राजपथ - जनपथ

ईडी से धक्कामुक्की?
सीएम के ओएसडी आशीष वर्मा, और मनीष बंछोर के भिलाई रहवास पर छापेमारी के दौरान ईडी को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। छापे का विरोध करने पहुंचे युवक कांग्रेसियों ने ईडी अफसरों की कार पर गुस्सा निकाला। और आशीष वर्मा के घर से बाहर निकलते वक्त ईडी के अफसरों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
चर्चा है कि दोनों के कथित तौर पर महादेव ऑनलाईन सट्टेबाजों से संपर्क होने का आरोप है। दोनों से एक ही तरह के सवाल घुमा फिरा कर पूछे गए, कि आपके एएसआई चंद्रभूषण वर्मा से कैसे रिश्ते हैं? कब से जानते हैं, वगैरह-वगैरह। दोनों के यहां करीब 12 घंटे की पूछताछ, और तलाशी के बाद ईडी अफसर निकल गए। वो प्रॉपर्टी दस्तावेज और मोबाइल भी साथ ले गए।
आपस में भिड़ गए
ईडी की जांच के दौरान ओएसडी मनीष बंछोर के निवास के बाहर नारेबाजी कर रहे विधायक देवेन्द्र यादव और एक स्थानीय नेता, आपस में भिड़ गए। विवाद इस बात को लेकर था कि देवेन्द्र यादव, मनीष बंछोर को बाहर निकालने की मांग कर रहे थे। इस पर स्थानीय कांग्रेस नेता बिफर गए। उनका कहना था कि घर मनीष का है। ऐसे में ईडी अफसरों को बाहर निकलने की मांग करनी चाहिए। दोनों के बीच गाली-गलौज की नौबत आ गई। फिर देवेन्द्र को वहां से जाना पड़ा। कुल मिलाकर ईडी अफसरों के जाने तक ड्रामेबाजी चलती रही।
महादेव की मेहरबानी से
ईडी ने तीन दिन पहले महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी केस में जिन कारोबारियों, और राजनीतिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें से एक दुर्ग के एक कारोबारी तडक़ भडक़ लाइफ स्टाइल काफी चर्चा में रही है।
सुनते हैं कि कारोबारी ने एक ही दिन में दो बीएमडब्ल्यू कार खरीदे थे। यही नहीं, रायपुर के एक पाश कॉलोनी में महंगा मकान भी खरीदा था। पहले रहन-सहन और काम धाम सामान्य ही था, लेकिन चर्चा है कि 'महादेव' का सानिध्य पाकर काफी कुछ बनाया, और जब कारोबारी के यहां छापेमारी हुई, तो जानकार लोगों को आश्चर्य नहीं हुआ। ईडी कारोबारी को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है। देखना है कि क्या कुछ सामने आता है।
चंद्रयान-3 मिशन में छत्तीसगढ़ का भरत
चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ ही छत्तीसगढ़ के लोगों को इस खबर ने भी गौरवान्वित किया कि इस अभियान के लिए बनाई गई टीम में अपने राज्य के कई युवा शामिल थे। इनमें एक हैं चरौदा के भरत कुमार। भरत के पिता बैंक में सुरक्षा गार्ड हैं और बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते थे। इसके लिए आर्थिक समस्या आड़े आती थी सो भरत की मां ने चरौदा में एक टपरी पर इडली चाय बेचने का काम शुरू किया। चरौदा में रेलवे का कोयला उतरता चढ़ता है। कोयले की इसी काली गर्द के बीच भरत मां के साथ यहां चाय देकर, प्लेट्स धोकर परिवार की जीविका और अपनी पढ़ाई के लिए मेहनत कर रहा था। भरत की स्कूली पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय चरोदा में होने लगी। जब भरत नौवीं में था, फीस की