राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अफसरों के स्टेटस में भी राम
17-Jan-2024 2:46 PM
राजपथ-जनपथ : अफसरों के स्टेटस में भी राम

अफसरों के स्टेटस में भी राम

राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मंत्रियों के पूजा-पाठ के साथ कार्यालय में काम शुरू करने का दौर चल रहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने तो बजरंग बली की पूजा के बाद पहली बैठक ली थी। देश में भी राम नाम का जोर चल रहा है तो अफसर क्यों पीछे हों। अपनी तस्वीरें और शेरो-शायरी का स्टेटस लगाने वाले अफसर पिछले कुछ समय से भगवान राम और हनुमान का स्टेटस लगाने लगे हैं। 

मंत्रियों के पास यह देखने के लिए समय है कि नहीं यह तो नहीं जानते, लेकिन सुना है कि आरएसएस और भाजपा के पदाधिकारियों को जरूर बताने में लगे हैं कि वे भी राम भक्त हैं। एक अफसर से जब किसी ने पिछली सरकार में ऐसा स्टेटस नहीं लगाने पर चुटकी ली तो उन्होंने कह दिया कि उस समय में राम नाम की महिमा थी पर हमारे राम और उनके राम का विवाद था, इसलिए वे अपनी तस्वीरें ही लगाते थे।

किसानों को 3100 का इंतजार...

प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनावी घोषणा के अनुरूप 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का फैसला चुकी है। बीते 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मांग को पूरा करने की घोषणा की। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर सीएमओ के हैंडल से भी कहा गया कि धान खरीदी 3100 रुपये से करने का आदेश दे दिया गया है। भाजपा का यह भी वादा था कि कांग्रेस सरकार की तरह समर्थन मूल्य के अतिरिक्त दी जानी वाली बोनस की राशि का भुगतान टुकड़ों में नहीं, बल्कि एकमुश्त किया जाएगा। पर यह एकमुश्त रकम कब मिलेगी, किसानों को इसकी फिक्र है।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी उन्हें समर्थन मूल्य 2183 रुपये के दर से ही भुगतान हो रहा है। यह जरूर है कि 15 क्विंटल की जगह प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश लागू हो चुका है। इसका असर यह हुआ है कि 15 जनवरी की स्थिति में 108.06 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। यह एक रिकॉर्ड है। पिछली बार के आंकड़े 107 लाख मीट्रिक टन को यह पार कर गया है। हालांकि इस बार लक्ष्य 130 लाख मीट्रिक टन खरीदने का है। अवकाश के दिनों में धान की खरीदी बंद रहती है। इस तरह से अब केवल 10 दिन रह गए हैं। अब भी करीब 20-22 लाख मीट्रिक टन खरीदी बाकी है। टारगेट पूरा हो पाएगा या नहीं यह सरकार की चिंता हो, पर किसानों को इंतजार 3100 रुपये की दर से भुगतान का है। सोसाइटी में उनको बताया जा रहा है कि अभी तक उन्हें नए दर से भुगतान का कोई आदेश नहीं मिला है। जानकार बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले अंतर की राशि दी जाएगी, ताकि मतदाता किसान खुशी-खुशी वोट देने निकले।

राम के नाम पर कुछ भी चलेगा...

रेडियो, टीवी, अखबार आदि सारे माध्यम इन दिनों अयोध्या से जुड़ी खबरें दिन-रात दिखा रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर भी फर्जी फोटो, वीडियो की बाढ़ आ गई है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर फर्जी फोटो और वीडियो बनाने का काम फोटो शॉप तकनीक से तो पहले भी संभव था लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ जाने के बाद यह अधिक आसान हो गया है। कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दावा किया जा रहा था कि भालुओं का झुंड रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या कूच कर रहा है। बाद में पता चला कि यह शहडोल जिले का एक पुराना वीडियो है, जो एक बस्ती से गुजर रहा है। 10-12 दिन से एक और वीडियो वायरल है जिसमें बताया जा रहा है कि राम कथा के एक पात्र गिद्धों (जटायु) के झुंड ने अयोध्या में डेरा डाल रखा है। यह वीडियो भी फर्जी है, जो वास्तव में कानपुर का है और पुराना है। अब कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर 500 रुपये का नोट वायरल है। इसमें श्रीराम और अयोध्या के मंदिर की तस्वीर है। दावा किया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मंदिर उद्घाटन के दिन 22 जनवरी को नई करेंसी जारी करने वाला है। अधिक विश्वसनीय लगे इसके लिए स्वच्छ भारत अभियान का स्लोगन भी इसमें लिखा गया है। आरबीआई अधिकारियों ने इसका खंडन कर दिया है। फोटोशॉप के जरिये फर्जी करेंसी तैयार की गई है। ऐसे फर्जी पोस्ट ट्विटर पर काफी ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। ऐसे सभी फर्जी फोटो वीडियो ऐसे अकाउंट से हैं, जिनके हजारों फॉलोअर हैं और वे वेरीफाई हैं। ऐसे में, सवाल उठाया जा रहा है कि क्या यह सब महज शरारत के लिए ही हो रहा है या इसके पीछे और कोई बड़ा मकसद है?

