इतिहास

इतिहास में 11 जून
11-Jun-2019
इतिहास में 11 जून

स्कूबा डाइविंग करने वाले पानी में जाने से पहले एक्वा लंग पहनते हैं ताकि वे गहरे पानी में भी सांस ले सकें. इस यंत्र की खोज 1943 में ज़ाक कूस्तो ने की थी. कूस्तो का जन्म आज ही के दिन 1910 में हुआ था.
ज़ाक कूस्तो ना सिर्फ वैज्ञानिक बल्कि प्रकृति के संरक्षक, फोटोग्राफर और फिल्मकार के अलावा फ्रांसीसी नौसेना अधिकारी भी थे. इन दिनों इस यंत्र को डाइविंग रेगुलेटर के नाम से भी जाना जाता है.
कूस्तो के नेतृत्व में फ्रांसीसी नौसेना के समुद्र के भीतर शोध करने वाले समूह की स्थापना हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पैरिस पर नाजियों के कब्जे के बाद कूस्तो और उनके परिवार ने स्विट्जरलैंड की सीमा के पास मेग्रीवी नाम के एक गांव में शरण ली जहां उन्होंने पानी के भीतर होने वाले अपने शोधों को जारी रखा.
इसी बीच उनकी मुलाकात फ्रांसीसी इंजीनियर एमिली गाग्नान से हुई, उन्हें भी शोध कार्यों में खासी दिलचस्पी थी. यहां दोनों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया. उस समय गोताखोरी में इस्तेमाल होने वाले वायु सिलेंडर की खोज हो चुकी थी. 1943 में दोनों ने मिलकर एक्वा लंग की खोज की जिसे बॉडी सूट के साथ पहनना ज्यादा आसान था. इस यंत्र के इस्तेमाल से गोताखोरों के लिए पानी के भीतर देर तक रहना आसान हो गया.
गहरे पानी के भीतर पानी के दबाव को सहन करने वाले वॉटर प्रूफ कैमरे की खोज में भी कूस्तो का अहम योगदान रहा. अपने इन प्रयोगों के दौरान कूस्तो ने समुद्री खोज पर दो डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाईं.

  • 1855-सूर्य के प्रकाश का वैज्ञानिक पद्धतियों से विश्लेषण और उसके रंगों को निर्धारित किया गया। यह काम विज्ञान के इतिहास में पहली बार जर्मनी के दो वैज्ञानिकों किर्शचोफ़ और बन्सेन ने किया। उल्लेखनीय है कि बादल होने की स्थिति में सूर्य की चमक और इंद्रधनुष का बन जाना तथा उसके कई रंग हमेशा से मनुष्य के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। अनुसंधान के अनुसार इंद्र धानुष बादलों में मौजूद जल की बूंदों के माध्यम से सूर्य के प्रकाश के विभाजन से अस्तित्व में आती है। इंद्र धनुष के बारे में विख्यात यूनानी दार्शनिक अरस्तू का विचार बहुत प्राचीन है जिसका पता लोगों के बाद में पता चला। अबु अली सीना इब्ने हैसम और क़ुत्बुददीन शीराज़ी जैसे विद्वानों ने इस विचार का उल्लेेख किया और इसे स्वीकार्य रूप में परिवर्तित किया। अंतत: जर्मनी के उक्त दोनों वैज्ञानिकों ने सूर्य के प्रकाश का विश्लेषण करने में सफलता प्राप्त की।
  • 1866 - इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना हुई। इसे पहले आगरा उच्च न्यायालय के नाम से जाना जाता था।
  • 1964 - प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इच्छानुसार उनकी अस्थियों की भस्म पूरे देश में बिखेरी गई।
  • 1975-उत्तरी ब्रिटेन के समुद्री तेल क्षेत्र से पम्प द्वारा तेल निकालने का काम आरंभ हुआ। महारानी एलिज़ाबेथ ने नवम्बर के महीने में सरकारी तौर पर पहली पाइपलाइन का उदघाटन किया।
  • 2003 - कोर्निकोवा महिला टेनिस की सबसे सुंदर खिलाड़ी घोषित।
  • 2006 - नेपाली संसद ने आम राय से नरेश के वीटो अधिकार को समाप्त किया।
  • 2007 - फिजी के अपदस्थ प्रधानमंत्री लाडसेनिया करासे को राजधानी सुवा में प्रवेश की इजाजत मिली।
  • 2008 - ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने जमुना निषाद के स्थान पर धर्मराज निषाद को मंत्रीमण्डल में शामिल किया। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बन्द बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना वाजेद रिहा हुईं।
  • 1776- प्रसिद्ध चित्रकार जान कानस्टबेल का जन्म हुआ। वह ब्रिटिन के क्षेत्र सफ़ोलिक में जन्मे थे और 19 वर्ष की आयु में लंदन चले गये। 1799 ईसवी में उन्होंने रायल एकेडमी में प्रवेश लिया। थोड़े ही समय में एकेडमी की प्रदर्शनियों में उनके चित्र पेश किए जाने लगे। सन 1816 ईसवी तक जान कान्स्बेल ने बड़ा कठिनाई भरा जीवन व्यतीत किया। 1816 ईसवी में विवाह के बाद उन्होंने गांव के दृश्यों को अपनी चित्रकारिता का विषय बनाया और जल्द ही उनकी गिनती एक अच्छे चित्रकार के रूप में होने लगी। उनके कुछ चित्रों को स्वर्ण पदक भी दिया गया। फ्ऱांस में कान्सटबल का काम इतना पसंद किया गया कि वहां एक पूरा विचार पंथ अस्तित्व में आ गया। उनका निधन 30 मार्च वर्ष 1837 ईसवी को हुआ। 
  • 1897 - महान स्वतन्त्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म हुआ।
  • 1947 - भारतीय राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव का जन्म हुआ। 
  • 1909 - भारतीय विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के. एस. हेगड़े का जन्म हुआ। 
  • 1924 - मराठी भाषा के सुप्रसिद्ध इतिहासकार कवि, नाटककार और जीवनी लेखक वासुदेव वामन शास्त्री खरे का निधन हुआ। 

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