राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : वोटकटवा ड्यूटी पर...
06-Mar-2023 3:53 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : वोटकटवा ड्यूटी पर...

वोटकटवा ड्यूटी पर...

अरविन्द केजरीवाल को लेकर लतीफे बंद ही नहीं होते। दरअसल वे भ्रष्टाचार विरोधी एक चर्चित आंदोलन के बीच से निकलकर राजनीति करने लगे, और धीरे-धीरे बाद के बरसों में आंदोलन के उनके गुरू, अन्ना हजारे भी परले दर्जे के फर्जी साबित हुए, इसलिए केजरीवाल के बारे में यह कहा जाने लगा कि जिस अन्ना ने पूरे देश को धोखा दिया, केजरीवाल ने उसे भी धोखा दे दिया। लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा लगाने वाले केजरीवाल की सरकार आज दारू के धंधे में सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले से घिरी हुई है, उसके दो दिग्गज मंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में ही ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं, इसलिए केजरीवाल के भ्रष्टाचार विरोध के गुब्बारे  की हवा निकल गई है। और फिर उनकी एक यह साख भी बनी हुई है कि वे भाजपा की बी टीम हैं, और भाजपा के विरोधी के वोट बांटने के लिए वे मैदान में उतरते हैं।

छत्तीसगढ़ को लेकर भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की यही भूमिका मानी जा रही है कि यह चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस के वोट खराब करेगी। भारतीय चुनावी राजनीति में एक गंदा शब्द है, लेकिन वह केजरीवाल की पार्टी पर बार-बार इस्तेमाल होता है, और उसके मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी आप भाजपाविरोधी कांग्रेसी वोटों के लिए वोटकटवा साबित हो सकती है।

ऐसे में जब कल रायपुर में अरविन्द केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि आज इस राज्य में सरकारी ऑफिस में काम करवाने के लिए जितने पैसे लगते हैं, बीजेपी के समय उससे आधे लगते थे, तो लोगों ने यह मान लिया कि केजरीवाल अभी से बीजेपी के हाथ मजबूत करने लगे हैं, और बीजेपी को कांग्रेस के मुकाबले आधा भ्रष्टाचारी ही होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। लेकिन जिस तरह दिल्ली में उनकी पार्टी और सरकार भाजपा की सीबीआई और ईडी के हाथों खतरे में आ गई है, तो उससे यह समझ नहीं पड़ता है कि यह रिश्ता क्या कहलाता है?

राजधानी को सीखने की जरूरत

छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पुलिस नियम-कानून तोडऩे वालों पर कई तरह की कार्रवाई कर रही है। बिलासपुर के एसपी सुरेन्द्र सिंह के नशे के खिलाफ हर जिले में चलाए जाने वाले अभियान के बारे में इसी कॉलम में लिखा भी गया था, दुर्ग जिला ऐसा है जहां पर कई अलग-अलग एसपी हेलमेट लागू करने और ट्रैफिक सुधारने के अभियान चलाते हैं। रायपुर अकेला ऐसा जिला हो जाता है जो कि राजधानी होने की वजह से मंत्रियों, बड़े नेताओं, और आला अफसरों की हाजिरी लगाते हुए वक्त बर्बाद करने वाली पुलिस का जिला है, और शायद इस वजह से भी यहां कोई अभियान नहीं चल पाता। फिर यह भी है कि राजधानी होने से हर छोटे कार्यकर्ता के भी बड़े-बड़े नेता परिचित हैं, और उसकी गाड़ी को रोककर कौन परेशानी मोल ले। नतीजा यह है कि बिना नंबर प्लेट की गाडिय़ों, सायरन लगी हुई गाडिय़ों, साइलेंसर फाडक़र चलती हुई मोटरसाइकिलों से यह शहर पट गया है, और पुलिस ने इन्हें अनदेखा करना सीख लिया है। राजधानी को बेहतर पुलिसिंग की एक मिसाल की तरह होना चाहिए, लेकिन इसे प्रदेश के कई शहरों से सीखने की जरूरत दिखती है।

