राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भागवत का दौरा, भाजपा में सरगर्मी
15-Nov-2022 4:14 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : भागवत का दौरा, भाजपा में सरगर्मी

भागवत का दौरा, भाजपा में सरगर्मी
 
दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के अनावरण के लिए आरएसएस मुखिया मोहन भागवत जशपुर पहुंचे, तो उन्होंने जूदेव की पत्नी माधवी सिंह, और परिवार के अन्य सदस्यों से अलग से चर्चा की। सुनते हैं कि महीनेभर पहले जूदेव परिवार के सदस्यों से पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने बात की थी, और उनसे कहा कि वो पार्टी के एकजुट होकर काम करें, उनके मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

दूसरी तरफ, जूदेव की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शिरकत करने पूर्व सीएम रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, भूपेंद्र सवन्नी, नारायण चंदेल, और अमर अग्रवाल चार्टर प्लेन से रायपुर से जशपुर गए थे, और कार्यक्रम निपटने के बाद रायपुर लौट आए। एक अन्य ताकतवर पूर्व मंत्री जशपुर पहुंचे थे, और कार्यक्रम खत्म होने के बाद मोहन भागवत से अलग से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन उन्हें उल्टे पांव यह कहकर लौटा दिया गया कि भागवत जी मिलने के इच्छुक नहीं है। कुल मिलाकर भागवत के दौरे के चलते भाजपा में काफी सरगर्मी देखने को मिली।

केशकाल एमएलए की गाड़ी राजधानी में

बस्तर में कई गांवों के लिए जिला ही नहीं, तहसील-जनपद और विधानसभा का मुख्यालय भी बहुत दूर पड़ता है। किसी काम के लिए अफसरों, दफ्तरों तक पहुंचना हो तो ग्रामीणों का कई बार पूरा दिन खप जाता है। अधिकारी- कर्मचारी इन गांवों में अपनी ड्यूटी नहीं करते। अस्पताल, स्कूल के दरवाजों में ताला लगा मिलता है। पक्की नौकरी वालों के खिलाफ शिकायत होगी तो ज्यादा से ज्यादा वे सस्पेंड हो जाएंगे, पर चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ तो ऐसा नहीं है। पांच साल बाद उन्हें जनता का सामना फिर से करना होता है। जनता चाहे दूर-दराज के गांवों में हों, वोट-समर्थन तो लेना होगा। अचानक चुनाव के समय चेहरा दिखाएंगे तो वे नाराज हो जाएंगे। केशकाल के विधायक संतराम नेताम इस बात को जानते हैं। उन्होंने ऐसी व्यवस्था की है कि ग्रामीणों को उनसे मिलने के लिए भटकना न पड़े। एक गाड़ी उन्होंने तैयार की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्टूबर महीने में इसका लोकार्पण किया था। इस चलित वैन में वे गांवों का दौरा करते हैं, लोगों की समस्याओं को सुनते और यथासंभव वहीं सुलझाते भी हैं। गाड़ी के अंदर एक दो स्टाफ और छोटा सा दफ्तर भी है। मगर पिछले चार पांच दिनों से उनकी यह गाड़ी राजधानी रायपुर की एक सडक़ पर खड़ी है। मालूम हुआ कि एक महीने में ही गाड़ी इतनी चल गई कि उसे सर्विसिंग के लिए लाना पड़ा। पर सर्विसिंग का नंबर अभी नहीं लग पाया है। शायद, एक दो दिन बाद यह गाड़ी फिर केशकाल में दौड़े। सरकारी मोबाइल क्लीनिक इसी तरह दौड़ते  हैं। समय-समय पर किसी खास सरकारी अभियान के लिए ‘रथ’ चलाई जाती है। क्यों नहीं दूसरे विभागों की भी इसी तरह की स्थायी मोबाइल गाडिय़ां गांवों में दौरे के लिए लगा देनी चाहिए।

हुंकार रैली कामयाब रही?

कोई राजनैतिक सम्मेलन चुनावी है या नहीं इसका अंदाजा लगाना तब आसान होता है जब भीड़ में शामिल लोगों से बात की जाती है। बिलासपुर की महतारी हुंकार रैली में स्मृति ईरानी के प्रवास के दौरान कांग्रेस, खासकर स्थानीय विधायक शैलेष पांडेय का अलग इन्वेस्टिगेशन चल रहा था। कुछ इलेक्ट्रॉनिक चैनल भी अलग से रिपोर्ट डाल रहे थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए, जिनके जरिये कांग्रेस कार्यकर्ता यह बता रहे हैं कि महिलाओं को धोखा देकर लाया गया, उन्हें भूखा-प्यासा रखा गया। अपने-अपने इलाके के भाजपा नेताओं, जिनमें ज्यादातर निर्वाचित पंचायत और नगर निकायों के पदाधिकारी थे, के कहने पर वे आ गए। किस मुद्दे पर रैली है, कौन लीडर आ रहा है उसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। प्राय: चुनावों के समय हर एक दल में ऐसी भीड़ दिखाई देती है। उन्हें रुपये भी देने के वीडियो वायरल हो जाते हैं। पर पता चला कि भाजपा की इस रैली में यह प्रावधान नहीं किया गया था। ऊपर से भी निर्देश था-अभी हिमाचल, गुजरात का चुनाव चल रहा है- अपने ही संसाधनों से भीड़ जुटाओ।
रैली में एक लाख लोगों को लाने की तैयारी थी, पर तटस्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक संख्या भीड़ 18 से 20 हजार के बीच थी, जो कम नहीं थी। अपने लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को शीर्ष नेताओं के सामने अपनी क्षमता साबित करनी थी, जिसमें वे एक हद तक सफल हुए। अब नेता प्रतिपक्ष की बारी है।

हर्ष को सीएम की दुलार..

इस कॉलम में कल बाल दिवस के मौके पर इस बच्चे की तस्वीर छपी थी। एम्स के बाहर मां उसे फुट पंप से ऑक्सीजन दे रही थीं। ब्लड कैंसर और ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त इस बच्चे के बारे में कल अनेक मीडिया स्त्रोतों से खबर चली। उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिया। अब जिला प्रशासन रायपुर की ओर से एक ट्वीट में बताया गया है कि बच्चे का इलाज आयुष्मान योजना से किया जा रहा है। रहने खाने व दूसरी व्यवस्था भी लोगों की मदद से की जाएगी। उम्मीद है बेटे के इलाज में अपनी गांव की जमीन बेच चुके बालकराम डहरे को अब और अधिक नहीं भटकना पड़ेगा और वह जल्द स्वस्थ होगा।

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