राजपथ - जनपथ

परिवर्तन यात्रा से प्रत्याशी टले ?
चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट स्थानीय प्रमुख नेताओं के आग्रह पर रोकी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निवास पर बुधवार की रात प्र्रत्याशी चयन के लिए बैठक हुई थी। इससे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी थे। बैठक में छत्तीसगढ़ की 20 प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाई गई।
कहा जा रहा है कि पार्टी ने मध्य प्रदेश की 40, और छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी भी कर ली थी। लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख नेताओं ने प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, और सह प्रभारी नितिन नबीन से संपर्क कर लिस्ट जारी नहीं करने का आग्रह किया। ये नेता परिवर्तन यात्रा में जुटे हुए, और वो इस बात को लेकर सशंकित थे कि प्रत्याशी घोषित होने से यात्रा प्रभावित हो सकती है।
केन्द्रीय नेतृत्व ने भी आग्रह मान लिया है, और प्रत्याशियों की लिस्ट फिलहाल रोकने का फैसला लिया है। प्रत्याशियों की अगली लिस्ट में बस्तर की सीटें ज्यादा होंगी। क्योंकि यहां पहले फेस की यात्रा का समापन 20 तारीख को होगा।
प्रत्याशियों को खर्च मिलना शुरू
भाजपा ने आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्याशियों को चुनाव खर्च देना शुरू कर दिया है। चर्चा है कि सभी प्रत्याशियों को 15-15 लाख दिए जा रहे हैं इसके अलावा प्रचार सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है। पार्टी हर विधानसभा में एक कार्यालय भी खोलेगी जिसका खर्च पार्टी खुद वहन करेगी। कुल मिलाकर आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्याशियों पर पार्टी विशेष ध्यान दे रही है।
आईपीएस लिस्ट
भारतीय पुलिस सेवा के अफसरों की एक और लिस्ट जल्द जारी हो सकती है। सूची में कुछ एसएसपी स्तर के अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। कुछ अफसर फील्ड से हटने के लिए गुजारिश भी कर चुके हैं। अक्टूबर के पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव आचार संहिता संभावित है। ऐसे में पुलिस के प्रस्तावित फेरबदल को अंतिम माना जा रहा है।
चुनिंदा का हाल
छत्तीसगढ़ पीएससी की चयन प्रक्रिया और सफल अफसरों के आईक्यू को लेकर खबरें छन छन के बाहर आ रहीं है। ऐसे ही एक कलेक्टर के पुत्र की चर्चा होने लगी है। अफसर पिता ने बेटे को प्रतियोगी परीक्षा के लिए अच्छे से अच्छे कोचिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिलवाया था। लेकिन मॉक इंटरव्यू में बेटा घबरा गया। इसका मतलब यह नहीं की रियल इंटरव्यू में असफल हो गया । वहां तो सेलेक्ट हो गया। लेकिन बेटे का आईक्यू देख, सुन पिता को सलेक्शन के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी होगी। हुआ यूं कि मॉक इंटरव्यू में डमी बोर्ड मेंबरों ने पूछा - इसरो का फुल फॉर्म क्या है? बेटा बहुत देर तक चुप रहा। यह देख बोर्ड मेंबर ने ही बता दिया। इस पर बोर्ड मेंबर महिला ने कहा कि अभी चंद्रयान भेजा था न इसरो। जी पता है, बेटे ने कहा । मैडम बोली -पता है तो बताया क्यों नहीं? उसने कहा- पैनिक (घबरा)हो गया था। मैडम बोली- बोलना चाहिए था न ,पैनिक क्यों होना ,ये रियल इंटरव्यू तो नहीं है न। अब रिजल्ट यह है कि बेटा 14वीं रैंक में डिप्टी कलेक्टर चुन लिया गया।
नई रेलवे लाइन खनिजों के लिए
छत्तीसगढ़ रेल सुविधाओं के नाम पर बहुत पिछड़ा राज्य है। कुछ शहर को छोड़ दें तो यहां रेलवे लाइनों का विस्तार ही नहीं हो सका है। फिर भी राजस्व देने के मामले में छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्यों में शुमार है।
अभी रेलवे के जो हालात हैं वह भी उससे रेल यात्रियों का भरोसा खत्म हो गया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को दो बड़ी चीजें दी है, पहला छह हजार करोड़ से चार नई रेल कारीडोर का निर्माण और प्रमुख स्टेशनों के कायाकल्प के लिये भारी भरकम बजट।
सवाल यह है कि क्या इन दोनों योजना से क्या रेलवे कनेक्टिविटी प्रदेश में बढ़ जाएगी? क्या सभी राज्यों में जल्दी पहुंचने के लिये यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी? क्या यात्रा के लिये लंबी वेटिंग लिस्ट छोटी हो पाएगी? या फिर ये रेलवे कॉरिडोर बनाने की योजनाएं केवल यहां के कोयले को देशभर के पावर प्लांटों में पहुंचाने बस के लिये है। आजादी के पहले रेल लाइनें भी इसी उद्देश्य से बिछाई जाती थी कि खनिजों के परिवहन के लिये सुविधा हो सके। ऐसे वक्त शाहरुख खान की फिल्म जवान की वह बात याद आती है कि सरकार को अरबपति बनाते हैं अपनी सुविधा के लिये।
कॉरिडोर और हसदेव
रेलवे कॉरिडोर बनने पर वे सब खूब तालियां बजा रहे हैं जो हसदेव अरण्य के उजडऩे की योजना के खिलाफ मुखर थे। आज वो भी सरकार का गुणगान कर रहे हैं, जो पेड़ों को बचाने के लिये जन आंदोलन में भाग लेते थे। वे युवा भी जय जयकारा लगा रहे हैं जो कुछ महीनों पहले सोशल मीडिया में हसदेव बचाने क्रांति की मशाल लेकर चल रहे थे।
जो रेलवे कारीडोर बनाने की योजना पर तालियां बजा रहे हैं वे याद रखें कि भविष्य में प्रदेश के हर हसदेव के लिये उन्हें अब मुखर होना पड़ेगा।