राजपथ - जनपथ

टिकट इधर से, आशीर्वाद उधर से
कांग्रेस से टिकट के दावेदार कई नेता दिल्ली में सक्रिय हैं। इनमें से एक-दो नेता तो पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिलने भी पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने आडवाणी से अपनी टिकट, और जीत के लिए आशीर्वाद भी मांग लिया।
सिंधी अकादमी के डायरेक्टर अर्जुन वासवानी रायपुर उत्तर से कांग्रेस की टिकट मांग रहे हैं। अर्जुन, अकादमी के चेयरमैन राम गिडलानी, और मीनाक्षी वर्मा के साथ आडवानी से मिलने पहुंचे थे।
इन नेताओं ने आडवाणी को छत्तीसगढ़ में सिंधी समाज के राजनीतिक प्रभाव के बारे में बताया, और कहा कि सिंधी समाज के मतदाता पहले भाजपा के परम्परागत वोटर माने जाते रहे हैं। मगर जब से आप (आडवाणी जी) जैसे बुजुर्ग नेताओं को उपेक्षित किया गया है। समाज के लोगों का रूझान अब कांग्रेस की तरफ बढ़ रहा है। बताते हैं कि आडवाणी जी चुपचाप कांग्रेस नेताओं को सुनते रहे, और फिर मुस्कुराते हुए आशीर्वाद भी दिया।
महीने भर में पोस्टिंग नहीं
आईएएस के वर्ष-2006 बैच की अफसर श्रुति सिंह महीनेभर हो चुके हैं, लेकिन उनकी पोस्टिंग नहीं हुई है। सचिव स्तर की अफसर श्रुति सिंह अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर थीं।
श्रुति सिंह की पोस्टिंग की फाइल सीएम ऑफिस को भेजी गई है। उन्हें नीलकंठ टेकाम की जगह कमिश्नर ट्रेजरी का प्रभार देने का प्रस्ताव है। श्रुति सिंह, बेमेतरा, और गरियाबंद कलेक्टर रह चुकी हंै। इसके अलावा संचालक उद्योग के पद पर भी कुछ समय काम चुकी हैं। देखना है कि उन्हें क्या कुछ मिलता है।
भाजपा के चार बड़े दावेदार
जब से आज तक के सर्वे और माथुर साहब ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली को सौंपा है प्रदेश भाजपा में सब कुछ तेज चल रहा है। प्रदेश के चार नेता ठाकरे परिसर अगली संभावना को लेकर कदमताल कर रहे हैं। ये चारों नेता विधानसभा चुनाव लडऩे मैदान में उतर रहे हैं। इनमें से एक की टिकट तो घोषित हो गई है। विजय बघेल पाटन से अपने कका को ही चुनौती दे रहे।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व सीएम रमन सिंह, और महामंत्री ओपी चौधरी की घोषणा शेष है। साव लोरमी या तखतपुर से, डॉ.सिंह राजनांदगांव में प्रचार शुरू कर चुके हैं। चौधरी का नाम अब रायगढ़ से सुना जा रहा। चारों जीत गए तो शुरू होगा खेला। विजय बघेल न केवल घोषणा पत्र बना रहे बल्कि दिग्गज के खिलाफ लडऩे का फायदा मिलेगा।
साव का मोदी के साथ रथ शेयर करना बड़ा संदेश दे रहा। डॉ. सिंह हैं ही पूर्व सीएम के रूप में दावेदार। चौधरी साब , अमित शाह के आशीर्वाद की उम्मीद से दावेदार हैं। कुल मिलाकर भाजपा में भावी सीएम के ये चार ही दावेदार उभर आए हैं। सबके के एटिट्यूट और बॉडी लैंग्वेज में भी बड़ा अंतर देखा जा रहा है।
चुनाव आया, वीडियो लाया
जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, नेताओं के खिलाफ तरह-तरह की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर फैल रही हैं। इसके लिए कुछ तो असली स्टिंग ऑपरेशन का इस्तेमाल दिख रहा है, और कुछ बहुत बुरी तरह घटिया क्वालिटी की गढ़ी हुई वीडियो क्लिप दिख रही है। कांग्रेस के एक मौजूदा विधायक, चन्द्रपुर के रामकुमार यादव के चेहरे सहित दिखता एक ऐसा वीडियो तैर रहा है जिसमें उनके सामने गद्दे पर नोटों के बंडलों के गट्ठे पड़े हुए हैं। अब इन्हें कौन किससे ले रहे हैं, कौन किसको दे रहे हैं, यह तो साफ नहीं है, लेकिन लोग इसका मजा जरूर ले रहे हैं। इस वीडियो के साथ भाजपा के नए नेता ओ.पी.चौधरी ने भी लिखा है कि क्या कांग्रेस इसे जांच के लिए सीबीआई को देने का साहस दिखाएगी? या फिर कोयले वाले वीडियो की तरह मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज करवाएगी? उन्होंने विधायक और उनके क्षेत्र का नाम लिखते हुए कहा है कि ये अपने आपको गरीब और बेचारे के रूप में पेश करते हैं। ये विधायक बनने के पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान में रहते थे, खुद दावा करते हैं कि बाप-दादा और वे खुद बैल चराते थे, लेकिन सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस वीडियो को देखिए, इसमें सामने रखे नोटों की गड्डी...
