राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : कलेक्टर की फर्जी प्रोफाइल
18-Feb-2024 3:24 PM
राजपथ-जनपथ : कलेक्टर की फर्जी प्रोफाइल

कलेक्टर की फर्जी प्रोफाइल

सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा करने वालों ने इस बार मुंगेली कलेक्टर राहुल देव को निशाना बनाया। उनकी फेसबुक प्रोफाइल से एक फोटो और डिटेल निकालकर ठगों ने एक फर्जी पेज बना लिया। इस फर्जी पेज में उनके पारिवारिक फोटो, सार्वजनिक कार्यक्रमों की तस्वीर, सब अपलोड किए गए। कलेक्टर के फेसबुक मित्रों को मेसैंजर से मेसैज भेजकर रुपयों की मांग की जाने लगी। किसी परिचित ने कलेक्टर से पूछा कि क्या आप फेसबुक पर मेसैज भेजकर पैसे मांग रहे हैं? कलेक्टर हैरान रह गए। उन्होंने फिलहाल अपने असली फेसबुक पेज को लॉक कर दिया है। पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी गई है। मगर, प्राय: ऐसी करतूत करने वाले जल्दी पकड़ में आते नहीं हैं। पिछली कुछ घटनाओं से तो यही लगता है। आप भी सतर्क रहिये। यदि कोई आईएएस, आईपीएस या और कोई अफसर किसी सोशल मीडिया एकाउंट के जरिये रकम मांग रहा हो तो मानकर चलें कि यह काम फर्जी आईडी बनाकर कोई ठग ही कर रहा है।

चावल घोटाला घटकर एक तिहाई

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन के वितरण में गड़बड़ी का खुलासा पिछले साल कैग की रिपोर्ट में किया गया था। इसमें 600 करोड़ रुपये के घोटाले का आकलन किया गया था। तब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर मामले को सबसे पहले उठाया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद धरमलाल कौशिक सहित कई भाजपा विधायकों ने विधानसभा में सवाल भी किए। तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी माना कि गड़बड़ी हुई है। जांच कराई जा रही है। फरवरी 2023 में मामला उठा था, मार्च 2023 तक राशन दुकानों का सत्यापन पूरा करने की बात थी। पर हुआ नहीं। अलबत्ता कई दुकानों को निलंबित करने और एफआईआर की कार्रवाई हुई। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस बार विधानसभा में यह मामला फिर उठा। तब सदस्यों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि आसंदी के निर्देश के बाद भी जांच नहीं हुई। मगर, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सवालों के जवाब में बताया कि गड़बड़ी 216 करोड़ की हुई है। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधायकों की समिति मामले की जांच करेगी।

यहां पर सवाल यह उठ रहा है कि जब कैग की रिपोर्ट में गड़बड़ी 600 करोड़ की बताई गई तो यह गड़बड़ी घटकर 216 करोड़ की कैसे हो गई। क्या राशन दुकानों में स्टॉक फिर से वापस लाकर रख दिया गया? यह सवाल हमारा नहीं है- छत्तीसगढ़ खाद्य अधिकारी कर्मचारी संघ का है। संघ का कहना है कि कागजों में लीपापोती कर घोटाले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उनकी मांग यह भी है कि यदि सचमुच बिना भेदभाव जांच होनी है तो केवल राशन दुकानदारों की गर्दन नहीं पकड़ी जाए बल्कि उस दौरान पदस्थ सभी संचालकों से भी पूछताछ की जानी चाहिए।

एक साथ दिखे कई वनभैंसा

छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसा की संख्या लगातार घट रही है। कृत्रिम गर्भाधान के जरिये इनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश भी सफल नहीं हुई। ऐसे में नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में करीब 15 वनभैंसों के होने की पुष्टि हुई है। वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में कुछ कैद भी हुए हैं। इतनी संख्या में भैंसों की मौजूदगी पाकर वन विभाग ने इनकी जिओ मैपिंग कराने का निर्णय लिया है ताकि इनके ठिकानों की सटीक जानकारी रखी जा सके। इंद्रावती रिजर्व के अलावा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व ही दूसरा वन क्षेत्र है, जहां वनभैंसों के होने की पुष्टि अब तक हुई है। 

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