राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बृजमोहन की फरमाईश
22-Aug-2023 2:57 PM
	 राजपथ-जनपथ : बृजमोहन की फरमाईश

बृजमोहन की फरमाईश

कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनने की हसरत रखने वालों के लिए ब्लॉक कांग्रेस को अर्जी देने का नियम बना दिया, तो पार्टी की ब्लॉक ईकाई की इज्जत बढ़ गई। अब राजधानी रायपुर के मेयर एजाज ढेबर को भी जाकर टिकट की अर्जी लगानी पड़ी, और उन्होंने दो सीटों के लिए अर्जी लगाई है। इन दो में से एक विधायक बृजमोहन अग्रवाल वाली सीट भी है। कांग्रेस के विधायकों के तय होने में बृजमोहन अग्रवाल की जितनी चर्चा रहती है, उसके मुताबिक कहा जा रहा है कि बृजमोहन ने एजाज ढेबर के नाम की फरमाईश विविध भारती को भेजी थी। वैसे ढेबर ने रायपुर की एक और सीट पर भी अर्जी लगाई है जहां से अभी कांग्रेस के ही कुलदीप जुनेजा विधायक हैं। यह चर्चा पहले से चली आ रही थी कि सीएम ने ढेबर को रायपुर उत्तर से तैयारी करने कह दिया है। अब बंद कमरे में यह बात कही गई, या नहीं, यह तो इन दोनों को ही पता होगी। फिलहाल न सिर्फ बृजमोहन के लोग खुश बताए जा रहे हैं, बल्कि रायपुर की बाकी तीन सीटों को लेकर भी भाजपा खुश हो गई है। आज सुबह-सुबह भाजपा के एक नेता ने आकर कहा कि एजाज ढेबर बहुत बड़े नेता हैं, उनका परिवार भी बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें उत्तर और दक्षिण दोनों सीटों से लड़वाना चाहिए। पता नहीं कांग्रेस पार्टी भाजपा की फरमाईश को पूरा करेगी या नहीं। 

कूदा-फांदी एकदम से तेज

छत्तीसगढ़ में हलचल का अंधड़ आ गया है। राजनीतिक दल पूरी ताकत से लोगों के बीच कूद पड़े हैं, ईडी के छापामार दस्ते लोगों के घरों में कूद रहे हैं, और करोड़ों रूपए फीस देने की ताकत रखने वाले लोग देश के कुछ सबसे महंगे वकीलों के साथ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कूद रहे हैं। यह कूदा-फांदी इतनी अधिक हो रही है कि अखबारों को यह समझ नहीं पड़ रहा है कि किस खबर का पीछा किया जाए। और दिनोंदिन यह राजनीति बढ़ती चली जानी है, ईडी की कार्रवाई भी बढ़ती जानी है, और भगवान महादेव के नाम पर सट्टेबाजी का धंधा करने वाले लोगों पर अब लगता है कि महादेव की तीसरी आंख खुली है, और काफी लोग भस्म होने जा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि चुनाव के दिन लडऩे को कौन बचेंगे, और प्रचार करने को कौन रहेंगे, यह अंदाज लगाना भी मुश्किल है। देश के जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें छत्तीसगढ़ जितनी दिलचस्पी देश के मीडिया की और किसी राज्य में नहीं है। मीडिया में अब बहुत औसत दर्जे के, और कमसमझ वाले लोगों को भी विशेषज्ञ की तरह पेश करने का वक्त आ चुका है। 

स्कॉलरशिप में सौ परसेंट फर्जीवाड़ा

यहां दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय में हुए करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में छत्तीसगढ़ का नाम सबसे ऊपर आया है। अनुदान पाने वाले देशभर के 100 जिलों के 1572 अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं की मंत्रालय ने जांच कराई तो 53 प्रतिशत फर्जी मिले। इनमें से कई संस्थाएं या तो कागज में चल रही हैं, या फिर लंबे समय से बंद हैं। अभी तक 144 करोड़ की फर्जी भुगतान पाया गया है। यदि देशभर की अल्पसंख्यक संस्थाओं की जांच कराई जाए तो फर्जी भुगतान हजारों करोड़ का हो सकता है, क्योंकि बीते 5 साल में करीब 22 हजार करोड़ रुपये अनुदान दिया गया। अभी की जांच में राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों में कहीं कम तो कहीं अधिक संख्या में फर्जी संस्थान पाये गए लेकिन सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा छत्तीसगढ़ का है। यहां अनुदान पाने वाली 62 संस्थाओं की जांच की गई और सबके सब फर्जी पाए गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से शैक्षणिक संस्थानों को जारी कुछ सर्कुलर बताते हैं कि योजना का लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकारों से मदद ली जाती है। राज्य सरकार का अल्पसंख्यक विभाग इस योजना को प्रचारित करता है और शैक्षणिक संस्थानों से आवेदन भी मंगाता है। इस फर्जीवाड़े पर रोक और निगरानी करने की जिम्मेदारी कितनी राज्य सरकार की थी और कितनी केंद्र की यह देखना होगा। किसकी जेब में रकम गई, यह सब जांच से मालूम होगा- जांच सीबीआई को सौंपी गई है।

दावेदारी ने माहौल बना दिया

पूरे प्रदेश में कांग्रेस की टिकट के दावेदार समर्थकों के साथ सडक़ों पर हैं। जोश से भरी भीड़, गाडिय़ों का काफिला, गाजा-बाजा और नारेबाजी। कांग्रेस ने बीते चुनावों में भी ब्लॉक कमेटियों के माध्यम से आवेदन मंगाये थे, पर आवेदन करते समय ऐसा जोश पिछली बार नहीं दिखाई दे रहा था। तब बात और थी, सत्ता 15 साल से नहीं थी। जोश-खरोश के साथ-साथ संसाधनों की कमी थी। अब पांच साल की सरकार ने कितना कुछ बदल दिया है यह आवेदन के लिए निकाली जा रही रैलियों से पता चल रहा है। कई बार निर्वाचन कार्यालय में नामांकन दाखिल करने वाले भी इतनी भीड़ नहीं जुटा पाते। कांग्रेस संगठन के शीर्ष नेताओं की ब्लॉक कमेटियों में आवेदन जमा कराने की रणनीति इस मायने में कामयाब रही कि इसके जरिये कांग्रेस का झंडा और नारा लिए सडक़ों पर निकल रहे लोग पूरे प्रदेश में पार्टी के पक्ष में ही माहौल बना रहे हैं। बिना खर्च पार्टी का प्रचार हो रहा है। इन्हीं में से यह एक तस्वीर बागबाहरा के एक दावेदार तेनुराम साहू की रैली की है।

गोबर पर एक और प्रयोग

इस रक्षाबंधन में दुकानों, खासकर सी मार्ट में गोबर और अन्य ईको फ्रैंडली सामानों से तैयार राखी बिकने के लिए तैयार हैं। गरियाबंद जिले में महिलाओं ने गोबर के अलावा चावल, धान, दाल आदि से राखियां बनाई हैं। अब तक 7000 राखियां बन चुकी हैं, जिनमें करीब 2500 बिक भी गईं। राखियों की कीमत 30 रुपये से लेकर 250 रुपये तक है।

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