राजपथ - जनपथ

आदिवासी कला के नाम पर...
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज से जी-20 की एक बैठक शुरू हो रही है, और सरकार की तरफ से बताया गया है कि इसमें आने वाले विदेशी मेहमानों को राज्य की तरफ से बस्तर के ढोकरा आर्ट की आदिवासी कलाकृति भी भेंट की जाएगी। इसके अलावा उन्हें जंगलों से आया शहद और मिलेट (मोटे अनाज) से बने बिस्किट भी भेंट किए जाएंगे। इसके साथ सरकार ने आदिवासी कलाकृति के नाम पर जो तस्वीर भेजी है उसमें लकड़ी की एक आधुनिक, पॉलिश की हुई फ्रेम के बीच लगी हुई एक ढोकरा आर्ट से बनी कलाकृति है। लेकिन इसका एक हिस्सा ही आदिवासी कला है, जिसे कि बड़े-बड़े शहरी कारोबारी इन दिनों बनाकर सरकार को सप्लाई करते हैं। जहां तक बस्तर की आदिवासी कला की बात है तो उसमें ऐसी फ्रेम की कोई जगह नहीं है। आज भी खुद राज्य सरकार की दुकानों पर बस्तर की खालिस आदिवासी कलाकृतियां थोक में उपलब्ध हैं, और विदेशी मेहमानों को उन्हें ही देना बेहतर होता। ऐसी पॉलिश वाली फ्रेम में उनका कोई आदिवासी-चरित्र नहीं रह जाता है, लेकिन सरकारी कामकाज में खालिस और मौलिक की कोई जगह रह नहीं जाती है। नतीजा यह है कि 20 देशों से आए हुए मेहमानों को आदिवासी कला के नाम पर शहरी कारोबारी फ्रेम दी जाने वाली है।
अफसर के मुकाबले अफसर
भाजपा आईएएस अफसर नीलकंठ टेकाम के बाद बीजापुर सीट से हेल्थ अफसर को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। यहां से पूर्व मंत्री महेश गागड़ा की जगह हेल्थ अफसर डॉ. पीआर पुजारी को प्रत्याशी बनाने की सोच रही है।
डॉ. पुजारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, और उनके इस्तीफे की स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है। डॉ. पुजारी बीजापुर के रहने वाले हैं, और वो सीएमएचओ रहे हैं। उनकी साख अच्छी है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि डॉ. पुजारी के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है।
पार्टी ने पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम की केशकाल से टिकट पक्की कर दी है। इसी तरह पूर्व सैनिक रामकुमार टोप्पो को सीतापुर सीट से खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के खिलाफ चुनाव लड़ाने जा रही है। विधानसभा प्रत्याशियों की अगली लिस्ट में डॉ. पुजारी, और रामकुमार टोप्पो का नाम हो सकता है। यह लिस्ट 22 तारीख के बाद जारी हो सकती है।
पुराने चेहरे रहेंगे
कांग्रेस में रायपुर की चारों सीटों के लिए सहमति बनाने की कोशिश चल रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि रायपुर दक्षिण को छोडक़र बाकी तीन सीटों पर सहमति बन गई है। मसलन, विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम से ही चुनाव लड़ेंगे।
रायपुर ग्रामीण से पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा की जगह उनके बेटे पंकज प्रत्याशी होंगे। जबकि रायपुर उत्तर से मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा को ही प्रत्याशी बनाने पर सहमति बनती दिख रही है यद्यपि कुलदीप के खिलाफ कुछ पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है, और नए चेहरे पर विचार हुआ था। मगर कोई बदलाव होगा, इसकी संभावना कम दिख रही है।
रायपुर दक्षिण से मेयर, और सभापति की दावेदारी है। पिछले चुनाव में सभापति प्रमोद दुबे ने आखिरी वक्त में चुनाव लडऩे से मना कर दिया था। इस बार वो चुनाव लडऩा चाहते हैं, लेकिन इसके लिए छानबीन समिति के सदस्य रजामंद नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में किसी नए को मौका मिल सकता है।
इनकम टैक्स घुसेगा?
चर्चा है कि चंद्रपुर के विधायक रामकुमार यादव आईटी के घेरे में आ सकते हैं। यादव का नोटो के बंडल के साथ वीडियो वायरल हुआ था। वो नोटो को लेकर अनभिज्ञ हैं। मगर जांच एजेंसियां इसको लेकर गंभीर दिख रही है।
कहा जा रहा है कि रामकुमार यादव के खिलाफ एक शिकायती पत्र इनकम टैक्स विभाग को भेजा गया है। चुनाव के चलते काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के सख्त निर्देश भी हैं।
आयोग इस सिलसिले में आईटी और ईडी के अफसरों के साथ बैठक भी कर चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिकायतों के आधार पर यादव के खिलाफ जांच शुरू हो सकती है। देखना है आगे क्या होता है।
और हमारे पर्व पर ट्रेन कैंसिल..
ट्रेनों को रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन का उल्टा असर दिखा है। झांसी रेलवे स्टेशन में वॉशेबल एप्रॉन का काम चलने का हवाला देते हुए 16 सितंबर से दिल्ली की ओर जाने वाली लगभग सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। जानकार बताते हैं कि एक साथ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, गोंडवाना, उत्कल, संपर्क क्रांति, दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों को रद्द किया जाना जरूरी नहीं था। इसके दो विकल्प हो सकते थे। एक तो झांसी स्टेशन पर काम चल रहा है तो ट्रेनों को वहां नहीं रोक बिना आगे बढ़ा दिया जाता। उस पटरी से जहां से मालगाडिय़ों को पास किया जा रहा है। दूसरा विकल्प था कि ट्रेनों को बीना की ओर से डायवर्ट कर देते। अक्सर रेलवे ऐसा करती ही है। इससे यात्रियों की यह धारणा मजबूत हुई है की रेलवे यात्री ट्रेनों को रद्द करने का बहाना तलाश करती है। कसर इतने में भी पूरी नहीं हुई। छत्तीसगढ़ में तीजा महिलाओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, बाल-बच्चों सहित मायके जाने वाली तीजहारिनों से ठसाठस भरे चल रहे हैं। इस त्यौहार के ठीक पहले 17 से 26 सितंबर तक गोंदिया से रायपुर और शहडोल, बालाघाट की ओर चलने वाली अधिकांश पैसेंजर ट्रेनों को रेलवे ने रद्द कर दिया। रेलवे पहले हमेशा इस बात का ध्यान रखती थी की क्षेत्रीय पर्व त्योहार पर ट्रेन सुविधा बढ़ा दी जाए। दूसरे रेलवे जोन इसका ख्याल भी रख रहे हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव पूरे 9 दिन धूमधाम से मनाया जाता है। पश्चिम और मध्य रेलवे ने इस मौके पर 312 विशेष ट्रेनों की घोषणा की है। इधर अपना छत्तीसगढ़ है, जहां नियमित चलने वाली पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को एकमुश्त रद्द किया गया है। ([email protected])