राजपथ - जनपथ
कर्ज नहीं चुकाया, बंगला सील
कर्ज नहीं चुका पाने के कारण बैंक ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक रिटायर्ड अफसर का बंगला सील कर दिया है। अफसर का बंगला वीआईपी रोड स्थित एक पॉश कॉलोनी में है। अफसर जब पद में थे, तो बंगले की साज-सज्जा में काफी खर्च किए लिफ्ट भी लगवाए। इसके लिए उन्होंने बैंक से भारी-भरकम लोन भी लिए थे। मगर उन्होंने बैंक की किस्त जमा नहीं की और इस वजह से बैंक ने बंगले को अपने कब्जे में ले लिया है।
वैसे तो अफसर यहां रहते नहीं हैं। उनका कई शहरों में अपना मकान है। जब तक पद में थे, तो नियम-कायदे को दरकिनार कर खूब बैटिंग की। इस वजह से कई जांच भी चल रही है, लेकिन वे अब बंगला छुड़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। बैंक वाले भी सेटलमेंट करने के लिए तैयार हैं। सुनते हैं कि सेटलमेंट की राशि जुटाने के लिए अफसर पुराने संपर्कों को टटोल रहे हैं, जिनका उन्होंने पद में रहते कुछ काम किया था। ये लोग भी अफसर से परेशान हो गए हैं। वजह यह है कि काम के एवज में अफसर उनका पहले ही काफी दोहन कर चुके हैं। मगर पुरानी आदत आसानी से छूटती नहीं है। इसलिए पद में नहीं रहने के बाद भी अफसर प्रयासों में कमी नहीं छोड़ रहे हैं।
एसएसपी के हाथ नांदगांव
रायपुर और दुर्ग के बाद सरकार ने राजनीतिक और नक्सल समस्या से घिरे राजनांदगांव जिले को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यानी एसएसपी के हवाले कर दिया। अरसे बाद मैदानी मोर्चे की कमान संभालने के लिए सरकार ने बीएस धु्रव की नांदगांव में पोस्टिंग की है। धु्रव अगले साल जनवरी में डीआईजी पदोन्नत हो जाएंगे। डीआईजी पदोन्नत होने की सूरत में उनके नियमित एसपी बने रहने पर मातहत अफसर सवाल दाग रहे हैं। क्योंकि राजनांदगांव में पहले से ही आरएल डांगी डीआईजी नक्सल के पद पर काम कर रहे हैं। हालांकि नांदगांव में उन्हें बतौर एसएसपी रहने दिया जा सकता है। वैसे भी रायपुर और दुर्ग में एसएसपी ही पदस्थ हैं। इसके बावजूद भी फेरबदल को लेकर चर्चा चल ही रही है। ([email protected])
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- हमेशा स्पेशल बनकर रहो... क्योंकि आम हुए तो अचार बना दिए जाओगे।
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