राजपथ - जनपथ
नक्सल ऑपरेशन का नया क्षेत्र
कांग्रेस शासन काल में अच्छी जगह पर पदस्थ रहे कई पुलिस अफसरों को नक्सली इलाकों में भेजा गया है। इनमें पंकज शुक्ला, संजय ध्रुव, अभिषेक माहेश्वरी, संजय कुमार महादेवा आदि शामिल हैं। इनकी जहां पोस्टिंग हुई है वे पहले से ही नक्सल प्रभावित इलाकों के रूप में जाने जाते रहे हैं। जैसे मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव आदि। मगर यह पहला मौका है जब मुंगेली जिले में विवेक शुक्ला की नक्सल ऑपरेशन पोस्टिंग दी गई है। जिले के लोरमी इलाके में बीते एक दशक से नक्सल मूवमेंट की खबरें आती रही हैं। पिछली भाजपा सरकार के समय सन 2015 में एक खुफिया रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि माओवादी संगठन राजनांदगांव, कबीरधाम होते हुए मुंगेली के वन क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाना चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले पत्र के आधार पर पीएचक्यू ने जुलाई 2021 में एक आदेश जारी कर मुंगेली को नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल कर लिया था। नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा संबंधी व्यय का अलग से प्रावधान होता है। अब 3 साल बाद यहां पर पुलिस अधिकारी की अलग से पोस्टिंग दी गई है।
बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार सुरक्षा बलों के नए कैंप खोले जा रहे हैं। ऐसे में नक्सली के नए ठिकानों में सक्रिय होने की कोशिश कर सकते हैं। पहली बार तीन साल बाद मुंगेली में की गई अलग पोस्टिंग इसी का संकेत माना जा रहा है।
जंगल से मिली एक सब्जी
छत्तीसगढ़ के जंगल भांति भांति के फलों सब्जियों से आबाद है। सोनहत के साप्ताहिक बाजार में यह जो सब्जी बिकने के लिए आई है, वह आमतौर पर दिखाई नहीं देता। इसका नाम पखरी है। पीपल जैसा पेड़ होता है और उसे पर यह फली लगती है। उबालकर इसकी सब्जी बनाई जाती है।
टिकट कटने की नाराजगी
सन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांकेर सीट से भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी ने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को 6914 मतों से हराया था। लोकसभा के लिहाज से यह बहुत अधिक अंतर नहीं है। इस बार मंडावी की टिकट कट गई। टिकट कटने से हुई नाराजगी वे छिपा नहीं रहे हैं। बल्कि उन्होंने बयान दिया कि इसके पीछे कोई गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए। गोंड समाज से आने वाले मंडावी ने इस बात का भी ध्यान दिलाया है कि उनके समाज से पार्टी ने किसी को प्रदेश में टिकट नहीं दी। भोजराज नाग के बारे में भी उन्होंने राय दी है कि वह कैसे प्रत्याशी हैं, यह परीक्षण कर लोग बताएंगे। मंडावी का यह भी कहना है कि उन्होंने लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन किया, सवाल भी अच्छे किए। हालांकि यह भी कहना है कि वे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता है और प्रचार करेंगे। मगर यह तय है कि उन्होंने पार्टी के निर्णय को उतनी सहजता से स्वीकार नहीं किया है जितना महासमुंद से टिकट कटने के बाद चुन्नीलाल साहू ने कर लिया। भाजपा प्रदेश की 11 में से पूरे 11 सीट जीतने के लिए काम कर रही है। सन 2019 की मोदी लहर में कांटे की टक्कर थी। नतीजा आने पर पता चलेगा कि इस बार की लहर तेज है या कम।