राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : वजह क्या रही होगी?
27-Jun-2022 5:45 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : वजह क्या रही होगी?

वजह क्या रही होगी?

एनडीए की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक-समर्थक के रूप में भाजपा विधायक ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहिले, और डमरूधर पुजारी ने हस्ताक्षर किए। तीनों को पीएम से भी मिलने का मौका मिला। खास बात यह है कि विधायक दल में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, और नारायण चंदेल, बृजमोहन अग्रवाल जैसे दिग्गज भी थे, लेकिन इनमें से किसी को नहीं बुलाया गया।

आदिवासी वर्ग के कंवर विधायकों में सबसे सीनियर हैं, और वर्ष-77 में पहली बार विधायक बने थे। इसी तरह मोहिले 4 बार सांसद, और 5 वीं बार के विधायक हैं। डमरूधर पुजारी आदिवासी वर्ग से हैं, और दूसरी बार विधायक हैं। राष्ट्रपति प्रत्याशी का प्रदेश के सांसदों में रेणुका सिंह प्रस्तावक थीं और संतोष पाण्डेय समर्थक के रूप में हस्ताक्षर किए। दिग्गज सांसद-विधायकों को राष्ट्रपति प्रत्याशी का प्रस्तावक समर्थक नहीं बनाए जाने के कारण तलाशे जा रहे हैं। कारण चाहे कुछ भी हो, भाजपा के भीतर इसकी खूब चर्चा हो रही है।

भेंट-मुलाकात- एक

सीएम भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में कई रोचक प्रसंग देखने, और सुनने को मिल रहे हैं। सीएम कुनकुरी के गांव पथराटोली  पहुंचे, तो गांव वाले सीएम को अपने पास पाकर खुश हो गए। एक अच्छी कद काठी का व्यक्ति खड़ा हुआ, और उनसे सीएम से कहा कि गांव में आपका स्वागत है। सीएम ने व्यक्ति से परिचय पूछ लिया। व्यक्ति ने अपना नाम बताया, और कहा कि वो ज्यादातर गांव से बाहर रहते हैं। भतीजे की शादी करानी है, इसलिए यहां आए हैं।

सीएम ने उनसे पूछ लिया कि आपके कितने बच्चे हैं, क्या कर रहे हैं? व्यक्ति ने कहा कि उनकी शादी ही नहीं हुई है। सीएम ने पूछा कि आपने शादी क्यों नहीं की? व्यक्ति ने कहा कि वो समाजसेवा से जुड़े हैं, इसलिए शादी नहीं की। सीएम ने आगे कहा कि क्या आप किसी सामाजिक संस्था से जुड़े हैं? व्यक्ति ने कहा कि वो आरएसएस से जुड़े हैं। इस पर सीएम मुस्कुरा दिए। बाद में व्यक्ति ने सीएम से अपने गांव की सडक़ और पुलिया के निर्माण की मांग रख दी। सीएम ने बिना लाग लपेट के कलेक्टर को निर्देश दिए कि दोनों मांगें जल्द पूरी होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा। सीएम की इस प्रतिक्रिया पर न सिर्फ व्यक्ति बल्कि पूरे गांव के लोग खुश हो गए। 

भेंट-मुलाकात- दो

जशपुर जिले के दुलदुला में जब सीएम पहुंचे, तो वहां आम लोगों के साथ-साथ मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया। लोगों ने सीएम को परेशानी बताई कि यहां बस स्टैण्ड प्रस्तावित है। तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन अब तक यह काम शुरू नहीं हो पाया। सीएम ने उनसे कहा कि आप लोगों ने सांसद गोमती साय तक बात क्यों नहीं पहुंचाई? लोगों ने कहा कि आप पर भरोसा है, इसलिए बस स्टैण्ड बनाने की मांग कर रहे हैं। इस पर सीएम ने वहां बस स्टैण्ड का निर्माण जल्द करवाने का आश्वासन दिया। इससे लोग काफी खुश हुए।