22 को नर्सिंग होम में बुकिंग बढ़ी

देश के अलग-अलग हिस्सों से खबरें आ रही थीं, अब छत्तीसगढ़ के कई शहरों से भी आने लगी हैं। वह यह है कि जिन गर्भवती महिलाओं का डिलीवरी जनवरी महीने में तय है वे चाहती हैं कि 22 जनवरी को उनकी संतान पैदा हो, वह भी दोपहर 12 बजे के आसपास, जो अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय है। इसके लिए बकायदा नर्सिंग होम में ऑपरेशन थियेटर बुक कर लिए गए हैं। कुछ नर्सिंग होम संचालकों ने इस दिन की डिलीवरी का शुल्क भी बढ़ा दिया है। डॉक्टर सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के बाद ही ऑपरेशन का फैसला लेते हैं। समय के पहले या बाद में प्रसव कराने से जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा हो सकता है। यह पता लगाना जरूरी है कि खुद गर्भवती महिला ही ऐसा डिलीवरी चाह रही हैं, या उन पर भी परिजनों का कोई दबाव है। साइंस की मदद से ग्रह, नक्षत्र, मुहूर्त को नियंत्रित करने और भाग्यशाली शिशु पैदा करने की सोच कुछ अजीब ही है। इसे जुड़े जोखिम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कोई एडवाइजरी भी अब तक जारी नहीं की है।   

चुनाव तैयारी में जुटे हारे नेता

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इतनी बुरी तरह पराजय की उम्मीद नहीं थी। बड़े-बड़े मंत्रियों को आभास ही नहीं था कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है। जब नतीजे आ तो चार दिन तक तो उन्हें सांप सूंघ गया था। वे सभी कोपभवन में चले गए थे। घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि 70 पार इन नेताओं का राजनीतिक जीवन अब पूरा हो गया है और वे संन्यास ले लेंगे। इधर भाजपा ने अपने नए प्रयोग कर ऐसा माहौल बना दिया कि वह दूसरे क्रम के नेताओं को तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के चयन में ऐसे संदेश दिया गया कि नए लोगों के दिन आ गए हैं। ऐसे में कांग्रेस के द्वितीय क्रम के नेताओं को भी उम्मीद होने लगा कि अब उन्हें मौका मिलेगा। कांग्रेस के दूसरे क्रम के नेता भी लोकसभा चुनाव के लिए बायोडाटा तैयार करने में लग गए, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे हारे हुए नेता शोक से बाहर आ रहे हैं। ऐसे कुछ मंत्री हैं, जो 70 की उम्र को पार कर गए हैं। मंत्री और कई बार विधायक बन चुके हैं। सांसदी भी कर चुके हैं, उन्होंने फिर से जनसंपर्क आरंभ कर दिया है। बताते हैं कि उन्होंने हाईकमान में संदेश भी भेज दिया है कि वे लोकसभा की तैयारी में जुट गए हैं। 

पीले चावल से न्यौता

भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ को माना जाता है। अयोध्या में जब राम जन्मभूमि में मंदिर बन गया है और प्राण-प्रतिष्ठा का अवसर है, तब कई भक्त हैं जो वहां जाना चाहते हैं। इनमें से कुछ ऐसे भक्त भी हैं, जो तीन दशक पहले बाबरी मस्जिद विध्वंस के गवाह रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो कार सेवा करने अयोध्या गए थे। उन्होंने भक्ति से सराबोर होकर निर्माण के लिए चंदा भी दिया था। अब वे भी नवनिर्मित मंदिर में रामलला के दर्शन करना चाहते हैं। लेकिन 22 जनवरी को अयोध्या जाने के लिए न तो ट्रेन में इंतजाम है और न ही सडक़ साधन से वहां जा सकेंगे। बहरहाल आरएसएस और भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर जाकर पीला चावल जरूर बांट रहे हैं। अक्षत कलश से लेकर राम मंदिर की फोटो लोगों को बांटकर न्योता दिया जा रहा है। ऐसे में राम के ननिहाल में प्रचलित लोकोक्ति लोगों को याद आ रही है, आज हमारे घर झारा-झारा न्योता है, अपने घर खाना नहीं, हमारे घर आना नहीं।

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news