राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : चिटफंड की चीटिंग रुकी नहीं...
20-Feb-2024 4:34 PM
	 राजपथ-जनपथ :  चिटफंड की चीटिंग रुकी नहीं...

चिटफंड की चीटिंग रुकी नहीं...

कलेक्टर-एसपी सरकार की प्राथमिकता को समझते हुए उनके निर्देशों को ही अमली जामा पहनाने के लिए काम करते हैं। सन् 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चिटफंड कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, डायरेक्टरों की गिरफ्तारी और डूबी रकम वसूल करने का सिलसिला चलाया गया था। मगर इसी दौरान ठगी की नई दुकान-बाजार खुल गए जिसे लेकर प्रशासन चौकन्ना नहीं रहा। सरगुजा जिले में एक फर्जी कंपनी 600 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बन चुकी है। ज्यादातर शिकार लोग बेरोजगार युवक युवतियां हैं। कंपनी ने दर्जनों लोगों को नौकरी पर रखा। उनको लोगों से 70-70 हजार रुपए डिपॉजिट करने के काम में लगाया गया। लोगों ने जमीन बेचकर, लोन लेकर पैसे दिए। डेढ़ 2 साल से यह गोरखधंधा फल-फूल रहा था। कई गुना बढ़ाकर रकम लौटाने और विदेशों की सैर कराने का झांसा दिया गया था। 

राज्य में चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम हजारों करोड़ और लूटे लोगों की संख्या लाखों लोगों में है। सितंबर 2023 तक इनमें से सिर्फ 38 करोड रुपए लौटाए जा सके। उसके बाद प्रशासन और सरकार चुनाव की तैयारी में लग गई। अब सरकार बदलने के बाद रुपए लौटाने की कोशिशों पर भी विराम लग गया है। मगर इतनी उम्मीद तो की जा सकती है कि नए धंधे शुरू न हों, जैसा सरगुजा से सामने आया है।

कांग्रेस में हलचल ही नहीं...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों की जनता को 24 फरवरी को वर्चुअल संबोधित करेंगे। इसके पहले 22 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जांजगीर में आमसभा लेंगे। प्रदेश में ऐतिहासिक बहुमत के बाद भी जांजगीर की किसी भी विधानसभा सीट से भाजपा को इस बार जीत नहीं मिल पाई। इसलिए शाह का कार्यक्रम यहां रखना महत्वपूर्ण हो गया है। भाजपा की ओर से खबर आ चुकी है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक कम से कम पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। 

दूसरी तरफ राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बाद भी कांग्रेस में गर्मजोशी दिखाई नहीं दे रही है। विधानसभा चुनाव में जहां एक-एक सीट पर 50-50 लोग अर्जी लेकर खड़े थे तो लोकसभा के लिए दावेदार सामने भी नहीं आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के पहले प्रभारी महासचिव के ताबड़तोड़ दौरे हो रहे थे। अब के चुनाव में सचिन पायलट औपचारिक एक दौरा करके दोबारा नहीं लौटे हैं। भाजपा ने इस बार 11 में से एक भी सीट नहीं छोडऩे का लक्ष्य रखा है। क्या इस दावे को कांग्रेस ने बहुत गंभीरता से ले लिया है?

बांस-पत्तों का बर्तन

बस्तर में जनजातीय समुदाय की हर जरूरत प्रकृति से पूरी हो जाती है। बर्तन भी बांस और पत्तों से बना लेते हैं। कारीगरी ऐसी कि रस युक्त दाल या सब्जी को भी इसमें रखा जा सकता है। केंद्र सरकार की एक योजना है, एक जिला, एक उत्पाद। इस योजना में किसी जिले के विशिष्ट पहचान को दर्शाने वाले प्रोडक्ट को प्रमोट किया जाता है। रेलवे स्टेशनों में इसके स्टाल नजर आते हैं। बांस के ये बर्तन इस योजना में शामिल नहीं है।

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