राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : नई और पुरानी संसद
06-Mar-2024 4:35 PM
राजपथ-जनपथ : नई और पुरानी संसद

नई और पुरानी संसद  

प्रदेश के चार भाजपा सांसद सुनील सोनी, मोहन मंडावी, गुहा राम अजगल्ले, और चुन्नीलाल साहू की भले ही टिकट कट गई, लेकिन वो  कई मामलों में भाग्यशाली भी रहे। मसलन, न सिर्फ चारों सांसद बल्कि  प्रदेश के बाकी सांसद भी नए और पुराने, दोनों ही संसद भवन में बैठकर सदन की कार्रवाई में हिस्सा लिया। पुराना संसद भवन अब म्यूजियम और संसद सचिवालय के रूप में उपयोग में आ रहा है। यह भवन ऐतिहासिक पलों का साक्षी रहा है, जहां पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर जैसी नामी गिरामी हस्तियां यहां कार्रवाई में हिस्सा ले चुके हैं। यह भवन अब सदन की कार्रवाई के लिए हमेशा के बंद हो चुका है। 

सदन के नए भवन में शुरू हो चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई नए भवन में संचालित हुई। सुनील सोनी समेत बाकी सांसदों की टिकट कट गई, लेकिन उन्हें नए भवन में सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने का अवसर मिला। नए भवन में प्रवेश के लिए कुछ नियम भी बदले गए हैं। पूर्व सांसदों का स्थाई पास बना होता था, जिससे वो सेंट्रल हॉल तक जाकर मंत्रियों, सांसदों से मिल सकते थे। प्रदीप गांधी जैसे पूर्व सांसद अक्सर सेंट्रल हॉल में देखे जा सकते थे। लेकिन नए भवन में प्रवेश के लिए पूर्व सांसदों को आम लोगों की तरह पास बनाना पड़ रहा है, जो कि सिर्फ एक दिन के लिए रहता है। इससे प्रदीप गांधी जैसे कई पुराने सांसद खिन्न नजर आए। 

कांग्रेस में एक और लिस्ट 

कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जल्द जारी हो सकती है। चर्चा है कि कई नामों पर सहमति तो बन गई है, लेकिन पार्टी के एक प्रमुख नेता ने अलग से सूची हाईकमान को दी है। वो प्रदेश के बाकी नेताओं के साथ स्क्रीनिंग कमेटी में अपना सुझाव नहीं देना चाहते थे, क्योंकि इससे उन्हें विवाद का अंदेशा था। देखना है कि पार्टी नई सूची पर गौर करती है अथवा नहीं। 

भाजपा में जिम्मेदारी 

भाजपा में चुनाव प्रबंध समिति ने एक बैठक कर सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है। मसलन, फिल्म कलाकार और विधायक अनुज शर्मा को प्रदेशभर में चुनाव के दौरान प्रचार के लिए कलाकारों को तैयार करने, और उनका कार्यक्रम कराने की जिम्मेदारी दी गई है। अब तक प्रदेश कार्यालय का काम नरेश गुप्ता और रजनीश शुक्ला ही संभालते थे। लेकिन अब उनके साथ अवधेश जैन को भी लगाया गया है।  एयरपोर्ट पर वीआईपी विजिट के दौरान स्वागत की जिम्मेदारी प्रितेश गांधी, और आकाश विग को दी गई है। प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य संजू नारायण सिंह को प्रचार रथ के देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। नए प्रभारी किस तरह काम करते हैं, यह देखना है। 


मोदी की गारंटी, आयोग पर भरोसा

हाल के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में मोदी की गारंटी के कुछ बड़े बिंदुओं पर भाजपा सरकारों को तेजी से काम करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के मतदाताओं का दो बड़ी घोषणाओं पर इंतजार खत्म होता दिखाई दे रहा है। 7 मार्च को महतारी वंदन योजना के तहत करीब 71 लाख महिलाओं के खाते में रकम पहुंचने वाली है। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे। दूसरा, किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा पूरा हो रहा है। किसानों के खाते में 12 मार्च को अंतर की रकम करीब 13 हजार करोड़ रुपये डाली जाएगी।