नेता प्रतिपक्ष पर दिल्ली से वार

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल आदिवासी युवती से रेप और गर्भपात के मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर फरारी काट रहे हैं। हाईकोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका फैसला आना बाकी है। घटना सामने आने के बाद भाजपा नेता सकते में थे, बाद में इसे साजिश बताया। पार्टी ने बेटे के कथित गुनाह के लिए पिता पर आंच नहीं आने दी। दूसरी ओर कांग्रेस की राष्ट्रीय इकाई की इस घटना पर पैनी नजर है। इसका अंदाजा कल दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से लग गया। राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉली शर्मा ने मेघालय में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे नेता बर्नार्ड की चर्चा की, जिनकी चकलाघर चलाने के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी। प्रवक्ता ने हाथरस, कठुआ और बिलकिस बानो जैसे कई मामलों में भाजपा के रुख का जिक्र किया और कहा कि यह पार्टी महिलाओं का सम्मान नहीं करती बल्कि उन पर जुल्म करने वालों को शह देती है। उदाहरणों में पलाश चंदेल के केस का भी जिक्र हुआ। कहा गया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी युवती के साथ अत्याचार करने वाला कोई और नहीं नेता प्रतिपक्ष का बेटा है। पीडि़त महिला ने केस वापस लेने के लिए धमकाने का आरोप भी लगाया है। इधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कुछ शहरों में आरोपी नेता पुत्र की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरुआत में तो किया पर लेकिन रुख लचीला है। हो सकता है जब तक फरारी रहेगी तब तक कभी भी मुद्दा उठाने का मौका मिल जाएगा, ऐसा माना जा रहा हो।

मदद नहीं कर पाने का अफसोस

छत्तीसगढ़ में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ संगठन के प्रभारी लगातार बैठकर कर रहे हैं और उनके मन की बात, शिकायत, नाराजगी सुनने में दिलचस्पी ले रहे हैं। प्रदेश संगठन प्रभारी ओम माथुर के संभागीय दौरे के पीछे-पीछे क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल भी मीटिंग कर रहे हैं।

बिलासपुर में जामवाल ने बैठक ली और खुलकर कार्यकर्ताओं से बात रखने के लिए कहा। बैठक में न तो जिले के सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव मौजूद थे और ना ही पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल या पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक। इनकी मौजूदगी में शायद कार्यकर्ताओं के बोल नहीं फूटते, जामवाल ने इजाजत दी तो उन्होंने अपनी पीड़ा खुलकर बताई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोविड संकट काल में हमारे नेता घरों में दुबके हुए थे। कांग्रेस कार्यकर्ता गली-गली और अस्पतालों में घूम रहे थे। उन्होंने तो भाजपा कार्यकर्ताओं को भी तकलीफ में मदद दी। महामारी के वक्त जिस भी पीडि़त को किसी की मदद मिली है, उसे वह कभी भूलेगा नहीं।

पार्टी कोई भी हो जमीनी कार्यकर्ताओं को ही पता होता है कि वोट के लिए दिल जीतना जरूरी होता है और ऐसा मुसीबत में मदद करके ही किया जा सकता है।  

मोहब्बत के मारों की चाय

इस चाय दुकान में मनचाहा प्यार पाने वालों पर कोई रहम नहीं है। उसे सबसे महंगी चाय मिलेगी। अकेलेपन पर थोड़ी रियायत पर है, पर धोखा खाने वाले के साथ तो बड़ी हमदर्दी है, उसे सिर्फ 5 रुपये में चाय। पर गौर से देखिये- चाय फ्री भी है। उनके लिए जो अपनी पत्नी से प्रताडि़त हों। कुल मिलाकर, दुकान की ओर ग्राहक को खींचने का यह भी एक आइडिया है।

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