राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : दीवाली पर डटे रहे
14-Nov-2023 2:36 PM
राजपथ-जनपथ : दीवाली पर डटे रहे

दीवाली पर डटे रहे 

विधानसभा चुनाव प्रचार का अंतिम दौर चल रहा है। दीपावली के मौके पर भाजपा के प्रमुख नेता अपने घर नहीं गए, और पार्टी दफ्तर में  चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा हुई। दीपावली की सुबह पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष भी रायपुर पहुंचे। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, और पवन साय व अजय जामवाल के साथ बैठक की। 

चर्चा है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने उन क्षेत्रों को चिन्हित किया है जहां पार्टी प्रत्याशी कड़े संघर्ष में फंसे हैं। ऐसे इलाकों में मंगलवार, और बुधवार को रोड शो व सभा के जरिए माहौल बनाने की योजना बनाई गई। दर्जनभर राष्ट्रीय नेता यहां डटे हुए हैं। देखना है कि आगे क्या कुछ होता है।

डील पर डील

विधानसभा चुनाव में फोन पर बातचीत को लेकर कई किस्से आ रहे हैं। बिलासपुर के पूर्व महापौर का आडियो सुर्खियों में है, जिसमें कांग्रेस की टिकट के लिये पैसे का ऑफर देने का आरोप था। अब एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें अविभाजित दुर्ग जिले के एक प्रत्याशी के तीन करोड़ लेकर बैठने की चर्चा हो रही है। ओबीसी और सामान्य वर्ग के प्रत्याशी दोनों दलों ने उतारा है, लेकिन इस आडियो ने कुछ दिन तक राष्ट्रीय पार्टी के सिर में दर्द पैदा कर दिया है। इस सीट पर राजधानी से लेकर कई प्रतिष्ठित लोग दावेदार थे लेकिन टिकट स्थानीय नेता को मिली। अब कथित आडियो ने उनकी नींद उड़ा दी है।

भाजपा के म्यूजियम में अजूबे

पीएम नरेंद्र मोदी के रायपुर आगमन पर एयरपोर्ट में स्वागत के लिए जिले स्तर के लिए पदाधिकारियों के पास बनाए गए थे। कई ऐसे भी थे जो कि पीएम के स्वागत के लिए जाना चाहते थे, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं था। ऐसे नेता सोशल मीडिया पर अपना भड़ास निकाल रहे हैं। 

पीएम के स्वागत से वंचित नेताओं की नाराजगी राजनांदगांव के पूर्व सांसद प्रदीप गांधी को लेकर थी। प्रदीप गांधी स्वागत करने वालों में सबसे आगे थे। भाजपा नेताओं के वाट्सएप ग्रुप में उनकी फोटो साझा कर एक नेता ने कटाक्ष किया कि संसद में पैसा लेकर सवाल पूछने वाले भी पीएम मोदी का स्वागत कर रहे हैं। 

कुछ नेता प्रदीप गांधी के बचाव में आगे आ गए। एक ने लिखा कि प्रदीप गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनसे भूल हुई थी। पार्टी ने माफ कर दिया। आज वो पार्टी की मुख्यधारा में आकर काम कर रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारी रहे अनूप मसंद ने वाट्सएप ग्रुप में मैसेज पोस्ट किया कि म्यूजियम में अजूबों को दिखाकर बच्चों को बहलाया जाता है। उसी पैटर्न पर बहलाने का कार्य आज कल की राजनीति में जोरों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि कब तक बेवकूफ बनाओगे...। 

मोदी की गारंटी काफी नहीं?

भाजपा जिस महतारी वंदन योजना का फार्म जमा करा रही है, वह कोई सरकारी फॉर्म नहीं है। इसमें नाम-पता, मोबाइल नंबर लिया जा रहा है, मोदी जी की साथ में फोटो है। कांग्रेस की शिकायत के बाद कुछ जगहों पर चुनाव आयोग ने सख्ती से कार्रवाई की है। बलौदा बाजार में दो भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। गरियाबंद में भी दो महिला कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई। राजिम में प्रशासन की टीम ने फार्म भरवाने की शिकायत मिलने पर एक जगह पर रेड मारी तो भाजपा कार्यकर्ता भागने में सफल हो गए, हालांकि टीम ने प्रचार सामग्री और फॉर्म मौके से जब्त किए।

मगर कुछ स्थानों पर आयोग ने नरमी बरती है। बिलासपुर में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भाजपा पार्षद पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वे केवल फॉर्म ही नहीं भरवा रहे हैं बल्कि पहली किस्त के रूप में महिलाओं को अपने कार्यालय बुलाकर एक-एक हजार रुपए बांट भी रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें और जिला भाजपा अध्यक्ष को केवल नोटिस देना पर्याप्त समझा, जबकि शिकायत सीधे-सीधे रिश्वत देने की है।

अब आयोग के रुख और कांग्रेस की शिकायत के बाद खुलेआम महतारी वंदन योजना का फार्म भरवाना भाजपा के लिए मुश्किल हो गया है। शायद यही वजह है कि महासमुंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में बांटने के लिए बड़े-बड़े पैकेट में हजारों फॉर्म लाए गए थे, मगर वितरित नहीं किए गए। बिलासपुर में महतारी वन्दन फॉर्म फेंके गए हैं। कचरे के ढेर में भी दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के घोषणा पत्र पर सीधे मोदी की गारंटी है। इसके बावजूद भाजपा को पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा था कि यह पर्याप्त नहीं है और भरोसा जीतने के लिए फॉर्म को जरूरी समझ रहे हैं।

दिवाली ट्रेन में ही मनानी पड़ी

रायपुर कोरबा के बीच चलने वाली हसदेव एक्सप्रेस एक तरफ 200 किलोमीटर की दूरी तय करती है। कम दूरी होने की वजह से यह ज्यादा लेट भी नहीं रहती। रोजाना आने जाने वालों के लिए यह एक जरूरी ट्रेन है। मगर दीपावली के दिन रायपुर से यह ट्रेन रिकॉर्ड देरी से चली। रायपुर से रवाना तो समय पर हो गई थी लेकिन रुकते रुकते जब यह अपने गंतव्य कोरबा पहुंची तो सुबह के 4 बज चुके थे। समय पर चली होती तो यह ट्रेन रात 9:45 बजे कोरबा पहुंचती और यात्री अपने घर पहुंच कर परिवार के साथ त्यौहार मना सकते थे। यह वही ट्रैक है जिस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार वाली वंदे भारत ट्रेन चलाई जाती है। हसदेव एक्सप्रेस की औसत रफ्तार 22 किलोमीटर प्रति घंटे रही। 

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