राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पुलिस के आला अफसर इधर-उधर
19-Aug-2022 4:29 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : पुलिस के आला अफसर इधर-उधर

पुलिस के आला अफसर इधर-उधर

विधानसभा चुनाव को 14 महीने शेष रह गए हैं। इसको देखते हुए सरकार ने फील्डिंग जमानी शुरू कर दी है। प्रशासन में तो फेरबदल होगा, लेकिन पुलिस महकमे में बड़े बदलाव की तैयारी है। विश्वस्त अफसरों को अहम जगहों पर तैनात किया जा सकता है। इसमें ईओडब्ल्यू-एसीबी के मुखिया आरिफ शेख का नाम प्रमुखता से चर्चा में है। आरिफ की गिनती पुलिस के काबिल अफसरों में होती है। उन्हें जो भी टास्क  दिया गया था, उसे बखूबी निभाया। चर्चा है कि आरिफ को अब दुर्ग, या फिर रायपुर का प्रभारी आईजी बनाया जा सकता है, हालांकि बिलासपुर भी एक विकल्प है, क्योंकि रतनलाल डांगी को डेढ़ साल हो चुके हैं। आरिफ अगले साल आईजी हो जाएंगे। चर्चा है कि सरगुजा आईजी अजय यादव निजी वजहों से रायपुर, या आसपास आना चाहते हैं। पीएचक्यू में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की बारीक मॉनिटरिंग कर रहे संजीव शुक्ला की फील्ड में पोस्टिंग हो सकती है।

संजीव रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, और रायगढ़ एसपी रह चुके हैं। उनकी साख अच्छी है। इसी तरह बस्तर में बेहतर काम करने वाले पी.सुंदरराज को यहां लाया जा सकता है। उन्हें बस्तर में करीब साढ़े तीन साल से अधिक हो चुके हैं। इसी तरह एडीजी स्तर के अफसरों के प्रभार भी बदले जाएंगे। फेरबदल पर चर्चा चल रही है, और सब कुछ ठीक रहा तो कलेक्टर कॉन्फें्रस निपटने के बाद फेरबदल हो सकता है।

इक बार मुस्कुरा दो...
परिवर्तन तो जीवन का नियम है। जो आज है, कल नहीं होगा। यह बात छत्तीसगढ़ भाजपा के शीर्ष पदों पर हुए बदलाव के बाद नारायण चंदेल ने पत्रकारों से कही और इस पर विधायक रह गए धरमलाल कौशिक ने भी हामी कही। यदि परिवर्तन के नियम को मानते हैं तो किस बात की चिंता? फोटोग्रॉफरों के सामने तो कम से कम मुस्कुरा ही सकते हैं। चंदेल की हंसी और कौशिक की मायूसी इस तस्वीर में जंच नहीं रही।

कृत्रिम बुद्धि और सामान्य समझबूझ
वैसे तो इंटरनेट और गूगल को मिलाकर एक समझदारी की उम्मीद की जाती है, लेकिन उसकी कृत्रिम बुद्धि कुछ अटपटे फैसले लेते भी दिखती है। अब अभी एक व्यक्ति ने 693 रूपये का एक जूता छांटा, और 1299 रूपये का एक बैग। लेकिन गूगल ने तुरंत ही इन दोनों सामानों के साथ जो दूसरे दो सामान सुझाए वे 50 हजार रूपये का जूता, और 99 हजार रूपये का बैग था। यह वैसे तो मध्यमवर्गीय खरीददार के लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी कि उसे ऐसे कीमती सामानों के लायक माना गया, लेकिन सवाल यह है कि जिसने कभी हजार-दो हजार से अधिक का कोई सामान खरीदा न हो, जो जूते और बैग सबसे सस्ते ही लेता हो, उसे ऐसे सबसे महंगे सामान दिखाने का क्या मतलब है? गूगल की कृत्रिम बुद्धि सामान्य समझबूझ का इस्तेमाल करते नहीं दिख रही है।

भाजपा में राय मशविरे का दौर  
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष, और नेता प्रतिपक्ष बदलने के बाद असंतुष्ट प्रभावशाली नेताओं के मान मनौव्वल की कोशिशें चल रही है। खुद क्षेत्रीय महामंत्री (संगठन)अजय जामवाल प्रदेशभर के ऐसे सौ नेताओँ के नाम तय किए हैं, जिनके घर खुद जाएंगे, उनसे राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे, और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए सुझाव भी लेंगे। इसकी शुरूआत भी हो गई है। जामवाल ने सबसे पहले पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के घर जाकर उनसे चर्चा की।

चंद्राकर सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर हैं। चर्चा है कि जामवाल ने उनसे संगठन में बदलाव, और अन्य विषयों पर विस्तार से बात की है। जामवाल के साथ पवन साय भी थे। इसके बाद जामवाल पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के घर भी गए, और उनसे लंबी चर्चा की है। नए नवेले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। चंदेल नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिलने के बाद सबसे पहले आरएसएस दफ्तर गए, और वहां शीर्ष पदाधिकारियों से चर्चा की। उनसे मार्गदर्शन लिया है। [email protected]

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