राजपथ - जनपथ
वंदे भारत में गुलाब से स्वागत
विशाखा वंदेभारत का रिस्पांस चेक और यात्रियों की प्रतिक्रिया मिलना जारी है। आज इस ट्रेन से वाइजैग जा रहे यात्री ने ‘छत्तीसगढ़’ को सफर के दौरान वीडियो कॉल कर रियलिटी दिखाई। सब कुछ सुकून देने वाला रहा लेकिन लोचा यात्रियों की कमी। ट्रेन के एग्जीक्यूटिव कार में सवार होते ही गुलाब से स्वागत। रिक्लाइनिंग( घुमावदार) चेयर। टिकिट कैटरिंग युक्त होने से रास्ते भर खाने पीने के लिए कुछ न कुछ परोसा जाता रहा। इस बैंक अधिकारी ने बताया वे, कई राजधानी, जनशताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सफर करते रहें हैं लेकिन विशाखा वंदे भारत जैसा कॉफी, चाय, स्नैक्स कभी नहीं खाया। क्वालिटी बेहतरीन रही। इसके लिए रेलवे को बधाई। ट्रेन की रफ्तार कहीं धीमी,कहीं औसत और कहीं फुल स्पीड के साथ राइट टाइम पहुंची। बस कमी रही तो यात्रियों की। आज दुर्ग रायपुर से करीब 200 सवार थे। (तो शनिवार को मात्र 72) महासमुंद से एक भी नहीं। हालांकि बीच रास्ते टिटलागढ़ केसिंगा से बड़ी संख्या में सवार हुए। आन बोर्ड टीटीई से चर्चा की, तो कहा कि बस पैसेंजर रिस्पांस मिलता नहीं दिख रहा, यह भी सच है कि आने वाले दिनों में बढ़ेगा। अन्यथा कि स्थिति में कोच कम करके ही सही चलते रहनी चाहिए। टीटीई ने यह भी सुझाया 16 कोच में से 8-8 करके एक दूसरी वंदे भारत रायपुर जबलपुर व्हाया गोंदिया बालाघाट चलाई जानी चाहिए। जो प्रस्तावित और प्रचारित भी है। या फिर रायपुर,सिकंदराबाद से बीच। जो सुबह 5 बजे रवाना होने पर दोपहर 2 बजे सिकंदराबाद पहुंच सकती है। अभी ऐसी चर्चाएं यात्री और टीटीई के बीच आगे भी चलती रहेंगी। वैसे ये भी एक सच्चाई जिन रूट पर पहले से ही 2-3 सुपरफ़ास्ट ट्रेन है वहां वंदे भारत सफल नहीं है।
यहां नहीं चलता पेटीएम, फोन-पे
पितृपक्ष शुरू हो गया है। मोक्ष गया की ओर जाने वाले सभी ट्रेनें फुल चल रही हैं। और गया में भी सभी धर्मशालाएं, होटल, घाट और पंडित सभी एडवांस बुकिंग पर भी ओव्हर लोड चल रहे हैं। एक घंटे की तर्पण पूजा 35-45 मिनट में निपटा रहे हैं। यह पूजा भी एकल नहीं पंगत में बिठाकर। गया में श्राद्ध कर्म में पंडितों का नहीं वैश्यों का दबदबा है। हमारे एक परिचित कल ही गया से लौटे हैं, ऐसा ही एक किस्सा सुना रहे थे। गुप्ता जी, यह श्राद्ध कर्म किसी कार्पोरेट कारोबार से कम नहीं चला रहे । इनके अंडर में वो सब कुछ है जो तर्प पूजा के लिए जरूरी। बस आपको जाना होगा। गुप्ता जी 4000 पंडितों का पूरा सेटअप है। गंगा घाट भी फिक्स। एक एक महाराज, सौ-सौ जजमान की पंगत बिठाकर 45-मिनट में पितरों को खुश करवा देंगे। पर बैठने से दक्षिणा रूपी फीस पहले देनी होगी, तभी आसन देंगे। वह भी नगद। सरकारें भले डिजिटल ट्रांजेक्शन के रिकार्ड दर्ज कर रहीं हो। लेकिन यहां कैश पेमेंट होगा, नो फोन-पे, यूपीआई या पेटीएम। हमारे परिचित ने अपनी पूजा के बाद पूरे घाट किनारे घूमे। हर जगह पंडितों का यही हाल रहा।
वैसे यह गया में नहीं होता। चर्चित तिरुपति में केशदान (मुंडन) भी बहुमंजिले भवन के हर फ्लोर पर पंगत में ही होता है। विश्व में भगवान सत्यनारायण के एक मात्र मंदिर अन्नावरम में भी पांच अध्याय की कथा रोजाना सामूहिक पंगत में ही होती है ।
दक्षिण के दंगल की घोषणा 6 को ?
