राजपथ - जनपथ
बहुत बड़ी-बड़ी शादियों में जहां हजारों मेहमान होते हैं, और बहुत से ऐसे लोग भी पहुंचते हैं जो कि वीआईपी कहलाते हैं, वहां स्टेज पर जाने की आपाधापी लगी रहती है। कई लोग घंटे भर तक कतार में लगे रहते हैं, और कातर निगाहों से स्टेज की तरफ देखते रहते हैं जहां दूसरी तरफ की उतरने के लिए रखी गई सीढिय़ों से वीआईपी चढ़ते रहते हैं, और आम लोगों की कतार खिसकने का नाम नहीं लेती। ऐसी आम कतारों में खास लोगों के लिए कैसी भावनाएं रहती हैं, उन्हें अगर खास लोग सुन लेंगे, तो अगली बार कतार में लगना उन्हें सस्ता लगने लगेगा। जिस तरह 25-30 बरस पहले आम सिनेमाघरों में आम दर्जे की टिकट पाने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ती थी, आज स्टेज पर जाकर दुल्हा-दुल्हन को लिफाफा या गुलदस्ता, या तोहफा देने में कुछ वैसी ही मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा बड़ी शादियों में पार्किंग का जो हाल रहता है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि शहर से विवाहस्थल के बीच किसी जगह पर बड़ी सी पार्किंग रखनी चाहिए और वहां से मेहमानों को दावत के शामियाने तक ले जाने के लिए आरामदेह बसें चलानी चाहिए। नया रायपुर की खाली जमीनों पर विवाहस्थल के लिए कुछ एकड़ के टुकड़े लंबी लीज पर देने की योजना थी, उसका फिर बाद में पता नहीं क्या हुआ। नया रायपुर प्राधिकरण ने एक बार टेंडर निकाला, लेकिन उसमें किसी ने दिलचस्पी ली नहीं थी। अब शर्तें बदलकर ऐसा फिर से करना चाहिए, और उसके लिए नया रायपुर में शहर के पास की जगह ही तय करनी चाहिए जिससे लोग सामने आ सकें।
पुण्य कमाने का मौका
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भाजपा सरकार के वक्त बनाए गए एक विवादास्पद स्काईवॉक को लेकर आज की कांग्रेस सरकार हैरान-परेशान है कि इसे मार दिया जाए, या छोड़ दिया जाए, बोल तेरे साथ क्या सुलूक किया जाए? सरकार जो भी फैसला लेगी, उस पर उसकी आलोचना छोड़ कुछ नहीं होगा। ऐसे में किसी ने एक वॉट्सऐप मैसेज पर एक शानदार रास्ता सुझाया है। कोलकाता म्युनिसिपल ने अभी टेंडर निकाला है कि वहां के विख्यात मंदिर कालीघाट में दर्शनार्थियों के चलने के लिए एक स्काईवॉक बनाया जाना है। इसके लिए म्युनिसिपल ने कंपनियों से टेंडर बुलाए हैं। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार चाहे तो यह स्काईवॉक काली मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए भेंट में दे सकती है, और चूंकि मामला मंदिर का रहेगा इसलिए भाजपा के लोग भी विरोध कर नहीं पाएंगे, और छत्तीसगढ़ सरकार पुण्य भी कमा लेगी।
गाने वाले कलेक्टर
राजधानी रायपुर के नए कलेक्टर एस.भारती दासन फेसबुक पर सक्रिय रहते हैं, और हिन्दी और तमिल दोनों भाषाओं के गानों के अपने खुद के बनाए हुए वीडियो पोस्ट भी करते रहते हैं। उन्होंने एग्रीकल्चर की पढ़ाई की हुई है, और जिले के ग्रामीण हिस्सों में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरुवा-घुरुवा में भी उनकी अतिरिक्त दिलचस्पी हो सकती है। चुनाव के दौरान वे चुनाव आयोग में तैनात रहे, और ऐसा लगता है कि उनका काम ठीक रहा, इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाला जिला उन्हें दिया, और चुनाव आयोग ने भी तेजी से उन्हें इसके लिए कार्यमुक्त भी कर दिया। ([email protected])