गढ़ी हुई सेक्स-वीडियो क्लिप पर किसी महिला का चेहरा लगाकर बहुत ही घटिया क्वालिटी का काम किया गया है, जो कि जुर्म तो ऊंचे दर्जे का है, लेकिन वीडियो क्वालिटी घटिया है। इसके खिलाफ भी तुरंत ही मामला दर्ज होना चाहिए, फिर चाहे कोई कार्रवाई हो या न हो।
वीडियो वायरल होते ही रामकुमार यादव ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा कि इसका उद्देश्य क्या है ये वीडियो डालने वाले ही बता सकते हैं न पैसा देख रहा हूं, न ही मेरा ध्यान उस तरफ है। इसे मेरे कहीं बैठक की जगह जोडक़र बनाया गया है। ये सामंतवादी बड़े लोगों की सोच है कि गाय भैंस चराने वाले मजदूरी दिहाड़ी करने वाला विधायक चुनकर विधानसभा क्यों जाए। इसलिए यह किया गया लगता है।
धान के लिए किसकी वाहवाही हो?
भ्रष्टाचार, सनातन विरोधी और धर्मांतरण पर कांग्रेस को घेर रही भाजपा को इस बात की चिंता जरूर होगी कि धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी और उस पर दी जा रही प्रोत्साहन राशि का इस कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्य के मतदाताओं पर बड़ा असर है। शायद इसीलिए केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने अभी एक पत्रकार वार्ता लेकर कहा कि जितना चावल भूपेश सरकार ने देने की बात कही, उतना 13 सितंबर की तारीख तक भी नहीं दे पाई है।
इधर, भाजपा ने कांग्रेस सरकार के इस दावे को बार-बार गलत बताया है कि राज्य सरकार अपने पैसों से यह खरीदी करती है। दोनों ही दलों के अलग-अलग दावों से किसान भ्रम में हैं। अपना पक्ष और साफ तरीके से रखने के लिए सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफॉर्म पर भाजपा वीडियो पोस्ट डाल रही है। इसमें कहा गया है कि धान खरीदी के लिए पिछले साल केंद्र ने 2040 रुपये प्रति क्विंटल राज्य सरकार को दिया। इसमें 600 रुपये प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार दे रही है। अपितु यह जरूर बताया गया है कि समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 600 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को कर रही है। जाहिर है कि यह जो अतिरिक्त राशि अपनी ओर से दे रही है, उसके एवज में राज्य सरकार को कुछ नहीं मिल रहा है। सफाई में यह कहने से बचा गया है कि राशि के एवज में केंद्र को वापस धान या चावल मिल जाता है। भाजपा की सोशल मीडिया सेल ने यह वीडियो अपनी पार्टी का पक्ष रखने के उद्देश्य से बनाया और पोस्ट किया, पर इसमें किसानों को कांग्रेस की ओर से की जा रही 600 रुपये की अतिरिक्त मदद का प्रचार हो रहा है। वीडियो देखने पर किसानों को यही समझ में आएगा कि केंद्र की ओर से उन्हें धान की पर्याप्त कीमत नहीं दिया जा रहा है।
आज बेरोजगारों का दिन
आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस चैट जीपीटी आपको वे ही जानकारी व्यवस्थित करके देता है, जो इंटरनेट पर बिखरे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन है। किसी ने पूछ लिया कि भारत किस दिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाना है। चैट जीपीटी ने बताया कि 17 सितंबर। फिर पूछा गया कि यह किसके जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है? जवाब मिला, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर। बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान खींचने के लिए युवा ऐसा करते हैं।
यह संयोग है कि आज ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में प्रधानमंत्री का जन्मदिन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस टॉप ट्रेंड कर रहा है।