गोदना उसके साथ ही जाएगा। दूसरी तरफ टैटू में दूसरे केमिकल कुछ ऐसे मिलाए जाते हैं कि उन्हें पसंद नहीं आने पर बाद में मिटाया जा सकता है। यह तस्वीर बस्तर की बादल अकादमी की है, जहां युवा न केवल गोदना गुदवा रहे हैं, बल्कि इनमें से कई युवा इस कला को सीख भी रहे हैं।

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