राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कलेक्टर के लिए पर्यायवाची शब्द
08-Nov-2022 4:11 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कलेक्टर के लिए पर्यायवाची शब्द

कलेक्टर के लिए पर्यायवाची शब्द

शासन-प्रशासन में उन अफसरों की पूछ परख ज्यादा होती है, जो कि आम लोगों की नब्ज को बेहतर समझते हैं। ऐसे अफसर सफल रहे हैं, और वो जिस क्षेत्र में भी रहे लोगों का भरपूर साथ मिला। अजीत जोगी जैसे नेता बतौर कलेक्टर काफी सफल रहे, और जब वो राजनीति में आए, तो लोगों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया। मगर ये गुजरे जमाने की बात हो गई है। मौजूदा समय में हाल यह है कि लोगों का प्रशासन से भरोसा धीरे-धीरे उठता जा रहा है, और लोग प्रशासनिक अफसरों के मुंह पर कड़वी बातें कहने से नहीं चूकते हैं।  ऐसा ही एक मामला पड़ोस के जिले में देखने को मिला है। कुछ ग्रामीण किसान आत्महत्या प्रकरण को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन देने कलेक्टर से मिलने पहुंचे। कलेक्टर ने गरमा-गरमी में ज्ञापन लेने से मना कर दिया। इस पर ग्रामीणों ने कलेक्टर को उद्योगपति का दलाल तक कह दिया। इस पर कलेक्टर नाराज हुए, तो ग्रामीणों ने यह तक कह दिया गया कि दलाल को कोई और शब्द कहा जाता है, तो वह आपके लिए कह देते हैं...। तीखी तकरार के बाद ग्रामीण लौट आए। लेकिन प्रशासनिक अफसरों के आम लोगों से व्यवहार के तौर तरीकों की खूब आलोचना भी हो रही है।

हरियाली की कीमत पर सडक़...

मध्यप्रदेश के मंडला में केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 7 नवंबर को 1261 करोड़ रुपये की लागत से 5 सडक़ों का शिलान्यास किया। इनमें एक सडक़ डिंडोरी से सागरटोला होते हुए कबीर चबूतरा के लिए प्रस्तावित है। कबीर चबूतरा छत्तीसगढ़ का हिस्सा है। इससे पांच मिनट की दूरी पर अमरकंटक है। जीपीएम, कोरबा, बिलासपुर आदि जिले के लोगों का इस सडक़ से गहरा नाता है। जबलपुर, मंडला आदि के लिए वे इसी सडक़ का इस्तेमाल करते हैं। जो कोई इस सडक़ से गुजरता है, यहां की हरियाली और जंगल की मादकता से आनंदित हो उठता है। करंजिया की ओर सडक़ से सटे हुए करंज के सैकड़ों पेड़ों की घनी लंबी कतार तो अचंभित और मंत्रमुग्ध कर देती है। अब ये पेड़ कट जाएंगे। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि मैकल की शांत पहाडिय़ों से गुजर रही इस सडक़ की स्थिति तो अच्छी है और ट्रैफिक का दबाव भी नहीं है, फिर क्यों इसे चौड़ा किया जा रहा है।

रिश्वत की छोटी रकम...

गरियाबंद में एक डिप्टी कलेक्टर को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथों पकड़ लिया। एक समकक्ष अधिकारी ने सवाल किया कि इतनी छोटी रकम लेने में पकड़ा गया, सुनकर अच्छा नहीं लगा। पटवारी की डिमांड भी इससे ज्यादा होती है। दूसरे ने कहा- सब्र करो। अभी उनको दो साल ही तो नौकरी में हुए हैं, प्रोबेशन में चल रहे हैं। धीरे-धीरे समझ में आएगा किस काम का रेट क्या होना चाहिए।

एसबीआई से त्रस्त उपभोक्ता

ऑनलाइन ठग आए दिन मोबाइल फोन पर फर्जी मेसैज भेजकर झांसा देने की कोशिश करते हैं। कई जानकार जब इसका जवाब देते हैं तो उनकी अपनी मनोदशा क्या है, इसका पता भी चल जाता है। अब इसे ही देखिये, इनको ठग ने एसबीआई अकाउंट बंद हो जाने की चेतावनी देते हुए एक लिंक पर क्लिक करने कहा है। इस पर जवाब दिया जा रहा है- जल्दी बंद कर दे। वैसे भी परेशान हो गया था...।  ठगों की बात तो छोडि़ए, वे ऐसे जवाब की अनदेखी कर अगले शिकार की ओर निकल जाते होंगे, पर एसबीआई को तो जरूर सोचना चाहिए कि उसकी साख क्यों ऐसी बन रही है।

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