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में जब बीते साल 17 नवंबर को विधानसभा के लिए मतदान होने वाले थे, उसके ठीक दो दिन पहले 15 नवंबर को प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि की रकम जारी की। कांग्रेस के जयराम रमेश ने तब सवाल उठाया था कि मतदान के दो दिन पहले क्या जानबूझकर ऐसा किया गया? यह रकम तो अक्टूबर में ही मिल जानी थी। निश्चित ही मतदान के ठीक पहले लाखों मतदाता जब वोट डालने निकले तो उन्हें एहसास रहा होगा कि उनके खाते में केंद्र सरकार ने पैसे डाले हैं। 

अभी 28 फरवरी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यवतमाल से किसान सम्मान निधि की 16वीं किश्त जारी की है। इस बार कांग्रेस ने विरोध नहीं किया। कांग्रेस या किसी भी विपक्ष के लिए ऐसे भुगतान के विरोध में बहुत आगे बढऩा मुश्किल है क्योंकि इससे वोटर नाराज होकर बोल सकते हैं- हमें फायदा मिल रहा है, इससे आपको तकलीफ हो रही है। 

बीते लोकसभा चुनाव का हाल जानें तो 10 मार्च 2019 को चुनाव आयोग ने लोकसभा के लिए कार्यक्रम घोषित किया था। इसी दिन से आचार संहिता भी लग गई थी। जरूरी नहीं कि इस बार भी 10 मार्च को ही चुनाव कार्यक्रम आए, वह एक दो दिन आगे भी हो सकता है, पर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

गृह मंत्री के इलाके में अपराधों का सिलसिला

हाल ही में गृह मंत्री विजय शर्मा के इलाके में जो वारदातें हुई हैं, उस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। सडक़ पर उतरकर दो-तीन प्रदर्शन कर चुके हैं। कल उनका पुतला भी फूंका गया। विधानसभा में भी सरकार को घेरा गया। कुछ दिन पहले शिक्षक कॉलोनी में घर के अंदर मां बेटी की तीन चार दिन पुरानी लाश मिली थी। उसके कातिल का पुलिस ने पता लगा लिया। कुकुदर में तीन बैगाओं की हत्या कर दी गई। पुलिस पहले उसे दुर्घटना बताती रही, बाद में 14 लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। कवर्धा शहर से लगे लालपुर कला में चरवाहे साधराम यादव की हत्या की गूंज तो पूरे प्रदेश में हुई है। अब उसकी जांच एनआईए से कराने की घोषणा की गई है। कांग्रेस ने पीडि़त के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

याद करें, करीब चार साल पहले पाटन इलाके में पांच लोगों के एक साथ शव मिले थे। अमलेश्वर में एक युवा ज्वेलर्स की लूट के लिए हत्या हुई थी। अंडा थाना इलाके में एक 11 साल के बालक की भी हत्या कर लाश बोरे में बंद कर फेंक दी गई थी। अमलेश्वर थाने के ही एक सोनकर परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। ये सभी मामले तब एक साथ दो चार माह के भीतर हुए थे। तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ सदन से सडक़ तक भाजपा ने मोर्चा खोला था। 

गृह मंत्री पर पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है। पर उनके जिले के लोग अपने यहां शांति व्यवस्था की ज्यादा उम्मीद रखते हैं। नहीं भी रखते होंगे तो विपक्ष इसकी याद जरूर दिलाता है। तब भाजपा आंदोलन कर रही थी, आज कांग्रेस कर रही है।

सतर्कता संदेश छत्तीसगढ़ी में

शासन की अधिकतर योजनाओं की राशि अब डिजिटली ट्रांसफर हो रही है। गांवों से किसान, महिलाएं अपनी रकम निकालने बैंकों में आ रही हैं। कई लोग उठाईगिरी या ठगी के शिकार भी हो रहे हैं। कोरबा पुलिस ने ग्राहकों को सतर्क करने के लिए उनकी अपनी छत्तीसगढ़ी बोली में प्रचार सामग्री तैयार कराई है। इसे बैंकों और सार्वजनिक स्थानों पर बांटा, चिपकाया जा रहा है।  

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news