राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जंगल-अफसरों की टोली का मुखिया
02-Jan-2020
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जंगल-अफसरों की टोली का मुखिया

जंगल-अफसरों की टोली का मुखिया
एपीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष  चुने गए। अरण्यक भवन परिसर में नववर्ष मिलन समारोह में सुधीर अग्रवाल और अन्य पदाधिकारियों को आईएफएस अफसरों ने बधाई दी। सुधीर से पहले नरसिम्हाराव एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। उनके पीसीसीएफ बनने के बाद सुधीर को सर्वसम्मति से अध्यक्ष की जिम्मेदारी सांैपी गई। पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने सुधीर की कार्यशैली की प्रशंसा की और कहा कि उनके प्रयासों के फलस्वरूप ही 25 आईएफएस अफसरों को समय पर पदोन्नति दी जा सकी है। 

एपीसीसीएफ (प्रशासन) का दायित्व संभाल रहे सुधीर अग्रवाल की साख बहुत अच्छी है। वे छत्तीसगढिय़ा हैं और रायपुर की पुरानी बस्ती के मूल रहवासी हैं। वे सरकार के अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। रमन सरकार में डायरेक्टर शहरी विकास पद पर रहते उन्होंने गरीबों के आवास निर्माण में भारी गड़बड़ी के सत्ता के इरादों पर पानी फेर दिया था। इसको लेकर उन्हें अमर अग्रवाल का कोपभाजन बनना पड़ा और ईमानदारी की उनकी इस कोशिश पर उल्टे सुधीर के खिलाफ ही विभागीय जांच बिठा दी गई थी। इसके बाद भी सुधीर का हौसला कम नहीं हुआ। बाद में उनके खिलाफ विभागीय जांच खत्म भी कर दी गई। 

सुधीर की ईमानदार कोशिशों का नतीजा रहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री सड़क योजना आज पटरी पर है। एक समय ऐसा भी था जब केंद्र से पीएमजीएसवाय के मद में फंड मिलना बंद हो गया था। ग्रामीण सड़कों का काम तकरीबन रूक गया था। तब सुधीर की पीएमजीएसवाय सीईओ के पद पर पोस्टिंग की गई। वे पूरे चार साल इस पद पर रहे। उनके आने के बाद ग्रामीण सड़कों का पूरी रफ्तार से काम हुआ। अब एसोसिएशन के मुखिया के रूप में अपने कैडर के अफसरों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने और इसका निराकरण के लिए प्रयास करने की उन पर बड़ी जिम्मेदारी भी हैं। 

कौन बनेगा करोड़पति, सॉरी महापौर...
कांग्रेस में रायपुर मेयर पद के दावेदारों में खींचतान चल रही है। सुनते हैं कि विधायकों ने भी अपनी पसंद प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को बता दी है। हल्ला है कि कुलदीप जुनेजा ने एजाज ढेबर को मेयर बनाने की वकालत की है, तो विकास उपाध्याय ने श्रीकुमार मेनन को मेयर पद के लिए उपयुक्त बताया है। जबकि मौजूदा महापौर प्रमोद दुबे को पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा की पसंद माना जा रहा है। इससे परे प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे की राय ज्ञानेश शर्मा के पक्ष में दिख रही है। दिलचस्प बात यह है कि खुद सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में इनमें से कौन मेयर बनेगा, यह आंकलन करना कठिन हो गया है। यद्यपि अन्य म्युनिसिपलों के लिए यह फार्मूला तय किया गया है कि जिसके पक्ष में पार्षदों की संख्या ज्यादा रहेगी, उसे ही मेयर अथवा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पर रायपुर में कौन मेयर बनेगा, यह तो कह पाना अभी पार्टी नेताओं के लिए भी मुश्किल हो चला है।  

 

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