राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : छापों के इर्द-गिर्द
01-Feb-2024 2:45 PM
राजपथ-जनपथ : छापों के इर्द-गिर्द

छापों के इर्द-गिर्द 

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, और उनके करीबियों के यहां आयकर छापे के बाद कई किस्से छनकर बाहर निकल रहे हैं। इनमें से हरपाल उर्फ राजू अरोरा, और एसआई रूपेश नारंग की खूब चर्चा हो रही है। 

आईटी की टीम ने बुधवार को राजू अरोरा के रायपुर के लॉ-विस्टा कॉलोनी स्थित घर पर दबिश दी, तो वह अंबिकापुर में था। अंबिकापुर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने गया था। राजू को आईटी की टीम तडक़े होटल से साथ लेकर रायपुर आई, और यहां फिर लंबी पूछताछ हुई। 

अमरजीत भगत के करीबी एसआई रूपेश नारंग भी अंबिकापुर में अपने सरकारी निवास पर नहीं था। आईटी की टीम घर पहुंची, तो पत्नी ने जांच का विरोध किया, और फिर आईटी अफसरों ने रूपेश से पत्नी की बात कराई। इसके बाद जांच पड़ताल शुरू हुई। 

रूपेश नारंग, पूर्व मंत्री का काफी करीबी माना जाता है। वो एसआई होने के बाद भी अंबिकापुर कोतवाली का दो साल तक प्रभारी टीआई बने रहा। और जब टीएस सिंहदेव डिप्टी सीएम बने, तो उन्होंने गंभीर शिकायत के बाद रूपेश को हटवाया। इसके बाद अमरजीत भगत उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र सीतापुर ले गए, लेकिन वहां भी उनका काफी विरोध हुआ। फिर अमरजीत ने उन्हें दरिमा थाने का प्रभारी बनवा दिया।

सरकार बदली, तो सीतापुर के नए विधायक रामकुमार टोप्पो की शिकायत पर उन्हें हटाकर पुलिस लाइन में अटैच किया गया। नारंग की प्रापर्टी की जांच-पड़ताल चल रही है। 

बड़े-बड़े सौदों वाले लोग 

अमरजीत भगत के करीबी हरपाल उर्फ राजू अरोरा जमीन के कारोबार से जुड़ा रहा है। राजू अरोरा, उस वक्त चर्चा में आया जब रायपुर के धरमपुरा स्थित सहारा सिटी की करीब 2 सौ एकड़ जमीन नीलामी में खरीदी थी। इस जमीन पर कई बड़े बिल्डर और नामी गिरामी हस्तियों की नजर थी। 

रायपुर में एक के बाद एक बड़े सौदे में राजू अरोरा का नाम चर्चा में  रहा है। आयकर टीम को जमीन से जुड़े कई बड़े सौदों के कागजात मिले हैं। एक होटल भी राजू अरोरा ने कुछ समय पहले खरीदे थे। इसके अलावा रायपुर में साथियों के साथ कुछ बड़े निवेश किए हैं। चर्चा है कि आयकर के साथ-साथ ईडी भी इन सौदों की पड़ताल कर रही है। देखना है आगे जांच में क्या कुछ निकलता है। 

रेलवे की मेहरबानी के पीछे

रायपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को छोडऩे के लिए पहुंचने वाले परिजनों को एक बड़ी राहत मिल गई है। अब कार के सात मिनट और बाइक के पांच मिनट तक रुकने पर कोई पार्किंग शुल्क नहीं लगेगा। एयरपोर्ट में ऐसी व्यवस्था पहले से है। दूसरी और रेलवे ने सबसे व्यस्त गेट के सामने प्रीमियम पार्किंग शुरू कर दी। यात्री को छोडऩे के लिए कोई गाड़ी खड़ी हुई नहीं कि उसे पार्किंग की पर्ची थमा दी जाती थी। इसके कारण गाडियां गेट से दूर कहीं पर भी खड़ी कर दी जाती थी। इससे जाम लग जाता था। बिलासपुर और रायपुर बड़े स्टेशन हैं, जहां ऐसी व्यवस्था लागू कर लोगों को ज्यादा परेशान किया जा रहा था। इस बात की ओर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ध्यान गया। रेलवे के अफसरों की पेशी हुई। उनको जवाब देते नहीं बना। पहले बिलासपुर में, फिर अब रायपुर में गेट पर से ठेकेदार का कब्जा हटा दिया गया है। दरअसल रेलवे बोर्ड ने अपनी कई चि_ियों में जोन और मंडल के अधिकारियों को लिखा कि वे टिकटों के अलावा भी आमदनी बढ़ाने का स्रोत ढूंढें। उनमें से ही यह ज्यादति से भरा एक अव्यावहारिक प्रयोग था। 

छापेमारी की टाइमिंग

पिछले साल मार्च महीने में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन दुकानदारों को आवंटित हितग्राहियों को वितरित नहीं करने का मामला विधानसभा में भाजपा ने जोर-शोर से उठाया था। डॉ रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पर कई सवाल दागे थे। जवाब में भगत ने स्वीकार किया कि दुकानों को आवंटित राशन का मिलान नहीं हो पाया है। अतिरिक्त आवंटित चावल का हिसाब लगाकर वसूली की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोप के मुताबिक यह करीब 600 करोड़ रुपए की अफरा-तफरी है। 

आवंटित और वितरित राशन का विवरण एक सेंट्रलाइज्ड सर्वर में भी दर्ज किया जाना था। मगर यह भी नहीं हुआ। चुनावी साल में दिए गए अतिरिक्त चावल में से कुछ मात्रा की वसूली ही हो पाई थी कि चुनाव आचार संहिता लग गई और अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन चुकी है। 

पूर्व खाद्य मंत्री भगत ने इनकम टैक्स की छापामारी को राहुल गांधी की न्याय यात्रा को विफल करने का षड्यंत्र बताया है। इधर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का कहना है कि यह कार्रवाई गरीबों के राशन को हड़पने की आह है। किसकी बात ठीक लग रही है आपको?

राम नाम का भंडारा

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने यूपी की नोएडा 16 के मेट्रो स्टेशन के बाहर स्थित एक होटल के मलिक को इस कदर अभिभूत किया है कि उसने राम, लक्ष्मण और सीता नाम वालों को फ्री खाना खिलाने की घोषणा कर दी है। और यह कोई एक बार नहीं बल्कि जब आएंगे तब फ्री मिलेगा, हमेशा। लोक नाहक ही कहते हैं कि नाम में क्या रखा है।

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