राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : ऐसी अफसर !!
27-May-2024 4:01 PM
राजपथ-जनपथ : ऐसी अफसर !!

ऐसी अफसर !!

भ्रष्टाचार के बोलबाले वाले इस राजनीतिक और प्रशासनिक दौर में ऐसी ईमानदारी संभव नहीं हो सकती। वह भी उस विभाग में जो पहले से ही तीन हजार करोड़ की उगाही की जांच झेल रहा हो, जिसके कई पुराने अफसर सीखचों के पीछे हों। लेकिन इस विभाग के एक अफसर की ईमानदारी की चर्चा उन्हीं गलियारों में हो रही है।

 पहले तो सिस्टम के लीकेज को बंद किया। इसके लिए दागी जिला अधिकारियों को हटाया। फिर एनआईसी में बैठे बैठे मार्केटिंग का ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया। और अब एक एक रूपया सरकारी खजाने में जमा कराने की तैयारी। इसमें इन अफसर को चाहिए भी कुछ नहीं। क्योंकि अपेक्षा से अधिक अर्जन की इच्छा नहीं। सरकार का दिया वेतन सुविधाएं ही भरपूर है।

चादर से ज्यादा पैर न फैलाने की फितरत की वजह से यह अफसर, सालभर की मासूम बेटी और सास को यहां छोड़ पति, बेटे से मिलने अकेले अमेरिका गईं। कारण तीनों के अमेरिका अप डाउन के 12 लाख का खर्च नहीं उठा सकती थीं। यह हमें मालूम चला तो यह कहते हुए आश्चर्य जताया कि भ्रष्टाचार के  खारून (गंगा नहीं कहना चाहते ) वाले आवास पर्यावरण,और आबकारी विभाग में ऐसे भी अफसर हैं।

पुलिस का बदलेगा चेहरा

चार जून को ऊंट के करवट के मुताबिक राज्य में बड़े फेरबदल की तैयारी चल रही है। खासकर पुलिस मुख्यालय में। जहां आधा दर्जन से ज्यादा सीनियर अधिकारी खाली बैठे हुए। दिसंबर में हुए फेरबदल के बाद  फील्ड में भी जूनियर अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई। इसलिए चुनाव परिणाम के बाद बदलाव होगा। इसमें चुनाव परिणाम को भी ध्यान रखा जाएगा। कई जिले के कप्तान बदले जाएंगे।

 इसमें कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, बलौदाबाजार, कवर्धा, राजनांदगांव समेत अन्य जिले शामिल हैं। एएसपी, डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर की लंबी सूची बनाई जा रही है। पुलिस मुख्यालय में एडीजी, आईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों की जिम्मेदारी बदली जायेगी। चर्चा तो बड़े श्रीमान (पुलिस में हर बड़े अफसर को मातहत ऐसे ही पुकारते हैं )को बदलने को लेकर चल रही है। हालांकि उनका कार्यकाल 5 अगस्त है। चर्चा इस बात की अधिक है कि सरकार अपनी पसंद के अधिकारी को बैठाएगी। इस हलचल के बीच कुछ अधिकारी दिल्ली, राजस्थान, बिहार और यूपी के जरिए से जोर आजमाइश कर रहे हैं।

नारियल से घोंसला

नारियल का पानी देश में हर जगह पिया जाता है। हमारी समाजसेवी संस्थाएं या व्यक्तिगत रूप से हम भी यदि नारियल पानी पीकर इस तरह के घोंसले बनाकर अपने घर, ऑफिस, कॉम्प्लेक्स में टांग दें।  तो बिना किसी लागत के हम यह परोपकारी कार्य कर सकते हैं । हमने पेड़ों को बचाया नहीं। हमारा यह प्रयास आम के आम गुठलियों के दाम भी हो। हम पानी सिप करने के बाद नारियल का कच्चा गूदा जिसे मक्खन भी कहते हैं, निकालने के लिए बेचने वाले से कहते ही हैं।

 बस उसे इस आकार में काटने कहना भर है?। इस तरह बनाकर देने के वह 2-4 रूपए लेता भी है  यह बेशकीमती घोंसला तैयार हो सकता है । आने वाला मौसम मानसून का है। बचे खुचे पेड़ों में जो घोंसले पक्षियों ने बना रखे होंगे वे आँधी में उड़ जाने हैं। ऐसे में हम उन्हें आसरा दे सकते हैं, जैसे गर्मी में सकोरे में जल से जीवन। उल्टे हमें ही पुण्य, सवाब ही मिलेगा। ([email protected])

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