राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बृजमोहन के निशाने पर IAS-IPS
27-Aug-2023 3:35 PM
राजपथ-जनपथ : बृजमोहन के निशाने पर IAS-IPS

बृजमोहन के निशाने पर IAS-IPS 

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की अगुवाई में भाजपा की एक टीम चुनाव आयोग से मिली, तो सरकार के करीबी आईएएस-आईपीएस अफसर निशाने पर रहे। इस मौके पर कई दस्तावेज भी सौंपे गए, जिसे देखकर सीईसी राजीव कुमार गंभीर नजर आए। 

भाजपा के चुनाव आयोग संपर्क का संयोजक सांसद सुनील सोनी को बनाया गया है, लेकिन ज्यादातर समय वो खामोश रहे। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने बृजमोहन को साथ जाने के लिए कहा था। भाजपा नेताओं को अपनी बात रखने के लिए पौन घंटे का समय दिया गया था। इसमें भाजपा के कार्यालय मंत्री नरेश चंद्र गुप्ता करीब 30 मिनट अकेले अपनी बातें रखी। 

गुप्ता राज्य गठन से पहले से ही चुनाव आयोग संपर्क सेल संभालते रहे हैं। स्वाभाविक है कि गुप्ता के पास तथ्यात्मक जानकारी थी, और उन्होंने आयोग को दस्तावेज दिए हैं। खास बात यह है कि जिन बिंदुओं को चुनाव आयोग के समक्ष उठाया गया था। उनकी ज्यादा जानकारी प्रेस रिलीज में मीडिया को नहीं दी गई। बताते हैं कि नरेश गुप्ता ने आयोग को चुनाव फंड जुटाने के लिए अफसरों के इस्तेमाल का ब्यौरा भी दिया। 

उन्होंने प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला का जिक्र करते हुए आयोग को बताया कि डॉ. शुक्ला के खिलाफ नान घोटाले में चार्ज फ्रेम होने के बाद पहले तीन साल, और फिर दोबारा एक साल के लिए संविदा नियुक्ति दी गई। उन्होंने आशंका जताई कि स्कूल शिक्षा विभाग, और अन्य जगहों से फंड जुटाने के लिए शुक्ला जैसों का इस्तेमाल किया जा सकता है। गुप्ता ने बताया कि डीएमएफ से सबसे ज्यादा खरीदी स्कूल शिक्षा विभाग में हुई है। ईडी, डीएमएफ की जांच कर रही है। 

नरेश गुप्ता ने उन आईएएस-आईपीएस अफसरों की सूची भी सौंपी। जिनके खिलाफ ईडी जांच कर रही है, और चार्जशीट में उनका जिक्र आया है। बावजूद इसके वो प्रभावी बने हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि आयोग ने तमाम शिकायतों को गंभीरता से लिया है। देखना है आयोग आगे क्या कुछ करती है। 

अकेले नाम आए, फिर जोड़े गए 

भाजपा में शनिवार को विधानसभा प्रत्याशी चयन के लिए काफी माथापच्ची हुई। बाकी 69 सीटों के लिए पैनल तैयार करने सभी जगहों पर पर्यवेक्षक भेजे गए। पर्यवेक्षकों ने जिले की कोर कमेटी के सदस्यों से चर्चा कर पैनल भी तैयार कर लिए, और प्रदेश कार्यालय को सौंप दिए। 

ये सब एक ही दिन में हुआ। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल, धरमलाल कौशिक, और अजय चंद्राकर की सीट से यहां कोई दूसरा नाम लेने के लिए तैयार नहीं था। पर्यवेक्षकों को हिदायत दी गई थी कि कम से कम तीन नाम लेकर आए। ऐसे में कुछ जगहों पर दिग्गजों से पूछकर उनकी पसंद पर दो और नाम जोड़े गए।

यह सब इसलिए हुआ कि पहली लिस्ट जारी होने के बाद से पार्टी के अंदरखाने में काफी विवाद हो रहा है। स्थानीय नेताओं की शिकायत है कि कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के बिना ही प्रत्याशी थोप दिए गए। अब इस तरह की आलोचनाओं से बचने के लिए कोर कमेटी के सदस्यों से राय लेकर पैनल बनाने की औपचारिकता पूरी की गई। अब पैनल में से प्रत्याशी तय किए जाएंगे, यह जरूरी नहीं है। प्रदेश भाजपा संगठन के एक बड़े नेता ने साफ तौर पर कह दिया कि सर्वे रिपोर्ट में उपयुक्त पाए जाने पर ही टिकट मिलेगी। दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी कांग्रेस में थे तब वो कहा करते थे कि जिनके भाग्य में होगा, उसे ही टिकट मिलेगी। यह बात अब भाजपा में भी लागू होते दिख रही है।

इसकी सजा किसे मिलनी चाहिए?

