राजपथ - जनपथ

तनाव बढ़ नहीं पाया
कांग्रेस में सीनियर नेताओं की खातिरदारी करने वालों का पार्टी के भीतर अपना अलग ही वजूद रहता है। ऐसे ही काम में महारत एक नेता के पार्षद पुत्र पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गाज गिरने वाली थी कि नेताजी, पुत्र के बचाव में आगे आ गए। पार्षद पुत्र पर आरोप था कि उन्होंने ईडी के प्रदर्शन के दौरान विधायक, और उनके समर्थकों को सरेआम अपमानित किया।
प्रदेश कांग्रेस में शिकायत पर नोटिस देने की तैयारी चल रही थी कि अचानक पता चला कि नेताजी को पार्टी के एक बड़े राष्ट्रीय नेता के रहने-ठहरने की जिम्मेदारी दी गई है। उनके लिए एआईसीसी ने अलग से पास जारी कर दिया है। यही नहीं, पार्षद पुत्र की ड्यूटी लोकसभा के विपक्ष के नेता के साथ लगाई गई है। फिर क्या था, इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को देखकर नोटिस को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
हेडलाइन तय करेगा ईडी?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले ईडी की छापामारी एक बार फिर शुरू हुई। इधर सरकार और पार्टी से जुड़े लोग ऐतिहासिक सम्मेलन की तैयारी में जुटे हैं दूसरी और ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। ईडी ने 2 विधायकों, 3 निगम मंडल के अध्यक्षों सहित दर्जन भर कांग्रेस नेताओं पर छापे मारे, फिर नया रायपुर के सरकारी दफ्तरों में पहुंच गई। तमाम आरोपों के बावजूद कि अधिवेशन में व्यवधान पैदा करने के लिए भेजा गया है, ईडी अपना काम कर रही है। हर बार की तरह अब तक यह नहीं बताया गया है कि छापेमारी में उसे कौन से दस्तावेज मिले, कितनी नगदी या और किसी तरह की प्रॉपर्टी की जानकारी मिली। इधर अधिवेशन में सोनिया, राहुल, प्रियंका सहित तमाम दिग्गज नेता और करीब 15 हजार डेलिगेड्स पहुंच रहे हैं। देशभर की मीडिया में जगह तो मिलेगी ही, भले ही भाजपा के अधिवेशनों के मुकाबले कम मिले। पर, सवाल यह है कि इतनी भी जगह क्यों मिलनी चाहिए। ध्यान खींचने वाली कोई दूसरी वजनदार खबर क्यों नहीं लाई जा सकती? तभी तो, इस बात की जमकर चर्चा हो रही है कि 24 से 26 फरवरी के बीच ईडी या तो प्रेस नोट से विस्फोट करेगा या फिर मास्टर स्ट्रोक छापेमारी से। कई सांसें अटकी हुई हैं।
दहेज के खिलाफ एक ऑफर...
बिना दहेज शादी करने की अपील इस तरह से भी की जा सकती है। इस गाड़ी के मालिक ने ऑफर दिया है कि जो दूल्हा अपनी शादी में दहेज नहीं लेगा, उसकी शादी में फार्च्यूनर गाड़ी को सेवा में लगाएंगे। केवल तेल का खर्च लेंगे। किराया नहीं लगेगा। यह तस्वीर हरियाणा की है। छत्तीसगढ़ में किसी ने यह सेवा अभी शुरू नहीं की है।
चैट जीपीटी का पीएम को पत्र
चैट जीपीटी के जरिये आप अपने मन की व्यथा बताकर दिलासा पा सकते हैं। बिलासपुर में हवाई सेवा विस्तार के लिए आंदोलन कर रहे समूह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के लिए जीपीटी की ओर से तैयार एक पत्र साझा किया है। चैट जीपीटी से कहा गया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी को बिलासपुर स्थानांतरित करने और भूतिया शहर नया रायपुर पर अनावश्यक खर्च बंद करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखें।
चैटजीपीटी ने पत्र तैयार किया- प्रिय प्रधान मंत्री....,भूतों के शहर नया रायपुर पर अनावश्यक खर्च पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए हम आपको यह पत्र लिख रहे हैं। हमारा मानना है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी को बिलासपुर में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जो छत्तीसगढ़ के अधिक केंद्र में स्थित शहर है और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित है।
छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही नया रायपुर के निर्माण पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और अभी तक यह पूरा होने के करीब नहीं है। बुनियादी ढांचे और उचित सुविधाओं की कमी सहित शहर कई समस्याओं से ग्रस्त है। इसके विपरीत बिलासपुर अधिक एक अच्छे बुनियादी ढांचे का पर्याप्त विकसित शहर है।
जीपीटी के इस पत्र को तो बिना बिंदु, कामा सुधारे काम में लाया जा सकता है। हां, इस पर कोई कार्रवाई होने की उम्मीद किसी को नहीं हो सकती।