राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सीएम-पीएम मुलाकात, और ट्वीट
17-Jun-2019
 छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सीएम-पीएम मुलाकात, और ट्वीट

सीएम भूपेश बघेल की पीएम से मुलाकात पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत के ट्वीट से पार्टी संगठन खफा हैं। वैसे तो मूणत संगठन के पसंदीदा माने जाते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी को हाईकमान ने गंभीरता से लिया है। मूणत ने पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ भूपेश बघेल की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया- कोन चला झोला उठाकर के...? दरअसल, लोकसभा चुनाव निपटने के बाद पीएम की केदारनाथ यात्रा पर भूपेश ने कुछ इसी तरह मिलता-जुलता कटाक्ष किया था। जिसका मूणत ने जवाब दिया है। 

पार्टी नेताओं का मानना है कि  भूपेश ने चुनावी माहौल के बीच टीका-टिप्पणी की थी, यह स्वाभाविक है, चुनाव में नेता एक-दूसरे पर कटाक्ष करते रहते हैं, इसमें कोई गलत नहीं था। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद भूपेश बघेल सीएम की हैसियत से नीति आयोग की बैठक में शिरकत करने गए थे, ऐसे में शिष्टाचार के नाते उन्हें पीएम से मुलाकात करनी ही थी। इसको लेकर राजनीतिक टीका-टिप्पणी उचित नहीं है। 

कुछ इसी तरह की टिप्पणी मूणत कार्यसमिति की बैठक में कर बैठे। चर्चा के बीच उन्होंने कह दिया कि भूपेश सरकार के खिलाफ काफी मुद्दे हैं और ऐसे में जमकर पेलना चाहिए। बैठक में मौजूद महिला पदाधिकारी उनकी टिप्पणी पर हाथ से मुंह छिपाकर हँसने लगी। आखिरकार पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह उनका नाम लिए बिना नसीहत दी कि नेताओं को अपनी भाषा की मर्यादा ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी साढ़े 4 साल बाकी है। ऐसे में सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी ऊर्जा बचाकर रखें।

रेणुका सिंह नाम की नसीहत
केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद रेणुका सिंह सरगुजा संभाग की सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरी हैं। रेणुका सिंह ने सरगुजा में दिवंगत भाजपा नेता रविशंकर त्रिपाठी के सानिध्य में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत की थी। त्रिपाठी ने उन्हें मंडल का अध्यक्ष बनवाया। इसके बाद रेणुका ने पीछे पलटकर नहीं देखा। तेज-तर्रार और जुझारू तेवर के चलते पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचा। वे जनपद सदस्य और फिर विधायक भी बनी। वे रमन सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी रहीं, लेकिन संगठन में हावी नेताओं ने लता उसेंडी के लिए जगह बनाने उन्हें हटवा दिया। 


दो बार की विधायक रेणुका सिंह को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दी गई। सरगुजा के सभी बड़े भाजपा नेता उन्हें नापसंद करते रहे हैं, लेकिन वे कार्यकर्ताओं की चहेती रही हंै। पार्टी हाईकमान ने विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद सभी सांसदों की टिकट काटी, तो सरगुजा में रेणुका की लॉटरी खुल गई। भारी जीत के बाद रेणुका को जब केन्द्रीय मंत्री बनाया गया, तो भाजपा के विरोधी नेता अब उनसे संबंध सुधारने की कोशिश में जुटे हैं। विरोधियों के लिए रेणुका सिंह का फर्श से अर्श तक पहुंचने का सबक काफी है कि राजनीति में बुरा वक्त किसी का भी आ सकता है, और कभी भी जा भी सकता है, आसमान तक पहुंचाकर। ऐसे में सबसे संबंध बनाकर रखना चाहिए। 

सरफराज को यह जमाई हमेशा याद रहेगी। और हिंदी-हिंदुस्तान वालों को भी अपना जमाई शोएब मलिक हमेशा याद रहेगा...

शोएब मलिक के लिए भारत के खिलाफ अच्छा खेलना नामुमकिन था, सारी दुनिया एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ...

पाकिस्तान पर हिंदुस्तान की जीत पर एक दर्जन केंद्रीय मंत्रियों ने बधाई की ट्वीट की है। बिहार में सौ बच्चों की मौत पर इनमें से किसी ने एक आंसू ट्वीट नहीं किया...

सवाल- ऐसे बुक क्लब को क्या कहते हैं जो हजारों बरस से एक ही किताब पर चल रहा है?
जवाब- चर्च

इंग्लैंड में विजय माल्या मैच देखने स्टेडियम जाते दिखा।
हिंदुस्तान में किसान होता तो रस्सी खरीदते दिखता...

हमारे जमाने में पिताजी किसी फादर डे के मोहताज नहीं थे, जब भी उनका दिल करता था, जूता उठा के याद दिला देते थे कि मैं बाप हूं।

“Pakistan bowling kry to lagta ha batting pitch ha,  Batting kry to lagta ha bowling pitch ha”

Na partition hoti na hum zaleel ho rahe hote

india tou humain aisi phainti laga raha hay jaise kohinoor hum nay churaya ho Good one . Let’s all pray and wish Ind and Pak become brothers and get our Past Glory Back from westerners who looted us and divided us. Amen.

Kohli ODI hundreds= 41
Entire Pak team= 41 hundreds

Whoever called it the india -pak match?
It actually is the India - pak MISMATCH

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