राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : तीसरे मोर्चे की रणनीति
16-Nov-2023 4:33 PM
राजपथ-जनपथ : तीसरे मोर्चे की रणनीति

तीसरे मोर्चे की रणनीति

वैसे तो छत्तीसगढ़ में  चुनावी मुकाबला दो ही दलों के बीच ही माना जाता है। कांग्रेस भाजपा ही सरकार बनाने की स्थिति में पहुंचती हैं। इस वजह से मतदाताओं का रुझान दो दलों पर ही अधिक रहता है। परन्तु बसपा अपनी जमीन पर हर बार मजबूती से आती है। हर चुनाव में एक-दो विधायक उनके चुने ही जाते हैं। इन सबसे परे एक पार्टी के कद्दावर नेता का मानना है कि जहां जहां मामला त्रिकोणीय होता है, वहां वहां उनकी पार्टी के प्रत्याशी की जीतने की संभावना बढ़ जाती है। 2003 चुनाव में विद्याचरण शुक्ल ने एनसीपी से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया था। उसके बाद ऐसी स्थिति नहीं दिखी लेकिन पिछले चुनाव में नेताजी को त्रिकोणीय मुकाबले से काफी उम्मीद थी, लेकिन मामला उल्टा पड़ गया। इस बार फिर से कुछ नए दलों ने मुकाबला त्रिकोणीय करने का माहौल बनाने की कोशिश की है। इसमें जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस का नाम सबसे ऊपर है, उन्होंने बागियों को खोज-खोजकर टिकट दी है। इसी तरह बस्तर में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की पार्टी हमर राज ने दम खम से चुनाव लड़ा है। छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना ने भी अधिकांश सीटों से ताल ठोंका है। आम आदमी पार्टी पहले ही मैदान में है। अब देखना यह है कि किन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनती है और कहां कितना फायदा मिलता है। इस फायदे का फायदा किसे मिलता है।

उधर नक्सली, इधर हाथी

छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 नक्सल प्रभावित सीटों पर सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान का समय तय किया गया था ताकि मतदाता और मतदान दल दिन के उजाले में ही अपने-अपने ठिकानों तक लौट सकें। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिछले कई चुनावों में यही व्यवस्था की जाती है। दूसरे चरण में 17 नवंबर को जिन 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे उनमें सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। पर इनमें से सरगुजा, कोरबा और रायगढ़ जिले की कई सीटों पर ऐसे दर्जनों मतदान केंद्र हैं, जो हाथी प्रभावित हैं। सरगुजा ने मतदान के कुछ दिन पहले ही हाथियों के हमले से टूटे घरों का मुआयना करने ग्रामीणों के पास पहुंचे और उनको सरकारी मदद का भरोसा दिलाया, साथ ही कहा कि वे वोट डालने जरूर जाएं।  कोरबा वनमंडल से खबर है कि यहां के केंदई और पसान रेंज में 61 हाथियों के अलग-अलग दल विचरण कर रहे हैं। वन विभाग ने आम लोगों को अलर्ट कर रखा है कि उनको किस तरफ नहीं जाना है। शाम होने के बाद तो बिल्कुल भी खतरा नहीं उठाना है। मगर, मतदान दलों को तो हर बूथ तक पहुंचना होगा। मतदाताओं को भी तय बूथ की ओर जाना पड़ेगा। कुछ दिन पहले यह जानकारी आ ही चुकी है कि विभिन्न राजनीतिक दलों को हाथियों की चिंता में प्रचार करने के लिए कुछ गांवों में जाने का मौका नहीं मिला और हाथी प्रभावित क्षेत्रों से वे शाम होने के पहले वापस लौट गए।  ऐसी ही वजह से प्रशासन इन इलाकों में मतदाताओं से अपील कर रहा है कि वे शाम 4 बजे तक वोट डालें और घर लौट जाएं। मगर, आयोग ने 5 बजे तक मतदान कराने का आदेश दिया है, इसलिए मतदान दलों को तो रुकना ही पड़ेगा। इन दिनों शाम 5 बजे के बाद सूरज डूबने लगता है। दलों को पांच बजे तक मतदान कराने बैठना है, उसके बाद अपना सामान समेटकर अपने लिए आने वाली गाडिय़ों का इंतजार करना है। कई मतदान कर्मी इस बात को लेकर चिंता में है। उनका यह भी कहना है कि जिला प्रशासन को समय रहते रिपोर्ट देनी थी कि इन क्षेत्रों में मतदान का समय सुविधाजनक रखा जाए। पर यह इस बार तो हो नहीं पाया है।

संकट को समझते हुए वन विभाग ने कुछ उपाय किए हैं। पहला तो यह कि सभी मतदान कर्मियों को एलिफेंट लोकेशन बताने वाले ऐप डाउनलोड करने कहा गया है। वन विभाग की पेट्रोलिंग भी प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ा दी गई है। वैसे वन विभाग के कर्मचारियों की भी चुनाव ड्यूटी लगा दी गई है, जिससे इस काम के लिए स्टाफ की कमी महसूस की जा रही है।

इसे रिश्वत कैसे मानेंगे?

मतदाताओं को रुपये का प्रलोभन देने से रोकने के लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन है। प्रत्येक जिले में कलेक्टर बैंकों से जानकारी मांगी है कि उनके यहां कोई बड़ा लेन देन तो नहीं हुआ। इसके अलावा जन-धन खातों में जारी होने वाली रकम की भी जानकारी मांगी गई। जन धन योजना के खाते में भी छोटी रकम ही सही, अचानक डाली जा सकती है। इसका भी ब्यौरा बैंकों से मांगा गया। अब अचानक खातों में किसान सम्मान निधि की रकम आ गई है। यह केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली किसान सम्मान निधि है। छत्तीसगढ़ में 32 लाख से अधिक खाते हैं। यानि इतने किसानों के खाते में सरकारी रकम आई है जो प्रदेश के मतदाता भी हैं।

अब बैंक अधिकारी पेशोपेश में हैं। निर्वाचन आयोग ने संदिग्ध तौर पर जमा की गई रकम की जानकारी मांगी है। मतदान के ठीक दो दिन पहले केंद्र से जो राशि खाते में आई है, उसे तो वे संदिग्ध कैसे बता दें। कांग्रेस ने यह जरूर कहा है कि किश्त की यह रकम सितंबर में जमा होनी थी लेकिन जानबूझकर उसे अब जमा किया गया है।

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news