राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : राज्यों में ऐसा टकराव!
06-Sep-2023 3:11 PM
राजपथ-जनपथ :  राज्यों में ऐसा टकराव!

राज्यों में ऐसा टकराव!

भाजपा से जुड़े एक राष्ट्रवादी संगठन के एक बड़े नेता अभी रायपुर बैठक लेने आए, तो उन्होंने बंद कमरे में कार्यकर्ताओं को बताया कि किस तरह सोशल मीडिया मैनेज करने वाली एक कंपनी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में जुर्म दर्ज करके जब पुलिस कंपनी के लोगों को पकडऩे दिल्ली के करीब नोएडा पहुंची, तो यूपी पुलिस ने उनकी अकल ठिकाने लगा दी। यह बात पहले से भी चर्चा में थी कि छत्तीसगढ़ पुलिस की वहां गई टीम को थर्ड डिग्री का बर्ताव झेलना पड़ा था, और कई तरह की अशोभनीय बातें चर्चा में थीं, लेकिन दोनों राज्यों की पुलिस ने इसकी चर्चा नहीं की थी। 

पता लगा है कि बाहर से आए इस बड़े नेता ने छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं के बीच यह बताया कि अगर छत्तीसगढ़ की पुलिस मनमानी करेगी, तो उसकी अकल भी दूसरे प्रदेशों में ठिकाने लगाई जाएगी। 

सब इंतजार में 

खबर है कि भाजपा की दूसरी सूची जी-20 शिखर सम्मेलन की वजह से अटक गई है। दिल्ली में शिखर सम्मेलन की वजह से 7 तारीख से 12 तारीख तक बंद जैसा माहौल है। स्कूल-कॉलेज भी बंद है। स्वाभाविक है कि इन सबके चलते केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक भी टल गई है। 

प्रदेश चुनाव प्रभारी ओम माथुर दिल्ली में हैं। प्रदेश के प्रमुख नेता,  उनके बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। माथुर प्रदेश के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर करीब 35 सीटों के लिए सिंगल नाम का पैनल तैयार कर चुके हैं। पहले 12 नाम घोषित करने की तैयारी थी। अब दूसरी लिस्ट में 35 सीटों के लिए नाम घोषित किए जा सकते हैं। यह सूची 15 सितंबर के आसपास आ सकती है। 

प्रवचन के आयोजक बने दावेदार !

प्रदेश में सालभर में कई बड़े धार्मिक आयोजन हुए हैं। इसमें लाखों की भीड़ जुटी। इससे आयोजकों को भी प्रतिष्ठा मिली है। कुछ आयोजक तो अब चुनाव मैदान में उतरने की सोच रहे हैं। इन्हीं में से एक गुढिय़ारी में शिवपुराण के मुख्य आयोजनकर्ता बसंत अग्रवाल, रायपुर पश्चिम सीट से भाजपा से टिकट की दावेदारी कर दी है। 

पिछले दिनों बसंत अग्रवाल के साथ सैकड़ों लोग, कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश चुनाव प्रभारी ओम माथुर से मिले। और रायपुर पश्चिम से टिकट के लिए अपना बायोडाटा सौंपा। अब टिकट मिलेगी या नहीं, यह तय नहीं है। मगर बसंत की दावेदारी से बाकी दावेदारों में 
हलचल है। 

