राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सरगुजा सूखे की चपेट में क्यों?
02-Aug-2022 6:25 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सरगुजा सूखे की चपेट में क्यों?

सरगुजा सूखे की चपेट में क्यों?

प्रदेश के जिन हिस्सों में सूखे के हालात हैं, उनमें से सर्वाधिक सरगुजा संभाग से हैं। सरगुजा जिले के प्रतापपुर, बिहार पुर, बतौली,  बलरामपुर जिले के शंकरगढ़, कुसमी, वाड्रफनगर और जशपुर जिले के दुलदुला, पत्थलगांव, कुनकुरी, कांसाबेल सहित प्राय: सभी ब्लॉक ऐसे हैं जहां बारिश कम हुई। अधिकांश जगहों पर तो औसत 60 प्रतिशत से भी कम पानी गिरा है। बलरामपुर जिले का जो आंकड़ा सामने आया है उसके अनुसार यहां केवल 209.1 मिलीमीटर वर्षा हुई है। कई इलाकों में फसल पूरी तरह सूख चुकी है। सरगुजा यानि आदिवासी बाहुल्य इलाका। इसका मतलब जंगल का होना और जंगल के होने का मतलब है बारिश के लिए अनुकूल माहौल। फिर स्थिति चिंताजनक क्यों बनी? सरगुजा जिले के हसदेव से 2.5 लाख पेड़ जब कोयला खदानों के लिए काट दिए जाएंगे, भविष्य में तब क्या स्थिति बनेगी?

रबर का मैदान

सरगुजा जिले के मैनपाट के समीप दलदली में एक जगह है जहां जमीन रबर की तरह है। आप इसमें कूदने, लोटने का रोमांच महसूस कर सकते हैं। पर जगदलपुर के इंदिरा स्टेडियम का एक हिस्सा कृत्रिम रूप से बनाया गया है। इसमें करीब 7.5 करोड़ रुपये की लागत आई है। स्टेडियम में प्रवेश का मासिक शुल्क 200 रुपये प्रतिमाह है। खिलाडिय़ों के लिए 100 रुपये। दोनों ही बातें हैरान करने वाली है। एक यह कि क्या इतना खर्च कर स्पंजी मैदान बनाना जरूरी था, जो सिर्फ मनोरंजन के काम आएगा। क्या बस्तर में खेलों को बढ़ावा देने का कोई दूसरा उपाय इस रकम से नहीं किया जा सकता था? हालांकि स्टेडियम में कुछ और कार्य भी कराए गए हैं। खिलाडिय़ों से किसी सरकारी फंड से तैयार किए गए कार्य के लिए कोई फीस वसूल करना ठीक है नहीं, इस पर भी सवाल है।

बस पर सवार बाइक..

बाइक ने अपने मालिक से कहा होगा कि मुझ पर हमेशा सवारी करते हो, एक मौका मुझे भी दो।

टिकट कंफर्म न हो तो भी प्रतीक्षा कर लें

रेलवे का हाल इन दिनों गज़ब है। यात्री ट्रेनों को जनता के दबाव में धीरे-धीरे दौड़ाना शुरू तो कर दिया गया है, पर समय का कोई ठिकाना नहीं है। प्राय: सभी ट्रेनों की लेटलतीफी इतनी ज्यादा हो गई है कि समय-सारिणी पर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं रह गई है। लोग एप की मदद लेकर पता कर रहे हैं तो उसमें भी जितना विलंब बताया जाता है, उससे कहीं अधिक देर पर ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर आ रही है।

इसका रेलवे को भी बड़ा नुकसान हो रहा है। लोग रिजर्वेशन करा रहे हैं फिर कैंसिल भी करा रहे हैं। स्थिति यह बन गई है कि कई बार किसी एक ट्रेन में स्टेटस वेटिंग दिखाई देता है, अगले दिन उसी में आपको सीट उपलब्ध की स्थिति बता दी जा रही है। इसलिए यदि देरी बर्दाश्त कर सकते हैं तो ट्रेनों की वेटिंग सूची को देखकर निराश होने की जरूरत नहीं है, प्रयास जारी रखें, कंफर्म टिकट मिल सकती है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news