सरगुजा जिले के भैयाथान के सरकारी पं. रविशंकर त्रिपाठी महाविद्यालय के बीए प्रथम वर्ष में कुल 77 छात्र थे। इनमें से 70 फेल हो गए। एक पास हो पाया, बाकी 6 को पूरक मिला है। ऐसे नतीजे की वजह यह मालूम हुई कि यहां के प्राचार्य कॉलेज आते ही नहीं। उनको दो और कॉलेजों का प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है। उनके गायब होने चलते शिक्षक भी अपनी मर्जी के अनुसार आते-जाते हैं। किसी भी विषय में कोर्स पूरा ही नहीं हुआ। कुछ विषयों में तो पढ़ाई शुरू ही नहीं हुई। इन शिक्षकों में अधिकांश अतिथि शिक्षक हैं, जिनको हर दिन के हिसाब से वेतन मिलता है। वे आते भी हैं तो क्लास रूम में नहीं जाते। अनुशासन का पाठ विद्यार्थियों को सिखाया जाता है, पर यहां तो इसकी जरूरत शिक्षकों में महसूस हो रही है।

67 की उम्र में स्नातक पास

फिल्मी दुनिया के मशहूर कपूर खानदान के बारे में कहा जाता है कि उनके परिवार से किसी ने ग्रेजुएट पास नहीं किया। स्व. राजकपूर के रहते तक तो यही बात प्रचलित थी। अब उनके नाती-परपोते ग्रेजुएट हो गए हों तो अलग बात है। इधर, बीते दिनों शम्मी कपूर के बेटे आदित्य कपूर ने सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय से मिली ग्रेजुएट डिग्री के साथ अपनी फोटो शेयर की है। वे अपने पढऩे के दिनों में पढ़ाई कर नहीं पाए लेकिन कसक बाकी रही। 67 साल की उम्र में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल कर ली। यह मुक्त विश्वविद्यालय की डिग्री है, जहां पहले से ही अधिक उम्र के लोगों को परीक्षा दे सकने की सहूलियत है, पर छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में नियमित छात्र के रूप में दाखिला लेने का अवसर दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने बीते साल इसकी घोषणा की थी।

धान पर किसकी घोषणा बड़ी होगी?

सन् 2018 में कांग्रेस की सत्ता में लौटने की एक बड़ी वजह किसानों से किया गया वायदा था। उनकी कर्ज माफी की गई और धान का समर्थन मूल्य 2100 रुपये तय किया गया। अधिक दाम देने पर केंद्र ने ऐतराज किया तो इसकी भरपाई राजीव गांधी न्याय योजना से की गई। अब एक क्विंटल के पीछे 2250 रुपये तक मिल रहा है। धान खरीदी की सीमा भी बढ़ाकर प्रति एकड़ 20 क्विंटल कर दी गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही घोषणा पत्र तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर चुके हैं। सुनाई यह दे रहा है कि भाजपा किसानों का पूरा धान असीमित मात्रा में खरीदने और 3000 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान करने की घोषणा कर सकती है। ,संयोगवश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्यान्न की मांग बढ़ी है। देश ने हाल के दिनों में गेहूं, चावल दोनों का निर्यात बढ़ाया है। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण छत्तीसगढ़ से खरीदे जाने वाले चावल को खपाने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन मुमकिन है कि कांग्रेस की सरकार बनी तो उसे अवरोध का सामना करना पड़े। कांग्रेस सरकार का आरोप रहा है कि खरीद के मुकाबले केंद्र सरकार कम चावल उठाती है। पर पिछली बार लक्ष्य का पूरा चावल लिया गया। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अन्न भाग्य योजना लागू नहीं कर पा रही है। इसके तहत गरीबों को 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाना है। केंद्र ने अनाज देने से मना कर दिया तो राज्य सरकार ने 34 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अब नगद राशि देने का निर्णय लिया है। इन दोनों बातों का संबंध चावल की मांग बढऩे से है। कांग्रेस-भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी की घोषणा पर भी लोगों की निगाह है। पिछली रायपुर यात्रा में पार्टी प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 गारंटी दी थी, जिसमें किसानों और आदिवासियों के लिए कुछ नहीं था। उन्होंने इस पर बाद में घोषणा करने की बात कही थी। 16 सितंबर को वे जगदलपुर आ रहे हैं। बहुत संभव है कि धान पर उनकी कोई लुभावनी घोषणा हो। देखना यह है कि कांग्रेस भाजपा इसके पहले कोई ऐलान करती है या नहीं, पर मौजूदा स्थिति यही दिखाई दे रही है कि किसान और धान को लेकर घोषणाओं की बारिश होगी।

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