हाथियों से बचने रेड अलर्ट

हाथियों से हो रही जान माल की क्षति को रोकने के लिए जशपुर में वन विभाग ने नया प्रयोग किया है। उसने हाथियों के आने-जाने के रास्ते की पहचान की है और उनमें बैरियर के साथ लाल कपड़ा बांध दिया है। ऐसा करीब 100 स्थानों पर अब तक किया जा चुका है। आगे और भी गांवों में ऐसे बैरियर लगेंगे। दरअसल, हाथियों का झुंड साल दर साल अपने तय रास्ते पर चलता है। मार्ग में थोड़ा बहुत बदलाव तभी जब ग्रामीणों के घर से उन्हें अनाज, महुआ की महक आती है। मगर इसके बाद वह फिर अपने निर्धारित रास्ते को पकड़ लेता है। घरों, फसलों को होने वाले नुकसान से इसमें थोड़ा बचाव तो होगा, लेकिन वन विभाग का दूसरा दावा यह है कि वनोपज बटोरने के लिए जो ग्रामीण जंगल में हाथियों के रास्ते में आ जाते हैं, उस पर नियंत्रण होगा। हाथियों की आवाजाही के दौरान ग्रामीणों को मुनादी कर जंगल नहीं जाने के लिए आगाह किया जाता है लेकिन वे कई बार पहचान नहीं पाते कि किस रास्ते पर आगे नहीं जाना है। इस तरीके से लाल कपड़ों वाला बैरियर लगाकर जनहानि रोकने में मदद मिल सकती है। छत्तीसगढ़ में  हाथियों की संख्या और उससे होने वाली जनहानि लगातार बढ़ रही है। इस समय राज्य में करीब 450 हाथी हैं और सन् 2022-23 में होने वाली जनहानि 74 दर्ज की गई है। देखा जाए जशपुर में हो रहे नए प्रयोग से मानव-हाथी संघर्ष में वहां कोई कमी आती है या नहीं।

पी ले, पी ले ओ मेरे राजा

रायपुर में पिछले दिनों राहुल गांधी की सभा जबरदस्त रही। इसे युवाओं ने एन्जॉय किया। प्रदेश के हर छोर से युवा बस, ट्रेन और निजी वाहनों में पहुंचे थे। इनमें से कुछ युवाओं का ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जो पार्टी के लिए फजीहत का कारण बन सकती है। चलती बस पर ये युवा शराब की बोतल हाथ में लेकर नाचते हुए फिल्मी गीत गा रहे हैं- पी ले, पी ले ओ मेरे राजा..। इन्होंने जो टी शर्ट पहनी है उसके पीछे राजीव मितान क्लब लिखा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर भी शर्ट में दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि बस में सवार युवक भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र से हैं, जो रायपुर से वापस लौट रहे हैं।

गौर करने की बात है कि युवाओं का राजीव मितान क्लब का गठन छत्तीसगढ़ सरकार ने समाज सेवा और विभिन्न योजनाओं का लाभ आम लोगों को दिलाने के लिए किया है। इन्हें सरकारी फंड भी आवंटित होता है। राहुल गांधी के हाथों कुछ अच्छा काम करने वाले युवा पुरस्कृत भी किये गए थे। मालूम नहीं ये युवा उनमें शामिल थे या नहीं।

भ्रष्टाचारी कब उल्टा लटकेंगे?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2 सितंबर को रायपुर आकर कांग्रेस के खिलाफ घोटालों और भ्रष्टाचार की किताब का विमोचन किया। पहले से ही ईडी और आईटी के छापे छत्तीसगढ़ में पड़ रहे हैं। यह साफ है कि भाजपा का नेतृत्व चाहता है कि भूपेश सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बने। शाह ऐलान करके गए हैं, सजा दिलाएंगे, उल्टा लटकाएंगे। अब यही बात सरगुजा में रामानुजगंज से घोषित प्रत्याशी रामविचार नेताम ने दोहरा दी है।

जवाब में कांग्रेस ने नेताम को याद दिलाया है कि प्रियदर्शिनी इंदिरा बैंक घोटाले में उनका भी नाम है। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई भाजपा नेताओं को रकम पहुंचाने की बात कही है। भाजपा में शाह जैसे शीर्ष नेता ने उल्टा लटकाने की बात कह दी है तो प्रदेश के नेताओं को भी यह कहने में हर्ज नहीं। आगे दो चार लोग इसे और दोहरा सकते हैं। दिक्कत यह है कि भाजपा का अपने कार्यकाल से पीछा छूट नहीं रहा है। मतदाताओं के साथ दिक्कत यह है कि उन्हें कुछ साफ नहीं दिखाई दे रहा है। दस-पंद्रह साल पुराने मामले हों, या दस-पंद्रह महीने। सब में केवल जांच हो रही है, कई में सुनवाई नहीं हुई है। फैसला किसी में नहीं आया है, तब तक किसको दूध का धुला मानें, किसे नहीं-असमंजस है।

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