रायपुर दक्षिण का उपचुनाव की घोषणा 5-6 अक्टूबर को होने के प्रबल संकेत हैं। 5 को जम्मू कश्मीर और हरियाणा के नतीजे घोषित होने जा रहे हैं, और अगले ही दिन आयोग महाराष्ट्र विधानसभा के साथ रायपुर दक्षिण और देश के अन्य उप चुनावों की भी तिथि घोषित करने जा रहा है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सूत्रों की माने तो 6 अक्टूबर को घोषणा हो रही है। यह सीट, सांसद चुने जाने के बाद 17 जून को बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे से रिक्त हुई है। और चुनाव 6 माह 17 के भीतर कराए जाने है। वैसे 17 दिसंबर तक समय है। आयोग शीत सत्र से पहले रिक्तता पूरी कर लेना चाहता है । इन्हीं संकेतों के बीच भाजपा,कांग्रेस दोनों ने तैयारी तेज कर दी है। भाजपा ने जहां प्रभारी नियुक्ति के बाद प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे करा लिया है। वहीं कांग्रेस ने आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं की संचालन समिति बना दी है। उसमें से एक ने समिति में ही रहने की अनिच्छा भी जाहिर कर दी है। तो इस सीट के 19 वार्डों के लिए नियुक्त एक दो प्रभारियों को छोड़ बाकी बे मन से काम कर रहे । इन्हें पीसीसी चीफ ने चेतावनी देकर दोबारा मैदान में उतारा है। डेट घोषित होते ही हलचल और बढ़ेगी।
दो लाख में आईपीएस बन जाएं
इन दिनों ऐसा लग रहा है, मानों ठगी देश का सबसे बड़ा कारोबार बन चुका है। महज 18 साल का यह युवक आईपीएस की वर्दी में किसी को ठगने के लिए नहीं निकला है, बल्कि खुद ही ठगी का शिकार हो गया है। जमुई, बिहार में यह आईपीएस की वर्दी पहनकर और नकली पिस्ल खोंसकर चल रहा था। पुलिस की नजर पड़ी तो उसने तुरंत भांप लिया कि मामला गड़बड़ है। थाने में बुलाकर पूछताछ की गई। पता चला कि किसी मनोज सिंह नाम के व्यक्ति ने उसे बिना एग्जाम डायरेक्ट आईपीएस बनाने का झांसा दिया। इस युवक ने दो लाख रुपये दिए। बदले में एक वर्दी, टोपी और नकली पिस्टल थमा दिया। बस, उसे पहकर युवक सडक़ पर घूमने लगा। हैरानी की कोई बात नहीं, हाल ही में बिहार में ही नीट एग्जाम का पेपर लीक कराने का गैंग पाया गया था। पर, यह अपने तरह की अनोखी ठगी है, जिसमें बिना यूपीएससी क्लियर किए किसी को आईपीएस बनाने का दावा किया जाता है और लोग उसकी बात पर यकीन भी कर लेते हैं।
फिर कोर्ट नहीं जाएंगे...
सन् 2008 में सब इंस्पेक्टर के लिए निकाले गए विज्ञापन की भर्ती प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान 10 दिन में इनका भर्ती आदेश निकालने का आश्वासन दिया था, पर सरकार को नौ माह हो चुके हैं। अभ्यर्थियों ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए नया रायपुर में लगातार धरना दे रखा है। गृह मंत्री के बंगले में दूसरी बार वे धरना देकर बैठ गए। एक बार फिर आश्वासन मिला है, लेकिन अभी भी अभ्यर्थी सशंकित हैं। उनके पास अपने पक्ष में हाईकोर्ट के दो-दो आदेश हैं। कोर्ट ने सरकार को 90 दिन के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था, जो 9 सितंबर को खत्म हो चुकी है। इस तरह से सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। मामला अवमानना है लेकिन अभ्यर्थियों को पता है कि यदि वे फिर हाईकोर्ट जाते हैं तो सरकार को एक बार फिर वक्त मिल जाएगा और अभ्यर्थी युवाओं के हाथ में सिर्फ इंतजार आएगा। गौर करने की बात यह है कि अभी 875 पदों की भर्ती के लिए 6 साल इंतजार हो रहा है। इनको नियुक्ति पत्र सरकार थमा नहीं रही है, दूसरी तरफ एसआई के 341 पदों के लिए फिर से विज्ञापन निकाल दिया गया है।