दिक्कत से टीसी कटवाने की नौबत आ गयी थी पर स्कूल ने फीस माफ की और शिक्षकों ने कॉपी किताब का खर्च उठाया। भरत ने 12 वीं मेरिट के साथ पास की और उसका आईआईटी धनबाद के लिए चयन हुआ। फिर आर्थिक समस्या आड़े आई तो रायपुर के उद्यमी अरुण बाग और जिंदल ग्रुप ने भरत का सहयोग किया। यहां भी भरत ने अपनी प्रखर मेधा का परिचय दिया और 98 प्रतिशत के साथ आईआईटी धनबाद में गोल्ड मेडल हासिल किया। जब भरत इंजीनियरिंग के 7वें सेमेस्टर में था तब इसरो ने वहां अकेले भरत का प्लेसमेंट में चयन किया और फिर चंद्रयान 3 मिशन का हिस्सा बने। मात्र 23 साल का हमारा यह युवा चंद्रयान 3 की टीम के सदस्य के रूप में च्गुदड़ी के लालज् कहावत को सही साबित कर रहा है।
इसके अलावा तखतपुर के विकास श्रीवास सन् 2007 से इसरो में साइंटिस्ट हैं। रॉकेट की डिजाइन तैयार करने वाली टीम में वे शामिल रहे। इसरो में डिप्टी डायरेक्टर अनिता भट्टाचार्य का ससुराल बिलासपुर में हैं। उनके पति अमिताभ भट्टाचार्य भी साइंटिस्ट हैं। बिलासपुर की स्वाति स्वर्णकार भी इसरो में वैज्ञानिक हैं और वे भी चंद्रयान-3 मिशन में शामिल रहीं।
सेठजी से फ्राड की कोशिश
ऑनलाइन फ्रॉड जिस तेजी से बढ़ा है उसका मतलब यही है कि ये ठग तकनीकी तौर पर दक्ष होते हैं, खुद को अपडेट करते रहते हैं। फेसबुक और वाट्सएप पर पब्लिक फिगर की फर्जी प्रोफाइल बनाकर रुपये वसूल करने का तरीका पुराना है, पर यहां तो ओरिजिनल एकाउंट को ही हैक कर लिया गया। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के साथ ऐसा हुआ, तो वे चौंक गए। उनके नाम पर उनके फ्रैंड्स को मेसैज कर रुपयों की मांग की जा रही थी। जैसे ही पता चला उन्होंने अपने एकाउंट को पहले तो दुरुस्त किया और फिर अपने आईटी सेल वालों से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सन् 2018 के चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने अग्रवाल के खिलाफ एक नारा गढ़ा था- सेठ तो ग्यो। वह इसलिये कि पूर्व मंत्री के परिवार में सब बड़े-बड़े कारोबार से जुड़े हैं। पुलिस तो जांच कर रही है मगर फ्रॉड करने वाले ने रिसर्च नहीं किया कि क्या इन्हें पैसों की जरूरत पड़ सकती है? कोई ऐसी नौबत आ भी गई तो फेसबुक के दोस्तों से मांगेंगे?
बहरहाल, अग्रवाल ने पोस्ट डाली है कि मेरे नाम की फेसबुक आईडी हैक हो गई है और लोगों से उस आईडी द्वारा पैसों की मांग की जा रही है। सभी से निवेदन है इस प्रकार से किसी भी पैसे मांगने वालों से सतर्क रहें।
मवेशी सडक़ पर ही नजर आ रहे..
हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाईवे पर घूमने वाले मवेशियों पर टैग लगाने, मवेशी मालिक का पता लगाकर उन पर जुर्माना करने का अभियान प्रशासन चला रहा है। इस बार कुछ गंभीरता इसलिये भी दिखाई दे रही है क्योंकि मुख्य सचिव, कलेक्टर से लेकर स्थानीय निकायों के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। पर प्रशासन की कोशिश कितना सफल हो रही है, यह रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर हाईकोर्ट से कुछ आगे की फोरलेन सडक़ पर देखा जा सकता है।