प्रिकॉशन वैक्सीन पर उदासीनता

बहुतों के लिए प्रिकॉशन डोज लेने के लिए 250-300 रुपये खर्च करना बड़ी बात न हो, पर लाखों गरीब परिवार ऐसे हैं जिन्हें यह बड़ा बोझ मालूम होता है। एक परिवार में यदि चार सदस्य हैं तब उन्हें हजार, 12 सौ रुपये निकालना होगा। जो खर्च उठाने की क्षमता रखते हैं, उनकी सोच भी यह है कि जब पहली, दूसरी खुराक मुफ्त दे दी गई तो प्रिकॉशन डोज के लिए पैसे देने को क्यों कहा जा रहा है? हाल में मिले आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में सिर्फ 0.1 प्रतिशत लोगों ने प्रिकॉशन डोज अब तक लिए हैं। 1.70 करोड़ 64 हजार लोगों को डोज लेना है पर अब तक लिया सिर्फ 17 हजार 700 ने। 

वैसे लक्ष्य की बात की जाए तो केवल पहला डोज ही शत-प्रतिशत 1.74 करोड़ लोगों को लगा। दूसरा डोज 89 प्रतिशत लोगों ने लगवाया। 12 से 14 साल के 64 प्रतिशत बच्चों ने पहला डोज लिया है तो इस उम्र के सिर्फ 28 प्रतिशत ने ही दूसरा डोज लिया। 15 से 18 साल के 71 प्रतिशत बच्चों ने पहला डोज लिया है और सिर्फ 54 प्रतिशत ने दूसरा।

यानि सिर्फ पहले डोज में ही लक्ष्य हासिल हुआ है बाकी किसी में नहीं। लोग भी उदासीन और सरकार की तरफ से भी खास पहल नहीं हो रही है। यह स्थिति तब है जब पॉजिटिव केस तेजी से फिर बढ़ते दिख रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग में उठापटक

बिलासपुर में सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन को अचानक हटा दिया गया। हालांकि वे लंबे समय से इस पद पर थे। प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी डॉ. महाजन का काम कोरोना काल में सराहा गया। द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव पर जीवन दीप समिति की बड़ी राशि की गड़बड़ी का आरोप है। यह ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई थी और उन्हें वसूली की नोटिस भी दी गई। राशि अब तक वसूल नहीं हुई है। उन पर कोई सख्त कार्रवाई भी नहीं हुई। अब इसी बीच पुरस्कृत कर दिए गए हैं। उन्हें उसी सीएमएचओ ऑफिस में अटैच रखा गया था, जहां वे अब बॉस बन गए हैं। हालांकि कुछ समय पहले उन्हें रतनपुर सीएचसी भेज दिया गया था। डॉ. महाजन विधायक शैलेष पांडेय के करीबी माने जाते हैं। बिलासपुर में डॉ. महाजन अब तक टिके हुए थे क्योंकि यह स्वास्थ्य विभाग का मामला है। वरना जिले के सभी प्रमुख पदों पर दूसरे गुट की पसंद से अधिकारी बैठे हैं। यह बताया जाता है कि इस उलटफेर मे कांग्रेस के दूसरे गुट की कम, एक कर्मचारी संगठन पदाधिकारी की बड़ी भूमिका है। मंत्री जी की छवि तो बेदाग है, पर उनके विभाग की?

बच्चे का विरोध प्रदर्शन..

इस बच्चे को नानी के घर जाने से परहेज है। तख्ती लगाकर विरोध कर रहा है कि वह छुट्टियां बिताने की जगह नहीं है। वैसे ज्यादातर बच्चे तो गर्मियों में नानी के घर जाने का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। कोई बात नहीं, अब तख्तियां नीचे रख देनी चाहिए। छुट्टियां खत्म हो चुकी हैं, स्कूल खुल चुके हैं। अगली गर्मी में देखेंगे कहां जाना है..।

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