राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : चेहरे पर मायूसी झलक रही थी
14-Aug-2022 6:07 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : चेहरे पर मायूसी झलक रही थी

चेहरे पर मायूसी झलक रही थी

अरूण साव रायपुर पहुंचे, तो भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता स्वागत सत्कार के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। नए अध्यक्ष के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं ने पलक-पावड़े बिछा दिए। स्वागतकर्ताओं में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी थे। वैसे तो कौशिक हर पल साव के साथ थे, लेकिन उनके चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी।

चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बता दिया है कि उनकी जगह किसी और को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा। ऐसे में उनका मायूस दिखना स्वाभाविक था। भाजपा के मीडिया सेल ने अरूण साव के साथ बैठे धरम कौशिक की बहुत सारी तस्वीरें जारी की। लेकिन एक में भी वो हंसते-मुस्कुराते नहीं दिख रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर एक भाजपा कार्यकर्ता ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वो किनारे देखो... फूफाजी मुंंह फुलाए खड़े हैं।

अफसरों से भाजपाई परेशान

सरकार के कई पूर्व, और वर्तमान अफसर विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। गोविंदराम चुरेंद्र को सरगुजा कमिश्नर के पद से हटाने के पीछे भी एक प्रमुख वजह यही रही है। चुरेंद्र से परे पूर्व जनसंपर्क संचालक सुखदेव कोरेटी भी काफी सक्रिय दिख रहे हैं। कोरेटी तो विधिवत भाजपा में शामिल हो चुके हैं, और वो अरूण साव के स्वागत के लिए एकात्म परिसर में मौजूद थे। चुरेंद्र, कोरैटी हो या पूर्व सहकारिता अफसर पीआर नाईक, इन सभी की नजर डौंडी-लोहारा सीट पर है। यहां पिछले दो चुनाव से भाजपा को हार का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा, अफसर यहां काफी सक्रिय हैं। सरकारी सेवा में इतना कुछ बना लिया है कि उन्हें खर्च की कोई ज्यादा चिंता नहीं है। ये अलग बात है कि अफसरों की सक्रियता से स्थानीय भाजपा के लोग परेशान हैं।

दखलंदाजी नहीं मजबूरी...

कांग्रेस की तिरंगा यात्रा हर विधानसभा क्षेत्र में 75 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। विधायक या हारे हुए विधायक प्रत्याशी-जिन्हें पार्टी के लोग सम्मान से छाया विधायक कहते हैं, वे संगठन के साथ मिलकर इसका रूट चार्ट भी बना रहे हैं। कोई राजनीतिक यात्रा निकले और भीड़ न हो तो दस तरह के सवाल खड़े होते हैं। खासकर ऐसे विधानसभा क्षेत्र जो दूरस्थ इलाकों में हैं। आपस में दो गांव दूर-दूर हैं। इन दिनों बारिश के कारण नदी-नालों में पानी है। सडक़ों की हालत तो पैदल चलने के लायक भी कई जगह पर नहीं है। ऐसी स्थिति में क्या किया जाए? मरवाही विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. केके ध्रुव ने इसका हल यह निकाला है कि उन्होंने मरवाही की जगह बगल के कोटा विधानसभा क्षेत्र का रूट चार्ट तैयार किया है। मरवाही अब तक अपने आप में गांव सरीखा ही है। कांग्रेस ने जीतने के बाद इसे नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी। इसके पहले यह ग्राम पंचायत ही था। मरवाही के अनेक गांवों तक आज भी आसानी से पहुंचा नहीं जा सकता। कोटा विधानसभा क्षेत्र में तिरंगा यात्रा निकालने का लाभ यह है कि एक तो यहां सडक़, पुल-पुलिया कुछ अच्छी स्थिति में हैं। साथ चलने के लिए कार्यकर्ता भी आसानी से मिल रहे हैं। यह क्षेत्र वैसे भई कांग्रेस का नहीं, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की विधायक डॉ. रेणु जोगी का है। अब विरोधी पार्टी आरोप लगा रहे हैं कि डॉ. ध्रुव अपने क्षेत्र के लोगों को विकास और वादों से संबंधित जवाब देने से बचने के लिए कोटा क्षेत्र में तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। 

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